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गुरुवार, 13 जुलाई 2023

Helth dipartment अलर्ट मोड पर, चल रहा डेंगू जागरूकता माह

डेंगू के डंक से है बचना तो जागरूक और सतर्क रहना

  •  ठहरे व साफ पानी में पनपता है डेंगू का मच्छर
  • बारिश के मौसम में संक्रामक बीमारियों से रहें बेहद सावधान



Varanasi (dil India live). बारिश का मौसम आते ही जगह-जगह जलभराव और गंदगी जमा होने से कई संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में सभी को सतर्क व सावधान रहने की जरूरत है। इसी के मद्देनजर जुलाई माह को डेंगू जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। साथ ही संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया आदि संक्रामक बीमारियों के बारे में समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। खास बात यह है कि इस साल अभी तक जनपद में डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला है।  

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार से ग्रसित लोगों की जांच करें। पॉज़िटिव मरीजों की सूचना जिला मलेरिया इकाई को अनिवार्य रूप से दें। मच्छर पैदा करने वाले स्रोतों का पूर्णतः विनष्टीकरण करें। छिड़काव और फोगिंग के लिए नगरीय क्षेत्र में नगर विकास तथा ग्रामीण क्षेत्र में पंचायती राज विभाग से सहयोग लें। सरकारी चिकित्सालयों और ब्लॉक स्तरीय सीएचसी पीएचसी को आवश्यक बेड आरक्षित करने के लिए निर्देशित किया है। ग्रामीण व नगर के उच्च जोखिम (हॉट स्पॉट) वाले क्षेत्रों पर सक्रिय रूप से छिड़काव और फोगिंग का कार्य कराया जाए।

एसीएमओ व संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया ने बताया कि डेंगू, मलेरिया, टीबी, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों से नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। 17 जुलाई से शुरू होने वाले दस्तक अभियान में घर-घर जाकर बुखार, टीबी व फाइलेरिया के रोगियों को चिन्हित कर उनका उपचार कराया जाएगा। सभी आशा कार्यकर्ताओं को रेपिड टेस्ट किट और वेक्टर सर्विलान्स के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रत्येक सीएचसी पीएचसी पर रेपिड रिस्पोंस टीम का गठन किया जा चुका है।                   

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू एक जानलेवा संक्रामक रोग है जोकि संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। अकेला एक संक्रमित मच्छर ही अनेक लोगों को डेंगू से ग्रसित कर सकता है। बरसात के मौसम में ही डेंगू का खतरा बढ़ने लगता है। डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन में ही काटते हैं। इसके मच्छर ठहरे हुये व साफ पानी में पनपते हैं जैसे - कूलर के पानी, रुंधे हुये नालों में और नालियों में। डेंगू कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को आसानी से हो सकता है । इसलिए इसके प्रति बेहद सावधान, सतर्क व जागरूक रहने की आवश्यकता है। 

उन्होंने बताया कि जनवरी 2023 से अभी तक जिले में डेंगू के लिए करीब 1500 रेपिड टेस्ट हो चुके हैं जिसमें कोई भी पॉज़िटिव नहीं पाया गया। वहीं मलेरिया के लिए करीब 67564 लोगों की ब्लड स्लाइड से जांच की जिसमें 12 पॉज़िटिव पाये गए। ये सभी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों तथा शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेंगू, मलेरिया आदि के जांच की सुविधा मौजूद है। 

डेंगू के लक्षण 

- तेज सिरदर्द व बुखार का होना

- मांस पेशियों एवं जोड़ों में अधिक दर्द होना

- आँखों के पीछे दर्द होना

- जी मिचलाना, उल्टी, दस्त तथा त्वचा पर लाल रंग के दाने होना

- गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना। 

- स्थिति गम्भीर होने पर प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से कमी

जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर घरों के अंदर व आसपास रूके हुये साफ पानी में पनपता है जैसे कि कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुये बर्तन व टायर इत्यादि।

क्या करें 

- पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों आदि को ढक कर रखें।

- सप्ताह में एक बार कूलर को खाली करके सुखा दें।

- यह मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे कपड़े पहनें जो बदन को पूरी तरह ढकें। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है।

- डॉक्टर की सलाह पर बुखार उतारने के लिए आवश्यक दवा जरूर लें

- अधिक बुखार होने पर डाक्टर की सलाह लें। डाक्टर की सलाह पर रोगी को अस्पताल में भर्ती अवश्य करा दें।

बुधवार, 29 मार्च 2023

Ramadan Mubarak -6

पड़ोसियों के साथ बेहतर सुलूक कि दावत देता है माहे रमजान 


Varanasi (dil india live)। मुकद्दस रमज़ान में कहा गया है कि अपने पड़ोसियों के साथ अच्छा सुलूक करो, भले ही वो किसी भी दीन या मज़हब का हो। पड़ोसी अगर भूखा सो गया तो उसके जिम्मेदार तुम खुद होगे। रब कहता हैं कि 11 महीना तो बंदा अपने तरीक़े से गुज़ारता है एक महीना अगर वो मेरे बताए हुए नेकी के रास्ते पर चले तो उसकी तमाम दुश्वारियां दूर हो जाएगी। इस 1 महीने के एवज़ में रोज़ेदार पूरे साल नेकी की राह पर चलेगा।

मुकद्दस रमजान में अगर कोई तुमसे झगड़ा करने पर अमादा हो तो उसे लड़ो मत, बल्कि उससे कह दो मैं रोज़े से हूं। यानी मैं तुमसे लड़ाई झगड़ा नहीं चाहता। रमज़ान मिल्लत की दावत देता है, रमज़ान नेकी की राह दिखाता है। यही वजह है कि रमज़ान में खून-खराबा, लड़ाई झगड़ा सब मना फरमाया गया है। रमज़ान के लिए साफ कहा गया है कि यह महीना अल्लाह का महीना है। इस महीने में रोज़ेदार केवल नेकी, इबादत और मोहब्बत के रास्ते पर चलें। यही वजह है कि रमज़ान आते ही शैतान गिरफ्तार कर लिया जाता है। जन्नत के दरवाज़े खोल दिए जाते हैं और जहन्नुम के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं। 

इस माहे मुबारक में पांच ऐसी रात आती है जिसे ताक रात या शबे कद्र कहा जाता है। इस रात में इबादत का सवाब रब ने कई साल की इबादत से भी ज्यादा अता करता है। ऐ मेरे पाक परवरदिगार तू अपने हबीब के सदके में हम सबको रमज़ान की नेअमत अता कर और सभी को रोजा रखने की तौफीक दे ताकि सभी की ईद हो जाये..आमीन।

हाजी इमरान अहमद

राइन गार्डेन, वाराणसी

मंगलवार, 20 सितंबर 2022

Rashtriya poshan mah: आयुर्वेद से एनीमिया के बचाव की मिली जानकारी

किशोरियों-महिलाओं को किया जागरूक, दी गई जानकारी 

बाजार कालिका आंगनबाड़ी केंद्र पर हुई जन जागरूकता बैठक, निकली पोषण रैली




Varanasi (dil india live). जिले में आज कल राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रतिदिन पोषण व स्वास्थ्य से जुड़ी विविध जन जागरूक गतिविधियां की जा रही हैं। इसमें बच्चे, किशोरियां व महिलाएं बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग कर रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार को सेवापुरी के आंगनबाड़ी केंद्र बाजार कालिका पर जन जागरूकता के उद्देश्य से बैठक की गई। इसमें महिलाओं और कंपोजीट विद्यालय की छात्राओं को पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता और आयुर्वेद को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। साथ ही पोषण रैली भी निकाली गई।

   यह कार्यक्रम बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग व आयुष - आयुर्वेद विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। इसमें राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय सेवापुरी के चिकित्सक डॉ त्रिभुवन राम और डॉ विनोद सहित प्रभारी बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) लालिमा पाण्डेय और मुख्य सेविका अनुराधा सिंह ने किशोरियों और महिलाओं को आयुर्वेद से एनीमिया (खून की कमी) का बचाव, पौष्टिक आहार के खानपान, सूक्ष्म पोषक तत्व, साफ-सफाई, स्वच्छता प्रबंधन आदि के बारे में जानकारी दी गई। बताया गया कि आंवले का जूस, लाल चुकंदर का जूस, अनार, सेब, आयरन युक्त हरी पत्तेदार सब्जियां आदि के नियमित सेवन से एनीमिया को दूर किया जा सकता है। उन्होने कहा कि प्रतिदिन कम से कम पांच खाद्य समूह अपने भोजन में अवश्य शामिल करें। किशोरियां सप्ताह में कम से कम एक बार आयरन की गोली अवश्य खाएं। साथ ही योग और शारीरिक व्यायाम के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

वहीं पोषण रैली के माध्यम से ‘साफ-सफाई पर ध्यान दें, भोजन संक्रमण रहित रखें’, ‘माँ-बच्चे की सेहत का उपचार-सही उपचार उचित व्यवहार’, ‘स्वस्थ संतुलित आहार, ऊर्जा दे शरीर को अपार’, फल सब्जी अनाज का सेवन बढ़ाएं, फास्टफूड से बचें व शरीर को सेहतमंद बनाएं’ आदि संदेश दिये गए। अंत में आयुष विभाग द्वारा सभी को लोहासव एवं अश्वगंधा चूर्ण दिया गया। 

   इस मौके पर स्कूल की अध्यापिका, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सीमा विश्वकर्मा, शशिकला सिंह, नुसरत जहां, मंजू सिंह, माधुरी देवी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

गुरुवार, 25 अगस्त 2022

Oral health : छह माह से अधिक का मुंह में छाला है खतरे की घंटी

जबड़े का न खुलना  हो सकता है खतरनाक

मुंह व दंत रोगों के प्रति रहें सावधान, सरकारी चिकित्सालयों में करायें निःशुल्क निदान


Varanasi (dil india live).अगर आप का जबड़ा पूरी तरह नहीं खुलता है या फिर मुंह में छह माह से अधिक का छाला है तो सावधान हो जाये। यह खतरे की घंटी है। सरकारी अस्पतालों में इसका निःशुल्क उपचार होता है। ऐसे लक्षणों की अनदेखी से मुंह में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है।

पं. दीन दयाल चिकित्सालय में दंत रोग विभाग की प्रभारी डा. निहारिका मौर्य बताती हैं कि उनकी ओपीड़ी में हर हफ्ते एक-दो ऐसे मरीज आते हैं जिन्हें जबड़ा पूरी तरह न खुलने या फिर मुंह के अंदर छाले के ठीक न होने की शिकायत होती है। इनमें अधिकांश उपचार से ठीक हो जाते  हैं, जबकि कई ऐसे भी होते हैं जिनमें कैंसर के भी लक्षण होते हैं। वह बताती है कि ऐसे ही गंभीर मरीजों में शामिल रहे  65 वर्षीय महेश यादव (परिवर्तित नाम )। उनका जबड़ा लगभग दो माह से पूरी तरह नहीं खुल रहा था। हालत यह हो गयी थी कि भोजन भी उनके मुख में किसी तरह जा पाता था। स्थिति जब बदतर हो गयी तब वह उपचार कराने के लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के दंत रोग विभाग में पहुंचे। बताया कि वह गुटखा खाने के लती हैं और उनका जबड़ा पूरी तरह जकड़ गया है। जांच हुई तो पता चला कि उन्हें मुंह का कैंसर है। उन्हें बीएचयू के लिए रेफर कर दिया गया। डा. निहारिका ने बताया कि कुछ ऐसी ही स्थिति जगधारी (48 वर्ष) (परिवर्तित नाम ) की रही। खैनी के लती जगधारी के गाल में आठ माह से छाला निकाला था। तमाम उपचार के बाद भी वह ठीक नहीं हो रहा था। उपचार शुरू कराया तो पता चला कि उन्हें गाल का कैंसर है, उन्हें भी बीएचयू रेफर कर दिया गया। 


डा. निहारिका बताती हैं कि ‘आम तौर पर लोग दंत अथवा मुंह में हुए रोगों को प्रति बेहद लापरवाह होते हैं। वह चिकित्सक के पास तब जाते हैं जब उनकी पीड़ा असहनीय हो जाती है अथवा रोग गंभीर हो चुका होता है। यदि लोग मुख व दंत रोगों के प्रति थोड़ी सी भी सावधानी बरतें तो उपचार से वह पूरी तरह ठीक हो सकते है लेकिन लापरवाही से यह परेशानी कैंसर में भी तब्दील हो सकता है। डा. निहारिका की माने तो सुपारी व गुटखा का सेवन से दांत तो खराब होते ही है, यह मसूड़ोें में भी घाव करता है। इससे जबड़े में जकड़न शुरू हो जाती है। शुरुआती दौर में उपचार से यह पूरी तरह ठीक हो जाता है लेकिन अधिक समय तक इस जकड़न का रहने से कैंसर भी हो सकता है। वह कहती है मुंह के अंदर हुए छाले को भी गंभीरता से लेना चाहिए। यह छाला अगर छह माह से अधिक पुराना है और उपचार से भी ठीक नहीं हो रहा है तो वहां कैंसर होने की आशंका भी हो  सकती है।

पं.दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक  डा. आर के सिंह कहते हैं-मुख रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही ‘नेशनल ओरल हेल्थ प्रोग्राम चलाया जा रहा है। सरकार भी इसे लेकर काफी गंभीर है। मुंह व दंत रोगों की पहचान व समय रहते उपचार के लिए सभी को सजग रहना चाहिए।

बचाव ही सबसे बेहतर उपाय

राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण के जिला सलाहकार डा. सौरभ प्रताप सिंह कहते हैं-मुख व दंत रोगों का सबसे बड़ा कारण तम्बाकू उत्पादों का सेवन है। लिहाजा तम्बाकू उत्पादों का सेवन तत्काल बंद करना ही, मुख व दंत रोगों से बचाव का सबसे बेहतर उपाय है। साथ ही दांतों की नियमित सफाई व मसूड़ों की मसाज जरूर करना चाहिए। बावजूद इसके रोग का जरा भी लक्षण नजर आये तो तत्काल उपचार शुरू करायें। सभी सरकारी चिकित्सालयों में इसके निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है।

इन लक्षणों की भी न करें अनदेखी

जबड़े  से खून का रिसाव

मुंह में दर्द व सूजन

दांतों का क्षरण

मुंह से बदबू आना

सोमवार, 20 सितंबर 2021

पोषण माह के तहत अराजीलाइन में हुईं जनजागरूक गतिविधियां

स्वस्थ समाज, सुपोषित समाज’ का दिया संदेश

वाराणसी, 20 सितंबर(दिल इंडिया लाइव)। राष्ट्रीय पोषण माह के तहत जनपद के सभी विकासखण्डों में पोषण व स्वास्थ्य से जुड़ी जन जागरूक गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। जिसका लाभ बच्चों, किशोर-किशोरियों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को आसानी से मिल रहा है। इस क्रम में सोमवार को अराजीलाइन विकास खंड में पोषण से जुड़ी जन जागरूक गतिविधियाँ आयोजित की गईं। इस दौरान ‘स्वस्थ समाज, सुपोषित समाज’ का संदेश भी जन जन तक पहुँच रहा है।  


       अराजीलाइन विकास खंड की बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) अंजु चौरसिया ने बताया कि पोषण माह के चतुर्थ सप्ताह के अंतर्गत ने अराजीलाइन में आंगनबाड़ी केंद्र जयापुर में पोषण पंचायत कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें लाभार्थियों के साथ पोषण पर चर्चा की गयी।


आंगनबाड़ी केंद्र पनियर में बच्चों का वजन व लंबाई ली गयी। इसके साथ ही हैंडवॉश की विधि सिखायी गयी। इसके अतिरिक्त बसंतपुर, भतसर, अयोध्यापुर, जलालपुर, कुरसोता, कपरफोरवा, मेहंदीगंज, बेनीपुर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं द्वारा जन जागरूकता गतिविधियों जैसे पोषण सेनानी रैली, पोषण उत्सव, व्यंजन प्रतियोगिता, वजन व लंबाई आदि का आयोजन किया गया । इसके साथ ही सभी केन्द्रों पर पोषण तस्तरी व पोषण वाटिका प्रदर्शनी लगाई गयी, जिसमें लाभार्थियों को पोषण व स्वास्थ्य का महत्व बताया गया। इस मौके पर समस्त क्षेत्रीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं मौजूद रहीं।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...