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गुरुवार, 30 जनवरी 2025

Imam Hussain की जयंती 2 फरवरी को, १३ को मनाया जाएगा शबे बरात

मस्जिदों और कब्रिस्तानों में तेज होगी तैयारियां 

  • Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने बताया कि नबी के नवासे इमाम हुसैन की जयंती इस बार 2 फरवरी को और शबे बरात 13 को मनाया जाएगा। गुरुवार ३० जनवरी को इस्लामी कैलेंडर के 8 वे महीने शाबान का चांद देखा गया और देश के अन्य शहरों के साथ बनारस में भी इसकी तस्दीक हुई।

३१ जनवरी जुमा के दिन शाबान की पहली तारीख होगी। इस हिसाब से शाबान की १४ तारीख गुरुवार जुमेरात यानी १३ फरवरी को शबे बारात पूरे अकीदत के साथ मनाई जाएगी। २ फरवरी और तीन फरवरी को क्रमशः शहीद ए करबला इमाम हुसैन और हजरत अब्बास की जयंती मनाई जाएगी। महफिलों का सिलसिला शनिवार १ फरवरी से ही शुरू हो जाएगा। फरमान हैदर ने बताया कि इमाम हुसैन का जन्म १४४२ साल पहले ३ शाबान सन ४ हिजरी को मदीने में हुआ था। आप प्यारे नबी हजरत मोहम्मद (से.) के छोटे नवासे हैं।

शुक्रवार, 18 मार्च 2022

पीएम मोदी के बनारस का ये है हाल

सीवर जाम से होली खेलने वाले हुए परेशान, शबे बरात पर यहीं से गुजरेंगे आज जायरीन



वाराणसी १८ मार्च (दिल इंडिया लाइव)। होली और शबे बरात के बावजूद काली महाल, फाटक शेख़ सलीम, हंकार टोला औरंगाबाद मार्ग पर सीवर जाम होने से लोगों को भारी दुश्वारियां उठानी पड़ रही है। आलम यह है कि आज जहां हिंदू भाइयों ने इसी रास्ते से होकर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में होली खेली वही मुस्लिम शबे बरात पर इन्हीं रास्तों से फातेहा वह जियारत करने जाएंगे। होली और शबे बरात पर नगर निगम की तैयारी कितनी सतह पर थी, इसे कोई भी आसानी से समझ सकता है।

शनिवार, 5 मार्च 2022

शबे बरात 17 मार्च को

मोमिनीन अदा करेंगे खास नमाज़

वाराणसी (दिल इंडिया लाइव) शबे बरात की अज़ीम रात १७ मार्च को है, इस बाबरकत रात रब के सभी नेक बंदे अपने पाक परवर दीगार की इबादत में मशगुल रहेंगे सारी रात मोमिनीन खास नमाज़ अदा करेंगे शबे बरात पर अपनों व बुजुर्गो की क्रबगाह पर अज़ीज चिरागा करते हैं, घरों में रोशनी की जाती है। इस दौरान घरों में शिरनी की फातेहा होती हैं

घरो में लौटती है पुरखों की रूह 

शबे बरात से ही रुहानी साल शुरू होता है। इस रात रब फरिश्तों की डय़ूटी लगाता है। लोगों के नामे आमाल लिखे जाते हैं। किसे क्या मिलेगाकिसकी जिंदगी खत्म होगीकिसके लिये साल कैसा होगापूरे साल किसकी जिन्दगी में क्या उतार-चढ़ाव आयेगा। ये इसी रात लिखा जाता है साथ ही पुरखों की रूह अपने घरों में लौटती है जिसके चलते लोग घरों को पाक साफ व रौशन रखते हैं।
मर्द ही नही घरों में ख्वातीन भी शबे बरात की रात इबादत करती हैं। इबादत में छोटे-छोटे बच्चे भी शामिल होते हैं सुबह से शाम तक घरों में ख्वातीन हलवा व शिरनी बनाने में जुटती हैं। शाम में वो भी इबादत में मशगूल हो जाती हैंशबे बरात पर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में पिछली बार चहल-पहल नही दिखाई दी थी वजह लाक डाउन जो था मगर इस बार हालात सुधरे हुए हैं  
 

लाकडाउन में नही हुआ था चिरागा  

पिछ्ली बार लाकडाउन था उस साल न तो मज़ारों पर चिरागा हुआ था और न ही रमज़ान और ईद कि नमाज़े ही अदा की जा सकी थी, मगर बुज़ुर्गो के नाम पर घर में ही शबे बरात पर शमां जलाया गया था और फातेहा पढ़ कर उनकी मगफिरत की दुआएं मांगी गई थीऔर उन पर सवाब पहुंचाया गया था

बनारस में यहाँ लगाई जाती है हाज़िरी

बनारस शहर के प्रमुख कब्रिस्तान टकटकपुरहुकुलगंज, भवनिया कब्रिस्तान गौरीगंजबहादर शहीद कब्रिस्तान रविन्द्रपुरीबजरडीहा का सोनबरसा कब्रिस्तानजक्खा कब्रिस्तानसोनपटिया कब्रिस्तानबेनियाबाग स्थित रहीमशाहदरगाहे फातमानचौकाघाटरेवड़ीतालाबसरैयाजलालीपुराराजघाट समेत बड़ी बाजारपीलीकोठीपठानीटोलापिपलानी कटराबादशाहबागफुलवरियालोहताबड़ागांवरामनगर आदि इलाक़ों की कब्रिस्तानों और दरगाहों में लोग हर साल पहुच कर शमां रौशन करते हैं, फातेहा पढ़कर अज़ीज़ों की बक्शीश के लिए दुआएं मगफिरत मांगते हैं 

Kazi-E-Hindustan करेंगे Barely में वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ बैठक

देश भर के उलेमा से किया जाएगा वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा-काजी-ए-हिंदुस्तान बुजुर्गों ने कीमती जायदाद अल्लाह की राह में कौम की बेहतरी के लिए...