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बुधवार, 2 नवंबर 2022

306 और बनेंगे Aadarsh aaganbadhi Kendra

अधिकारियों ने लिया 306 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद  

अब तक 426 आंगनबाड़ी केन्द्रों को लिया गया गोद


Varanasi (dil india live). बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के तहत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों के सुदृढ़ीकरण के लिए सरकार पूरा ज़ोर दे रही है । दूसरे चरण में पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, पंचायत सहित अन्य विभागीय अधिकारियों ने जिले के 306 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है । अब इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को भी आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जाएगा। 

बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डी0के0 सिंह ने बताया कि जनपद में 3914 आंगनबाड़ी केन्द्र हैं । पहले चरण (जून 2022) में डीएम, सीडीओ, सीएमओ सहित 40 अधिकारियों द्वारा 120 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया था । हाल ही में महिला एवं बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने की संख्या 1000 तक पहुंचाने के प्रयास के लिए निर्देशित किया गया है । इस क्रम में दूसरे चरण में 102 विभागीय अधिकारियों द्वारा 306 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया गया है । प्रत्येक अधिकारी ने तीन-तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लिया है । इसमें काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 39, चिरईगांव के 42, चोलापुर के 42, पिंडरा के 30, अराजीलाइन के 36, सेवापुरी के 42, हरहुआ के 27, बड़ागांव के 48 आंगनबाड़ी केंद्र शामिल हैं । सभी अधिकारियों को पत्र भी भेजा जा चुका है । इसके तहत अधिकारियों की मदद से केंद्रों पर कुर्सियां, मेज, खिलौने, वजन मशीन आदि की व्यवस्था की जाएगी । 

डीपीओ ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर वहाँ पंजीकृत बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के साथ केंद्रों को आधुनिक बनाया जाएगा। ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को कुपोषण मुक्त करना, साथ ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत तीन से छह वर्ष के बच्चों के लिए अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन (ईसीसीई) स्तर में सुधार लाना एवं आधारभूत सुविधाओं का सुदृढ़ीकरण करना है । 

छह माह में करना है विकसित

 गोद लिए गए आंगनबाड़ी केन्द्रों को अगले छह माह की समयावधि में विकसित किए जाने के लिए शासन की ओर से दिशा – निर्देश दिये गए हैं । अधिकारी गोद लिए गए केन्द्रों का निरीक्षण हर माह विभिन्न बिन्दुओं पर करेंगे । इन केन्द्रों पर अधिकारियों की ओर से आधारभूत सुविधाएं जैसे स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, बाल मैत्री शौचालय की उपलब्धता, आंगनबाड़ी केन्द्रों पर विद्युतीकरण, पोषण वाटिका, रंगाई-पुताई, भवन की भौतिक स्थिति, ग्रोथ मॉनिटरिंग डिवाइस की उपलब्धता, स्मार्ट फोन की उपलब्धता, बच्चों के बैठने के कुर्सी-मेज, खिलौने व अन्य सामाग्री उपलब्ध कराई जाएंगी । गोद लिए गए केन्द्रों को तय अवधि में उक्त मानकों की पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति ‘आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र’ घोषित कर प्रमाण पत्र देगी।

बुधवार, 14 सितंबर 2022

Medical news:आंगनबाड़ी केंद्रों पर मना गोदभराई दिवस

राष्ट्रीय पोषण माह

जिले में चार हजार से अधिक गर्भवती की हुई गोदभराई

पोषण व स्वास्थ्य के लिए छोटी-छोटी बारीकियों की दी विशेष जानकारी





Varanasi (dil india live)। राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत मंगलवार को जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गोदभराई दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान करीब चार हजार से अधिक गर्भवती की गोदभराई की गयी। इस अवसर पर उन्हें बेहतर पोषण व स्वास्थ्य को लेकर में छोटी-छोटी बारीकियों के बारे में विशेष जानकारी दी गई। 

जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत प्रतिदिन जन जागरूकता गतिविधियों और कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी के तहत मंगलवार को करीब 3900 आंगनबाड़ी केंद्रों पर चार हजार से अधिक गर्भवती की गोदभराई की गयी। उन्होंने बताया कि गोदभराई दिवस मनाने को लेकर विभाग का उद्देश्य महिलाओं में पोषण और स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ाना है। गोदभराई दिवस के माध्यम से समुदाय में यह संदेश देने का प्रयास किया जाता है कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती को उचित तथा संतुलित खानपान एवं दिनचर्या रखनी चाहिए। समय से आयरन और कैल्शियम की गोली लेनी चाहिए जिससे वह स्वस्थ रहें और एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकें।

ग्रामीण क्षेत्र में सेवापुरी विकासखंड के बनौली, आदमपुर तृतीय, खरगरामपुर, मुड़ादेव तृतीय, करधना, खालिसपुर, कसरायपुर, भोरकला आदि केन्द्रों पर गर्भवती की गोभराई भारतीय परंपरा के अनुसार की गयी। इसके साथ ही पौष्टिक आहार से सजी टोकरी भेंटस्वरूप दी गईं। वहीं नगरीय विकास परियोजना के अंतर्गत विरदोपुर व विनायका के सभासद द्वारा गर्भवती की गोदभराई की गई। भेलूपुर, सराय गोवर्धन वार्ड के आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी गोदभराई दिवस मनाया गया। सेवापुरी के मुड़ादेव तृतीय आंगनबाड़ी केंद्र पर करीब आठ गर्भवती ममता (27), पुष्पा (25), काजल (21), गायत्री (24), नीलम (27), आरती (26), शांति (25) एवं किरन (22) की गोदभराई की गई। गर्भवती को पोषण टोकरी में मौसमी फल, सब्जी, चना गुड़, मूँगफली, आयरन और कैल्शियम की गोली प्रदान की गईं। इस दौरान सुपरवाइजर अंजना तिवारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा रानी ने गर्भवती को प्रथम त्रैमास के बाद नियमित रूप से प्रतिदिन आयरन की एक गोली और कैल्शियम की दो गोली खाने की सलाह दी। इन दोनों गोली के खाने के बीच में तीन से चार घंटे के अंतराल होना चाहिए। चना और गुड़ के लाभ के बारे में बताया। पोषण व्यंजन का प्रदर्शन किया गया और उसके महत्ता के बारे में विस्तार से बताया। समय से आंगनबाड़ी केंद्र पर आकर वजन करवाने और आशा कार्यकर्ता के साथ स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जरूरी प्रसव पूर्व जांच के लिए बताया। मातृ-शिशु सुरक्षा (एमसीपी) कार्ड पर लिखी सभी जानकारियों को पढ़कर सुनाया और खाली समय में इसको पढ़ने के कहा।

लाभार्थियों के बोल 

ममता (27) ने कहा कि वह पाँच माह के गर्भ से हैं और यह उनका तीसरा बच्चा है। गोदभराई दिवस पर उन्हें समय से आयरन और कैल्शियम की गोली खाने की सलाह दी गयी। आयरन की गोली को किसी खट्टे फल के साथ खाने के लिए बताया गया। काजल (21) पाँच माह के गर्भ से हैं और यह उनका पहला बच्चा है। आंगनबाड़ी दीदी ने उन्हें नियमित प्रसव पूर्व जांच और हीमोग्लोबिन की जांच के लिए बताया। शरीर में आने वाले बदलाव और वजन बढ़ने के बारे में बताया कि गर्भावस्था के दौरान 9 से 12 किलो तक वजन बढ़ता है। इसके लिए स्वस्थ व संतुलित खानपान के साथ ज्यादा से ज्यादा खट्टे फल व विटामिन सी युक्त आहार खाने की सलाह दी।

गुरुवार, 25 अगस्त 2022

Health care:3609 आंगनबाड़ी केंद्रों पर लगी पाठशाला, 50 हजार लाभार्थी जुड़े

पोषण पाठशाला में आहार  की सही शुरुआत पर चर्चा 

विशेषज्ञों ने दी स्तनपान के साथ अर्धठोस ऊपरी आहार की सटीक जानकारी

विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्व समूहों व कुपोषण प्रबंधन के बारे में भी हुई चर्चा





Varanasi (dil india live).बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से संभव अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य व पोषण शिक्षा पर जन समुदाय को जागरूक करने के लिए गुरुवार को पूर्वाह्न 11 बजे से एक बजे तक वर्चुअल राज्य स्तरीय पोषण पाठशाला आयोजित हुई। इस बार के पोषण पाठशाला में ‘ऊपरी आहार की सही शुरुआत’ के विषय पर विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की। राज्य स्तरीय विशेषज्ञ टीम ने लाभार्थियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को जानकारी दी। इसके साथ ही सवालों के जवाब दिए।

      गुरुवार को एनआईसी वाराणसी पर आयोजित पोषण पाठशाला वर्चुअली कार्यक्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), मुख्य सेविका एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने प्रतिभाग किया। राज्य स्तरीय पोषण पाठशाला में विशेषज्ञ आईआईटी मुंबई से प्रोफेसर डॉ रूपल दलाल, एसजीपीजीआई लखनऊ की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ पियाली भट्टाचार्य, महाराष्ट्र से पोषण विशेषज्ञ दीपाली फरगड़े  और कंसल्टेंट देवाजी पाटिल द्वारा मिली जानकारी जनपद के लिए सहायक सिद्ध होगी जिससे वह अपने अपने क्षेत्र में लाभार्थियों को उपही आहार के संदर्भ में सटीक जानकारी दें पांएगी। 

    जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह ने बताया कि जनपद में कार्यरत 3609 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण पाठशाला का आयोजन किया गया। इसमें 50,916 लाभार्थियों ने पाठशाला का लाभ उठाया। पाठशाला लाभार्थियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए काफी उपयोगी रही। डॉ रूपल दलाल का सत्र काफी लाभदायक रहा। उनके द्वारा विभिन्न पोषण खाद्य सामाग्री, सूक्ष्म पोषक तत्व समूह और उसके फायदे के बारे में जानकारी दी गयी। पोषण के प्रथम हजार दिन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। छह माह तक सिर्फ स्तनपान के बाद दो वर्ष तक अर्ध ठोसाहार उचित मात्रा में देने को लेकर ज़ोर दिया। प्रतिदिन के आहार में 40 पोषक तत्वों को शामिल करने के बारे में बताया गया। प्रोटीन, सिस्टीन, सल्फर, मिथियोनीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस,पोटेशियम, जिंक, ओमेगा -3, जीवनसत्व अ व आयरन समृद्ध आहार, बीज व अन्य पोषक आहार सहित कुपोषण प्रबंधन के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। 

   डीपीओ ने बताया कि संभव अभियान के अंतर्गत प्रतिमाह वर्चुअल पोषण पाठशाला के द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्तनपान के साथ अर्धठोस ऊपरी आहार के संबंध में जानकारी प्रदान कर सकें। पाठशाला के जरिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण के संदर्भ में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी आसानी से मिल जाती है।

लाभार्थियों ने सीखा

1- काशी विद्यापीठ ब्लॉक के मुड़ादेव तृतीय आंगनबाड़ी केंद्र पर पाठशाला से जुड़ी अनीता (26) ने बताया कि उनका बच्चा आठ माह का है छह माह तक स्तनपान के बाद ऊपरी आहार की जानकारी आज उन्हें मिली है ठीक उसी तरह से वह अपने बच्चे का ख्याल रख रही हैं। वह आंगनबाड़ी दीदी पुष्पा की ओर से बताई जा रहीं बातों का भी पूरा ध्यान रखती हैं। 

2- लाभार्थी सरिता (23) को पोषण पाठशाला के जरिए पता चला कि छह माह बाद ही ऊपरी आहार शुरू करना है जबकि उन्होंने अपने आठ माह के बच्चे को अभी कुछ दिन पहले से ही ऊपरी आहार देना शुरू किया है। इसकी वजह से उनका बच्चा कमजोर है। सरिता ने कहा कि आज मिली जानकारी से अब वह अपने बच्चे को समय से ऊपरी आहार देंगी और आंगनबाड़ी दीदी की भी सलाह मानेंगी।

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