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बुधवार, 22 मार्च 2023

Rahul Gandhi को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाना है: हाजी वकास अंसारी





Varanasi (dil india live). उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व UP प्रभारी प्रियंका गांधी के निर्देश पर पूरे उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा " आप की पार्टी आप के गांव " कार्यक्रम दि010 मार्च से चलाया जा रहा है जिसका समापन आज किया गया। यह कार्यक्रम अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पार्षद हाजी ओकास अंसारी के नेतृत्व में चलाया गया। इस मैके पर हाजी ओकास अंसारी ने कहा कि प्रियंका गांधी जी के निर्देश एवं चेयरमैन शाहनवाज आलम साहब के आह्वाहन पर पूरे UP में अल्पसंख्यक कांग्रेस के पदाधिकारी गांव गांव मुहल्ले मुहल्ले जाकर प्रियंका गांधी जी के संदेश को पहुंचाया। मैं वाराणसी में कांग्रेसजनो के साथ के कई वार्डो में पिछले 10 दिन से डोर टू डोर जा कर प्रियंका गांधी जी के संदेश को लोगो तक पहुंचाया और जनता ने इसका रिस्पांस बहुत अच्छा दिया। आने वाले 2024 के चुनाव में जनता ने पूरा मन बना लिया है कि इस बार देश के विकास के लिए कांग्रेस पार्टी की सरकार बनानी है और राहुल गांधी जी को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाना है। ताकि देश का असल विकास हो सके। कार्यक्रम के अंतिम दिन कमलगडहा वार्ड में महानगर कांग्रेस के उपाध्यक्ष अफरोज अंसारी और पार्षद बेलाल अंसारी के साथ सैकड़ों घरों में जा कर डोर टू डोर जनसंपर्क कर प्रियंका गांधी जी के संदेश को बाटा गया।

मंगलवार, 21 फ़रवरी 2023

Ajay rai को फर्जी मुकदमे में फंसाने का congress ने लगाया आरोप

Ajay rai पर से मुकदमा हटाने की मांग, राज्यपाल को लिखा कांग्रेस ने पत्र



Varanasi (dil india live). उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रांतीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजय राय ने मीडिया के द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए पिछले दिनों आरोप लगाया था कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लोकसभा सदस्य राहुल गांधी के विमान को वाराणसी एयरपोर्ट पर सरकार के इशारे पर नहीं उतरने दिया गया। कांग्रेस के इस आरोप पर स्थानीय प्रशासन ने अजय राय पर फूलपुर थाने में मानहानि का मुकदमा दर्ज करा दिया था। कांग्रेस ने इसे फर्जी मुकदमे कि संज्ञा देते हुए तत्काल मुकदमा वापस लेने कि प्रदेश की राज्यपाल से मांग की है।

वाराणसी कांग्रेसजनों का एक प्रतिनिधिमंडल आज राइफल क्लब में अजय राय पर से मुकदमा वापस लेने की मांग को लेकर जिलाधिकारी वाराणसी एस राज लिंगम से मिला और जिलाधिकारी को महामहिम राज्यपाल को प्रेषित पत्र सौंपा।

प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष राजेश्वर पटेल, महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे, कांग्रेस पार्षद दल के नेता सीताराम केशरी, कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, प्रजा नाथ शर्मा, पार्षद विनय शादेजा, विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट, पीसीसी राजीव राम, युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव चंचल शर्मा, दुर्गा गुप्ता, विधि विभाग के जिलाध्यक्ष लोकेश सिंह एडवोकेट, पंकज चौबे, रोहित डूबे, किशन यादव, राज जायसवाल आदि कांग्रेसजन मौजूद रहे।

इस दौरान कहा गया कि उक्त एयरपोर्ट बनाने के लिए अजय राय ने जितनी मेहनत की वह जगजाहिर है। किसानों की जमीन किस तरह से उन्होंने एयरपोर्ट के लिए अधिकृत कराई। किसान किसी भी स्थिति में अपनी जमीन देने को तैयार नहीं थे लेकिन अजय राय ने किसानों से विनती करके किसानों का हाथ पैर जोड़कर उस जमीन को एयरपोर्ट के लिए दिलवाई। कांग्रेस की ही देन है वाराणसी से इंटरनेशनल फ्लाइट भी चलने लगी और वही कांग्रेस के लोगों के ऊपर आज प्रशासन अपना चाबुक चला रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

सोमवार, 19 दिसंबर 2022

Varanasi 22 को पहुंचेगी bharat जोड़ो यात्रा, ऐतिहासिक होने का congress कर रही दावा





Varanasi (dil india live). वाराणसी महानगर कांग्रेस के उपाध्यक्ष (प्रशासनिक) फसाहत हुसैन बाबू, उत्तर प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन, पार्षद विनय कुमार शादेजा, कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट ने जारी एक संयुक्त विज्ञप्ति में कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा के समर्थन में उत्तर प्रदेश के सभी प्रांतीय अध्यक्षों के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा कि सफलता से सत्ता पक्ष के लोग घबरा गए हैं।

उक्त नेताओं ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा पूर्व मंत्री, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रयागराज जोन के प्रांतीय अध्यक्ष, अजय राय के नेतृत्व में 22  दिसंबर को वाराणसी में सारनाथ से लगभग 22 किलोमीटर तक लम्बी यात्रा निकलने वाली ऐतिहासिक होगी। इस यात्रा का मकसद अन्याय के खिलाफ लड़ाई, भेदभाव के खिलाफ खड़े होना है और उनके खिलाफ एकजुट होना है। भारत जोड़ो यात्रा भारत के साजसेवी लोकतंत्र बनाए रखने, अन्याय के खिलाफ लोगों को लामबंद करने का एक मिशन।

उक्त नेताओं ने कहा कि इस यात्रा की तैयारी के सिलसिले में प्रत्येक वार्डों में जनसंपर्क जारी है लोग इस यात्रा में अपनी स्वेच्छा से शामिल होने की बात कर रहे हैं। इस यात्रा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे जी, अल्पसंख्यक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बृजलाल खाबरी का भी वाराणसी आगमन हो रहा है।

रविवार, 2 अक्तूबर 2022

Ghandhi shastri jyanti ki dhum

विद्यालय खानपुर में गांधी, शास्त्री जयंती


Varanasi (dil india live)। राष्ट्रीय पर्व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दिवस कम अपोजिट विद्यालय खानपुर विकासखंड चिरईगांव जनपद वाराणसी में धूमधाम से मनाया गया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जनपद वाराणसी के जिलाध्यक्ष महेंद्र बहादुर सिंह, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका इंदिरा सिंह एवं चिरईगांव विकासखंड के प्रधान संघ के अध्यक्ष एवं ग्राम सभा खानपुर के प्रधान लाल बहादुर सिंह द्वारा संयुक्त रुप से झंडोत्तोलन का कार्यक्रम एवं महापुरुष द्वय के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर मनाया गया। इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षिकाओं एवं बच्चों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर अपनी  अपनी अपनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यों के बारे में विस्तार से चर्चा किया गया तथा उक्त लोगों को  महामानव पुरुष होने की संज्ञा दी गई। तथा उनके बताए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया गया

शनिवार, 23 जुलाई 2022

व्यवहारिकता में बहुत लचीले लेकिन मूल्यों के प्रति बहुत कठोर हैं गांधी

Dr mohd arif

Varanasi (dil india live). गांधीजी एक बहुत सधे हुए क्रांतिकारी थे।  वे हर व्यक्ति के साथ अपना जुड़ाव महसूस  करते थे। सभी के लिए उनमें जुड़ाव है पर एक जगह पर आकर वे कठोर भी हैं ।जहां पर तुम उसकी आस्था बदलने की कोशिश करते हो। वहां वे बहुत कठोर है। इसी लिए आस्था बदलने के मुद्दे पर गांधी पहाड़ की तरह अडिग दिखाई देते हैं। कई लोग कहते हैं कि गांधीजी बहुत जिददी थे लेकिन जब हम इसे समझने की कोशिश करते हैं तो पता चलता हैं कि गांधी उन चीजों के लिए जिद्दी हैं जहाँ कोई उनके मूल्यों को बदलने की कोशिश करे। उन जगहों पर वे बहुत लचीले हैं जहां बात  व्यवहारिक हो। 

गांधी लोगों से केवल इस प्रकार व्यवहार नहीं करते थे कि वे किसी समुदाय के सदस्य हैं बल्कि उनके साथ काम करने वालों का यह कहना है कि  वे हर किसी से एक व्यक्ति के रूप में रिश्ता कायम करते थे। हर कोई अलग व्यक्ति है, उसकी  जरूरतें अलग हैं और वे उन जरूरतों का ख्याल रखते थे।अपने आग्रहों को छोड़ते हुए। आश्रम में रहने आये बहुत से लोगों से वे कहते थे कि तुम यह करो हालांकि आश्रम का नियम यह है और आश्रम वाले इसको कभी नहीं समझेंगे लेकिन तुम अपना ख्याल छोड़ना मत। यह जो सोच है गांधी की क़ि व्यक्ति को बुनियाद मानना यह गांधी के चिंतन की एक मजबूत बुनियाद है।

एक बार एक इंग्लैंड की ईसाई लड़की गांधीजी के अहमदाबाद आश्रम पर उनसे मिलने आई लेकिन इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि गांधीजी को पुलिस गिरफ्तार करके ले गयी। गांधी जाते जाते उस लड़की से कह गए कि तुम अपना ख्याल खुद रखना। आश्रम के नियम बहुत कठोर हैं लेकिन तुम अपना ख्याल रखना। गांधी, आश्रम के लोगों से भी कह गए कि ये लड़की जैसे रहना चाहे इसे रहने देना। आश्रम के नियम इस पर लागू मत करना। जब बहुत महीनों तक गांधीजी की जेल से रिहाई नहीं हुई तो उस लड़की ने गांधीजी को पत्र लिखा कि महात्मा जी मेरा दुर्भाग्य है कि मैं आपसे नहीं मिल सकी अब मैं वापस इंग्लैंड जा रही हूँ। गांधीजी ने जो जवाबी  पत्र लिखा उसमें उन्होंने लिखा कि मुझे अफसोस है कि तुमसे मेरी मुलाकात नहीं हो सकी लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि तुम मेरे आश्रम से जब निकलोगी तो तुम एक बहुत अच्छे ईसाई की तरह वर्ताब व व्यवहार करोगी।तुम एक अच्छी इंसान बनकर मेरे आश्रम से निकलोगी।

गांधी खुद आधी धोती पहनते थे। ज्यादा ठंड पड़ती थी तो एक चादर ओढ़ लेते थे। लेकिन उन्होंने कांग्रेस की वर्किंग कमेटी में ऐसा कोई नियम नहीं बनाया कि सभी आधी धोती पहनें। गांधी के बगल में नेहरू बैठते थे जो पायजामा और अचकन पहनते थे। उसमें गुलाब का फूल भी लगाते थे। दूसरी ओर मौलाना आजाद बैठते थे  और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के एकमात्र सदस्य थे जो गांधीजी के सामने सिगार पीते थे। गांधीजी का लचीलापन देखिए कि उनके सामने कोई सिगरेट पिये इसके लिए उसको हिम्मत की जरूरत होगी  क्योंकि वे तो मना नहीं करते।

एक बार नेहरू क्यूबा यात्रा पर गए वहां किसी ने उन्हें सिगार का पैकिट भेंट में दिया। क्यूबा की सिगार बड़ी बेशकीमती है। जब वे वहां से लौटकर आये तो वे गांधी को दिखाते हैं कि देखो बापू  मुझे क्या मिला गिफ्ट में, और उन्होंने गांधीजी को  सिगार का पैकिट दिखाया।  गांधीजी ने तुरन्त पैकिट उठा लिया और कहा कि इस पैकिट को मैं  अपने पास रख लेता हूँ  और मौलाना को दे दूंगा, उन्हें बहुत पसंद है सिगार। गांधीजी ये ध्यान रखते हैं कि ये चीज मौलाना को पसंद है।

इसी प्रकार जब सीमांत गांधी खान अब्दुल गफ्फार खान  सेवाग्राम आश्रम में आये तो गांधीजी ने बाजार से उनके लिए मांसाहारी भोजन मंगवाया। उन्होंने कहा कि ये आदमी रात को खाना कैसे खायेगा? इसको तो आदत है यही खाने की। जबकि आश्रम में मांसाहार वर्जित था। लेकिन सीमान्त गांधी के लिए उन्होंने इस नियम को लचीला बना दिया। व्यक्ति के बारे में कितना लचीलापन है यह समझने की जरुरत है।

महाराष्ट्र के एक बड़े नेता थे जो कांग्रेस की कमेटी में मौजूद थे। कुछ लोगों ने गांधीजी से कहा कि आपने किसको वर्किंग कमेटी में ले रखा है? ये तो शराब पीता है। तो गांधी ने पूछा कि शराब कब पीता है? रात में पीता है न। तो दिन में उससे काम लिया जा सकता है न । हर आदमी का इस्तेमाल है मेरे पास। कल को वह शराब छोड़ देगा तो मैं रात को भी उससे काम ले सकूंगा। और बड़ी जगह हो जाएगी उनके लिए।  क्योंकि वे बड़े वकील भी थे। इतना लचीलापन है उनमें।

दूसरी ओर इतनी कठोरता है कि वे अपनी बात से एक इंच भी इधर से उधर होने को तैयार नहीं। दिल्ली के अंतिम उपवास के समय जब सरदार पटेल गांधीजी से कहते हैं कि आप अपना उपवास स्थगित कर दें तो वे कहते हैं कि सरदार तुम दिल्ली की कानून व्यवस्था देखो क्योंकि ये तुम्हारी नैतिक जिम्मेदारी है। मैं वही कर रहा हूँ जो इस समय मुझ जैसे अहिंसक व्यक्ति को करना चाहिए। आमरण अनशन में मैं खुद अपनी देह दांव पर लगा रहा हूँ , यही ईश्वर की इच्छा है। 

ये सब बात समझना इसलिए जरूरी है कि इनके बिना गांधी को समझने में दिक्कत होगी। इसीलिए मैंने लिखा किगांधीजी एक बहुत सधे हुए क्रांतिकारी थे।  वे हर व्यक्ति के साथ अपना जुड़ाव महसूस  करते थे। सभी के लिए उनमें जुड़ाव है पर एक जगह पर आकर वे कठोर भी हैं ।जहां पर तुम उसकी आस्था बदलने की कोशिश करते हो। वहां वे बहुत कठोर है। इसी लिए आस्था बदलने के मुद्दे पर गांधी पहाड़ की तरह अडिग दिखाई देते हैं। कई लोग कहते हैं कि गांधीजी बहुत जिददी थे लेकिन जब हम इसे समझने की कोशिश करते हैं तो पता चलता हैं कि गांधी उन चीजों के लिए जिद्दी हैं जहाँ कोई उनके मूल्यों को बदलने की कोशिश करे। उन जगहों पर वे बहुत लचीले हैं जहां बात व्यवहारिक हो। 

(लेखक:  गांधीवादी व इतिहासकार हैं, लेखक के फेसबुक वॉल से। )

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रविवार, 30 जनवरी 2022

गांधी जी की पुण्य तिथि पर अवकाश की उठी काशी से मांग

किया गया श्रद्धा सुमन अर्पित, सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने की शपथ

वाराणसी 30 जनवरी (dil india live)। सत्य और अहिंसा रुपी हथियार के बूते हुकुमते बरतानिया की चूले हिला देने वाले राष्टÑपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि श्रद्धापूर्वक काशी में मनाई गई। इस दौरान कई जगहों पर गोष्ठी, सभा और बैठक का आयोजन किया गया। इसी क्रम में बापू के बेनियाबाग स्थित गांधी चौरा पर डर्बीशायर क्लब की ओर से पुण्य तिथि का आयोजन किया गया। इस दौरान क्लब के अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर ने मांग किया कि पुण्य तिथि पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि आज ही के दिन गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिस इंसान को अंग्रेजों ने नहीं मारा उसे अपने देश के नागरिक ने मार दिया। यह अक्षम्य था। गांधी चौरा पर रौशनी डालते हुए वक्ताओं ने कहा कि ऐतिहासिक बेनियाबाग के इसी चौरा पर बापू का पवित्र अस्थि कलश लाकर रखा गया था। जिसक अंतिम दर्शन करने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी दोस्त मोहम्मद, डा. सम्पूर्णानन्द व पं. कमलापति त्रिपाठी आदि भी दर्शन के दौरान मौजूद थे। आयोजन में प्रमोद वर्मा, हैदर मौलाई, कमालुद्दीन खां, चिंतित बनारसी आदि ने बापू के चित्र पर मार्ल्यापण कर नमन किया। उधर गौरीगंज में चांदक्रांतिकारी की अगुवाई में बापू की पुण्य तिथि मनाई गई। इस दौरान लोगों ने बापू के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने की लोगों से अपील की।  इस दौरान शपथ लिया गय कि बापू के बताये हुए रास्ते पर चलेंगे ताकि समाज में शांति स्थापित हो सके।

शहीद दिवस पर बरेका में  प्रात: 10:59 पर एक मिनट का सायरन बजा ठीक 11:00 बजे 2 मिनट का मौन रख बरेका महाप्रबंधक अंजली गोयल, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सदस्यों ने अपने अपने आवासों अथवा कार्यस्थल पर ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी सहित भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीद सपूतों को श्रद्धांजलि दी।  इस समारोह में सर्वप्रथम दो मिनट का मौन धारण कर शहिदों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धान्जलि दी गई ।  राजेश कुमार द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया, जिसमें विभिन्न वक्ताओं के द्वारा भारत के  स्वतंत्रता संघर्ष, राष्ट्रीय अखण्डता में योगदान देने वाले सेनानियों को याद करते हुए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त किया गया। इस समारोह में प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० देवेश कुमार  के अतिरिक्त वरिष्ठ मंडल चिकित्सा अधिकारी  डा. मिन्हाज अहमद, मंडल चिकित्सा अधिकारी  डा. एसके मौर्या,  सहायक कार्मिक अधिकारी श्री पियूष मिन्ज सहित राधावल्लभ तिवारी, श्याम मोहन तिवारी, कमलेश सिंह, रजनी, कमला निवासन, अनीता चंद्रा, कृष्णा उपाध्याय,प्रतिभा एवं अन्य कर्मचारियों ने अपना-अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया।  उक्त वक्ताओं के अतिरिक्त बरेका ओबीसी एसोसिएशन के पदाधिकारी कर्मचारी नेता राम नारायण, अरविंद यादव,रमेश प्रजापति एवं राजकुमार साव उपस्थित रहे। तथा नर्सिंग  चिकित्साकर्मी नितिर पूर्ति, आरती सिंह, अंजू सिह, उषा जैसल, चंदा यादव, कंचन मणि एवं हरीश ने भी शहीदो के प्रति तथा भारत की अखण्डता में योगदान देने वाले नायकों के योगदान को जनमानस में प्रसारित करने का संकल्प लिया।

मंगलवार, 11 जनवरी 2022

राष्ट्रीय युवा दिवस पर लगा नेतृत्व क्षमता विकास प्रशिक्षण शिविर

आशा ट्रस्ट के प्रशिक्षण शिविर में 32 प्रतिभागी हुए शामिल

गांधी की प्रासंगिकता मौजूदा दौर में अधिक:  डॉ. मोहम्मद आरिफ




वाराणसी 11 जनवरी (dil india live)। स्वामी विवेकानंद जी की जयंती 12 जनवरी राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस क्रम में युवाओं के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन प्रारंभ हो गया है। सामाजिक संस्था 'आशा ट्रस्ट' द्वारा युवाओं में  नेतृत्व क्षमता के विकास के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन भंदहा कला स्थित अपने प्रशिक्षण केंद्र पर किया जिसका समापन सोमवार को हुआ। इस शिविर में उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों के 32 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

शिविर के अंतिम दिन प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए वरिष्ठ गांधीवादी चिंतक और इतिहासकार डॉ. मोहम्मद आरिफ ने कहा कि आज के दौर में गांधी के विचारों और उनके दर्शन की प्रासंगिकता काफी अधिक हो गयी है। उन्होंने कहा कि जब पूरी दुनिया में हिंसात्मक युद्ध छिड़ा हुआ था, तब गांधी जी ने अहिंसात्मक युद्ध शुरू कर दिया था और हिंसात्मक इतिहास को अहिंसा में बदल दिया. राजनीतिक संघर्ष हल करने के लिए जिस तरह से उन्होंने अहिंसात्मक प्रतिरोध यानी सत्याग्रह का उपयोग किया, इससे हुआ ये कि बाद की दुनिया में राजनीतिक संघर्षों के हल के लिए यह सर्वोत्तम माध्यम बन गया। आज गांधी ही अकेला दीया है जो सर्वत्र शांति, सद्भाव और भाईचारे की रोशनी विखेर सकता है। उन्होंने कहा कि  महात्मा गांधी, शहीद भगत सिंह, जवाहर लाल नेहरू, डॉ भीम राव अम्बेडकर, सुभाषचंद्र बोस आदि सभी महापुरुषों से युवाओं को प्रेरणा लेना चाहिए उन्हें अधिक से अधिक जानने और समझने की कोशिश करनी चाहिए जिससे बेहतर और समतामूलक समाज की स्थापना हो सके। 

दूसरे सत्र को प्रसिद्ध कठपुतली कलाकारों की टीम ने जल संरक्षण, तम्बाकू निषेध जैसे मुद्दों को कठपुतली नाटक के माध्यम से समझाया। टीम के संयोजक मिथिलेश दुबे ने कहा की कि कठपुतली विधा सामाजिक संदेशों को संप्रेषित करने की एक महत्वपूर्ण, प्रभावशाली और लोकप्रिय विधा है। इसके माध्यम से हम किसी भी अपरिचित समूह के बीच अपनी बात रोचक ढंग से रख सकते हैं। वक्ताओं को संविधान की उद्देशिका देकर सम्मानित किया गया।  कार्यक्रम का संचालन आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय और धन्यवाद ज्ञापन अरविंद मूर्ति ने किया. प्रशिक्षण शिविर के आयोजन ने राम जन्म भाई, प्रदीप सिंह, सूरज पाण्डेय, महेंद्र राठोर, विनय कुमार सिंह, दीनदयाल आदि की प्रमुख थे।

रविवार, 10 अक्तूबर 2021

मंदिरों में दर्शन पूजन कर प्रियंका ने किया चुनावी शंखनाद





पीएम के संसदीय क्षेत्र काशी में प्रियंका ने दिखाया दम

  • प्रियंका की एक झलक पाने के लिए लोग रहे बेताब
  • पुष्प वर्षा और भीड़ देखकर गदगद हुई प्रियंका 


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। किसान न्याय यात्रा रैली में शामिल होने पहुंची कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दर्शन, पूजन और जगह-जगह स्वागत के ज़रिये कांग्रेसियों में उत्साह और गजब का जोश भर दिया। प्रियंका गांधी की एक झलक पाने के लिए लोग बेताब दिखाई दिये। जिस-जिस रास्तों से प्रियंका गुज़री, उन्हें देखने की होड मच गई। गगनभेदी नारों के बीच प्रियंका गांधी लोगों का हाथ जोड़कर और अपने ही अंदाज़ में हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार करती दिखीं। इस दौरान पुष्पवर्षा और लोगों की  भीड़ देखकर प्रियंका गदगद दिखाई दी। 

इस दैरान श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर व अन्नपूर्णा मंदिर में प्रियंका गांधी ने पूजन अर्चन किया। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने उन्हे दर्शन पूजन कराया। यहां मंदिर से निकली तो गगनभेदी नारा, अब नहीं होगा अन्याय, दीदी दिलायेंगी किसानों को न्याय...जैसी गूंज सुनाई दी। 

इससे पहले अपने तय समय पर प्रियंका गांधी व छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल सुबह सवा 11 बजे एयरपोर्ट पहुंच गये। एयरपोर्ट पर कांग्रेसजनों ने अपनी नेता का गगनभेदी नारों से ज़ोरदार स्वागत किया। स्वागत के बाद प्रियंका गांधी व भूपेश बघेल बाबा विश्वनाथ मंदिर में दर्शनपूजन के लिए सड़क मार्ग से पहुंची। इस दौरान रास्ते भर प्रियंका गांधी का स्वागत कांग्रेसजन कर रहे थे। विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के बाद प्रियंका गांधी वहां से रोड शो करते हुए मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप मां कूष्मांडा के दर्शन करने दुगार्कुंड मंदिर पहुंची। प्रियंका गांधी को वहां से लंका होते हुए बीएचयू सिंह द्वार पर लगी महामना पं. मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण करना था मगर अंतिम समय में उनका कार्यक्रम सुरक्षा कारणों से बदल गया और वो रैली के लिए जगतपुर रवाना हो गयी। उनके पहुंचने से पहले वहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सफाई अभियान चलाया और प्रतिमा के आसपास सफाई की।

कांग्रेस की रैली के चलते लम्बे समय के बाद सड़क पर कांग्रेस की सक्रियता और हलचल देखने को मिली। इस दौरान लोग अपने मोबाइल से प्रियंका गांधी की तस्वीर और वीडियों बनाते दिखाई दिये। जो सेल्फी ले सकता था उसने काफिले के साथ खुद की सेल्फी ली और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। एयरपोर्ट से प्रियंका गांधी का काफिला काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचा। मंदिर से दुगार्कुंड स्थित मां कूष्मांडा मंदिर में दर्शन पूजन के बाद उनका काफिला सीधे रोहनिया के जगतपुर इंटर कॉलेज मैदान पर किसान न्याय रैली को संबोधित करने पहुंच गया। 


तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...