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शनिवार, 28 मई 2022

Urs hazrat mukhtar ali shah

हज़रत लाटशाही बाबा के उर्स में उमड़ा जनसैलाब 

कोरोना काल के बाद उर्स में झूम के पहुंचे जायरीन 



Varanasi (dil India live)। सर्किट हाउस स्थित दरगाह हज़रत सैय्यद मुख्तार अली शाह उर्फ लाटशाही शहीद बाबा (रह.) के तीन दिवसीय उर्स में शनिवार को अकीदत का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से देर रात तक बाबा के दर पर अपनी अकीदत लुटाते दिखाई दिए। आलम यह था कि सर्किट हाउस, कचहरी के साथ सड़क पर पांव रखने भर की भी जगह नहीं थी। इससे पूर्व शाम को उल्फत बीबी के हाते से चादर-गागर का जुलूस निकला, जो कदीमी रास्ते से होता हुआ बाबा के आस्ताने पर पहुंचा। यहां बाबा की मजार पर चादरपोशी कर अकीदतमंदों ने मुल्क की सलामती व खुशहाली की दुआएं मांगी। तीन दिवसीय उर्स के दौरान कुरानख्वानी, फातेहा व लंगर का दौर चलता रहा। उर्स के मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों संग बंगाल, बिहार, हरिद्वार, दिल्ली, अजमेर सहित पूर्वाचल भर से हजारों अकीदतमंदों ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाकर दुआएं मांगी। उर्स के दौरान जहां दोनों वर्गों के लोगों का हुजूम उमड़ा हुआ था वहीं उर्स को देखते हुए लगे मेले में सभी ने अस्थाई दुकानों से खरीदारी की। बच्चे झूला वह चरखी का लुत्फ उठाते दिखाई दिए।

राजा चेतसिंह के थे सिपहसालार 

हज़रत लाटशाही शहीद बाबा (रह.) का असली नाम सैय्यद मुख्तार अली शाह था। बाबा फतेहपुर के रहने वाले थे। हज़रत लाटशाही बाबा 1742 में बनारस आए। आप काशी नरेश के शिवपुर परगना के शहर काजी थे। राजा चेतसिंह ने बाबा के इंसाफ और बहादुरी के चलते अपनी सल्तनत में सिपहसालार बनाया। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ 1782, 1784 व 1786 में राजा चेतसिंह की ओर से जंग लड़ी। जंग में अंग्रेजों ने अपनी हार मानते हुए संधि की। इसके बाद अंग्रेजों की ओर से दूसरा गवर्नर भेजा गया। 1798 में उसने धोखे से जंग छेड़ दी। इस जंग में अंग्रेजों से लोहा लेते हुए सैय्यद मुख्तार अली शाह लापरवाही बाबा शहीद हो गए। राजा चेतसिंह की ओर से उन्हें लार्ड गवर्नर नियुक्त होने के कारण इनका नाम बाद में लाटशाही बाबा पड़ गया। आज बाबा को मानने वाले देश दुनिया में फैले हुए हैं।

मंगलवार, 24 मई 2022

Aman का पैगाम देती हजरत सैयद याकुब शहीद की दरगाह

बनारस में मनाया जा रहा है हज़रत याकुब शहीद का उर्स


Varanasi (dil India live)। हजरत सैयद याकूब शहीद रहमतुल्लाह अलैह का आज सालाना उर्स मनाया जा रहा है। सोमवार की रात में बाबा का गुसल हुआ। गुसल के बाद उर्स शुरू हो गया। आज बाबा के दर सुबह से ही अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा हुआ है। कुरानख्वानी, फातेहा के साथ ही बाबा को चादरें चढ़ाने व मन्नत मुराद मांगने का दौर समाचार लिखे जाने तक जारी था।

हजरत सैयद याकुब शहीद

नगवां इलाके में मौजूद हजरत सैयद याकुब शहीद रहमतुल्लाह अलैह का आस्ताना हिंदू और मुस्लिम ही नहीं बल्कि सभी मजहब की अकीदत का मरकज़ है। यही वजह है कि यहां सभी हाजिरी लगाते हैं। 

बात 11वीं सदी की है। जब दुनिया के कई मुल्कों से होते हुए आप बनारस तशरीफ लाए, आपके साथ हज़रत अल्वी शहीद भी बनारस आए, आपको यह शहर इतना भाया कि आप यहीं के होकर रह गए। तवारीख देखी जाए तो बादशाह महमूद गजनवी के समय में कई सूफी संत बनारस आए और उन्होंने लोगों को खुदा और एकेश्वरवाद का पैगाम दिया। इसी सिलसिले में हजरत याकूब भी बनारस आए थे। उन्होंने दीन की तहरीर की बनारस के नगवां इलाके में कुटिया बनाकर रहने लगे। मस्जिद याकुब शहीद के इमामे जुमा हाफ़िज़ ताहिर की मानें तो उस दौर में हज़रत के पास लोगों का हुजूम उमड़ता था। उनके करिश्मों की चर्चा दूर तक थी। हज़रत ने जब पर्दा किया तो उनके मुरीदों ने उन्हें वहीं सुपुर्दे खाक किया। जहां हज़रत नमाज अदा किया करते थे वहीं एक शानदार मस्जिद याकुब शहीद भी आबाद है।

बुधवार, 18 मई 2022

Ghazi miya ki shadi : सुल्तान के सिपाही रहेंगे मुस्तैद

गाज़ी मियां का मेला २२ को, सुल्तान क्लब लगाएगा खास शिविर

Varanasi (dil India live)। ऐतिहासिक गाजी मियां की शादी की रस्में अब अंतिम दौर में आ चुकी है। हल्दी, पलंग पीढ़ी वह मेहंदी की रस्म के बाद रविवार को बारात निकाली जाएगी और शादी की रवायत दोहराई जाएगी। गाजी मियां की शादी के एक दिन पहले हज़रत अल्वी शहीद का भी उर्स मनाया जाता है। इसके चलते तीन दिन तक चलने वाला गाजी मियां का मेला शनिवार से शुरू हो जाएगा जो सोमवार को सम्पन्न होगा।


"सुल्तान क्लब" की ख़ास बैठक

सामाजिक संस्था "सुल्तान क्लब" की एक आवश्यक बैठक रसूलपुरा स्थित कार्यालय में अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक की अध्यक्षता व महासचिव एच हसन नन्हें के संचालन में आयोजित की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी 22 मई, रविवार को विश्व प्रसिद्ध गाज़ी मियां के मेले के अवसर पर इस वर्ष भी सामाजिक संस्था "सुल्तान क्लब" द्वारा बुनकर मार्केट बड़ी बाजर में दो दिवसीय चिकित्सा व भूले बिसरे सहायता शिविर का आयोजन किया जाएगा। मेले में सुल्तान क्लब के सिपाही मुस्तैद रहेंगे। शिविर में शहर के मशहूर चिकित्सक व गणमान्य लोगों की उपस्तिथि रहेगी। इस प्रकार के शिविर का आयोजन पिछले 27 वर्षों से संस्था करती आ रही है। इस मेले में सभी धर्मों के लोगों की मजूदगी रहती है।

        ज्ञात हो कि पिछले दो सालों से कोरोना महामारी (कोविड 19) के कारण, ऐतिहासिक मेले का आयोजन नहीं हो सका था, शिविर के अवसर पर कोरोना महामारी के पूर्ण निजात की दुआएं भी मांगी जाएगी। बैठक में डॉक्टर एहतेशामुल हक, अजय वर्मा, जावेद अख्तर, एच हसन नन्हें, मुख्तार अहमद, महबूब आलम, शमीम रियाज़, हाफिज मुनीर, अब्दुर्रहमान, नसीमुल हक, वफ़ा अंसारी इत्यादि थे।

शनिवार, 14 मई 2022

Baba hardev singh ko kiya naman

संत निरंकारी मण्डल ने मनाया बाबा  हरदेव सिंह को समर्पित समर्पण दिवस



Varanasi (dil India live)। युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह का दिव्य सर्वप्रिय स्वभाव व उनकी विशाल अलौंकिक सोच मानव कल्याण के लिए समर्पित थी। उन्होंने पूर्ण समर्पण सहनशीलता एव विशालता वाले भावो से युक्त होकर ब्रह्मज्ञान रूपी सत्य के संदेश को जन जन तक पहुंचाया और विश्व बंधुत्व की परिकल्पना को वास्तविक रूप प्रदान किया। उक्त बातें समर्पण दिवस के अवसर पर वाराणसी जोन के जोनल इंचार्ज सिद्धार्थ शंकर सिंह ने संबोधित करते हुए कही। सत्संग की सारी व्यवस्था सेवादल के अधिकारियों के देख रेख में सेवादल के जवानों एव बहनों ने किया। संत निरंकारी सत्संग भवन मलदहिया वाराणसी पर जिलास्तरीय विशाल सत्संग में सैकड़ों निरंकारी भक्तों ने बाबा हरदेव सिंह महाराज के प्रेरक संदेश की कुछ भी बनो मुबारक है, पर पहले इंसान बनो, दीवार रहित संसार, एक को जानो, एक को मानो, एक हो जाओ आदि संदेशों से प्रेरणा लेते हुए सत्संग का आनन्द प्राप्त किया।

वक्ताओं ने कहा कि बाबा ने मानवता का दिव्य स्वरूप बनाने निरंकारी संत समागमों की अविरल श्रृंखला को निरंतर आगे बढ़ाया, जिसमें उन्होंने सभी को ज्ञानरुपी धागे में पिरोकर प्रेम एव नम्रता जैसे दिव्य गुणों से परिपूर्ण किया। इंसानियत ही मेरा धर्म है इस कथन को चरितार्थ करते हुए संत निरंकारी मिशन की शिक्षा को छोटे छोटे कस्बों से लेकर दूर देशों तक बाबा जी ने विस्तृत किया। उन्होंने सदैव यही समझाया कि भक्ति की धारा जीवन में निरंतर बहती रहनी चाहिए।

         बाबा हरदेव सिंह जी को मानव मात्र की सेवाओं में अपना उत्कृष्ट योगदान देने के लिए देश विदेश में सम्मानित भी किया गया। उन्हें 27यूरोपीय देशों की पार्लियामेंट ने विशेष तौर पर सम्मानित किया और मिशन को सयुक्त राष्ट्र यूएन का मुख्य सलाहकार भी बनाया गया। साथ ही विश्व में शांति स्थापित करने हेतु अंतराष्ट्रीय स्तर पर भी सम्मानित किया गया।

          सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज बाबा हरदेव सिंह की सिखलाइयो का जिक्र करते हुए कहती है की बाबा ने अपना सम्पूर्ण जीवन ही मानव मात्र की सेवा में अर्पित कर दिया। मिशन का 36 वर्षो तक नेतृत्व करते हुए उन्होंने प्रत्येक भक्त को मानवता का पाठ पढ़ाकर उनका कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। सतगुरु माता जी अक्सर कहते है की हम अपने कर्म रूप में एक सच्चे इंसान बनकर प्रतिपल समर्पित भाव से अपना जीवन जिए यही सही मायने में बाबा जी के प्रति हमारा सबसे बड़ा समर्पण होगा, और उनके शिक्षाओं पर चलते हुए हम उन्हे सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते है।

         

शुक्रवार, 13 मई 2022

Ghazi miya ki shadi: पलंग पीढ़ी बहराइच रवाना

गाज़ी मियां की मेदनी के जुलूस में उमड़ा जनसैलाब




Varanasi (dil India live)। शुक्रवार को बड़ी बाजार, सलारपुरा स्थित प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत सैयद सलार मसूद गाजी‌ रहमतुल्लाह अलैह गाजी मियां की पलंग-पीढ़ी (मेदनी) का जुलूस गाजी मियां के गद्दीनशीन/सेक्रेटरी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी के नेतृत्व में उठाया गया। 
दरअसल गाजी मियां की शादी 22 मई को होना है। शादी के सवा महीने पहले से ही शादी की रस्में शुरू हो जाती है। इसी क्रम में आज मेदनी का जुलूस निकाला गया। जुलूस चौकाघाट तक दरगाह कमेटी के ओहदेदारानो की अगुवाई में निकाला गया। जुलूस में हाजी सिराजुद्दीन अहमद, नियाजुद्दीन हाशमी, डा. अजीजुर्रहमान, नोमान अहमद, अब्दुल अब्दुल्लाह, जीशान अहमद, मो.शमीम के साथ तमाम बनारस जिले से आये जायरीन के हुजूम के साथ सरकार के कोविड नियमों का पालन करते हुए बहराईच दरगाह के लिये रवाना किया गया। 
जुलूस में दरगाह कमेटी के प्रतिनिधिगण निजामुद्दीन (कोड़े बरदार), मो. छोटक (निशान बरदार), मो. आरिफ हाशमी गुड्डू (डंकेबरदार), मुन्ना फुहारा वाले (जमेदार) को अपने कदीमी रास्तों से होते हुए बहराईच दरगाह भेजा गया। जुलूस को इंस्पेक्टर जैतपुरा मथुरा राय ने आगे बढ़ाया। दरगाह कमेटी के सेक्रेटरी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी ने प्रशासन के लोगों का और जायरीन का शुक्रिया अदा किया।

गुरुवार, 12 मई 2022

13 may को दुनिया को अलविदा कह गए थे बाबा

ऐसे थे निरंकारी मिशन के बाबा हरदेव सिंह

नफरत त्याग कर, विश्व में प्रेम और भाईचारा चाहते थे बाबा



Aman 

Varanasi (dil India live)।नफरत त्याग कर, विश्व में प्रेम और भाईचारा हो, लोग एक दूसरे से प्यार करें, अहिंसा का अंत हो। यह मिशन था संत निरंकारी मिशन प्रमुख बाबा हरदेव सिंह महाराज का। वो निरंकारी मिशन के चौथे प्रमुख थे। इनका जन्म 23 फरवरी 1954 को दिल्ली में पिता गुरबचन सिंह (बाबा जी) व माता कुलवंत कौर (राज माता) के यहां हुआ। इनका विवाह सविंदर कौर (सतगुरु माता) के साथ हुआ। बचपन से ही ये माता-पिता के साथ देश-विदेश की आध्यात्मिक यात्राएं किया करते थे।

24 अप्रैल, 1980 को बाबा गुरबचन सिंह के बलिदान के बाद इन्होंने मिशन की बागडोर संभाली और अपने पहले प्रवचनों में ही संगतों को नफरत त्याग कर, विश्व में प्रेम और भाईचारे की भावना को फैलाने के लिए यत्न करने को कहा। युवाओं को अच्छे कार्यों के प्रति प्रेरित करने के लिए इन्होंने रक्तदान शिविरों की शुरूआत की और नारा दिया ‘खून नालियों में नहीं नाड़ियों में बहना चाहिए।’ 24 अप्रैल 1986 से लगातार हर वर्ष देश-विदेश में रक्तदान शिविर लगने लगे जो आज भी जारी हैं और निरंकारी मिशन के नाम पर रक्तदान का वल्र्ड रिकार्ड बना। इन्होंने जात-पात, नशों के सेवन और दाज दहेज के नाम पर समाज में व्याप्त बुराइयों को अपने उपदेशों द्वारा मानव जीवन से निकालने का भरपूर प्रयास किया।

इन्होंने 36 वर्ष तक मिशन का नेतृत्व किया और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को खत्म करने के लिए अपने अनुयाइयों को वृक्षारोपण करने का आदेश दिया। इनके जन्म दिवस पर इनके अनुयायी सड़कों, सरकारी अस्पतालों, स्कूलों, रेलवे स्टेशनों आदि पर बड़े स्तर पर सफाई करते तथा वृक्ष भी लगाते हैं। इसके साथ ही मिशन द्वारा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के आने पर राहत कार्य भी किए जाते हैं। इन्होंने अपना सारा जीवन मानवता की भलाई में काम करते हुए विश्व में अमन, चैन, शांति व भाइचारे की स्थापना के लिए समर्पित कर दिया।

13 मई को दुर्घटना में हुआ था निधन

13 मई 2016 की सुबह बाबा हरदेव सिंह महाराज पंचतत्व शरीर को छोड़ कर बिछोड़ा दे गए। उनका निधन एक दुर्घटना में हुआ था। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी 13 मई को विश्व भर में मिशन के श्रद्धालुओं द्वारा समर्पण दिवस के तौर पर मना कर उनकी सराहनीय देन को याद किया जाएगा।

मानव सेवा ही मिशन

बाबा के देवलोग गमन के बाद सतगुरु माता सुदीक्षा मानवता की सेवा में जुटी हैं। समूचे विश्व में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाऊन जब लगा था, उस कठिन समय में माता सुदीक्षा के आदेश पर निरंकारी मिशन के सभी भक्त पूरे भारत में जरूरतमंदों की मदद को आगे आए थे।


माता सुदीक्षा ने पंजाब के निरंकारी भवनों को शेल्टर होम्स के रूप में उपयोग करने की पेशकश की थी। इसके अलावा पूरे विश्व में निरंकारी मिशन के स्वयं सेवकों द्वारा लॉकडाऊन के दौरान प्रशासन के दिशनिर्देशों के तहत जरूरतमंदों को राशन, लंगर, मास्क, सैनीटाइजर, दस्ताने, पी.पी. ई किट्स व हैड शील्ड किट्स आदि दान किया गया था।

मंगलवार, 10 मई 2022

Ghazi miya ki shadi:जुमे को बहराइच जाएगी पलंग पीढ़ी

गाज़ी मियां की शादी: 22 को लगेगा मेला, मनेगा उर्स



Varanasi (dil India live) बड़ी बाजार स्थित हजरत सैयद सलार मसूद गाजी मियां रहमतुल्लाह अलैह की शादी की शादी की रस्म कोविड काल के बाद इस बार धूमधाम से अदा की जाएगी। शादी से पहले पलंग पीढ़ी, मेंहदी वो जोड़ा बनारस से बहराइच रवाना होगा।

गाज़ी मियां की शादी की रस्म के साथ शादी पर उर्स और मेले की तैयारियां भी अब तेज़ हो गई है। दरगाह हजरत गाज़ी मियां के सेक्रेटरी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी ने बताया कि 22 मई को गाज़ी मियां की बारात निकलेगी। इस दौरान तीन दिनों तक मेला लगेगा। बारात के पूर्व 13 मई को पलंग-पीढ़ी और जोड़े का जुलूस दरगाह से निकलेगा जो बहराइच रवाना होगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान कोरोना महामारी से निजात की दुआएं भी मांगी जाएगी। उन्होंने कहा कि गाजी मियां की लग्न सवा महीने पहले ही अदा की जा चुकी है। गाजी मियां की शादी की रस्म की शुरूआत लग्न से ही हो जाती है। दरगाह गाजी मियां के गद्दीनशीन/सेक्रेटरी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी ने कहा कि रगाह कमेटी के सदर हाजी सिराजुद्दीन अहमद, नियाजुद्दीन हाशमी, डा. अजीजुर्रहमान,  अब्दुल अब्दुल्लाह, व नोमान अहमद हाशमी की अगुवाई में फातिहा और चादर पोशी की रस्म उर्स के दौरान अदा की जाएगी।

नीमा के ईद मिलन समारोह में जुटे डाक्टर

नीमा ने आयोजित किया स्केबीज और पेडिकुलोसीस सेमिनार 



Varanasi (dil India live)।अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत नेशनल इंटीग्रेटेड मेडीकल एसोसिएशन ( नीमा) वाराणसी द्वारा चर्म रोगों में "स्कैबीज एवं पेडिकुलोसीस" विषय पर एक वृहत् चिकित्सा शिक्षा सेमिनार कार्यक्रम के साथ ईद मिलन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए चर्म रोग विषेशज्ञ डा नेहा शाह ने कहा कि  स्केबीज तथा पेडिकुलोसीस चर्म रोगों में होने वाली बहुत आम बीमारी है जिसे सावधानी एवं उचित चिकित्सा द्वारा ठीक किया जा सकता है। वाराणसी के आजीवन सदस्य डा प्रदीप जैन ने भी प्रमुख वक्ता के तौर पर बीमारी से संबंधित भारतीय चिकित्सा पद्धति तथा इंटीग्रेटेड चिकित्सा पर अपना विस्तृत वक्तव्य दिया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वाराणसी की डी ए ओ डा भावना द्विवेदी की गरिमामई उपस्थिति रही। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में विषय वस्तु को दो अलग अलग वक्ताओं द्वारा मॉडर्न एवं आयुर्वेद दोनों पद्धतियों बहुत ही सुन्दर एवं महत्त्वपूर्ण तरीके से प्रस्तुत किया गया इसके लिए नीमा वाराणसी को बहुत बहुत बधाई।

नीमा वाराणसी द्वारा संगोष्ठी के साथ ही साथ ईद मिलन समारोह भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता नीमा वाराणसी के अध्यक्ष डा ओ पी सिंह ने किया जबकि संचालन मीडिया प्रभारी डा सुनील मिश्रा ने , स्वागत डा एम ए अज़हर ने तथा धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष डा बी एन रॉकी ने किया।

     अन्य उपस्थित सदस्यों में डा के त्रिपाठी, डा आर के यादव, डा वाई के मिश्रा, डा के के द्विवेदी,डा एस पी पाण्डेय, डा यू सी वर्मा, डा जे पी गुप्ता, डा अनिल प्रकाश श्रीवास्तव,  डा एस एन पाण्डेय, डा एस एस गांगुली,डा असीम ओझा, डा एस आर सिंह, डा के एन झा, डा फैसल रहमान, डा सलिलेश मालवीय,डा मोबिन अख्तर,डॉक्टर एहतेशामुल हक,डॉक्टर नसीम अख्तर,डॉक्टर गुलजार अहमद,डॉक्टर बेलाल अहमद,डॉक्टर फिरोज अहमद, डा अनिल गुप्ता, डा अरशद, डा सगीर अशरफ, डा अजय शंकर तिवारी, डा प्रेमचंद गुप्ता, डा सुभाष गुप्ता, डा अशोक चौरसिया, डा मुख़्तार अहमद, डा विजय मिश्रा, डा विजय तिवारी,डा जे पी चतुर्वेदी,डा शेखर बरनवाल, डा आफताब आलम, डा अमर दीप गुप्ता, डा राहुल मिश्रा, डा मनोरमा मिश्रा, डा मोहित, डा सलीम, डा शब्बीर सिकंदर, डा शंभूनाथ सिंह, डा शमीम अख्तर,डा अनिल वर्मा, डा अब्दुल कलाम , डा शिवकुमार सिंह आदि चिकित्सक  उपस्थित रहे।

सोमवार, 9 मई 2022

Choti eid: छोटी ईद की खुशियों में डूबे बनारसी

लगा छोटी ईद का मेला, मस्ती में डूबे बच्चे




Varanasi (dil India live)। पूरी दुनिया में छोटी ईद केवल बनारस में ही मनाई जाती है। ईदुल फित्र के दूसरे दिन से छह नफिल रोज़ा मोमिन रखते हैं। ईद के सातवें दिन छोटी ईद की खुशियां मनाई जाती है। इस दौरान शहर के औरंगाबाद और मंडुवाडीह में छोटी ईद का मेला भी लगता है।

हज़रत शाह तैय्यब बनारसी का उर्स

मंडुवाडीह स्थित कुतुबे बनारस हज़रत शाह तैयब बनारसी रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स सोमवार को 'छोटी ईद' के रूप में मनाया गया। उर्स के मौके पर आस्ताना परिसर में दिन भर मेला लगा रहा। मेले में विभिन्न व्यंजनों का लोगों ने जहां लुत्फ लिया वहीं बच्चों ने खूब मस्ती की। छोटी ईद के मौके पर हजरत शाह तैयब बनारसी के आस्ताने पर हाजिरी देने के लिए देश के कोने-कोने से अकीदतमंदों की जुटान हुई। दोपहर में धूप व उमस के कारण जहां मेला क्षेत्र में कम लोग थे, वहीं शाम होते ही पैर रखने की भी जगह नहीं बची। बाबा की मजार पर गुलपोशी व चादरपोशी कर फातेहा पढ़ने वालों का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। इससे पूर्व सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरआनख्वानी हुई। कुरान की तेलावत के साथ ही उर्स शुरू हो गया। वहीं इशा की नमाज के बाद कुल शरीफ में अकीदतमंद शामिल हुए। इस मौके पर गद्दीनशीन हजरत शाह अल्हाज मोहम्मद ओबैदुर्रहमान रशीदी ने देश में अमन व खुशहाली के लिए दुआख्वानी की। वर्षो से चले आ रहे दस्तूर के मुताबिक छोटी ईद शानों-शौकत के साथ मनाई गई। मदरसा दारुल उलूम तैयबिया मोइनिया दरगाह शरीफ मंडुवाडह के प्रिंसिपल मोहम्मद अब्दुस्सलाम रशीदी ने बताया कि उर्स ईद के सातवें दिन मनाया जाता है। उर्स में शामिल होने के लिए कलकत्ता के सैयद अमीर अली, मौलाना सज्जाद अहमद रशीदी बलियावी, दिल्ली के मौलाना अबरार रजा आदि अपने मुरीदों के साथ पहुंचे थे। आयोजन को लेकर क्षेत्र में काफी उत्साह था। लोगों ने एक-दूसरे को बधाइयां भी दी। हर कोई खुशी से लबरेज था। 

औरंगाबाद में भी लगा मेला

छोटी ईद पर औरंगाबाद में भी मेला लगा। इस मौके पर हज़रत हवा शाह वह हज़रत शाह का अकीदत के साथ उर्स मनाया गया। उर्स के दौरान लोगों का हुजूम उमड़ता दिखाई दिया। गुसल, फातिमा और चादर पोशी का दौर देर रात तक चलता रहा। 

मंगलवार, 3 मई 2022

Happy eid 2022: मुल्क में अमन, तरक्की और मिल्लत की मांगीं दुआएं

ऐ अल्लाह दुनिया में अमन कायम कर…आमीन





Varanasi (dil India live )। देश-दुनिया में मुकद्दस रमजान का 30 वां रोजा मुकम्मल करने के बाद मंगलवार को लाखों मुसलमानों ने ईद की खुशियां मनायीं। यूं तो खुशियों का आगाज ईद के चांद के दीदार के साथ ही हो गया था मगर ईद के जश्न ईदुल फित्र कि नमाज़ अदा करने के बाद अपने शबाब पर पहुंच गया। मज़हबी शहर वाराणसी में तो ईद का मज़ा और रंग ही औरो से जुदा है। यहा सभी मज़हब के लोग मिलजुल कर एक साथ ईद का जश्न मनाते है। दिल इंडिया लाइव कि एक रिपोर्ट…

अकेले बनारस में दर्जन भर ईदगाह और 500 से ज्यादा मस्जिदों में इबादतगुजारों ने रब के सामने जहां सिर झुकाया वहीं अपनी रोजी-रोटी, देश की तरक्की और अमन के लिए रब की बारगाह में हाथ उठाया। मस्जिदों और ईदगाहों में नमाजियों का सैलाब नमाज अदा करने उमड़ा था। सुबह 6.30 बजे से 10.30 बजे के बीच ईद की नमाज मोमिनीन ने अकीदत के साथ अदा की। मस्जिदों व ईदगाहों के आसपास मेले जैसा माहौल दिखा। नमाज पूरी होते ही एक-दूसरे से गले मिलकर सभी ने ईद की मुबारकबाद दी। बड़ों ने छोटों को ईदी दिया तो वे चहक उठे। गरीबों और मिसकीनों का भी लोगों ने ख्याल रखा। किसी ने फितरे की रकम तो किसी ने सदका व खैरात देकर गरीबों की मदद की। 



यहां अदा हुई नमाज़े ईदैन

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मस्जिद लाट सरैया में मौलाना जियाउर्रहमान ने नमाज अदा करायी तो खानकाह शक्कर तालाब में मुफ्ती-ए-बनारस अहले सुन्नत मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां, शाही मस्जिद ढाई कंगूरा में हाफिज नसीम अहमद बशीरी, शाही मुगलिया मस्जिद बादशाहबाग में मौलाना हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद लंगड़े हाफिज में मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी, सदर इमामबाड़े में मौलाना जफरुल हुसैनी, ईदगाह विद्यापीठ में मुफ्ती शमीम, मस्जिद उल्फत बीबी में मौलाना सलाउद्दीन, मस्जिद खाकी शाह में मौलाना मुनीर, जामा मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शमशुद्दीन साहब ने नमाज अदा कराती।

मस्जिद ज्ञानवापी में मौलाना अब्दुल आखिर, खोजित कुआं में मौलाना वकील अहमद मिस्बाही, ईदगाह मस्जिद लाटशाही में हाफिज हबीबुर्रहमान, जामा मस्जिद नदेसर में मौलाना मजहरुल हक, मस्जिद नगीना में हाफिज सैफुल मलिक, मस्जिद सुल्तानिया में अब्दुल्लाह सऊद अत्तारी, मदनपुरा अल्लू की मस्जिद में मौलाना शकील, ऊंची मस्जिद में मौलाना एहसन कमाल, ढोमन की मस्जिद में कारी फराज अहमद, मस्जिद बरतला में अयाज महमूद व हाफिज मो. ताहिर ने मस्जिद याकूब शहीद में नमाज अदा करायी। ऐसे ही ईदगाह दायम खां, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी, मस्जिद नईबस्ती गौरीगंज, मस्जिद हबीबिया गौरीगंज, आलमगीर मस्जिद धरहरा, मस्जिद कुश्ताबेगम, मस्जिद मदीना, मस्जिद गौसिया, मस्जिद ताराशाह, मस्जिद छित्तनपुरा इमलिया तले, मस्जिद नूरैन समेत शहर और आसपास की मस्जिदों में ईदुल फितर की नमाज पूरी अकीदत के साथ अदा की गई। इसी के साथ ईद का सप्ताहव्यापी महापर्व शुरू हो गया। हिंदू-मुस्लिम से गले मिलने का नजारा गंगा-जमुनी शहर बनारस की तस्वीर पेश करने में सफल रहा। लोहता, लालपुर, कोटवा, बाबतपुर, रामनगर, मिल्कीपुर आदि में भी ईद की खुशियां धूमधाम से मनायी गयीं। ईद की नमाज सकुशल संपन्न होने पर वाराणसी कमिशनरेट की पुलिस ने वाराणसी की अमनपसंद आवाम की सराहना की।

घरों में देर रात तक चली दावत 

ईद जैसे ग्लोबल पर्व पर सेवइयों की घुलन ने हर एक को अपने आगोश में ले लिया, हर आमो-खास ईद के रंग में रंगा नजर आया। ईद की नमाज अदा कर लौटे लोगों ने दूसरे वर्ग के लोगों को ईद की दावत दी। मुस्लिम घरों में दावतों का शुरू हुआ सिलसिला दौर देर रात तक चलेगा। हिंदू-मुस्लिमों ने गले मिलकर एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। कई जगहों पर ईद पार्टी रखी गयी थी। पार्टी में शामिल होने वालों के हिसाब से मीनू तैयार किया गया था। कुछ मुस्लिम घरों में गैर-मुस्लिमों के लिए सेवइयों के साथ शाकाहारी सब्जी और पूड़ी का इंतजाम था। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन शकील अहमद बबलू, पूर्व विधायक हाजी समद अंसारी के दौलतखाने पर ईद मिलने बड़ी तादाद में लोग जुटे तो दूसरी ओर शिवाला स्थित आलमीन सोसायटी के अध्यक्ष परवेज कादिर, टीचर्स एसोसिएशन मदारिस अरबिया के महामंत्री हाजी दीवान साहब जमा, लल्लापुरा में बारह के सरदार मो. हाशिम, कटेहर में चौदहों के सरदार मकबूल हसन, मदनपुरा में बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो, बसपा नेता अतहर जमाल लारी, एस. जावेद, कांग्रेस के हाजी नासीर जमाल, मो. जफरुल्लाह जफर, हाजी रईस अहमद, बेलाल अंसारी, मुमताज खां पार्षद, मुन्नू इलाहिया, शायर अहमद आजमी, डॉ नबी जान, खालिद अब्बासी, इरफान खान, इमरान अहमद, मो. शाहिद खां, समर गाजीपुरी, डा. एहतेशामुल हक, मुमताज खां, हाजी एजाजुद्दीन हाशमी व मो. अजफर गुड्डू आदि के यहां ईद मिलने समाजिक संगठनों व सियासी दलों के लोगों का हुजूम जुटा था। 

बड़ों से ईदी पाकर चहक उठे बच्चे


माहे रमज़ान का रोज़ा मुकम्मल करने के बाद लाखों मुसलमानों ने मज़हबी शहर बनारस में सभी मज़हब के लोगों संग मिलकर ईद की खुशियां मनायी। खुशियों का आगाज़ नमाज़-ए-ईदुल फित्र अदा करने के साथ हुआ। शहर के तकरीबन एक दर्जन ईदगाह और पांच सौ से ज्यादा मस्जिदों में इबादतगुज़ारों ने रब के सामने जहां सिर झुकाया वहीं अपनी रोज़ी रोटी, देश की तरक्की और खुशहाली के लिए रब की बारगाह में हाथ उठाया। इस मौके पर मस्जिदों और ईदगाहों में नमाजियों का जन सैलाब नमाज़ अदा करने उमड़ा हुआ था।

कब्रगाहों पर लगाईं हाजिरी

ईद की नमाज के बाद लोगों ने शहर के कब्रिस्तानों में जाकर वलियों, बुजुर्गों वो अपने पुरखों के दर पर हाजिरी लगाई और फातेहा पढ़ा। 
टकटकपुर, हुकुलगंज, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, बजरडीहा, जलालीपुरा, गौरीगंज, फातमान आदि आस्ताने पर हाजिरी लगाई गई। हजरत बाबा लाटशाही बाबा, चंदन शहीद, हजरत याकूब शहीद, बहादुर शहीद, सरदार शाह बाबा आदि के आस्ताने पर भी अकीतदमंदों का हुजूम उमड़ा।

सकुशल संपन्न हुई ईद की नमाज


वाराणसी में ईद की नमाज सकुशल संपन्न हो गई। इस दौरान अपर पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था व डीसीपी काशी जोन द्वारा ईद-उल-फितर के अवसर पर ईदगाह लाट सरैया में मुस्तैद पुलिस कर्मियों को सुरक्षा के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया वो ईद की नमाज को सकुशल सम्पन्न होने पर चौदहो के सरदार मकबूल हसन, हाजी मो. सुहैल आदि को ईद की मुबारकबाद पेश की।

ईद पर राहुल ने दी बधाईयां

Eid Mubarak! May this auspicious festival usher in the spirit of love, and unite us all in the bond of brotherhood and harmony.

बसपा सुप्रीमो ने दी बधाई


Happy eid: ईद की आप सभी को हार्दिक बधाई

देश दुनिया के तमाम लोगों को बहुत बहुत ईद मुबारक 


          फादर चंद्रकांत

    पूर्व निदेशक मैत्री भवन, वाराणसी।

Eid Mubarak:देखो ईद आयी है खुशिया लायी है…

चांद के दीदार संग ईद का जश्न शुरू 



Varanasi (dil India live )। 30 वी रमज़ान का चांद दिखते ही देश-दुनिया में ईद का जश्न शुरू हो गया। जहां पूरी रात बाज़ार खरीदारों से गुलज़ार रहा वहीं लोगों ने अपने घरों, मस्जिदों, मैदानों से चांद का दीदार किया। लोग रमज़ान का रोज़ा कमयाबी से रखने की खुशी में डूबे नज़र आयें। हर तरफ बहार और खुशिया ही खुशियां दिखाई देने लगी। लोग घरों से निकल कर बाज़ार की तरफ चल पड़े। बनारस के लाखों मुसलमान ईद का खैरमखदम करने को बेताब दिखाई दिये। उधर ईदगाहों और मस्जिदों में ईद की तैयारी पूरी हो चुकी है। ईद की नमाज़ मंगलवार की सुबह 6.30 बजे से 10.30 बजे के बीच अदा की जायेगी। मस्जिद ईदगाह लाट सरैया में मौलाना जियाउर्रहमान नमाज अदा करायेंगे तो ईदगाह लंगर में मौलाना इरशाद रब्बानी, मस्जिद लगड़े हाफिज नई सड़क में मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल कादरी, मुगलिया शाही मस्जिद बादशाहबाग में मौलाना हसीन अहमद हबीबी, शाही मस्जिद ढ़ाई कंगूरा में हाफिज़ नसीम अहमद बशीरी, नूरानी माहौल में ईद की नमाज़ पूरी करायेंगे। ऐसे ही मस्जिद अक्सा रेवड़ीतालाब में मौलाना जमील, मस्जिद बरतला में मौलाना अयाज़ महमूद, नगीने वाली मस्जिद रेवड़ीतालाब में हाफिज़ सैफुल मलिक, मस्जिद सुल्तानिया रेवड़ी तालाब में मोहम्मद सउद, मस्जिद शाह तैयब बनारसी में मौलाना अब्दुल सलाम व मस्जिद शाह मूसा ककरमत्ता में मौलाना शकील नमाज अदा करायेंगे। वहीं छित्तनपुरा मस्जिद खोजित कुआं में मौलाना वकील अहमद मिस्बाही, मस्जिद याकूब शहीद में हाफिज़ मो. ताहिर, मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शमशुद्दीन, मस्जिद अहनाफ सरायहडहा में मौलाना फैजानुल्लाह कादरी नमाज़ अदा करायेंगे। ऐसे ही आलमगीर मस्जिद धरहरा, जामा मस्जिद नदेसर, बड़ी मस्जिद रसूलपुरा, ईदगाह विद्यापीठ, मस्जिद उस्मानिया, बड़ी मस्जिद सदर बाज़ार, मस्जिद दायम खां पुलिस लाइन, मस्जिद उल्फत बीबी, मस्जिद ईदगाह बैतुससलाम समेत शहर और आसपास की तकरीबन पांच सौ मस्जिदों में ईदुल फितर की नमाज़ पूरी अकीदत के साथ अदा करने की तैयारियां पूरी कर ली गई है।

सेवईयों को तैयार करने में जुटी रही ख्वातीन 

घरों में ईद की तैयारियों में ख्वातीन देर रात तक लगी रही, सेवईयों से लेकर तमाम पकवान घरों में तैयार किये जा रहे थे तो वहीं सजने संवरने की भी तैयारी हो रही थी, कोई मेहंदी लगा रहा था तो कोई पार्लर से लौटता नज़र आया।

ईद पर रखें लोगों का खास ख्याल

वाराणसी के मुफ्ती-ए-बनारस अहले सुन्नत मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां ने लोगों से अपील की है कि लोग अपने पड़ोसियों और गरीबों का ख्याल रखें। ऐसा न हो कि आपके पड़ोस में ईद के दिन कोई भूखा रह जाये। उन्होंने कहा कि ईद की खुशी में इस बात का पूरा ख्याल रखें कि सभी इस दिन खुशी मनायें और वतन से मोहब्बत की दुआ मांगे, भलाई और परोपकारी के रास्ते पर चलें, किसी को बुरा न कहें।

पूरी रात चला एसएमएस का दौर

30 वां रोज़ा पूरा होते ही शहर में ईद मुबारक और ईद से मिलते जुलते तमाम मुबारकबाद मैसेज व एसएमएस लोगों ने अपने मोबाइल से अज़ीज़ों को भेजा। कम्प्यूटर, लेपटाप और स्मार्ट फोन पर ई-मेल के ज़रिये व वाट्स एप, फेसबुक से भी लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी। ईद की खुशियों में सबसे ज्यादा बच्चे और यंगेस्टर्स डूबे दिखाई दिये जो एक दूसरे को ऐसे पैगाम आदान-प्रदान कर रहे थे।

सोमवार, 2 मई 2022

Eid Mubarak: ईद की आहट से बाजार में बूम

उमरा पूरा, सऊदी में मनाई जा रही ईद 

देश भर में ईद की तैयारियां हुई पूरी





Varanasi(dil India live)। सऊदी अरब समेत खाड़ी देशों में आज ईद मनाया जा रहा है। काबा में इससे पहले रमज़ान मुबारक का उमरा देश दुनिया के तमाम लोगों ने पूरा किया। इस दौरान काफी लोगों ने उभरे का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल किया।

भारत में ईद कल

भारत में ईद को अब चंद घंटे ही शेष है। इतवार को 29 वीं का चांद नहीं दिखाई दिया। आज चांद का दीदार करके मोमिन मंगलवार को ईद का त्योहार मनायेंगे। रविवार की शाम से देर रात तक बाजार में लोगों की भीड़ उमड़ी हुई थी। आज खरीदारी को लेकर मध्यरात्रि तक दुकानें खुली रहेगी। कपड़ा, जूता-चप्पल के साथ ही सेवईं की दुकान पर भी भीड़ है। दालमंडी में लोग पूरी रात खरीदारी करते रहे। दालमंडी, लोहता, नई सड़क, पीलीकोठी, वरुणापार के पांडेयपुर, अर्दली बाजार सहित अन्य क्षेत्रों में सुबह से ही रोजेदार ईद की तैयारी में जुटे रहे। कास्मेटिक, कपड़ा, इत्र आदि की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। कलरफुल काटन के कुर्ता बाजार में छाया है। ग्राहक पार्टी वेयर कुर्ता पायजामा पसंद कर रहे हैं। भदऊ चुंगी स्थित सेवईं बाजार में भी लोगों की भीड़ रही। सेवईं के साथ अन्य खाद्य सामग्री, मेवा शीतल पेय, की खरीदारी भी की जा रही है।

रविवार, 1 मई 2022

Eid 2022: ईद उसकी जो रब के इम्तिहान में हुआ पास

 ‌रब लेता है अपने नेक बंदों का इम्तेहान

Varanasi (dil India live )। मज़हबे इस्लाम में सब्र और आजमाइश को आला दर्जा प्राप्त है। कहा जाता है कि रब वक्त-वक्त पर हर बंदों का इम्तेहान लेता है और उन्हें आज़माता है। ईद की कहानी भी सब्र और आज़माइश का ही हिस्सा है। यानी माह भर जिसने कामयाबी से रोज़ा रखा, सब्र किया, भूखा रहा, खुदा की इबादत की, वो रमज़ान के इम्तेहान में पास हो गया और उसे रब ने ईद कि खुशी अता फरमायी। दरअसल ईद उसकी है जो सब्र करना जानता हो, जिसने रमज़ान को इबादतों में गुज़ारा हो, जो बुरी संगत से पूरे महीने बचता रहा हो, मगर उस शख्स को ईद मनाने का कोई हक़ नहीं है जिसने पूरे महीने रोज़ा नहीं रखा और न ही इबादत की। नबी-ए-करीम (स.) ने फरमाया कि रमज़ान वो मुकदद्स महीना है जो लोगों को यह सीख देता है कि जैसे तुमने एक महीना अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया, सुन्नतों और नफ़्ल पर ग़्ाौर किया, उस पर अमल करता रहा, वैसे ही बचे पूरे साल नेकी और पाकीज़गी जारी रखो। यह महीना इस बात की ओर भी इशारा करता है कि अगर एक महीने की इबादत के बाद ईद की खुशी बंदों को रब देता है तो 12 महीने अगर इबादतों में गुज़ारा जाये तो जिन्दगी में हर दिन ईद जैसा और हर रात रमज़ान जैसी होगी। रमज़ान महीने की इबादत इसलिए भी महबूब है क्यों कि ये अल्लाह का महीना है और इस महीने के पूरा होते ही खुदा ईद का तोहफा देकर यह बताता है कि ईद की खुशी तो सिर्फ दुनिया के लिए ह। इससे बड़ा तोहफा कामयाब रोज़ेदारों को आखिरत में जन्नत के रूप में मिलेगा। पूरी दुनिया में यह अकेला ऐसा त्योहार है जिसमें कोईभी पुराने या गंदे कपड़ों में नज़र नहीं आता। अगर एक महीने की इबादत के बाद ईद मिलती है तो हम साल के बारह महीने इबादत करें तो हमारा हर दिन ईद होगा। तो हम क्यों न हर दिन हर महीना अपना इबादत में गुज़ारे।

                       डॉ. एहतेशामुल हक  

                (सदर, सुल्तान क्लब, वाराणसी)

Bishop house : चांद रात पर सजेगा रोज़ा इफ्तार

 कोरोना काल के बाद फिर बिशप हाउस में आज इफ्तार

पहली बार चांद रात पर होगा रोज़ा इफ्तार


Varanasi  (dil India live )। आज चांद रात है। चांद रात पर मुस्लिम जहां बिशप हाउस में आज रोजा इफ्तार करेंगे, वहीं दूसरी ओर नमाजे मगरिब अदा करने के बाद मरियम के आंगन से चांद का दीदार भी करेंगे। सौहार्द और मेल-जोल की यह बानगी कोरोना काल के बाद इस बार देखने को मिलेगी। कोरोना काल के चलते 2 साल तक रोजा इफ्तार का यह खुशनुमा माहौल बिशप हाउस में नहीं बन पाया था, मगर इस बार फिर से रोजा इफ्तार का आयोजन बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में किया जा रहा है। इस दौरान में सभी मजहब के विशिष्ट लोग मरियम के आंगन में जुटेंगे। लोगों का स्वागत फादर फिलिप डेनिस करेंगे।

शनिवार, 30 अप्रैल 2022

आज है शनि अमावस्या

संकल्प संस्था ने किया खिचड़ी का वितरण



वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। आज शनि अमावस्या है। इस अवसर पर सामाजिक संस्था संकल्प द्वारा शनिवार 30 अप्रैल  को प्रातः कन्हैयालाल गुलालचंद सर्राफ़ चौक में श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी वितरण किया गया। जहां श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में खिचड़ी का पारण किया। इस मौके पर संकल्प संस्था के संरक्षक अनिल कुमार जैन ने बताया कि शनिवार को पड़ने वाली अमवस्या का विशेष महत्व माना जाता है और किसी कार्य को करने के लिये अत्यन्त शुभ तिथि माना जाता है. इस अवसर पर पूजा, तीर्थ, स्नान, दान आदि का विशेष महत्व है. वही शनि की उपासना करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इस अवसर पर विष्णु जैन, लव जी अग्रवाल, रविमोहन अग्रवाल (अंशु), अमित श्रीवास्तव, मनीष आदि का विशेष सहयोग रहा।


Eid Mubarak: मेल-जोल व खुशियां बांटने का नाम है ईद

 



Varanasi (dil India live )। अरबी में किसी चीज़ के बार-बार आने को उद कहा जाता है उद से ही ईद बनी है। ईद का मतलब ही वो त्योहार है जो बार-बार आये। यानी जिसने रोज़ा रखा है उसके लिए ईद बार-बार आएगी। ईद तोहफा है उनके लिए जिन्होंने एक महीना अपने आपको अल्लाह के लिए वक्फ कर दिया। यही वजह है कि रमज़ान और ईद एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। अगर रमज़ान होता और ईद न होती तो हमें शायद इतनी खुशी न होती। इस्लाम कहता है कि रमज़ान के बाद जब ईद आये तो इस बात का पता करो कहीं कोई रो तो नहीं रहा है, कोई ऐसा घर तो नहीं बचा है जहां ईद के लिए सेवईयां न हो। कोई पड़ोसी भूखा तो नहीं है। अगर ऐसा है तो उसकी मदद करना हर साहिबे नेसाब पर वाजिब है।

खासकर छोटे-छोटे बच्चे जिन्हें किसी से कोई लेना देना नहीं होता मगर वो इसलिए खुश होते हैं कि रमज़ान खत्म होते ईद आयेगी, ईदी मिलेगी। इसे ईद-उल-फित्र भी कहते हैं क्यों कि इसमें फितरे के तौर पर 2 किलों 45 ग्राम गेंहू जो हम खाते हो उसके दाम के हिसाब से घर के तमाम सदस्यों को सदाका-ए-फित्र निकालना होता है। दरअसल ईद उसकी है जिसने रमज़ान भर इबादत किया और कामयाबी से रमज़ान के पूरे रोज़े रखे। नबी-ए-करीम (स.) ईद सादगी से मनाया करते थे। इसलिए इस्लाम में सादगी से ईद मनाने का हुक्म है। एक बार नबी (स.) ईद के दिन सुबह फज्र की नमाज़ के बाद घर से बाज़ार जा रहे थे कि आपको एक छोटा बच्चा रोता हुआ दिखाई दिया। नबी (स.) ने उससे कहा आज तो हर तरफ ईद की खुशी मनायी जा रही है ऐसे में तुम क्यों रो रहे हो? उसने कहा यही तो वजह है रोने की, सब ईद मना रहे हैं मैं यतीम हूं, न मेरे वालिदैन है और न मेरे पास कपड़े और जूते-चप्पल के लिए पैसा। यह सुनकर नबी (स.) ने उसे अपने कंधों पर बैठा लिया और कहा कि तुम्हारे वालिदैन भले नहीं हैं मगर मैं तुम्हे अपना बेटा कहता हूं। नबी-ए-करीम (स.) के कंधे पर बैठकर बच्चा उनके घर गया वहां से तैयार होकर ईदगाह में नमाज़ अदा की। जो बच्चा यतीम था उसे नबी-ए-करीम (स.) ने चन्द मिनटों में ही अपना बेटा बनाकर दुनिया का सबसे अमीर बना दिया। इसलिए ईद आये तो सभी में आप भी खुशियां बांटे, सबको खुशी दें, सही मायने में तभी आपकी ईद होगी। अल्लाह ताला सभी को रोज़ा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

                           डा. मो. आरिफ

{लेखक मुस्लिम मामलो के जानकार व इतिहासकार}

शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

अलविदा जुमा पर भी रहम नहीं

थोड़ी थोड़ी देर पर हो रही बिजली कटौती

उपमुख्यमंत्री शहर में फिर भी हुई कटौती, रोजेदारों परेशान

Varanasi (dil India live )। वरुणा पार इलाके में भीषण गर्मी और उपमुख्यमंत्री के शहर में होने के बावजूद इन दिनों नागरिक, रोजेदारों को जबरदस्त बिजली संकट झेलना पड़ा रहा है। यहां तक कि अलविदा जुमा पर भी रहम नहीं किया गया। थोड़ी थोड़ी देर पर बिजली कटौती होती रही। ऐसा लगता है कि विद्युत विभाग पूरी तरह से मस्त है उनको जनता की समस्या से कोई लेना देना नहीं है।

विद्युत समस्या का जिक्र करते हुए महानगर कांग्रेस उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन, क्षेत्रीय पार्षद वो अर्दली बाजार व्यापार मंडल के अध्यक्ष विनय शादेजा  ने संयुक्त रूप से कहा कि इन दिनों इन इलाकों में सुबह से लेकर शाम तक अनगिनत बिजली काटी जा रही है। 

हद तो तब हो गई दिन भर तो अनगिनत बिजली काट दी जाती है लेकिन शाम को रोजा खोलने के समय लगभग 5:30 से 6:30 के बीच बिजली कटना निश्चित है। जब इस संबंध में जे इ अंबिका यादव से फोन कर वार्ता की गई तो उनका कहना था कि अभी बहुत व्यस्त है और फोन काट दिया। उक्त नेताओं ने कहा कि रोजा खोलने के समय बिजली जानबूझकर काटी जा रही है क्योंकि प्रतिदिन रोजा खोलने का समय बिजली अवश्य कटती है तो क्या यह समय लोकल फाल्ट के लिए निर्धारित है।

उक्त नेताओं ने अविलंब विद्युत विभाग के एमडी से विद्युत कटौती की रोक लगाने की मांग की है विशेषकर सुबह सहरी और शाम को रोजा खोलने के समय विद्युत कटौती पर रोक लगाई जाए। उक्त नेताओं ने कहा कि दिनभर उमस भरी गर्मी धूप की वजह से शाम को ही लोग खरीदारी करने निकलते हैं और उसी समय बिजली काट दी जाती है जिससे व्यापारियों का धंधा भी चौपट हो रहा है। आज उपमुख्यमंत्री सर्किट हाउस में थे इसके बावजूद लगातार बिजली कटौती होती रही।

अलविदा जुमा: रब को लाखों नमाज़ियों ने किया सिजदा

दुआ: ऐ अल्लाह, हिन्दुस्तान में अमन और तरक्की दे...आमीन 

-इमाम साहेबान की अपील: गरीबों को सदका-ए-फित्र व ज़कात जल्द करें अदा



Varanasi  (dil India live )।  ऐ अल्लाह तू अपने हबीब के सदक़े में इस मुल्क में अमन और तरक्की दे, जो लोग परेशानहाल हैं उनकी परेशानी दूर कर, जो बेरोज़गार हैं उन्हें रोज़गार दे, जो बेऔलाद हैं उन्हें औलाद दे, जिसने रमज़ान में रोज़ा रखा इबादत की उसे कुबुल कर जो नहीं रख सकें उन्हें हिदायत दे, की वो आगे अपनी जिंदगी इबादत में गुजारे। अलविदा जुमे को नमाज़ के बाद मस्जिद ईदगाह लाटशाही में जब इमाम हाफिज़ हबीबुर्रहमान ने कुछ ऐसी ही दुआएं की तो तमाम लोग...आमीन, कह उठें। इस दौरान इमाम साहब ने कहा कि रब के बताए हुए रास्ते पर चल कर ही हमें कामयाबी मिल सकती है। जो रास्ता नबी ने दिखाया वहीं रास्ता अमन, इल्म, इंसानियत और मोहब्बत का रास्ता है। जो इस रास्ते पर चलेगा वही दीन और दुनिया दोनों में कामयाब होगा। इस दौरान शहर भर की तमाम मस्जिदों में अलविदा नमाज़ पर खुतबा पढ़ा गया, अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा, तेरे आने से दिल खुश हुआ था, तेरे जाने से दिल रो रहा है अलविदा, अलविदा माहे रमज़ा अलविदा...। इस दौरान मस्जिद कम्मू खां डिठोरी महाल में मौलाना शम्सुद्दीन साहब, मस्जिद मुग़लिया बादशाह में मौलाना हाफिज़ हसीन अहमद हबीबी, मस्जिद लंगड़े हाफिज़ में मौलाना ज़कीउल्लाह असदुल क़ादरी, मस्जिद शक्कर तालाब में मौलाना मोइनुद्दीन अहमद फारुकी प्यारे मियां, मस्जिद बुलाकी शहीद अस्सी में मौलाना मुजीब, मस्जिद खाकी शाह में मौलाना मुनीर, मस्जिद उस्मानिया में मौलाना हारुन रशीद नक्शबंदी व मस्जिद वरुणापुल में मौलाना अहमद नस्र ने नमाज़ अदा करायी। ऐसे ही बनारस की तकरीबन पांच सौ मस्जिदों में अकीदत के साथ नमाज़े अलविदा अदा की गयी। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। 

अल्लाह का शुक्र किया अदा

इस्लाम धर्म के लोगों ने इस दिन अल्लाह की इबादत के साथ इस बात का शुक्र अदा किया कि उन्हें माह-ए-रमजान में रोजा रखने, तरावीह पढ़ने और अल्लाह की इबादत करने का रब ने मौका दिया। अब पता नहीं अगली बार यह मौका मिलेगा या नहीं।

जकात, फितरा देने में करें जल्दी

इस दौरान मस्जिदों से इमाम साहेबान ने रोजेदारों से अपील किया कि पिछला, ज़कात देने में जल्दी करें ताकि गरीबों की भी ईद हो जाते।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...