सीफार के सहयोग से हुआ बेबी शो और हस्ताक्षर अभियान
शाम्बिका अव्वल, अक्षत को द्वितीय व महजबी को तृतीय पुरस्कार
वाराणसी 23 नवंबर(dil india live)। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में और सेंटर फार एड्वोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के अंतर्गत राजकीय जिला महिला चिकित्सालय में नुक्कड़ नाटक व शपथ लेते हुये हस्ताक्षर अभियान का आयोजन कर शिशु के स्वस्थ जीवन का सन्देश दिया गया। नवजात शिशु की समुचित देखभाल कैसे की जाये, क्या-क्या सतर्कता बरती जाये इसकी विस्तार से जानकारी दी गयी। बेबी शो में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले शिशुओं को पुरस्कृत किया गया।
कार्यवाहक प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक (एसआईसी) डॉ मंजू सिंह* ने कार्यक्रम में कहा कि नवजात की समुचित देखभाल के जरिये शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने के साथ ही उन्हें स्वस्थ जीवन प्रदान किया जा सकता है। इसी उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी “नवजात शिशु देखभाल सप्ताह” मनाया जा रहा है, जोकि 21 नवम्बर तक चलेगा। इस क्रम में जागरूकता के लिए आज सीफार के सहयोग से राजकीय जिला महिला चिकित्सालय में बेबी शो, हस्ताक्षर अभियान व नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में सिक न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) प्रभारी व वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मृदुला मल्लिक ने कहा कि नवजात शिशु की समुचित देखभाल के लिए जरूरी है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाये। प्रसव के बाद 48 घंटे तक माँ एवं शिशु की उचित देखभाल के लिए अस्पताल में रुकें। उन्होने कहा कि नवजात शिशु को तुरंत न नहलायें, केवल शरीर पोंछकर नर्म साफ़ कपड़े पहनायें और जन्म के एक घंटे के भीतर माँ का गाढ़ा पीला दूध अवश्य पिलायें। डा. मृदुला ने कहा कि छह माह तक सिर्फ और सिर्फ स्तनपान कराना चाहिये। नियमित व सम्पूर्ण टीकाकरण कराना चाहिये। नवजात की नाभि सूखी एवं साफ़ रखें, संक्रमण से बचायें और माँ व शिशु की व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें।
बाल रोग विशेषज्ञ डा. राशिद जमाल ने कहा कि कम वजन और समय से पहले जन्में बच्चों पर विशेष ध्यान चाहिये और शिशु का तापमान स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केयर (केएमसी) की विधि अपनाना चाहिये। कुपोषण और संक्रमण से बचाव के लिए छह महीने तक केवल माँ का दूध पिलायें, शहद, घुट्टी, पानी आदि बिल्कुल ही नहीं देना चाहिये।
कार्यक्रम की शुरुआत नवजात शिशु के स्तनपान, टीकाकरण, पोषण, साफ-सफाई से संबन्धित जागरूकता पर आधारित गीतों से की गई। साथ ही नाट्य संस्था मेघदूतम की ओर से नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति की गयी, जिसको लोगों ने काफी सराहा। इस दौरान समारोह में आये 66 नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। इसमें प्रथम स्थान महमूरगंज निवासी शाम्बिका (9 माह) को प्रथम, अलईपुर निवासी अक्षत (5 माह) को द्वितीय तथा जैतपुरा निवासी नवजात बेबी महजबी को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसके साथ ही अन्य बच्चों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
प्रथम पुरस्कार पाने वाली शाम्बिका की माँ ने कहा बच्ची के स्वस्थ होने की वजह से पुरस्कार मिला। यह उपलब्धि डा. मंजू सिंह तथा मैट्रन पुष्पा के बताये गये निर्देशों के पालन की वजह से हुआ। बेबी शो, गीत तथा नुक्कड़ नाटक कार्यक्रम बहुत ही अच्छा था। द्वितीय पुरस्कार प्राप्त अक्षर की माँ अंकिता ने कहा कि कार्यक्रम बहुत ही अच्छा था। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित होते रहने चाहिये। कार्यक्रम में डॉ शैला त्रिपाठी, डॉ अल्का सिंह, रोहित, अजीत , तरुण तथा सीफार से मनोज श्रीवास्तव एवं संजीव द्विवेदी समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।