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रविवार, 3 नवंबर 2024

America में प्रदर्शित होगी चंदौली के लेखक नवीन की पुस्तक@dilindialive

नवीन बोले, विश्व में भारत के बढ़ते प्रभुत्व का प्रतिफल है अमेरिका में हिन्दी को यह सम्मान

Chandoli (dil India live)। Troy, Michigan, USA. Troy Public Library द्वारा आयोजित Local Authors Fair 2024 में चन्दौली, उत्तर प्रदेश के हिन्दी लेखक नवीन सिंह को अपनी हिन्दी की पुस्तकें प्रदर्शित करने का मौका मिला है। इस पुस्तक मेले में लेखकों का चयन आवेदन के माध्यम से होता है। लाइब्रेरी ने नवीन सिंह को वर्ष 2023 के पुस्तक मेले में भी यह अवसर प्रदान किया था। नवीन सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष भारतीय पुस्तक प्रेमियों के साथ-साथ अमेरिकी नागरिकों ने भी हिन्दी और भारत की संस्कृति में गहरी रुचि दिखाई थी। पिछले वर्ष के आयोजन की शानदार सफलता को देखते हुए, इस वर्ष भी हज़ारों पाठकों के मेले में शामिल होने की उम्मीद है। जिस ज्ञान की नींव पे विराट अमेरिका खड़ा है, यह मेला उसी ज्ञान का एक जश्न है।


Troy School District के छात्रों को इस मेले में अनेक अनुसंधान के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। नवीन मानते हैं कि विश्व पटल पर भारत के बढ़ते प्रभुत्व का यह प्रतिफल ही है कि अमेरिका में हिन्दी को यह सम्मान मिला है। एक अंग्रेज़ी भाषी देश में हिन्दी को यह अवसर मिलने का कारण अमेरिका की उदार सोच तथा इसके द्वारा विविधता का सम्मान करना है। इस देश में विभिन्नता विभूषित होती है। 'गूँज दबते स्वरों की’ कहानी संग्रह भारतीय ज्ञानपीठ, ‘धुरी-अधूरी माँ’, उपन्यास, ‘सारंगी गीत मंथन के’ कविता संग्रह नवीन सिंह की प्रमुख कृतियाँ हैं।। ‘काशी की क़लम‘ (Kashi-krit.blogspot.com) ब्लॉग पर लेखन निरंतर हो रहा है। उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग तथा Pratilipi.com द्वारा विभिन्न कहानियों और कविताओं को सम्मान प्राप्त है। नवीन ने लोगों से अपील किया है कि यदि आप 16 नवंबर 2024 को Troy के आस-पास हों, तो क़िताबों की सैर का यह अच्छा मौक़ा आपके लिए होगा।

मंगलवार, 9 अगस्त 2022

Raksha Bandhan2022:अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर तक डाकघरों से भेजी गई राखियाँ

राखी के धागों की अहमियत बरकरार

विदेशों में भी भाईयों के लिए  बहनें डाकघरों से भेज रही राखियां 


Varanasi (dil india live) रेशम के धागों ने सोशल मीडिया पर चल रही वर्चुअल राखियों को बौना साबित कर दिया है। वाट्सएप, फेसबुक, स्काइप, टेलीग्राम जैसे बड़े सोशल प्लेटफॉर्म को छोडकर बहनें, भाईयों की कलाइयाँ सजाने के लिए डाक से रंग-बिरंगी राखियाँ भेजना पसंद कर रही हैं । डाक विभाग भी इसके लिए मुस्तैद है और तमाम तैयारियाँ किए हुये है। वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र से अब तक लगभग 50 हजार राखियॉं विभिन्न डाकघरों से देश-विदेश में भेजी गईं। रक्षाबंधन के दिन भी डाक वितरण के विशेष प्रबंध किए गए हैं, ताकि किसी भाई की कलाई सूनी न रहे।

राखी का क्रेज देश से बाहर विदेशों में भी खूब है। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि वाराणसी से विदेशों के लिए भी स्पीड पोस्ट और रजिस्टर्ड डाक द्वारा राखियाँ भेजी जा रही हैं। लगभग 800 राखियाँ वाराणसी के डाकघरों द्वारा विदेशों के लिए बुक की गईं। इनमें ज्यादातर राखियाँ संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, फ़्रांस, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा इत्यादि देशों में भेजी गई हैं। वहीं विदेशों में रह रही बहनें भी वाराणसी में अपने भाईयों को राखी भेज रही हैं, जो डाक विभाग के माध्यम से तुरंत वितरित हो रही हैं। विदेशों में राखियाँ भेजने के लिए बहनें पहले से ही तैयारी करने लगती हैं, ताकि सही समय पर भाईयों को राखी पहुँच जाये और उनकी कलाई सूनी न रहे। 

पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग ने राखी डाक की बुकिंग के साथ-साथ स्पेशल सॉर्टिंग और इनके त्वरित वितरण हेतु डाकघरों से लेकर रेलवे मेल सर्विस और नेशनल सॉर्टिंग हब तक में विशेष प्रबंध किये गए हैं। चिट्ठियों के माध्यम से खुशियां बिखेरते रहने वाले डाक विभाग ने रिश्तों के इस त्यौहार को भी एक नया आयाम दिया है।

रविवार, 7 अगस्त 2022

Happy Friendship day : दोस्त के लिए जां निछावर करने की कहानी मित्रता दिवस

दोस्तों को श्रद्धांजलि के लिए शुरू हुआ friendship day

Varanasi (dil india live).आज पूरी दुनिया में friendship day सेलिब्रेट किया जा रहा है। friendship बैंड, friendship कार्ड, गिफ्ट्स का आदान-प्रदान किया जा रहा है। कहीं दोस्तों की पार्टी हो रही है तो कहीं पिकनिक पार्टी का लुत्फ उठाया जा रहा है। इन सबके बीच एक सवाल है कि आखिर फ्रेंडशिप डे का क्या है इतिहास? इसे क्यों और कब मनाया जाता है?

 दरअसल फ्रेंडशिप डे या मित्रता दिवस अगस्त महीने के पहले रविवार को मनाया जाता है। इस दिन को दोस्ती को समर्पित करने के पीछे भी एक रोचक कहानी है। कहानी कुुछ यूं शुरू होती है एक बार अमेरिका की सरकार ने एक बेेेगुनाह व्यक्ति को सजा-ए-मौत दे दिया था। इस व्यक्ति का एक दोस्त था, जिसने अपने दोस्त की मृत्यु के गम में आत्महत्या कर ली। उनकी दोस्ती की गहराई को सम्मान देते हुए 1935 से अमेरिकी आवाम ने इस दिन को दोस्तों के नाम कर दिया। इस तरह अमेरिका में फ्रेंडशिप डे मनाने की शुरुआत हुई। तय हुआ कि अगस्त केे पहलेेेेेे संडे को friendship day मनाया जाएगा। तब से यह ग्लोबल पर्व देश दुनिया में मनाया जाता है।

ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति हो जिसका कोई मित्र न हो, जो दोस्ती की अहमियत न जानता हो। हम सभी की जिंदगी में कम या ज्यादा लेकिन दोस्त जरूर होते हैं, दोस्तों के साथ बिताया समय किसे नहीं अच्छा लगता। खासकर बचपन की दोस्ती तो बहुत गहरी होती है जिनकी यादें सदा के लिए मन में बस जाती है। दोस्ती ही एक ऐसा रिश्ता है जिसे व्यक्ति खुद की मर्जी से चुनता है। बचपन में जाने अनजाने ही कई दोस्त बन जाते हैं, जिनमें से कुछ स्कूल, कॉलेज तक ही साथ निभाते हैं तो कुछ आगे तक आपकी लाइफ में बने रहकर अच्छे-बुरे वक्त में दोस्ती निभाते है। हालांकि ऐसे दोस्त कम ही होते है जो ताउम्र सच्ची दोस्ती निभाएं। इसलिए दोस्त बनाते हुए आपको सतर्कता बरती चाहिए।

सदैव अच्छे दोस्त का करें चयन

दोस्त वे होते हैं जिनकी संगत आपके भविष्य को प्रभावित करती है। बुरी आदतों वाले दोस्तों की संगत आपको व आपके भविष्य को बिगाड़ने की क्षमता रखती है, वहीं अच्छी सोच व आदतों वाले दोस्त आपके व्यक्तित्व व जिंदगी को संवारने में सहायक होते है।

तो, यदि आपके जीवन में भी कोई ऐसा सच्चा दोस्त हो, तो फ्रेंडशिप डे के खास मौके पर अपने दोस्त को स्पेशल महसूस कराना न भूलें। वैसे इस दिन को दोस्तों के साथ सेलेब्रेट किया जाता है। कई लोग दोस्तों के साथ सेलिब्रेट करने के विभिन्न प्लान इस दिन के लिए मनाते हैं। पूरा दिन न सही लेकिन इस दिन जितना संभव हो अपनी व्यस्त दिनचर्या में से कुछ पल अपने दोस्तों के लिए जरूर निकालें।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...