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शनिवार, 29 जुलाई 2023

आग के अंगारों पर दौड़ा विश्व प्रसिद्ध 'दूल्हे' का जुलूस

Ya Husain...ya Husain...की गूंजी सदाएं, निकला दूल्हे का जुलूस 

  • गश्ती अलम का निकला जुलूस 








  • Mohd Rizwan 
Varanasi (dil India live). हज़रत कासिम की याद में नौवीं मोहर्रम की मध्यरात्रि विश्व प्रसिद्ध कदीमी (परंपरागत) दूल्हे का जुलूस निकाला गया। यह जुलूस इमामबाड़ा हज़रत कासिम नाल के सदर परवेज कादिर खां कि अगुवाई में अदब और एहतराम के साथ निकाला गया। सवारी पढ़ने के बाद जुलूस को दूल्हा कमेटी ने आवाम के हवाले किया जो अपने कदीमी रास्तों में लगी आग पर से होकर आगे बढ़ रहा था।अकीतदमंदों का जनसैलाब शिवाला में उमड़ा हुआ था। 

लोगों का हुजूम या हुसैन, या हुसैन...की सदाएं बुलंद करते हुए आग के अंगारों पर चलकर हज़रत इमाम हुसैन, हज़रत कासिम समेत कर्बला में शहीद हुए 72 हुसैनियों को सलामी पेश करते हुए इमाम चौकों पर बैठायी गई तकरीबन 60 ताजियों को सलामी देने व 72 अलाव से होता हुआ शनिवार की सुबह वापस लौटेगा। जुलूस शहर के छह थाना क्षेत्रों से गुजरता है। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था दिखाई दी।

इससे पहले दूल्हा कमेटी ने एक ओहदेदारान को दूल्हा बनाया जिस पर सवारी पढ़ी गई। डंडे में लगी घोड़े की नाल लिये दूल्हे को पकड़ने की लोगों में होड़ मची हुई थी। पीछे पीछे अकीदतमंदों का जनसैलाब जुलूस में शामिल था। जुलूस विभिन्न मुहल्लों में इमाम चौकों पर बैठे ताजिये को सलामी देता हैं, समाचार लिखे जाने तक दूल्हा शिवाला कि गलियों में लगी आग से होकर अस्सी कि ओर बढ़ रहा था। जुलूस के साथ विभिन्न थानों की पुलिस के अलावा रिजर्व पुलिस, पीएसी के जवान तैनात थे। कमेटी के अध्यक्ष परवेज कादिर खां ने बताया कि जुलूस शनिवार को पुन: शिवाला सिथत इमामबाड़ा दूल्हा कासिम नाल पहुंच कर ठंडा होगा। जुलूस जब ठंडा हो जाता है उसके बाद ही कर्बला के लिए ताजिया निकलती है। दूल्हे का जुलूस निकलने के बाद गश्ती अलम का जुलूस विभिन्न शिया इमामबाडों से निकाला गया जो गश्त करते हुए एक जगह से दूसरे जगह तक जाता दिखाई दिया। 

सोमवार, 8 अगस्त 2022

Muharram 9th:आग के अंगारों से होकर गुजरा विश्व प्रसिद्ध दूल्हे का जुलूस

दूल्हा घायल लौटा जुलूस, फिर दूसरे दूल्हे संग आग पर कूदा जुलूस



Sarfaraz Ahmad
Varanasi (dil india live). शहीदाने कर्बला हज़रत कासिम की याद में नौवीं मोहर्रम की मध्यरात्रि विश्व प्रसिद्ध कदीमी (परंपरागत) दूल्हे का जुलूस निकाला गया। शिवाला सिथत इमामबाड़ा दूल्हा कासिम नाल से अकीदत एवं एहतराम के साथ उठा यह जुलूस निकलते ही तब उसे वापस इमामबाड़े लौटना पड़ा जब दूल्हे का हाथ उखड़ गया। इस दौरान अकीतदमंदों का जनसैलाब शिवाला में उमड़ा हुआ था। पुनः दूसरे व्यक्ति को दूल्हा बना कर जुलूस निकाला गया। जुलूस या हुसैन, या हुसैन...की सदाएं बुलंद करते हुए आग के अंगारों पर चलकर हज़रत इमाम हुसैन, हज़रत कासिम समेत कर्बला में शहीद हुए 72 हुसैनियों को सलामी पेश करते हुए इमाम चौकों पर बैठायी गई तकरीबन 60 ताजियों को सलामी देने व 72 अलाव से होता हुआ मंगलवार की सुबह वापस लौटेगा। जुलूस शहर के छह थानाक्षेत्रों से गुजरता है। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही।

इससे पहले दूल्हा कमेटी ने एक ओहदेदारान को दूल्हा बनाया जिस पर सवारी पढ़ी गई। डंडे में लगी घोड़े की नाल लिये दूल्हे को पकड़ने की लोगों में होड़ मची हुई थी। पीछे पीछे अकीदतमंदों का हुजूम जुलूस में शामिल था। जुलूस विभिन्न मुहल्लों में इमाम चौकों पर बैठे ताजिये को सलामी देते बढ़ता गया। इस दौरान या हुसैन की सदाएं बुलंद हो रही थी। इस दौरान विभिन्न थानों की पुलिस के अलावा पीएसी के जवान तैनात थे। कमेटी के सचिव मोहम्मद खालिद ने बताया कि जुलूस मंगलवार को पुन: शिवाला सिथत इमामबाड़ा दूल्हा कासिम नाल पहुंच कर ठंडा होगा। समाचार लिखे जाने तक जुलूस लगातार या हुसैन,या हुसैन...की संस्थाएं बुलंद करता हुआ आगे बढ़ रहा था। 

आकर्षक ताजिये की हुई जियारत

9 वीं मोहर्रम को इमाम चौक पर सभी ताजिया फातेहा करके बैठा दी गईं। शहर भर में इनकी जियारत के लिए भारी भीड़ उमड़ी रही। अर्दली बाजार, दालमंडी, नई सड़क, मदनपुरा, बजरडीहा आदि इलाकों से ताजिया दरगाहे फातमान की ओर कल रवाना होगी।

 बुर्राक की ताजिया, पीतल की ताजिया, रांगे की ताजिया, शीशम की ताजिया, चपरखट की ताजिया, मोतीवाली ताजिया, हिंदू लहरा की ताजिया, जरी की ताजिया, शाबान की आदि प्रमुख ताजिया लोगों के आकर्षण का केंद्र रहीं।









तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...