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मंगलवार, 26 सितंबर 2023

Jain Dharam: पर्युषण पर्व के आंठवे दिन मना "उत्तम त्याग धर्म"

जैन मंदिर में ''निपाह'' वायरस रोकथाम को हुआ शांतिधारा


Varanasi (dil India live). 26.09.2023. श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे पर्युषण महापर्व पर मंगलवार को प्रातः सभी जैन मंदिरो में सभी तपस्वीयों के तप की अनुमोदना की गई। जैन मन्दिरो में रत्नत्रय व्रत पूजन, भगवंतो की पूजा, अंरहतो की पूजा व अभिषेक किया गया। क्षमावाणी महामंडल विधान में भक्ति संगीत के साथ मंत्रोच्चारण के साथ श्रावक-श्राविकाए तल्लीन रहे। ग्वाल दास लेन स्थित मन्दिर में निपाह वायरस की जल्द रोक थाम के लिए व श्रृदधी-सिद्धी-वृद्धि प्रदायक, रोग-शोक-बाधा निवारक, सुख-समृद्धि प्रदायक विशेष पूजन मंत्रोच्चारण के साथ की गई। चन्द्रपुरी स्थित भगवान चन्द्र प्रभु के जन्म कल्याणक भूमि पर सविधी पूजन अर्चन किया गया। ग्वाल दास लेन व भेलूपुर स्थित जैन औषधालय में निशुल्क दवाईया, टीका, ब्लडप्रेशर व सुगर की जांच की गई, पक्षियो को दाना एवं पानी दिया गया। सायंकाल भेलूपुर स्थित मन्दिर में अष्टम अध्याय "उत्तम त्याग धर्म" पर व्याख्यान देते हुए प्रो: फूल चन्द्र प्रेमी ने कंहा कि आत्म शान्ती के लिए त्याग की आवश्यकता है। यदि मेघा पानी, पेड़-पौधे फल-फूल और प्राण वायु का त्याग ना करे। गाय दूध, पृथ्वी खनिज आदि का त्याग ना करें तो प्राणी का धरती पर रहना संभव नही है। 

खोजंवा स्थित जैन मंदिर मे डां मुन्नी पुष्पा जैन ने कहा कि त्याग एक महान धर्म है। प्रो: अशोक जैन ने कहां जैन धर्म में बताये गये चारो दानो को-औषधी, (शास्त्र)  विद्या, अभय-खुद जीयो और दूसरो को भी जीने दो। आहार दान-साधु-सन्तो को आहार कराना, जरूरतमंदो को अन्न दान करना। ग्वाल दास लेन स्थित मन्दिर में पं. सुरेंद्र शास्त्री ने कंहा कि त्याग धर्म शब्द-त्यज धातु से बना है जिसका अर्थ है छोड़ना, परित्याग करना, मुक्त करना, दान करना। सायंकाल मंत्रो का जाप, भगवंतो की आरती की गई। प्रमुख रूप से अध्यक्ष दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, प्रधान मंत्री अरूण जैन, तरूण जैन, वीरेंद्र जैन, मनोज पोद्दार, मंजू जैन, शोभारानी जैन उपस्थित थी।

गुरुवार, 21 सितंबर 2023

Jain mandir's में डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया रोक थाम के लिए विशेष पूजन

मंदिरों में मना दशलक्षण पर्व का "उत्तम आर्जव धर्म" 




Varanasi (dil India live). 21.09.2023. पर्युषण पर्व के तीसरे दिन गुरुवार को भी जैन मन्दिरो में प्रातः से विविध धार्मिक कृत्य प्रारंभ हुए. मंत्रोच्चारण के साथ सभी जैन मंदिरो में तीर्थंकरो का जलाभिषेक किया गया. भदैनी स्थित भगवान सुपार्श्वनाथ का जन्म स्थली एवं अन्य जैन मंदिरों में भगवान सुपार्श्वनाथ के गर्भ कल्याणक की विशेष पूजा व्रत के साथ एवं आर्जव धर्म की पूजा की गई. ग्वाल दास साहू लेन स्थित जैन मन्दिर में प्रदेश में तेजी से फैल रही बीमारी स्क्रब टायफस, डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया के जल्द रोक थाम के लिए विशेष पूजा एवं शान्ती धारा की गई व जैन औषधालयों से दवा वितरित की गई.

श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में चल रहे अनेक धार्मिक आयोजनो में भगवान पार्श्वनाथ जन्म स्थली भेलूपुर मे विधानाचार्य प्रो: अशोक जैन के निर्देशन में क्षमावाणी विधान बहुत ही भक्ति भाव के साथ किए जा रहे है. ग्वाल दास साहू लेन स्थित मन्दिर में भी क्षमावाणी विधान के माणने पर तीर्थंकर को सिंहासन पर विराजमान कर श्री फल, पुष्प अर्पित कर अर्ध्य चढाये जा रहे है. प्रातः से सारनाथ, चन्द्रपुरी, नरिया, भदैनी, मैदागिन, खोजंवा, हाथीबाजार स्थित मन्दिरो मे भी विविध धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे है.

सायंकाल भेलूपुर स्थित तीर्थ क्षेत्र पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक भूमि पर 10 धर्मो के तृतीय अध्याय "उत्तम आर्जव धर्म " पर व्याख्यान देते हुए प्रो: फूल चन्द जैन प्रेमी ने कंहा कि मायाचारी (कुटिलता) को छोड़कर निर्मल ह्रदय होना, स्वभाव में सरलता होना ही आर्जव धर्म है. मायाचारी पुण्य को नष्ट करती है, पाप को बढाती है, सत्य को निरस्त करती है. खोजंवा स्थित अजित नाथ जैन मन्दिर में प्रवचन करते हुए डां मुन्नी पुष्पा जैन ने कंहा- आर्जव का अर्थ है- श्रृजुता,सीधापन, सुगमता, सरलता, स्पष्टवादिता, ईमानदारी। कुटिलता का अभाव ही आर्जव धर्म है। ग्वाल दास साहू लेन स्थित जैन मन्दिर में शास्त्र प्रवचन करते हुए पं सुरेंद्र शास्त्री ने कंहा- माया की छाया जिसकी काया पर पड जाए, उसके जीवन का सफाया हो जाता है, याद रखना जिसे किसी ने नहीं देखा, उसे उसे आपने स्वयं ने देखा है, आपने किया कपट औरो को नही स्वयं को ही छला है. उन्होंने कहां कि जीवन के प्रसन्नता के रथ पर सवार हो, खुशियो का दामन ना छोड़े, इसके लिए दशलक्षण का तीसरा कदम उत्तम आर्जव धर्म अपनाना अत्यंत आवश्यक है. सायंकाल शास्त्र प्रवचन, जिनवाणी पूजन, देवो की आरती व भजन किए गये. आयोजन में प्रमुख रूप से सभापति दीपक जैन, उपाध्यक्ष राजेश जैन, संजय जैन, आर सी जैन, प्रधानमन्त्री अरूण जैन, समाज मन्त्री तरूण जैन, रत्नेश जैन, विनोद जैन, विजय जैन, सौरभ जैन उपस्थित थे.

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...