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मंगलवार, 10 दिसंबर 2024

महिला हिंसा, यौन उत्पीड़न के खिलाफ बेटियों ने बुलंद की आवाज

बोले वक्ता समाज में मिलना चाहिए सभी को बराबर का अधिकार 



Mirzapur (dil India live). कन्या भ्रूण हत्या, यौन उत्पीड़न, दहेज और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अहरौरा के अधवार गाँव  स्थित सर्वोदय इंटर कॉलेज की छात्राओं ने आवाज़ बुलंद की। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में शामिल छात्राओं ने घरेलू महिला हिंसा बंद करो, भ्रूण हत्या पर रोक लगाओ, बाल विवाह बंद करो, भीख नहीं अधिकार चाहिए, जीने का सम्मान चाहिए, यौन हिंसा पर रोक लगाओ आदि नारे लगाये। हस्ताक्षर करके इसे जड़ से मिटाने का संकल्प लिया है। घरेलू महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा 25 नवंबर से 10 दिसंबर अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस तक के तहत सहयोग लखनऊ और उम्मीद फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान किया गया।

उम्मीद फाउंडेशन के प्रमुख महेंद्र राठौर ने कहा कि आज भी समाज में लड़कियों और महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जबकि संवैधानिक व्यवस्था ने सबको समान अधिकार दिये हैं। सामाजिक व्यवस्था के कारण महिलाओं और लड़कियों को बराबरी का अधिकार नहीं प्राप्त हो पा रहा है। इसलिए समाजिक व्यवस्था में बदलाव लाना जरूरी है। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि भारत में हिंसा कई रूप में होती है। 70 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवन में किसी न किसी रूप में हिंसा का सामना करती हैं। कोरोना महामारी के बाद लैंगिक हिंसा का दर बढ़ कर पहले से अधिक हो गया हैं। सभी लोग एकजुट होकर हिंसा मुक्त जीवन के लिए संघर्ष करें। कालेज के प्रवक्ता आनंद किशोर सिंह ने ग्रामीणों से लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा पढा़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की अपील की है।


अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य शैलेन्द्र पाठक और संचालन नंदनी धन्यवाद ज्ञापन सीमा देवी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप महेंद्र राठौर, राजकुमार गुप्ता, नंदनी, सीमा, शैलेंद्र पाठक, आनंद किशोर सिंह कालेज के समस्त स्टाफ़ शामिल थे।

बुधवार, 13 नवंबर 2024

फूलों की खेती और उससे बने उत्पाद आर्थिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी-भक्ति विजय शुक्ला


Sarfaraz Ahmad 

Varanasi (dil India live). फूलों की बढ़ती मांग और ग्रामीण किसानों तथा महिलाओं में फूलों की खेती के प्रति रुचि को देखते हुए, सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफ.एफ.डी.सी.) की कानपुर विस्तार इकाई ने वाराणसी के बसनी में साईं इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के कैम्पस में एक उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को किया। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा फूलों की खेती, उससे बनने वाले उत्पादों की मार्केटिंग और व्यावसायिक अवसरों पर गहन जानकारी प्रदान की गई। साथ ही, फूलों से धूप, अगरबत्ती, गुलदस्ते और अन्य उत्पाद बनाने के प्रैक्टिकल सत्र भी आयोजित किए गए।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफ.एफ.डी.सी.) की कानपुर विस्तार इकाई के सहायक निदेशक भक्ति विजय शुक्ला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि फूलों की खेती ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है, और इस क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी से उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो रही है और समाज में आत्मनिर्भरता का संदेश जा रहा है। साईं इंस्टिट्यूट के निदेशक अजय सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सुगंधित खेती और प्रसंस्करण में लगे किसानों और उद्योगों को सहायता देना और उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाना है। उन्होंने किसानों और महिलाओं को अपनी संभावनाओं को पहचानने और इस क्षेत्र में भागीदारी के लिए प्रेरित किया। साथ ही, उन्होंने बताया कि उद्यम स्थापित करने के इच्छुक लोगों को एफएफडीसी की ओर से आवश्यक तकनीकी सहयोग दिया जाएगा।


योगाचार्य डॉ. अंजना त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि उद्यम स्थापित करने का यह एक उत्कृष्ट अवसर है, क्योंकि एफएफडीसी कन्नौज से चलकर किसानों के द्वार तक आया है। उन्होंने साईं इंस्टिट्यूट के प्रयासों की सराहना की, जो स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं। किसानों का स्वागत संस्थान के सदस्य अनंत नारायण सिंह ने किया और धन्यवाद ज्ञापन अनुपमा दुबे द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र की करीब 200 महिलाओं को फूलों से उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण पहले ही प्रदान किया जा चुका है।

इस कार्यक्रम में जीतेन्द्र कुमार, रुपेश कुमार, बिहारी पटेल, अमना, दीप्ति पटेल, डॉ राजनाथ वर्मा समेत कुल 50 किसानों ने भाग लिया, जिनमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और फूलों से बने उत्पादों में गहरी रुचि दिखाई। उपस्थित किसानों और महिलाओं ने इस कार्यक्रम से मिले नए व्यावसायिक अवसरों के प्रति आशा और उत्साह व्यक्त किया।

शुक्रवार, 5 मई 2023

Pm modi k Varanasi में दिल्ली के पहलवानों के समर्थन में आंदोलन

बनारसी लड़कियों ने बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ खोला मोर्चा 

  • दिल्ली के महिला पहलवानो के धरने के समर्थन में लडकियों ने दिया धरना
  • नारीवादी संगठन 'दख़ल' ने अम्बेडकर पार्क कचहरी पर पहलवानो की मांग के समर्थन में दिया धरना 
  • पीएम मोदी को सम्बोधित पाँच सूत्रीय ज्ञापन भेजा गया 

Varanasi (dil india live). दखल संगठन ने अम्बेडकर पार्क कचहरी पर दिल्ली में जंतर मंतर में पहलवानो के चल रहे आंदोलन के समर्थन में धरना दिया। दख़ल संगठन की ओर से धरना स्थल पर हस्ताक्षर अभियान कराया गया। यौन उत्पीड़न की घटना से जुड़े तथ्यों से अवगत कराते हुए एक पर्चा भी बांटा गया।

ज्ञातव्य है कि गत 23 अप्रैल से नई दिल्ली में जंतर मंतर पर देश की जानी मानी महिला कुश्ती पहलवान धरने पर बैठी हुई हैं। उनका आरोप है कि लम्बे समय से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद पर कब्जा किए हुए बृज भूषण सिंह ने नाबालिग खिलाड़ी सहित कई कुश्ती खिलाड़ियों के साथ यौन दुराचार और शोषण किया है। बृजभूषण सिंह बीजेपी के लंबे समय से सांसद हैं। इसके पूर्व इसी साल 2023 जनवरी में ये खिलाड़ी इन्ही आरोपों को लेकर सामने आए थे। तब जांच और कार्यवाही का आश्वासन दिया गया था।

धरना के बाद प्रधानमंत्री को सम्बोधित पांच सूत्रीय निम्नलिखित मांग का ज्ञापन पत्र सौंपा गया :-

1 - बृज भूषण शरण सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद से हटाया जाए।

2 - पॉस्को सहित यौन शोषण की गम्भीर धाराओं में अभियुक्त दबंग बीजेपी सांसद को तत्काल जेल भेजा जाए ताकि जाँच प्रभावित न हो।

3 - न्यायिक जाँच निष्पक्ष हो और शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

4 - खेल संघों में ICC ( आंतरिक जांच समिति ) का गठन अनिवार्य हो।

5 - खेल संघो में राजनैतिक दखलंदाजी बन्द हो। खेल संघ में मुख्य कार्यकारी पदों पर खिलाड़ी ही बैठें।

महिला हिंसा बंद करो, तोड़ो तोड़ो चुप्पी तोड़ो, खिलाड़ियों को खेलने दो, कुश्ती बचाओ कुश्ती बढ़ाओ, खेल संघो में दखलंदाजी बन्द करो, खिलाड़ी एकता ज़िंदाबाद आदि नारे लिखे प्लेकार्ड लहराए गए और नारे लगाए गए।  

धरनास्थल पर वक्ताओं ने कहा कि सवाल ये है कि आखिर प्रधानमंत्री जी चुप क्यों हैं? आपराधिक छवि वाले और संगीन आरोप झेल रहे नेता के खिलाफ कदम क्यों नहीं उठाते? महिला पहलवानों द्वारा लगाये गए आरोप सामान्य नहीं हैं। आरोप ऐसे हैं कि किसी भी संवेदनशील इंसान का दिल दहल उठे, किसी भी देशभक्त का सिर झुक जाए। आरोप है कि यौन शोषण में केवल एक व्यक्ति नहीं, कुश्ती फेडरेशन के अनेक कोच भी शामिल हैं। आरोप है कि इनके शिकारों में नाबालिग बच्चियाँ भी शामिल रही हैं। यह आरोप लगाने वाली कोई एक महिला नहीं बल्कि अनेक महिला खिलाड़ी हैं। आरोप की गंभीरता स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार की है। आरोप यह भी है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत दो साल पहले सीधे प्रधानमंत्री को स्वयं साक्षी मलिक ने की थी। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यह पहला आरोप नहीं है। 6 बार लोकसभा के सदस्य रह चुके बृजभूषण के चुनावी हलफनामे में उनके आपराधिक रिकॉर्ड की कहानी दर्ज है।सांसद खुद अपने अपराध को स्वीकार करते हैं। पिछले साल कैमरा के सामने एक न्यूज़ पोर्टल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था, “मेरे जीवन में मेरे हाथ से एक हत्या हुई है, लोग जो कुछ भी कहें, मैंने एक हत्या की है।” इधर बीच यौन उत्पीड़न बलात्कार आदि के मामले में सरकार की अजब सी चुप्पी है। हाथरस, कठुआ उन्नाव या गुजरात की बिलकिस बानो जैसी महिलाओं के विरुद्ध बलात्कार या शोषण की तमाम घटनाओं पर सकरार अजीब चुप्पी साधे रखी रही है। ‘बेटी बचाओ’ का नारा देनेवाली बीजेपी नाबालिग लड़की द्वारा यौन शोषण का आरोप लगाये जाने के बावजूद बृजभूषण को अभयदान क्यों दे रही है? इन खिलाड़ियों को भारत का गौरव बताने वाले मोदी जी बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से हटाने जैसी सामान्य कार्रवाई से क्यों झिझक रहे हैं ?

इस प्रश्न के दो ही उत्तर हो सकते हैं। या तो राजनीतिक मजबूरी का मामला है, या फिर नैतिक कमजोरी का। क्या देश का ‘सबसे लोकप्रिय और ताकतवर’ नेता कुछ स्थानीय क्षत्रपों के सामने इतना निरीह है ? आखिर बृजभूषण किस बूते पर यह धमकी देते हैं कि " मैंने मुँह खोला तो सुनामी आ जाएगी ? " जो नरेन्द्र मोदी भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को किनारे लगा चुके हैं वह इन छुटभैया नेताओं के सामने मजबूर क्यों हैं ? और अगर इतने ही मजबूर हैं तो फिर किस मुँह से राष्ट्र-गौरव और बेटी बचाओ की बात करते हैं?

हम नहीं जानते कि प्रधानमंत्री के मन में क्या है और आशा यही करनी चाहिए कि यह सच नहीं है। लेकिन क्या साक्षी मलिक के आँसू, बृजभूषण की ढिठाई और प्रधानमंत्री की चुप्पी को देखनेवाली करोड़ों भारतीय महिलाओं को ऐसा महसूस नहीं होगा ? जब तक प्रधानमंत्री अपनी चुप्पी नहीं तोड़ेंगे तब तक हम सवाल उठाते रहेंगे।

धरनास्थल पर प्रेरणा कला मंच वाराणसी के ओर से नारीवादी चेतना के गीत गाये गए और नारे लगाए गए। धरना देने वालों में प्रमुख रूप से मैत्री, रैनी, शिवांगी, दीक्षा, शबनम, सना, रंजू, झूला, राजेश, अनुज, शानिया, एकता, जागृति, मुनिजा, डॉ. आरिफ, वल्लभाचार्य पाण्डेय, रवि, धन्नजय, मुस्तफा, अनूप, मुकेश, महेंद्र इत्यादि मौजूद रहे।

मंगलवार, 21 मार्च 2023

Kashi prabudh mahila Manch ने कि मोटे अनाज पर संगोष्ठी

नारी सम्मान समारोह में बताया मोटे अनाज के फायदे 



Varanasi (dil india live). काशी प्रबुद्ध महिला मंच की ओर से भेलुपुर स्थित एक होटल मे श्री अन्न (millets) पर संगोष्ठी एवं नारी सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। इस दौरान मंच कि अंजलि अग्रवाल ने मोटे अनाज के फायदे तथा ज्यादा से ज्यादा अपनी खुराक में उसे शामिल करने, परिवार को स्वादिष्ट व्यंजन मोटे अनाज के बना कर देने पर प्रकाश डाला। अन्य महिला सदस्यों ने मोटे अनाज कि उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बाजरा, रागी, जौ, मक्का के विभिन्न व्यंजन बताए। कार्यक्रम में समाज में अपना महत्व पूर्ण योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया। 

कार्यक्रम का संचालन रेनू कैला एवं Dr ममता तिवारी ने किया। संयोजन एवं धन्यवाद शोभा कपूर ने किया। प्रिया अग्रवाल, Dr रीता भट्ट, ममता पंड्या, रीता अग्रवाल, रीता कश्यप, ममता जायसवाल, छवि अग्रवाल, Dr कमलेश गुप्ता, सगीता अग्रवाल, निधि मेहरोत्रा, नूतन रंजन, चंद्रा शर्मा, नीतू सिंह, मनीषा अग्रावल को सम्मानित किया गया।

बुधवार, 25 जनवरी 2023

Sakhi aayo re basant...कि थीम पर मनाया बसंतोत्सव

काशी प्रबुद्ध महिला मंच की सदस्यों ने मनाया बसंतोत्सव



Varanasi (dil india live). सखी आयो रे बसंत, की थीम पर काशी प्रबुद्ध महिला मंच की सदस्यों ने बसंतोत्सव वह गणतंत्र दिवस भेलूपुर स्थित होटल डायमंड में मनाया।

कार्यक्रम का शुभारंभ अध्यक्ष अंजली अग्रवाल के गीत, सखी बहेला बसंती बयारिया, उड़ेला मोर पियर चुनरी...से हुई। इस दौरान छवि अग्रवाल ने बसंत पर आधारित हाउजी कराई तो रेनू कैला के संचालन में सभी ने देश भक्ति के गीतों पर आधारित अंताक्षरी खेली। डॉक्टर ममता तिवारी के नृत्य आई झूम के बसंत पर सभी सदस्यों ने झूम कर नृत्य किया। निधि ने गेम कराया जिसमें सभी सदस्यों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में रीता अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, लिपिका बोस व नीतू सिंह ने अपनी उपस्थिति से माहौल को बसंती कर दिया।

           

बुधवार, 4 जनवरी 2023

Medical news:Fat से डरने लगी Women's

Women's के लिए fat बना अभिशाप 

Blood pressure और heart अटैक का बना रहता है खतरा 






Varanasi (dil india live). मोटापा से महिला व पुरुष दोनों में कई परेशानियां होती हैं। इससे जहां ब्लड प्रेशर और जाड़े में हार्टअटैक का खतरा बढ़ता है वहीं महिलाओं को अनियमित मासिक, गर्भपात और बांझपन जैसी समस्या से भी जूझना पड़ता है। यह कहना है पंडित दीनदयाल उपाध्याय चिकित्सालय स्थित एमसीएच विंग की डॉ. ज्योति ठाकुर का। 

डॉ. ज्योति कहती हैं कि महिलाओं के शरीर में वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण होता है हार्मोन असंतुलन। इससे महिलाओं के शरीर में कोलेस्ट्रोल का लेवल अधिक होने लगता है। इस कारण वह मोटापा ग्रस्त हो जाती हैं। इसके अलावा आजकल महिलाएं जंकफूड का सेवन करना अधिक पसंद करती हैं। इस कारण भी उनके शरीर का वजन बढ़ने लगता है। उनकी सेहत भी धीरे-धीरे खराब होने लग जाती है।

उन्होंने बताया कि आजकल थायराइड से भी मोटापे बढ़ने के मामले दिख रहे हैं। इस मोटापे से महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर होता है। जो दिल का दौरा पड़ने में काफी सहायक होता है। मोटापा मासिक चक्र को भी प्रभावित करता है। इससे गर्भधारण के पहले और बाद में कई समस्याएं होती हैं। मोटापे से कई बार तो समय से पहले प्रसव का खतरा और बाझपन की समस्या भी हो जाती है।

मोटापा कम करने के उपाय 


डॉ. ज्योति कहती हैं कि मोटापा कम करने के लिए संतुलित आहार लेना चाहिए। भोजन पेट भर कर नहीं बल्कि नियमित अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा भोजन करना चाहिए। ज्यादा मसालेदार और मीठे आहारों के सेवन से बचना चाहिए। मोटापा बढ़ाने में चीनी का काफी हाथ होता है। आहार में ताजे फलों और सब्जियां, अंकुरित अनाज और गर्म दूध का सेवन करना चाहिए। मक्खन, मलाई या पनीर आदि के अधिक सेवन से बचना चाहिए। सुबह उठते ही नीबू के साथ एक या दो गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए। इससे मेटाबॉलिक सिस्टम सही से काम करने में मदद मिलेगी। 24 घंटे में कम से कम 15 मिनट कोई ऐसी कसरत जरूर करनी चाहिए जिससे पसीना निकले। 


उन्होंने बताया कि नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस)-5 के अनुसार वाराणसी में मोटापे की शिकार महिलाओं की संख्या बढ़ी है। वर्ष 2015-16 में एनएफएचएस-4 की रिपोर्ट में यह जहां 18.1 थी वहीं 2020-21 में आयी एनएफएचएस-5 की रिपोर्ट में 22.6 तक पहुंच गयी है।

मंगलवार, 1 नवंबर 2022

Kashi prabuddha mahila Manch ने मनाया आंवला नवमी


Varanasi (dil india live). काशी प्रबुद्ध महिला मंच की सदस्यों ने तमसो मा ज्योतिर्गमय के अंतर्गत आंवला नवमी की पूर्व संध्या पर आंवले के जड़ में दूध चढ़ाकर रोली अक्षत पुष्प आदि से पवित्र वृक्ष की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करी और रेनू कैला ने  आंवला नवमी की कथा सुनाई। सभी ने दीप जलाकर वृक्ष की परिक्रमा की।

इस दौरान अध्यक्ष अंजली अग्रवाल ने आंवला नवमी के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान आंवला नवमी से संबंधित हाउजी कराई गई एवं सदस्यों ने गीत गाए। आयोजन में स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद शोभा कपूर द्वारा कराया गयातो कार्यक्रम में अमृता शर्मा, नूतन रंजन, डॉक्टर ममता तिवारी, चन्द्रा शर्मा, रीता अग्रवाल,  लिपिका बोस, छवि अग्रवाल ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया।

रविवार, 30 अक्टूबर 2022

Fastival: व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य दिया अर्घ्य


Ghazipur (dil india live)। सूर्य उपासना का महापर्व डाला छठ पर जनपद में गंगा तट वह गांव के सरोवर में व्रती महिलाओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। शाम लगभग 3:00 बजे से ही महिलाओं का घाटों पर जाना आरंभ हो गया। इसके साथ ही सूर्य उपासना का महापर्व डाला छठ का चिर परिचित गीत गाते” कांच ही बांस के बहंगिया,बहगीं लचकती जाय “के साथ ही महिलाओं ने गंगा घाटों पर पहुंचना आरंभ कर दिया । महापर्व का उत्साह नदियों , सरोवर ,तालाबों के किनारे देखा गया ।आज रविवार की शाम को व्रती महिलाओं ने घाटों पर पहुंचकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। पुलिस प्रशासन द्वारा घाटों के किनारे महिला कांस्टेबल तथा पुरुष कांस्टेबल की ड्यूटी लगी थी। पुलिस कांस्टेबलों द्वारा गंगा के किनारे नाव पर भी चक्रमण करते देखा गया। जिले के प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट रहें ,पेट्रोलिंग करते देखा गया। आज सुबह से ही लोगों द्वारा फल की खरीदारी के लिए बाजरो में भीड़ उमरी रही । घाटों पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी रही । घाटों पर पूजन के लिए शाम के समय नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोग अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया । 

गुरुवार, 1 सितंबर 2022

Kashi प्रबुद्ध महिला मंच ने मनाया तीजोत्सव



Varanasi (dil india live). काशी प्रबुद्ध महिला मंच की ओर से भेलूपुर स्थित होटल डायमंड में तीज एवं शिक्षक दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम में सेवानिवृत प्रिंसिपल कमलेश गुप्ता को जहां सम्मानित किया गया वहीं गणपति की अराधना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

तीज के उपलक्ष में कजरी गीत की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया। सजी धजी महिलाओं ने कैटवॉक कर विभिन्न टाइटल्स जीती व उत्सव से संबंधित हाउजी भी खेली गयी। कार्यक्रम में अध्यक्ष अंजलि अग्रवाल ने अध्यक्षता  किया। संयोजन रेनू कैला का रहा तो धन्यवाद शोभा कपूर ने दिया। रीता अग्रवाल, रीता भट्ट, ममता पंड्या, प्रिया अग्रवाल, किरण अग्रवाल, ममता जायसवाल आदि सदस्यों ने जमकर धमाल किया।

शनिवार, 27 अगस्त 2022

Shiksha mantri का महिला टीचर्स ने किया स्वागत

महिला शिक्षक संघ ने किया नई शिक्षा नीति का स्वागत 


Varanasi (dil india live). प्रदेश शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के वाराणसी दौरे के अवसर पर महिला शिक्षक संघ के वाराणसी मंडल और चंदौली इकाई के पदाधिकारियों ने औपचारिक शिष्टाचार भेंट की, महिला शिक्षक संघ ने मंत्री को आश्वस्त किया कि नई शिक्षा नीति एवं निपुण लक्ष्य के क्रियान्वन में हर संभव योगदान करने के लिए संघ तत्पर है, और प्रतिबद्ध भी, साथ ही शिक्षा मंत्री को महिला शिक्षकों की चुनौतियों और समस्याओं से अवगत कराया।

संघ का नेतृत्व मंडल अध्यक्ष सुनीता तिवारी ने किया। वाराणसी जिले की अध्यक्ष छवि अग्रवाल ने टीम का परिचय दिया और बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यों के बारे में मंत्री जी को अवगत कराया। टीम से मीडिया प्रभारी शुचिता पाण्डेय व अंकिता श्रीवास्तव महा मंत्री दीप्ती मिश्रा,व वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीति अग्निहोत्री, इरा सिंह एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहीं।

बुधवार, 17 अगस्त 2022

Upwta ने Bsa का किया स्वागत

बोले बीएसए अरविंद पाठक महिलाओं की समस्याओं को करेंगे हल
Varanasi (dil india live). उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ वाराणसी का एक प्रतिनिधि मंडल वाराणसी के नवनियुक्त बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद कुमार पाठक से मिला। इस दौरान  बीएसए का जनपद का सभी महिलाओं ने जोरदार स्वागत किया। इस मौके पर महिला शिक्षक संघ की समस्त कार्यकारिणी द्वारा बीएसए को स्मृति चिह्न भेंट किया गया एवं संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं प्रयासों से अवगत कराया गया। बीएसए ने महिलाओं की समस्याओं के समाधान में सहयोग का आश्वासन दिया। उक्त अवसर पर जिलाध्यक्ष छवि अग्रवाल, महामंत्री दीप्ति मिश्रा, संयुक्त मंत्री मनीषा प्रसाद, संगठन मंत्री अनिता शुक्ला, उपाध्यक्ष डॉ नमिता सिंह, मीडिया प्रभारी अंकिता श्रीवास्तव एवं ब्लॉक अध्यक्ष काशी विद्यापीठ कविता बसाक आदि उपस्थित थीं।

बुधवार, 3 अगस्त 2022

Pariwar niyojan:महिला नसबंदी में वाराणसी, प्रदेश में टॉप पर

जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े में हुईं 1718 महिला नसबंदी

परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने में महिलाएं आगे, बढ़ी जागरूकता


Varanasi (dil india live). परिवार को सीमित और खुशहाल रखने के लिए सरकार प्रत्येक स्तर पर प्रयास कर रही है। इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए जनपद में विश्व जनसंख्या दिवस (11 जुलाई) से शुरू हुये जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा सफलतापूर्वक चलाया गया। इस पखवाड़े में जनपद वाराणसी ने प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया है। *जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा* ने इस उपलब्धि के लिए स्वास्थ्य विभाग को सराहा और भविष्य में भी इसी तरह के प्रयास किए जाने की उम्मीद जताई।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि समस्त सरकारी चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रयास से जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा में 1718 महिला नसबंदी की गईं। इस उपलब्धि से वाराणसी ने पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया है। वहीं पिछले वर्ष पखवाड़े में 1525 महिला नसबंदी की गईं थी। इस उपलब्धि के लिए सभी ग्रामीण व शहरी सीएचएच व पीएचसी की आशा कार्यकर्ता, एएनएम सहित चिकित्साधकारियों, नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ राजेश प्रसाद, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक संतोष सिंह, सहयोगी संस्थाओं यूपीटीएसयू के वरिष्ठ जिला परिवार नियोजन विषेषज्ञ, पीएसआई इंडिया के कार्यों की सराहना की। अच्छे कार्य करने वाले ग्रामीण और नगर के चिकित्साधिकारियों एवं स्टाफ को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होने कहा कि समुदाय में परिवार नियोजन के साधनों को अपनाने में जागरूकता बढ़ी है। जनपद के सभी सार्वजनिक स्थलों पर कंडोम बॉक्स लगाने के लिए विभाग प्रयासरत है, जल्द ही इसको पूरा किया जाएगा।    

जिला कार्यक्रम प्रबन्धक (डीपीएम) संतोष सिंह ने बताया कि 11 से 31 तक जुलाई तक चलाये गए पखवाड़े के तहत चार ब्लॉक में बेहतर प्रदर्शन रहा जिसमें चोलापुर में 258, हरहुआ में 256, आदर्श ब्लॉक सेवापुरी में 211 एवं अराजीलाइन में 204 महिला नसबंदी की गयी । वहीं चिरईगांव में 171, पिंडरा में 142, काशी विद्यापीठ में 135 और बड़ागांव में 120 महिला नसबंदी की गईं। इसके साथ ही 24 शहरी पीएचसी के अंतर्गत 63, जिला महिला चिकित्सालय पर 74, एलबीएस चिकित्सालय रामनगर में एक और निजी चिकित्सालयों पर 77 महिला नसबंदी हुईं। 

इसके अतिरिक्त पखवाड़े में 28 पुरुष नसबंदी भी की गईं। इसमें सबसे अधिक शहरी पीएचसी पर नौ, सेवापुरी व हरहुआ में पाँच-पाँच, चोलापुर व काशी विद्यापीठ में तीन-तीन, बड़ागांव और पिंडरा में एक-एक पुरुष नसबंदी हुई। पिछले वर्ष पखवाड़े में 9 पुरुष नसबंदी की गईं थीं। पखवाड़े के अंतर्गत 3,104 इंटरवल आईयूसीडी, 678 पोस्टपार्टम आईयूसीडी, 41 पोस्ट अबॉरशन आईसीयूडी, 1906 अंतरा तिमाही गर्भ निरोधक इंजेक्शन, 2.34 लाख कंडोम, 25,401 छाया, 16,287 माला एन एवं 4264 आपातकालीन गर्भ निरोधक गोली की सेवाएँ दी गईं।

मंगलवार, 5 जुलाई 2022

कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने को कार्यालयों में गठित हो आंतरिक शिकायत समिति

 कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने को कार्यालयों में गठित हो आंतरिक शिकायत समिति

- 10 से अधिक कर्मचारियों वाले संगठनों/कार्यालयों में समिति न गठित होने पर नियोजक पर लग सकता है 50 हजार रुपये का जुर्माना

- 10 से कम कर्मचारियों वाले संगठनों/कार्यालयों की पीड़िता डीएम द्वारा गठित स्थानीय समिति में दर्ज करा सकती हैं शिकायत


Varanasi (dil india live) .शासकीय, अर्धशासकीय कार्यालयों, निजी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, खेलकूद संस्थानों सहित संगठित व असंगठित क्षेत्र के समस्त कार्यालयों आदि में जहाँ भी 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, चाहे वे सभी पुरूष ही क्यों न हों, वहां पर आंतरिक परिवाद समिति (इन्टरनल कम्प्लेंट्स कमेटी) का गठन करना अनिवार्य है क्योंकि ऐसे कार्यालयों में कभी भी किसी काम के लिए महिलाएं भी आ सकती हैं और उनके साथ भी कोई घटना हो सकती है। ऐसे में वह कार्यालय में गठित आंतरिक परिवाद समिति को अपनी शिकायत कर सकती हैं। ऐसा न करने वाले नियोजकों पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जा सकता है ।

महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय का कहना है कि कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिशेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 की धारा-4 के अंतर्गत ऐसे सभी संगठन या संस्थान जिनमें 10 से अधिक कर्मचारी हैं, वह आंतरिक शिकायत समिति गठित करने के लिए बाध्य हैं। इसका उद्देश्य महिलाओं को लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी मामलों में त्वरित और समुचित न्याय दिलाना है। निदेशक द्वारा बताया गया कि पीड़ित महिला कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से सम्बन्धित शिकायत आन्तरिक परिवाद समिति में दर्ज करा सकती है। समिति का गठन कार्यस्थल पर वरिष्ठ स्तर पर नियोजित महिला की अध्यक्षता में होगा, जिसमें दो सदस्य सम्बन्धित कार्यालय से एवं एक सदस्य गैर सरकारी संगठन से नियोजक द्वारा नामित किये जायेंगे। समिति के कुल सदस्यों में से आधी सदस्य महिलाएं होंगी। ऐसे कार्यस्थल जहां कार्मिकों की संख्या 10 से कम है, वहां की पीड़िता द्वारा लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी द्वारा गठित ‘स्थानीय समिति’ (लोकल कमेटी) में दर्ज करायी जा सकती है। यदि कोई नियोजक कार्यस्थल में नियमानुसार आन्तरिक समिति का गठन न किये जाने पर दोष सिद्ध ठहराया जाता है, तो नियोजक पर 50,000 रुपए तक का अर्थदण्ड लगाया जा सकता है। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर पहली दोषसिद्धि पर लगाये गये दण्ड से दोगुना दण्ड नियोजक पर लगाया जा सकता है। निदेशक का कहना है कि विभिन्न विभागों और नियोक्ताओं के साथ ही महिला कर्मचारियों को अभी अधिनियम के बारे में भली-भांति जानकारी नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें अधिनियम के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वह किसी आपात स्थिति में समिति के सामने अपनी बात रख सकें। महिला कल्याण विभाग भी समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करता रहता है किन्तु सभी के सहयोग से ही इसे सही मायने में धरातल पर उतारा जा सकता है।

लैंगिक उत्पीड़न क्या है 

महिला कल्याण विभाग की उप निदेशक अनु सिंह का कहना है कि कार्यस्थल पर महिलाओं को उनकी इच्छा के विरूद्ध छूना या छूने की कोशिश करना जो महिला के सामने असहज स्थिति पैदा करने वाली हो, उसे लैंगिक उत्पीड़न के दायरे में माना जा सकता है। शारीरिक या लैंगिक सम्बन्ध बनाने की मांग करना या उम्मीद करना भी लैंगिक उत्पीड़न है। इसके आलावा किसी महिला से कार्य स्थल पर अश्लील बातें करना, अश्लील तस्वीरें, फ़िल्में या अन्य सामग्री दिखाना भी लैंगिक उत्पीड़न के दायरे में आ सकता है। उन्होंने बताया कि जनपद के समस्त कार्यालयों में नियमानुसार गठित समिति द्वारा प्राप्त प्रकरणों की सूचना जिलाधिकारी कार्यालय को दी जानी चाहिये तथा जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से प्रत्येक जनपद द्वारा वार्षिक रूप में जनपद के विभिन्न कार्यालयों की संक्षिप्त रिपोर्ट का ब्योरा महिला कल्याण निदेशालय को भी भेजा जाना अनिवार्य है। विभाग द्वारा समस्त जनपदों को इस संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं।

घटना के 90 दिनों के भीतर की जा सकती है शिकायत 

अधिनियम के तहत लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत घटना के 90 दिनों के भीतर आंतरिक शिकायत समिति या स्थानीय शिकायत समिति में दर्ज करानी चाहिए। शिकायत लिखित रूप में की जानी चाहिए। यदि किसी कारणवश पीड़िता लिखित रूप में शिकायत करने में सक्षम नहीं है तो समिति के सदस्यों को उनकी मदद करनी चाहिए। यदि शिकायत नियोजक के विरूद्ध है तो वह भी स्थानीय समिति में दर्ज कराई जायेगी। अधिनियम के अनुसार पीडित की पहचान गोपनीय रखी जाना अनिवार्य हैl

 कौन कर सकता है शिकायत  

महिला कल्याण विभाग में कार्यरत राज्य सलाहकार नीरज मिश्रा का कहना है कि - कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिशेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के अंतर्गत जिस महिला के साथ कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न हुआ है, वह खुद शिकायत कर सकती है। पीड़िता की शारीरिक या मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह खुद शिकायत कर सके तो रिश्तेदार, मित्र, सह कर्मी, उसके विशेष शिक्षक, मनोचिकित्सक/ मनोवैज्ञानिक, संरक्षक या ऐसा कोई भी व्यक्ति जो उसकी देखभाल कर रहा हो अथवा ऐसा कोई भी व्यक्ति जो घटना के बारे में जानता है और जिसने पीड़िता की सहमति ली है या राष्ट्रीय व राज्य महिला आयोग के अधिकारी शिकायत कर सकते हैं। यदि दुर्भाग्यवश पीड़िता की मृत्यु हो चुकी है तो कोई भी व्यक्ति जिसे घटना के बारे में पूरी तरह जानकारी हो वह पीड़िता के कानूनी उत्तराधिकारी की सहमति से शिकायत दर्ज करा सकता है। कार्य स्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न की ऑनलाइन शिकायत shebox.nic.in के माध्यम से भी की जा सकती है ।

शनिवार, 16 अप्रैल 2022

अब शिखा और शालिनी अग्रवाल के हाथों में दर्पण की कमान

महिला काशी दर्पण का 12 वां पद ग्रहण समारोह मना



वाराणसी 16 अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। महिला काशी दर्पण की वर्ष " 2021 2022" की अध्यक्ष हीमा रस्तोगी की विदाई व नये सत्र 2022-2023 के लिए शिखा अग्रवाल को अध्यक्ष और शालिनी अग्रवाल को सचिव बनाये जाने का भव्य आयोजन एक होटल में किया गया।

सत्र बदलने के साथ ही नई अध्यक्ष व सचिव की टीम नई उमंग के साथ पदासीन हुई। उन्होंने अपनी नई सोच के साथ नये नये कार्यक्रम के साथ संस्था को नई ऊंचाई पर ले जाने का खाका खींचा। आयोजन के दौरान इस वर्ष पद ग्रहण समारोह पर लता मंगेशकर को श्रद्धांजली देते हुए उनके गाये गानों पर नृत्य व गायन का आयोजन कर संस्था सदस्यों द्वारा किया गया है। संस्था की संस्थापक अध्यक्ष मीनाक्षी अग्रवाल का स्वागत करते हुए वक्ताओं ने कहा कि मिनाक्षी अग्रवाल का हमेशा से यही प्रयास रहता है कि वे महिलओं की छिपी हुई प्रतिभा को बाहर निकालती है। यह मंच उन्होंने महिलओं के बेहतर सोच के साथ आगे आने के लिए बनाया है। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर होना समाजसेवा जैसे कार्यों के लिए प्रेरित किया और वह इस नेक कार्य में सफल रही।

आयोजन में संस्था की सदस्य दिव्या ने गीत पेश किया जहाँ में जाती हूँ होटो पे ऐसी बात...। लग जा गले, वो चलो, वो चली देखो प्यार की गली से सभी का दिल जीत लिया। इस मौके पर मुस्कान व वर्षा केशरी ने, मोरनी बागा में बोले स्वर... तो रूपाली ने पेश किया, अजीब दास्ता है ये...। स्वर व शिल्पी ने, तेरा मेरा प्यार अमर...व सीमा जायसयवाल ने दो घुटं मुझे भी पिला दें। हिमा ने जीया जले जा जले...प्रस्तुत कर लता मंगेशकर की याद ताजा कर दी।

सोमवार, 6 दिसंबर 2021

स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण

अग्रसेन में इलीट ने लगवायी सैनेटरी मशीन

वाराणसी 06 (dil india live)। श्री अग्रसेन कन्या पी. जी. कालेज, बुलानाला में वाराणसी इलीट लेडीज़ सर्किल 178 और वाराणसी इलीट राउंड टेबल 278 द्वारा सैनिटेरी नैप्किन वेंडिंग मशीन लगाई गई। इस दौरान लेडीज सर्किल की अध्यक्ष वेणु नागर व सचिव सुरभि मोदी ने महाविद्यालय की छात्राओ को माहवारी के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि इन दिनों में स्वच्छता का विशेष ध्यान दिया जाता है, और स्वच्छता स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। क्लब द्वारा वेन्डिग मशीन के साथ-साथ 1000 सैनेटरी नैपकिन भी प्रदान की गई। 

इस अवसर पर श्री अग्रसेन कन्या पी. जी. कालेज  की डॉ. सुमन मिश्रा, डॉ. विनीता, डॉ. मीना अग्रवाल और लेडीज़ सर्कल की  स्नेहा लखवानी , ज्योति माहेश्वरी , श्वेता पाठक, अनुश्री अग्रवाल एवं राउंड टेबल के अमित मोदी,  रजत अग्रवाल, अंशुमन अग्रवाल उपस्थिति रहे।



बुधवार, 1 दिसंबर 2021

एचआईवी नहीं रहा अब मातृत्व के लिए अभिशापएड्सदिवस


तीन वर्ष में 50 संक्रमित महिलाओं ने दिया स्वस्थ बच्चों को जन्म


गर्भवती का समय पर हो उपचार तो संक्रमण से बच सकता है गर्भस्थ शिशु


इस वर्ष की थीम है “असमानताओं को समाप्त करें, एड्स समाप्त करें”

वाराणसी01दिसंबर(dil india live)। विमला (परिवर्तित नाम) जब पहली बार गर्भवती हुई तो उन्होने अस्पताल में प्रसव पूर्व जांच के दौरान खून की जांच करायी तो उन्हें एचआईवी पॉजीटिव होने का पता लगा। डाक्टर ने जब इस बारे में उसे बताया तो ऐसा लगा कि उसपर जैसे वज्रपात हो गया हो। लगा जैसे मां बनने की सारी खुशियां किसी ने पलभर में छीन ली हों। पेट में पल रहे दो माह के बच्चे, लम्बी जिंदगी के साथ ही घर-गृहस्थी और समाज की चिंता भी उसे सताने लगी। तब उसके हौसले और एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट (एआरटी) सेंटर से मिले चिकित्सीय सलाह ने उसे एक नई जिंदगी दी। समय से शुरू हुए उपचार का नतीजा रहा कि एचआइवी पाजीटिव होते हुए भी उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। अब वह एक खुशहाल जिंदगी जी रही है। यह कहानी सिर्फ विमला की ही नहीं है पंडित दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय स्थित एआरटी सेंटर में उपचार कराकर एचआईवी संक्रमित 50 महिलाएं तीन वर्ष के भीतर स्वस्थ बच्चों को जन्म दे चुकी हैं।

प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला एचआईवी/एड्स अधिकारी डॉ राहुल सिंह ने बताया कि हर साल एक दिसंबर को एचआईवी/एड्स के प्रति समुदाय में जागरूकता बढ़ाने व मिथ्य व भ्रांतियों को तोड़ने के लिए विश्व एचआईवी/एड्स मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम “असमानताओं को समाप्त करें, एड्स समाप्त करें” निर्धारित की गयी है। 

डॉ राहुल सिंह बताते हैं कि आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों ने मां के एचआईवी संक्रमण से उसके गर्भ में पल रहे बच्चे का बचाव करना मुमकिन कर दिया है। बशर्ते गर्भवती के बारे में समय रहते यह पता चल जाए कि वह एचआईवी संक्रमित है, इसलिए सुरक्षित मातृत्व का सुख प्राप्त करने के लिए गर्भवती को अपना एचआईवी जांच जरूर करवा लेना चाहिए। गर्भधारण के तीसरे-चौथे महीने के बाद संक्रमण का पता चलने पर बच्चे को खतरा अधिक होता है, इसलिए एचआईवी संक्रमित गर्भवती का जितनी जल्द उपचार शुरू हो जाता है उतना ही उसके बच्चे को खतरा कम होता है। 

150 संक्रमित महिलाओं ने दिया स्वस्थ बच्चों को जन्म 

एआरटी सेंटर की वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीति अग्रवाल ने बताया कि प. दीनदयाल राजकीय चिकित्सालय स्थित एआरटी सेंटर उपचार करा रही एचआईवी संक्रमित 50 महिलाओं ने तीन वर्ष के भीतर स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है। एआरटी सेंटर की वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डा. प्रीति अग्रवाल बताती है कि वर्ष  2019 में 18,  2020 में 12 और 2021 में अक्टूबर माह तक 20 एचआईवी संक्रमित गर्भवती ने स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया है। एआरटी सेंटर में दावा लेने आई सुनीता (35 वर्ष) ने बताया कि चार वर्ष पूर्व हुई शादी के कुछ माह बाद ही पता चला था कि पति के साथ ही वह भी एचआईवी पॉजीटिव है। तब माँ बनने के सपने पर ग्रहण लगता नजर आया था पर एआरटी सेंटर की सलाह व उपचार से आज वह दो वर्ष के बेटी की माँ है। 

उपचार के साथ ही सलाह भी 

एआरटी सेंटर में एचआइवी संक्रमित गर्भवती का विशेष ख्याल रखा जाता है। साथ ही उसे दवा खाने के लिए विशेष रूप से निर्देश दियजाता है। इससे गर्भस्थ शिशु पर बीमारी का असर नहीं पड़ता है। समय पूरा होने पर एचआइवी संक्रमित गर्भवती को सुरक्षित प्रसव के लिए महिला अस्पताल रेफर किया जाता है। 

क्या है एचआईवी वायरस डॉ प्रीति अग्रवाल ने बताया कि एचआईवी का वायरस मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर करता है, जिसका समय से उपचार न करने पर उसे अनेक बीमारियां घेर लेती हैं। इस स्थिति को एड्स कहते हैं। उपचार से वायरस को पूरी तरह खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन रोककर रखा जा सकता है। अच्छे खानपान और उपचार से मनुष्य की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। इसलिए मरीज रोग को छिपाए न, समय पर और नियमित उपचार करे तो वह अपनी सामान्य आयु पूरी कर सकता है

एचआईवी पॉजीटिव होने के कुछ प्रमुख लक्षण     

- लगातार वजन का घटना        


- लगातार दस्त होना        


- लगातार बुखार होना        


- शरीर पर खाज, खुजली, त्वचा में संक्रमण होना       


- मुंह में छाले, जीभ पर फफूंदी आना

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...