Cold chain हैंडलर्स को दी गई vaccine रख-रखाव की ट्रेनिंग
Varanasi (dil india live) । राष्ट्रीय नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत मंगलवार को कोल्ड चैन हैंडलर्स का दो दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न हुआ। सीएमओ कार्यालय परिसर स्थित शहरी सीएचसी दुर्गाकुंड के प्रशिक्षण केंद्र में जनपद के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सभी कोल्ड चैन हैंडलर्स को कोल्ड चैन पॉइंट में वैक्सीन के रखरखाव, ई-विन पोर्टल, तापमान नियंत्रण, निगरानी, आईएलआर, डीप फ्रीजर, वैक्सीन वायल मॉनिटर, ओपन वायल पॉलिसी आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया । इसके साथ ही अपर शोध अधिकारी (एआरओ) को भी समय से रिपोर्टिंग करने के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के नेतृत्व में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ निकुंज कुमार वर्मा, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ एके पाण्डेय, उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक, यूएनडीपी के क्षेत्रीय समन्वयक डॉ आशुतोष मिश्रा व रीना वर्मा ने सभी कोल्ड चैन हैंडलर्स को प्रशिक्षण दिया। डॉ निकुंज ने बताया कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य कोल्ड चैन हेंडलर्स को आईस लाइन रेफ्रीजरेटर (आईएलआर), डीप फ्रीजर, डी फ़्रोस्टर आदि के रखरखाव व प्रबंधन के बारे में प्रशिक्षित करना, नियमित दस्तावेज़ और पोर्टल पर अंकित करना है। वैक्सीन को व्यवस्थित और सुरक्षित रखने में कोल्ड चैन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसका संचालन करने वालों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। वैक्सीन को जिस तापमान की जरूरत है, उस तापमान पर रखा जाए और इसकी निरंतर निगरानी की जाए। साथ ही वैक्सीन को जितने समय तक सुरक्षित रखना है, उसे उसी अनुसार व्यवस्थित करने की जरूरत है । जो वैक्सीन क्षेत्र में भेजा जा रहा है, उसे आइसपैक करके वैक्सीन कैरियर में भेजा जाए।
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ एके पाण्डेय व उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक ने बताया कि वैक्सीन का नियमित तापमान दिन में दो से तीन बार चेक किया जाना चाहिए । वैक्सीन का निर्धारित तापमान के सापेक्ष कम या ज्यादा न हो पाये इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए । इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए । यदि किसी कोल्ड चैन उपकरण में खराबी आती है तो कोल्ड चैन हैंडलर्स की जिम्मेदारी है कि इसे तत्काल अपने अधिकारियों को अवगत कराए जिससे वैक्सीन पूर्ण रूप से सुरक्षित रहे।
यूएनडीपी के डॉ आशुतोष मिश्रा ने ई विन एडवांस पोर्टल के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि आईएलआर का तापमान 2 से 8 डिग्री सेल्सियस रखा जाना चाहिए। डीप फ्रीजर का तापमान माइनस 15 से 25 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए । एएनएम को सभी दिशा-निर्देशों, नियमों को विस्तार से बताएं । वैक्सीन का वेस्टेज न हो इसके लिए उनकी टैली शीट को नियमित रूप से देखें । वैक्सीन के ट्रांसपोर्ट के लिए आईस पैक और वैक्सीन कैरियर के बीच समन्वय होना जरूरी है। साथ ही माइक्रोप्लानिंग और वैक्सीन को ले जाने की व्यवस्था के बारे में समझाया। शासन की ओर से भेजे गए प्रोफार्मा को उसी के अनुसार भरा जाए।
प्रशिक्षण में एआरओ, सीएचसी व पीएचसी के कोल्ड चैन हैंडलर्स, यूएनडीपी व यूनिसेफ के प्रतिनिधि एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल रहे।