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गुरुवार, 25 अगस्त 2022

Oral health : छह माह से अधिक का मुंह में छाला है खतरे की घंटी

जबड़े का न खुलना  हो सकता है खतरनाक

मुंह व दंत रोगों के प्रति रहें सावधान, सरकारी चिकित्सालयों में करायें निःशुल्क निदान


Varanasi (dil india live).अगर आप का जबड़ा पूरी तरह नहीं खुलता है या फिर मुंह में छह माह से अधिक का छाला है तो सावधान हो जाये। यह खतरे की घंटी है। सरकारी अस्पतालों में इसका निःशुल्क उपचार होता है। ऐसे लक्षणों की अनदेखी से मुंह में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

पं. दीन दयाल चिकित्सालय में दंत रोग विभाग की प्रभारी डा. निहारिका मौर्य बताती हैं कि उनकी ओपीड़ी में हर हफ्ते एक-दो ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें जबड़ा पूरी तरह न खुलने या फिर मुंह के अंदर छाले के ठीक न होने की शिकायत होती है। इनमें अधिकांश उपचार से ठीक हो जाते  हैं, जबकि कई ऐसे भी होते हैं जिनमें कैंसर के भी लक्षण होते हैं। वह बताती है कि ऐसे ही गंभीर मरीजों में शामिल रहे  65 वर्षीय महेश यादव (परिवर्तित नाम )। उनका जबड़ा लगभग दो माह से पूरी तरह नहीं खुल रहा था। हालत यह हो गयी थी कि भोजन भी उनके मुख में किसी तरह जा पाता था। स्थिति जब बदतर हो गयी तब वह उपचार कराने के लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के दंत रोग विभाग में पहुंचे। बताया कि वह गुटखा खाने के लती हैं और उनका जबड़ा पूरी तरह जकड़ गया है। जांच हुई तो पता चला कि उन्हें मुंह का कैंसर है। उन्हें बीएचयू के लिए रेफर कर दिया गया। डा. निहारिका ने बताया कि कुछ ऐसी ही स्थिति जगधारी (48 वर्ष) (परिवर्तित नाम ) की रही। खैनी के लती जगधारी के गाल में आठ माह से छाला निकाला था। तमाम उपचार के बाद भी वह ठीक नहीं हो रहा था। उपचार शुरू कराया तो पता चला कि उन्हें गाल का कैंसर है, उन्हें भी बीएचयू रेफर कर दिया गया। 


डा. निहारिका बताती हैं कि ‘आम तौर पर लोग दंत अथवा मुंह में हुए रोगों को प्रति बेहद लापरवाह होते हैं। वह चिकित्सक के पास तब जाते हैं जब उनकी पीड़ा असहनीय हो जाती है अथवा रोग गंभीर हो चुका होता है। यदि लोग मुख व दंत रोगों के प्रति थोड़ी सी भी सावधानी बरतें तो उपचार से वह पूरी तरह ठीक हो सकते है लेकिन लापरवाही से यह परेशानी कैंसर में भी तब्दील हो सकता है। डा. निहारिका की माने तो सुपारी व गुटखा का सेवन से दांत तो खराब होते ही है, यह मसूड़ोें में भी घाव करता है। इससे जबड़े में जकड़न शुरू हो जाती है। शुरुआती दौर में उपचार से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है लेकिन अधिक समय तक इस जकड़न का रहने से कैंसर भी हो सकता है। वह कहती है मुंह के अंदर हुए छाले को भी गंभीरता से लेना चाहिए। यह छाला अगर छह माह से अधिक पुराना है और उपचार से भी ठीक नहीं हो रहा है तो वहां कैंसर होने की आशंका भी हो  सकती है।

पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक  डा. आर के सिंह कहते हैं-मुख रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही ‘नेशनल ओरल हेल्थ प्रोग्राम चलाया जा रहा है। सरकार भी इसे लेकर काफी गंभीर है। मुंह व दंत रोगों की पहचान व समय रहते उपचार के लिए सभी को सजग रहना चाहिए।

बचाव ही सबसे बेहतर उपाय

राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण के जिला सलाहकार डा. सौरभ प्रताप सिंह कहते हैं-मुख व दंत रोगों का सबसे बड़ा कारण तम्बाकू उत्पादों का सेवन है। लिहाजा तम्बाकू उत्पादों का सेवन तत्काल बंद करना ही, मुख व दंत रोगों से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है। साथ ही दांतों की नियमित सफाई व मसूड़ों की मसाज जरूर करना चाहिए। बावजूद इसके रोग का जरा भी लक्षण नजर आये तो तत्काल उपचार शुरू करायें। सभी सरकारी चिकित्सालयों में इसके निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है।

इन लक्षणों की भी न करें अनदेखी

जबड़े  से खून का रिसाव

मुंह में दर्द व सूजन

दांतों का क्षरण

मुंह से बदबू आना

शुक्रवार, 12 अगस्त 2022

Health: मुंह व दांतों की बीमारियों के बारे में सीएचओ को किया गया प्रशिक्षित

एनसीडी पोर्टल वो दांतों की सफाई की दी जानकारी  

मुंह में सूजन, बदबू, खून आना, अल्सर, घाव न भरने का बताया लक्षण


Varanasi (dil india live). Dm कौशल राज शर्मा के निर्देशन में जनपद के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर अब नियमित मुंह और दांत की बीमारियों की पहचान, इलाज और संदर्भन की निःशुल्क सेवाएँ दी जाएंगी। इसके लिए जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) सहित 200 से अधिक चिकित्साधिकारियों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण सीएमओ कार्यालय सभागार में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी के नेतृत्व में दिया गया। इस दौरान नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) तथा मुंह के स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

  एसीएमओ (आरसीएच) डॉ एचसी मौर्य और प्रशिक्षक व चिकित्साधिकारी डॉ अतुल राय ने मुंह और दांत की बीमारियों की पहचान, इलाज और संदर्भन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। डॉ मौर्य ने कहा कि अब से सीएचओ को हर दिन एनसीडी की रिपोर्टिंग करनी होगी। इससे पहले रिपोर्टिंग उपकेंद्रों पर एएनएम करतीं थीं। राज्य स्तर से प्राप्त निर्देशानुसार सभी स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस दौरान उन्हें एनसीडी पोर्टल पर फ़ार्म एस की रिपोर्टिंग के बारे में सिखाते हुए शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग सुनिश्चित करने को प्रेरित किया गया। एनसीडी पोर्टल में रिपोर्ट किए जाने वाले रोगों, उससे संबंधित जांच तथा नए मरीज मिलने की स्थिति में सूचित करने को कहा गया। पोर्टल पर सांख्यिकी रिपोर्ट के साथ-साथ रोगियों का विवरण भी अपलोड करना है।

डॉ अतुल राय ने मुंह को स्वस्थ रखने के फायदे, ओरल पार्ट्स की साफ-सफाई, सुबह-रात में ब्रश करने के फायदे, ओरल हाइजीन को बढ़ावा देने में डाक्टर की भूमिका, मुंह से संबंधित बीमारियां, उससे बचाव का तरीका, इलाज तथा रेफर करने के संबंध में बताया। उन्होने बताया कि मुंह में सूजन होना, बदबू आना, खून निकलना, अल्सर होना, घाव का न भरना कैंसर के लक्षण हैं। इसके साथ ही दांतों का क्षरण, काला और पीलापन, दांतों से खून निकलता है। उन्होने कहा कि नियमित शराब के सेवन से तनाव बढ़ता है। तनाव या शराब की अधिकता संबंधों को खराब करता है और परिवार के लोगों पर भी इसका गलत असर पड़ता है। जीवन शैली का बदलना, व्यवहार का बदलना, मुंह और व्यक्तिगत साफ-सफाई नजर अंदाज करने से भी सामान्य स्वास्थ्य के साथ -साथ मुंह के स्वास्थ्य की समस्या आती है। इसके कारण सांस लेते और छोड़ते समय मुंह से बदबू आती है। 

इस दौरान जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) रमेश प्रसाद वर्मा ने बताया कि सभी सीएचओ को नियमित रूप से एनसीडी पोर्टल पर रिपोर्टिंग करें।

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