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रविवार, 10 नवंबर 2024

Breaking news : 29 को मुर्री बंद, नहीं होगा कारोबार

bunkar अदा करेंगे ईदगाह में अगहनी जुमे की नमाज 


Varanasi (dil India live)। मोहल्ला काजीसादुल्लापुरा स्थित  बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के पूर्व सरदार स्व. हाजी अब्दुल कलाम के आवास पर सालाना होने वाली अगहनी जुमें की नामाज की तैयारी को लेकर बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी  के सरदार हाजी मोईनुद्दीन की अध्यक्षता में पुरे काबीना के सदस्यों के साथ एक बैठक हुई।  बैठक के बाद बाईसी तंजीम के सरदार हाजी मोइनुद्दीन ने कहा कि सदियो पुरानी अगहनी जुमे की नमाज की जो परम्परा है उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए आज कबीना के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से तय किया है कि इस साल अगहनी जुमे की नमाज़  29 नवंबर को पुरानापुल  की पुलकोहना ईदगाह में अदा की जायेगी।

परंपरा के अनुसार अगहनी जुमे की नमाज के बाद दुआख्वानी की जायेगी जिसमें मुल्क की तरक्की, आपस में भाईचारगी और रोज़ी रोटी में बरकत के लिए रब की बारगाह में हजारों लोग हाथ उठाएंगे। इस मौके पर सरदार साहब ने सभी बुनकर भाइयो से अपील की कि अगहनी जुमे की नमाज में सभी बुनकर अपना अपना कारोबार (मुर्री) बन्द कर नमाज अदा कर दुआखानी में शामिल हो।

इस बैठक में हाजी बाबू, गुलाम मो. उर्फ दरोगा, अफरोज अंसारी, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, हाजी यासीन, गुलशन अली पार्षद, मौलाना ज़हीर अहमद, हाफिज हाजी नसीर, हाजी महबूब अली, बाबू लाल किंग, हाजी तुफैल, हाजी इश्तियाक, मौलाना शकील अहमद, हाजी गुलाब, हाजी मतीउल्लाह, हाजी मोइनुद्दीन छोटक, मो. हारून, मो. अहमद,  हाजी मो. स्वालेह, हाजी मुमताज, हाजी नईम, हाजी इमरान, हाजी जावेद, हाजी मुस्ताक, हाफिज अलीम, शमीम अंसारी, हाफिज अब्दुल रहमान, हाजी रमजान सहित बुनकर केबिनेट के सभी सदस्य मौजूद थे।

शुक्रवार, 8 दिसंबर 2023

Aghani Juma2023 : कारोबार में बरकत व देश की खुशहाली के लिए दुआ में उठें हजारों हाथ

या अल्लाह हमारे मुल्क को खुशियों का गहवारा बना दे... आमीन

मुर्री बंद कर अगहनी जुमे की नमाज में उमड़ा अकीदतमंदों का हुजूम जनसैलाब 







Varanasi (dil India live). 08.12.2023. या अल्लाह हमारे मुल्क में खुशियां दे दे..., हमारे कारोबार में बरकत दे, हम गुनहगार है हमारी गुनाहों को माफ कर दे...। यह दुआएं अगहनी जुमे की ऐतिहासिक नमाज के दौरान फिज़ा में गूंजी तो नमाज में उमड़े अकीदतमंदों के हुजूम के लब से एक साथ आमीन...की सदाएं बुलंद हो उठी। इस दौरान कारोबार में बरकत व देश की खुशहाली के लिए दुआ में हजारों हाथ उठें।मौका था अगहन महीने के दूसरे शुक्रवार को आयोजित अगहनी जुमे की ऐतिहासिक नमाज का। 

बुनकर बिरादराना तंज़ीम बावनी, बाईसी समेत तमाम बुनकर बिरादराना तंजीमों के ऐलान पर बाइसी के सरदार हाजी मोइनुद्दीन उर्फ कल्लू हाफीज व सरदार इकरामुद्दीन की सदारत में सदियों पुरानी पारंपरिक अगहनी जुमे की नमाज चौकाघाट ईदगाह व पुराना पुल स्थित ईदगाह पुलकोहना में अदा की गयी। इस मौके पर सरदार हाजी मोइनुद्दीन उर्फ कल्लू  ने बताया की अगहन के इस पवित्र महीने में पूरा बुनकर समाज अगहनी जुमे की नमाज हर साल ईदगाह में अदा करता है ये सिलसिला लगभग 460 साल पहले से चला आ रहा है। उस वक़्त देश के हालात ठीक नहीं थे किसान और बुनकर दोनो समाज के लोग परेशान और बदहाल थे बारिश न होने की वजह से खेती नही हो रही थी। देश में आकाल पड़ा था तब बुनकरों के कारोबार नही चल रहें थे, ऐसे में बुनकर  समाज के लोगो ने अपना कारोबार बंद कर ईदगाह में इकठ्ठा होकर अगहन के महीने में ईदगाह में नमाज़ अदा किया अल्लाह की बारगाह में हाथ फैला कर दुआ की और अल्लाह का करम हुआ और खूब जम कर बारिश हुयी। किसानों में खुशी की लहर दौड़ गयी और उसके साथ साथ बुनकरों के कारोबार में भी तेजी आई। तभी से इस परंपरा को बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी निभा रही है। बनारस की दूसरी तंज़ीम बुनकर बिरादराना तनजी बावनी के सद्र हाजी मुख़्तार महतो साहब के लड़के फैसल महतो ने बताया की ये अगहनी जुमा की नमाज़ गंगा जमुनी तहजीब की एक जीता जागता सुबूत है।  सदियो पहले जब मुल्क के हालात ख़राब थे सभी वर्ग के लोग परेशान और बदहाल थे तब उस बदहाली और परेशानी को दूर करने के लिए बुनकर समाज के लोग अपने अपने मुर्री बंद कर ईदगाह में नमाज़ अदा कर दुआए की और उस दुआ का असर हुआ चारो तरफ खुशाली आई।  बुनकर बिरादराना तंजीम बारहों के सरदार हाशिम अंसारी ने कहा की हमारे बुनकर समाज ने हमेशा गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश की है। बुनाई के पेशे में हिंदू भाई और मुस्लिम भाई एक साथ मिल कर काम करते है और अगहनी जुमे में भी यही पैगाम देते है। आज के दिन हमारे किसानो द्वारा उगाई गयी गन्ने को जिसकी दुकान हमारे हिन्दू भाई लगाते है उन तमाम दुकानों से मुसलमान अगहनी जुमे की नमाज़ अदा कर दुकानों से गन्ना खरीद कर अपने अपने घर ले जाते है। यही हमारा हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब है। इस दौरान तक़रीर मौलाना जाहिर ने की । तक़रीर में मौलाना साहब ने सभी से मिल्लत और भाई चारगि बनाने की अपील की और कहा की सभी लोग आपस में मोहब्बत रखिये। मोहब्बत एक ऐसी चीज है जो सभी को एक धागे में पिरो कर एक साथ ले कर चलती है। आज हम सबको इसी की जरुरत है। आज अगहनी जुमे की नमाज़ मौलाना मुफ्ती अबु कासिम शैखुल हदीस मोहतमिम दारूल उलूम देवबंद ने पढाई। नमाज़ के बाद दुआखानी कर मौलाना ने मुल्क की तरक्की आपस में भाईचारगी बानी रहे इसके लिए दुआएं मांगी।  जुमा की नमाज में बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी,बावनी, चौतीसो, बारहों, पांचों की तंजीम के काबिना के लोग शामिल हुए। पुराना पुल ईदगाह में अगहनी जुमे की नमाज में आए सभी लोगों का इस्तकबाल पार्षद हाजी ओकास अंसारी ने किया। अजान मौलाना शाद ने दिया। अगहनी जूम की नमाज में मौजूद पूर्व सरदार गुलाम मोहम्मद उर्फ दरोगा, हैदर महतो, हाशिम सरदार, हाजी बाबू, हाजी तुफैल, अफरोज अंसारी, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, मौलाना शकील, पाचों तंजीम के सरदार अतिकुल्ला, सरदार मो. असलम चौदहो तंजीम, हाफिज नसीर, बाबूलाल किंग, हाजी इश्तियाक, पार्षद गुलशन अली, पार्षद बेलाल अंसारी, पार्षद डा. इम्तियाजुद्दीन, हाजी स्वालेह, शमीम अंसारी, मो0.. अहमद, हाजी महबूब अली, सरदार नसीर, हाजी मतिउल्ला, हाजी मुमताज, मो. हारून, हाजी मोइनुद्दीन, हाजी बाबूलाल किंग,  वाजीहुद्दीन, हाजी शमसुद्दीन, हाजी नईम, आदि लोग मोजूद थे। सफाई व्यवस्था क्षेत्रीय पार्षद जितेंद्र कुशवाहा ने कराया।

चौकाघाट में मौलाना अल्ताफुर्रहमान ने की इमामत 

बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के सदर सरदार इकरामुद्दीन (रसूलपुरा) के आह्वान पर 8 दिसम्बर को अगहनी जुमा की नमाज़ चौकाघाट स्थित ईदगाह में भी सैकड़ों बुनकरों ने अपना कारोबार बंद कर मौलाना अल्ताफुर्रहमान की इमामत में अगहनी जुमा की नमाज़ सौहार्दपूर्ण वातावरण में अदा की। यह नमाज़ सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा के अनुसार प्रत्येक वर्ष अगहन मास में अदा की जाती है, और कारोबार में बरकत मुल्क में अमन व सलामती के लिए दुआ की जाती है। इस दौरान सरदार साहब ने प्रशासन के लोगों को सहयोग के लिए आभार प्रकट किया। 

इस मौके पर नमाज के बाद तमाम नमाज़ी किसानों से गन्ना खरीद कर अपने घरों को खुशी खुशी लौटते दिखाई दिए। अगहनी जुमा में सरदार इकरामुद्दीन, अब्दुल्ला अंसारी, जैनूल होदा अंसारी, जलीस अंसारी, वकार अंसारी, गुलाम मुनीर अंसारी, आफताब आलम अंसारी, नूरुल हसन अंसारी, मुन्ना अंसारी, मोहम्मद अली नक्शेबंद, यासीन फरीदी, सुलेमान अख्तर, मुस्लिम जावेद अख्तर, ज़हीर अहमद, बेलाल अहमद, हाजी अनवारूल हक, हाजी नजमूल हसन, शहंशाह, बाबू तार, अबू बकर, हाजी सरदार अमीनूद्दीन, हफीज़ अहमद, सरदार नसरुद्दीन आदि उपस्थित थे। 

गुरुवार, 7 दिसंबर 2023

मुर्री बंद रखेंगे बुनकर, अदा की जाएगी अगहनी जुमे की नमाज


Varanasi (dil India live).07.12.2023. बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी (बावन मुहल्ला) पंचायत की ओर से जुमे को मुर्री बंद का ऐलान किया गया है। इस दौरान करघे बंद रहेंगे और बुनकर अपना कारोबार ठप रखेंगे। यही नहीं बावनी के महतो हाजी मुख्तार ने मुल्क की खुशहाली और अमन-चैन के लिए दुआ के लिए आयोजित होने वाली ऐतिहासिक अगहनी जुमे की नमाज 8 दिसम्बर को अदा किए जाने का भी ऐलान किया। इस जुमे की मुख्य नमाज पारम्पारिक रूप से लगभग 450 सालों से पुराना पुल, पुल कोहना स्थित ईदगाह व चौकाघाट में अदा की जाती है। बनारस के बुनकरों द्वारा अगहनी जुमे पर नमाज और मुर्री बंद की यह रवायत लगभग साढ़े चार सौ साल पुरानी है। बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो ने बताया कि यह नमाज पूरी दुनिया में सिर्फ बनारस में ही पढ़ी जाती है। वो इतिहास बताते हैं कि लगभग साढ़े चार सौ साल पहले देश मे भयंकर अकाल पड़ा था, बारिश ना होने से हाहाकार मचा हुआ था, जिसकी वजह से बेहाल किसान खेती नही कर पा रहे थे। खेती ना होने के कारण बाजार में जबरदस्त मंदी आ गयी और उसकी चपेट में बुनकर भी आ गए। ना किसान खेती कर पा रहा था और ना ही बुनकरों के कपड़े बिक रहे थे। हर ओर भुखमरी का आलम था । बुनकरों ने इस हालात को ठीक करने के लिए अल्लाह से दुआ मांगने के लिए अगहन महीने के जुमे के दिन ईदगाह में इकट्ठे हुए और बारिश के लिए दुआएं मांगी। अल्लाह के रहमो करम पर खूब बारिश हुई, किसानों और बुनकर दोनों के कारोबार चलने लगे तो मुल्क में फिर से खुशहाली छा गई। तब से यह परम्परा हर साल अगहन के जुमे के दिन बनारस के बुनकर बिरादरी की तरफ से मुर्री बंद कर निभाई जाती है।

एक बजे अदा की जाएगी अगहनी जुमे की नमाज

बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो ने बताया की जुमे की नमाज दोपहर 1 बजे पुराना पुल  स्थित पुल कोहना ईदगाह में अदा की जाएगी। 

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