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गुरुवार, 7 दिसंबर 2023

मुर्री बंद रखेंगे बुनकर, अदा की जाएगी अगहनी जुमे की नमाज


Varanasi (dil India live).07.12.2023. बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी (बावन मुहल्ला) पंचायत की ओर से जुमे को मुर्री बंद का ऐलान किया गया है। इस दौरान करघे बंद रहेंगे और बुनकर अपना कारोबार ठप रखेंगे। यही नहीं बावनी के महतो हाजी मुख्तार ने मुल्क की खुशहाली और अमन-चैन के लिए दुआ के लिए आयोजित होने वाली ऐतिहासिक अगहनी जुमे की नमाज 8 दिसम्बर को अदा किए जाने का भी ऐलान किया। इस जुमे की मुख्य नमाज पारम्पारिक रूप से लगभग 450 सालों से पुराना पुल, पुल कोहना स्थित ईदगाह व चौकाघाट में अदा की जाती है। बनारस के बुनकरों द्वारा अगहनी जुमे पर नमाज और मुर्री बंद की यह रवायत लगभग साढ़े चार सौ साल पुरानी है। बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो ने बताया कि यह नमाज पूरी दुनिया में सिर्फ बनारस में ही पढ़ी जाती है। वो इतिहास बताते हैं कि लगभग साढ़े चार सौ साल पहले देश मे भयंकर अकाल पड़ा था, बारिश ना होने से हाहाकार मचा हुआ था, जिसकी वजह से बेहाल किसान खेती नही कर पा रहे थे। खेती ना होने के कारण बाजार में जबरदस्त मंदी आ गयी और उसकी चपेट में बुनकर भी आ गए। ना किसान खेती कर पा रहा था और ना ही बुनकरों के कपड़े बिक रहे थे। हर ओर भुखमरी का आलम था । बुनकरों ने इस हालात को ठीक करने के लिए अल्लाह से दुआ मांगने के लिए अगहन महीने के जुमे के दिन ईदगाह में इकट्ठे हुए और बारिश के लिए दुआएं मांगी। अल्लाह के रहमो करम पर खूब बारिश हुई, किसानों और बुनकर दोनों के कारोबार चलने लगे तो मुल्क में फिर से खुशहाली छा गई। तब से यह परम्परा हर साल अगहन के जुमे के दिन बनारस के बुनकर बिरादरी की तरफ से मुर्री बंद कर निभाई जाती है।

एक बजे अदा की जाएगी अगहनी जुमे की नमाज

बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो ने बताया की जुमे की नमाज दोपहर 1 बजे पुराना पुल  स्थित पुल कोहना ईदगाह में अदा की जाएगी। 

रविवार, 3 दिसंबर 2023

Aghan Hindu महीना, मगर नमाज़ अदा करते हैं मुस्लिम

गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है अगहनी जुमा

इस बार 8 दिसम्बर को अदा होगी अगहनी जुमे की नमाज 

अगहनी जुमे की नमाज की तैयारियों को लेकर बैठक में जुटे बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के मेम्बर्स 


Varanasi (dil India live).03.12.2023. अगहन हिंदू महीना है मगर इस दिन मुस्लिम बुनकर अपना कारोबार बंद करके नमाज़ अदा करते हैं। वो भी अगहन की नमाज। यह गंगा जमुनी तहजीब ही है जो सदियों से बनारस में फल फूल रही है। अगहन के दूसरे शुक्रवार को सैकड़ों साल से बुनकर पुराना पुल और चौका घाट ईदगाह में एकत्र होते हैं और अगहनी जुमे की नमाज अदा करते हैं। पूरी दुनिया में अगहनी जुमे की नमाज केवल बनारस में ही अदा की जाती है। इस बार गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल अगहनी जुमा 8 दिसम्बर को है। बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के अध्यक्ष सरदार इकरामुद्दीन के रसूलपुरा स्थित आवास पर एक मीटिंग बुलाई गई इस मीटिंग में सर्व सम्मति से तय हुआ कि विगत वर्षों की भांति आगामी शुक्रवार को अगहनी जुमा की नमाज़ चौका घाट स्थित ईदगाह के मैदान में अदा की जाएगी, जिसकी इमामत जनाब मौलाना अल्ताफुर्रहमान साहब करेंगे तो उधर पुराना पुल ईदगाह में भी अगहनी जुमे की नमाज अदा की जाएगी। सरदार ने बताया कि यह नमाज़ पुरानी परंपरा के अनुसार प्रत्येक वर्ष अगहन मास में अदा की जाती है, और कारोबार में बरकत, मुल्क में अमन व स्लामती के लिए दुआ की जाती है। नमाज के बाद किसान गन्ना और मछली की दुकान लगाते है। नमाजी यहां से नमाज के बाद गन्ना खरीद कर घर लौटते हैं।

बैठक में नमाज की व्यवस्था सौंपी गई जिसमें मुख्य रूप से अब्दुल्ला अंसारी, जैनूल होदा अंसारी, जलीस अंसारी, वकास अंसारी, गुलाम मुनीर अंसारी, आफताब आलम अंसारी, नूरुल हसन अंसारी, मुन्ना अंसारी, मुहम्मद अली नक्शेबंद, यासीन फरीदी, सुलेमान अख्तर, ज़हीर अहमद, बेलाल अहमद, हाजी अनवारूल हक, हाजी नजमूल हसन, शहंशाह, बाबू तार वाले, अबू बकर, हारून, हाजी सरदार अमीनुद्दीन, हाफीज़ अहमद, सरदार नसरुद्दीन आदि शामिल थे।

गुरुवार, 30 नवंबर 2023

Aghani Juma: 8 को अदा की जाएगी ऐतिहासिक नमाज़

अगहनी जुमे पर होगी देश और कौम की खुशहाली की दुआएं 



अगहनी जुमे की नमाज की तैयारियों को लेकर बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी की बैठक में जुटे सरदार साहेबान 


Varanasi (dil India live). मोहल्ला काजी सादुल्लापूरा स्थित  बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के पूर्व सरदार स्व. हाजी अब्दुल कलाम के आवास पर सालाना होने वाली अगहनी जुमें की ऐतिहासिक नामाज की तैयारी को लेकर  बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी  के सरदार हाजी मोइनुद्दीन उर्फ़ कल्लू हाफीज  की अध्यक्षता में पुरे काबीना के सदस्यों के साथ एक बैठक हुयी ।  बैठक में बाईसी तंजीम के सरदार हाजी मोइनुद्दीन उर्फ कल्लू हाफीज ने बताया की सदियो पुरानी अगहनी जुमे की नमाज की जो ये पारम्परा है उसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए आज कबीना के  सभी ने ये तय किया है की इस साल अगहनी जुमे की नमाज़ की तारीख तय की गई इस साल पारंपरिक अगहनी जुमे की नमाज 8 दिसंबर को पूरानापुल के पुल्कोहना ईदगाह मे अदा की जायेगी। परंपरा के अनुसार अगहनी जूमे के नमाज के बाद दुआखानी की जायेगी जिसमें मुल्क की तरक्की, आपस में भाईचारगी बनी रहे उसके लिए खास दुआएं होती है। जो इस वक्त घर घर में बीमारी फैली है ये बीमारी खत्म हो उसके लिए दुआ की जाएगी और सभी के कारोबार में बरक्कत के लिए और सभीलोगो की परेसानिया दूर हो उसके लिए दुआखनी की जायेगी।
इस मौके पर सरदार साहेबान ने सभी बुनकर भाइयो से अपील किया कि अगहनी जुमे की नमाज में सभी बुनकर भाई अपना अपना कारोबार ( मुर्री) बन्द कर नमाज अदा कर दुआखानी में शामिल मिल हो। इस मीटिंग में हाजी बाबू, गुलाम मो. उर्फ दरोगा, अफरोज अंसारी, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, हाजी यासीन माईको, गुलशन अली पार्षद, हाजी स्वालेह, डा. इम्तियाजुद्दीन, हाजी इश्तियाक, मौलाना शकील, हाजी स्वालेह, बाऊ सरदार, शमीम अंसारी, हाजी मुमताज, मो0 शाहिद, हाफिज नसीर, हाजी महबूब अली, बाबूलाल किंग, हाजी तुफैल, हाजी गुलाब, हाजी मतीउल्ला, हाजी मोइनुद्दीन, हाजी नईम, मो. हारून, हाजी अली अहमद, हाजी रफीक, नसीर सरदार, रेयाज अहमद, सुक्खू अंसारी, हाजी अनवार, हाजी गुलाब, हाजी यासीन सहित काबीना के सारे सदस्य मौजूद थे।

मंगलवार, 25 जुलाई 2023

Bunkar कारोबार मंदी से जूझ रहा: इदरीस अंसारी

बुनकर सरदार इदरीस अंसारी का हुआ स्वागत 


Varanasi (dil India live). शाह वेलफेयर सोसाइटी के प्रदेश उपाध्यक्ष मास्टर अज़ीज़ुल इस्लाम के औरंगाबाद आवास पर बुनकर बिरादराना तंज़ीम बारहवें के नए सरदार इदरीस अन्सारी का इस्तकबाल किया गया. इस मौके मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए सरदार इदरीस अन्सारी ने कहा कि जिस उम्मीद के साथ लोगों ने मुझे जिम्मेदारी दी है और ऐसे समय में मिली है कि पावरलूम बुनकरों के उपर,मानो संकट के पहाड़ टूट पड़ा है कारोबार पूरी तरह मंदी से जूझ रहा है महंगाई चरम सीमा पार कर चुकी है. सरकार द्वारा नए शासनादेश जारी कर पावरलूम बुनकरों कि कमर तोड़ दिया है. ऐसे संकट में बुनकर समाज को मुझसे जो उम्मीद है उसे पूरी करने के लिए संघर्ष, करने से पीछे नहीं हटूंगा. जिस तरह से बुनकर समाज ने मुझ पर भरोसा किया है उसी तरह से मुझे भी अपने बुनकर भाइयों पर भरोसा है, जब उनकी जरूरत पड़ेगी तो वह भी मेरे साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर मेरा साथ देने को तैयार रहेंगे.

इस मौके पर मौजूद लोगों में मुख्य रूप से अज़ीज़ुल इस्लाम शाह शमशेर शाह निजामुद्दीन शाह सलीम शाह गुलजार अहमद मुस्तकीम अन्सारी कमरुद्दीन अंसारी मकबूल अहमद जैनुद्दीन अंसारी मुम्ताज़ अहमद अख्तर खान आदि लोग मौजूद थे

गुरुवार, 13 जुलाई 2023

Mohd Hanif Bunkar sardar, Haji harun बने बड़ा इनारा के महतो




Varanasi (dil India live). सरैया स्थित हाजी हकीम साफा के बगीचा में मोहल्ला बड़ा इनारा (जलालीपुरा) के नए सरदार और महतो की दस्तारबंदी की रस्म अदा कि गयी। यह रस्म अदायिगी बुनकर बिरादराना तंजीम चौदाहो के सरदार हाजी मकबूल हसन ने अपने हाथो से नए सरदार के रूप में मोहम्मद हनीफ को और महतो के रूप में हाजी मो. हारून के सर पर पगड़ी बांध कर दरस्तारबंदी की रस्म अदायगी की । इस मौके पर चौदहो के सरदार हाजी मकबूल हसन ने कहा कि सरदार और महतो की आज जिम्मेदारी दोनो लोगो को दी गई है हम सब  इनको मुबारकबाद देते है। इन दोनो सरदार और महतो को जो यह पद दिया गया है यह पद बहुत ही जिम्मेदारी का है। जो सर पर पगड़ी बांधी गई है ये पगड़ी नहीं एक कांटो भरा ताज है। जिसे बहुत ही जिम्मेदारी और ईमानदारी से और बिना भेद भाव के  काम करना है ताकि किसी को भी किसी फैसले से तकलीफ न हो। जो भी मसाइल सरदार और महतो साहब के पास आए  सभी के साथ इंसाफ करना है। इसमें न तो कोई अपना होता है न कोई पराया होता है। सब एक समान है। समाज के जो भी लोग कोई भी मसले को ले कर सामने आए उस मसले के साथ बिना भेद भाव के इंसाफ करना ये सरदार और महतो की जिम्मेदारी होती है। और इस बात का ख्याल रखे की किसी के साथ ना इंसाफी न हो। इस दस्तारबंदी की सदारत मौलाना जहांगीर साहब ने की। इस मौके पर तकरीर मौलाना अमीर आजम साहब साहब ने किया। निजामत मौलाना जियाउल मुस्तफा ने किया। इस मौके पर नए सरदार मोहम्मद हनीफ ने और महतो हाजी हारून ने सभी को भरोसा दिलाया कि हम सब समाज की भलाई के लिए दिन रात काम करेंगे और आवाम के साथ खड़े रहेंगे। इस दस्तारबंदीय में आए हुए लोगो का स्वागत पार्षद पति हाजी ओकास अंसारी ने किया। 

इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में दिलशाद अहमद डील्लू  शामिल हुए। दस्तारबंदी में प्रमुख रूप से मौजूद एकराम अंसारी, हाजी बहाउद्दीन, हाजी गुड्डू सरदार, हकीम महतो, पार्षद तुफैल अहमद, नुरुल हसन, बाऊ सरदार, इकबाल महतो, मतीन, अली हसन, जैनुल महतो, मुमताज महतो, खलील सरदार, अब्दुल रब, मो. फारूक, बिस्मिल्ला, सलाम, कलाम बाबा, अखलाक अहमद, गोरके हकीम, युनुस बाबा, अब्दुल जब्बार, अब्दुल मजीद, सेराजुद्दी, यासीन खान, अब्दुल खालिद, मुस्तफा सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

बुधवार, 12 जुलाई 2023

Haji zaid, Nurulhuda के सिर सजा सरदार व महतो का ताज

जलालीपुरा के नए सरदार व महतो की हुई दस्तारबंदी





Varanasi (dil India live). मोहल्ला सरैया स्थित हाजी हकीम के बगीचे में मोहल्ला जलालीपुरा के नए सरदार और महतो की दस्तारबंदी की रस्म अदा की गई। नए सरदार और महतो की दस्तारबंदी की रस्म अदायगी बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के सरदार हाजी हाफिज मोइनुद्दीन ने अपने हाथो से किया। नए सरदार हाजी जैद को और महतो हाजी नुरुलहुदा ऊर्फ बाबू को सर पर पघडी बांध कर दरस्तारबंदी की रस्म अदायगी की। इस मौके पर बाईसी के सरदार हाजी हाफिज मोइनुद्दीन ने कहा की सरदार और महतो की जो आज दोनो जिम्मेदारान को यह पद दी गई है यह बहुत ही जिम्मेदारी की पद है जो सर पर पगड़ी बंधाई है ये पगड़ी नहीं एक कांटो भरा ताज है जिसे बहुत ही जिम्मेदारी और ईमानदारी से और बिना भेद भाव के सभी के साथ इंसाफ करना है इसमें ने कोई अपना होता है न कोई पराया है सब एक समान है। समाज के जो भी मसले सामने आए उस मसले के साथ बिना भेद भाव के इंसाफ करना ये दोनो सरदार महतो की जिम्मेदारी है।  की किसी के साथ ना इंसाफी न हो। इस दस्तार बंदी की सदारत मौलाना हारून रशीद नक्शबंदी ने की। इस मौके पर तकरीर मौलाना कारी दिलशाद साहब और मौलाना हारून नक्सबंदी साहब ने की । इस दस्तारबंदीय में आए सभी लोगो  का स्वागत चेत्रीय पार्षद हाजी ओकास अंसारी ने किया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में थाना जैतपुरा प्रभारी श्री मथुरा प्रसाद राय जी सामिल हुए। दस्तारबंदि में प्रमुख रूप से मौजूद हाजी इस्तियाक, हाजी बाबूलाल किंग, हाजी नसीर, हाजी बाबू महतो, हाजी मुमताज, हाजी गुलाब, पार्षद गुलशन अली, हाजी तुफैल, सरदार अजीजुल्हक, हाजी गुड्डू सरदार, हकीम महतो,  बाऊ सरदार, अली हसन, खलील सरदार, सरदार गुलाम नबी, हाजी अनिसुर्रहमान, हाजी इम्तियाज, हाजी लाला, असलम, अब्दुल रब, बिस्मिल्ला अंसारी, नुरुल ऐन, हाजी समसू, अफजल अंसारी, वहाब अंसारी सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

Nagar nigam कर रहा बुनकरों का उत्पीड़न

नगर आयुक्त को बुनकरों ने सौंपा ज्ञापन



Varanasi (dil india live). मुत्तहिदा (संयुक्त) बुनकर बिरादराना तंजी़म बनारस का एक प्रतिनिधिमंडल 7 फरवरी 2023 मंगलवार, नगर आयुक्त डॉ प्रणय सिंह से नगर निगम स्थित उनके कार्यालय में मिला और नगर निगम के भवन कर विभाग द्वारा बुनकरों के पावरलूम की संख्या के आधार पर कमर्शियल रेट पर भवन कर मूल्यांकन किए जाने, वर्ष 2014 से कमर्शियल रेट पर भवन शुल्क का असेसमेंट किए जाने, तथा विभाग द्वारा बुनकरों का ज़बरदस्त शोषण एवं उत्पीड़न किए जाने जैसी समस्याओं से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने यह तथ्य भी रखा कि जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन द्वारा निवेश को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट कैंपेन चला रही है ऐसे में बुनकारी जैसे कुटीर उद्योग जो देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है, उस परंपरा को आगे बढ़ाने वाले बुनकरों के ऊपर इस तरह का अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालना तर्कसंगत एवं न्याय संगत नहीं है। विभाग का यह कदम प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के भी विपरीत है। इसलिए पावरलूम बुनकरों के भवनों को कमर्शियल टैक्स श्रेणी से बाहर किया जाए तथा इस संबंध में विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।

नगर आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल की शिकायतों को गंभीरतापूर्वक सुना एवं यथाशीघ्र समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने संबंधित अफ़सरों को अपने कार्यालय में बुलाकर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया। 

प्रतिनिधिमंडल में सरदार इकरामुद्दीन, सरदार हाजी मक़बूल हसन, सरदार हाजी ज़ियाउल हसन, अब्दुल्लाह अंसारी, इशरत उस्मानी, अख़लाक़ महतो, मौलाना अब्दुल अज़ीज़, जै़नुल हुदा, सरदार मोहम्मद अहमद, तुफै़ल अंसारी पार्षद, सरदार मोहम्मद फा़रुक़, यासीन फ़रीदी, शरफुद्दीन, हाजी हसीन अहमद, सैफुद्दीन उर्फ बाबुल,हाजी इरफ़ान अहमद, सरदार अमीनुद्दीन आदि उपस्थित थे।

शुक्रवार, 18 नवंबर 2022

Ya allah is mulk me millat khayam rahe... aamin




मुर्री बंद कर बुनकरों ने अदा की अगहनी जुमे की नमाज 

Varanasi (dil india live). ईदगाह पुरानापुल में जुटे को ईदगाह सरीखा माहौल नज़र आया। सभी खूब सजधज कर नमाज अदा करने पहुंचे हुए थे। मौका था बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के सरदार हाजी मोइनुद्दीन उर्फ कल्लू हाफिज की सदारत में अगहनी जुमे की नमाज का। वहां नमाज पूरी अकीदत के साथ अदा की गयी। इस मौके पर सरदार हाजी मोइनुद्दीन  ने बताया की अगहन के इस पवित्र महीने में पूरा बुनकर समाज अगहनी जुमे की नमाज हर साल ईदगाह में अदा करता है। ये सिलसिला सैकड़ों साल कदीमी है। उस वक़्त देश के हालात ठीक नहीं थे। किसान परेशन थे। बारिश न होने की वजह से खेती नहीं हो रही थी। देश में अकाल पड़ा था। तब बुनकर समाज ने अपना कारोबार बंद कर इकठ्ठा हो कर अगहन के महीने में ईदगाह में नमाज़ अदा किया था। इसके बाद अल्लाह का करम हुआ और खूब बारिश हुई। इससे किसानो में खुशी की लहर दौड़ गयी। तब से इस परंपरा को बुनकर बिरादरी निभा रही है।  बनारस की सबसे बड़ी तंज़ीम बुनकर बिरादराना तनजी बावनी के सद्र हाजी मुख़्तार महतो ने बताया की ये अगहनी जुमा की नमाज़ गंगा जमुनी तहज़ब की एक जीवंत मिसाल है कि सदियो पहले जब मुल्क के हालात ख़राब थे सभी वर्ग के लोग परेशन और बदहाल थे तब उस बदहाली और परेशनी को दूर करने के लिए बुनकर समाज के लोग अपने अपने कारोबार (मुर्री बंद) कर ईदगाह में नमाज़ अदा कर दुआए की और उस दुआ को असर हुआ चारो तरफ खुशाली आई। किसान और बुनकर दोनों के कारोबार में बरकत हुई। ये परंपरा आज भी हम सब निभा रहे है। आज के दिन हमारे किसान द्वारा उगाई गयी गन्ने को जिसकी दुकान हमारे हिन्दू भाई लगाते है उन तमाम दुकानों से मुसलमान अगहनी जुमे की नमाज़ अदा कर दुकानों से गन्ना खरीद कर घर ले जाते है। यही हमारे हिंदुस्तान की गंगा जमुनी तहजीब है। 

इस मौके पर तक़रीर मौलाना जाहिर ने की। तक़रीर में मौलाना ने सभी से मिल्लत और भाई चारगी बनाये रखने की अपील की और कहा की सभी लोग आपस में मोहब्बत रखिये, मोहब्बत एक ऐसी चीज है जो सभी को एक धागे में पिरो कर एक साथ ले कर चलती है। आज हम सबको इसकी जरुरत है। अगहनी जुमे की नमाज़ मौलाना जाहिर ने पढाई और नमाज़ के बाद दुआखानी कर मौलाना ने मुल्क की तरक्की के लिए दुआये की। मुल्क में आपस में भाईचारगी व मिल्लत बनी रहे उसके लिए सभी ने दुआ में हाथ उठाया। बुनकर कारोबार में बरकत की भी  दुआएं हुई।

सादगी से बेटों कि शादी कर ने दिया पैग़ाम 

सादगी से शादी हो, बिना खर्च के शादी ब्याह हो उसके लिए अगहनी जुमा कि नमाज के बाद बाईसी के सरदार हाजी मोइनुद्दीन ने अपने दो बेटे मकबूल आलम और मंजूर आलम का निकाह सादगी के साथ ईदगाह में नमाज के बाद कराया और समाज को एक संदेश दिया की कम से कम खर्च में अपने बच्चो की शादी सादगी के साथ करे। 

आज अगहनी जूमे की नमाज में  मौजूद पूर्व सरदार गुलाम मोहम्मद उर्फ दरोगा, हैदर महतो, हाशिम सरदार, हाजी बाबू, हाजी तुफैल, हाफिज नसीर, बाबूलाल किंग, हाजी इस्तियाक, पार्षद गुलशन अली, मौलाना शकील, पार्षद हाजी ओकास अंसारी, डा. इम्तियाजुद्दीन, हाजी गुलाब, हाजी अब्दुल रहीम, हाजी स्वालेह, मो. अहमद, हाजी महबूब अली, सरदार नसीर, हाजी मतिउल्ला, मो. हारून, हाजी मोइनुद्दीन, फैसल महतो, अतीक अंसारी, शमीम अंसारी, वाजीहुद्दीन, हाजी समसुद्दीन, हाजी मुमताज, हाजी नईम आदि लोग मोजूद थे

रविवार, 18 सितंबर 2022

Sultan club ने किया नीट में स्थान पाए bunkar बच्चों का सम्मान



Varanasi (dil india live). सामाजिक संस्था सुल्तान क्लब वाराणसी द्वारा बड़ीबाजार में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। अध्यक्षता बुनकर बिरादराना तंजीम बाइसी के अध्यक्ष सरदार हाफिज मुईनुद्दीन साहब ने व संचालन बनारस पब्लिक स्कूल के सेक्रेटरी इशरत उस्मानी साहब ने की।इस अवसर पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी 2022 में आल इंडिया में स्थान पाए बुनकर बाहुल्य क्षेत्र के बच्चों को सुल्तान क्लब के अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक व सरदार बाईसी हाफिज मुईनुद्दीन साहब ने संयुक्त रूप से स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

        इस खुशी के मौके पर बुनकर बाहुल्य क्षेत्र में मरीजों की सेवा करने वाले डॉ अज़हर इमाम खां की पुत्री तजल्ली फातिमा ने 720 में 650 अंक पाकर आल इंडिया रैंक में 4539 वां स्थान प्राप्त किया। मूल रूप से बलिया जिले की रहने वाली तजल्ली फातिमा की माता एसएसपी कार्यालय में कार्यरत हैं। वाराणसी के संत अतुलानंद की होनहार छात्रा ने हाई स्कूल व इंटर वहीं से किया। गरीब बुनकर अब्दुल अलीम बुनकारी करके पाई पाई पैसा इकट्ठा करके अपने पुत्र मुहम्मद सलमान को पढ़ाया, पिता का सपना था कि बेटा डॉक्टर बनकर इंसानियत की सेवा करेगा, जो सबसे बड़ा धर्म है। मदरसा मतलउल उलूम के वरिष्ठ अध्यापक अकील अंसारी के पुत्र मुहम्मद आबिद ने 621 अंक पाकर आल इंडिया रैंक में 12134 स्थान प्राप्त किया। मूल रूप से जिला गाजीपुर के रहने वाले आबिद ने बनारस के बाल भारती स्कूल से हाई स्कूल और इंटर पास किया। बुनकर हाजी कलाम केला वाले के पौत्र स्वर्गीय नियाज़ के पुत्र नातिक नियाज़ ने 616 अंक पाकर आल इंडिया रैंक 13924 वें स्थान पाकर बुनकर लोगों को आश्चर्य चकित कर डाला। सभी बच्चों की उपलब्धि से पूरा परिवार ही नहीं क्षेत्रवासी भी गदगद हैं। इन बच्चों का बचपन से ही डॉक्टर बनकर समाज सेवा करने का सपना है। संस्था सुल्तान क्लब परिवार इन भावी चिकित्सकों को हार्दिक बधाई के साथ रौशन मुस्तकबिल की दुआ करती है। कार्यक्रम की शुरुआत इरफानुल हक ने कुरआन की तिलावत से किया। स्वागत उप सचिव अब्दुर्रहमान ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर एहतेशामुल हक ने दिया, अंत में मुफ्ती ज़ियाउल इस्लाम ने दुआ कराई।

         सम्मान समारोह में बाईसी के सदर सरदार हाफिज मुईनुद्दीन, संस्था अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक, उपाध्यक्ष महबूब आलम व अजय कुमार वर्मा, महा सचिव एच हसन नन्हें, सचिव जावेद अख्तर, उप सचिव अब्दुर्रहमान, कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़, प्रधानाचार्य मुसर्रत इस्लाम, इशरत उस्मानी, मुख्तार अहमद, खलील खां, मौलाना अब्दुल्लाह, मुहम्मद इकराम, हाफिज मुनीर, डॉ तजम्मुल अहमद, हाजी मुईनुद्दीन, मुमताज़ अहमद के अतिरिक्त मेधावी छात्रों के अभिभावक और गणमान्य लोग उपस्थित थ

सोमवार, 25 जुलाई 2022

सरैया के अजीमुद्दीन पहलवान नये सरदार और महतो बने बेलाल अहमद




Varanasi (dil india live). सरैयां में बुनकर बिरादराना तंज़ीम बाईसी के सरदार हाजी हाफिज मोईनुद्दीन के हाथो नये सरदार और महतो की दस्तार बंदी हुयी। इस मौके पर पार्षद हाजी ओकास अंसारी ने बताया की इस मोहल्ले में सरदार और महतो का पद ख़ाली था जिसमें बाईसी के सरदार हाजी मोईनुद्दीन साहब ने सरदार की जिम्मेदारी अजीमुद्दीन उर्फ़ पहलवान और महतो की जिम्मेदारी बेलाल अहमद को दी। दोनों के सिर पर दस्तार का ताज सजाया गया। इस मौके पर बाईसी के सरदार हाजी मोईनुद्दीन ने कहा की सरदार और महतो की जिम्मेदारी काँटों भरा ताज होता है। जिसमें बहुत ही सोच समझ कर सभी फैसले लेने होते है। इसमें चाहे कोई अपना हो या परया सभी के साथ इंसाफ होना चाहिए। किसी के साथ भेद भाव नहीं होना चाहिए। इस मौके पर मैं आप लोगो से जरूर कहूँगा की बच्चों को ज्यादा से ज्यादा तालीम दीजिये। क्यूं की बच्चे ही हमारे भविष्य है। तक़रीर मौलाना आमिर आजम ने किया। 

इस मौके पर मौजूद सरदार गुलाम मोहम्मद दरोगा, हाजी बाबू, हाजी तुफैल, हाजी हाफिज नसीर, बाबू महतो, हाजी गुलाब, हाफिज रमजान, मौलाना यासीन, हाजी महबूब अली, हाजी हारुन, इस्तेयाक, सफीउररहमान समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।

गुरुवार, 2 जून 2022

सुल्तान ने की बुनकरों की समस्याओं पर सरदार से चर्चा

बाईसी के सरदार हाफिज कल्लू से मिला सुल्तान क्लब का प्रतिनिधिमंडल

सरदार मोइनुद्दीन को "खैराबाद की तारीख" पुस्तक की भेंट,दी मुबारकबाद


Varanasi(dil India live)। बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के नव निर्वाचित अध्यक्ष सरदार हाफिज मुईनुद्दीन उर्फ कल्लू हाफिज सरदार से काजीसादुल्लापुरा स्थित आवास पर सामाजिक संस्था "सुल्तान क्लब" का एक प्रतिनिधिमंडल मिलकर बुनकरों की विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की, साथ ही एक पुस्तक "तारीख खैराबाद" भेंट कर बुके देकर मुबारकबाद पेश किया।

         सरदार साहब ने विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी हमलोगों को बेहतर कार्य करना होगा तभी हमारा समाज और देश खुशहाली के रास्ते पर होगा, हमारी हमेशा यह कोशिश रहेगी कि अपने समाज को एक साथ लेकर चलने का पूरा प्रयास रहेगा, जो इतनी बड़ी जिम्मेदारी लोगों ने मेरे ऊपर दी है उसे मैं सभी के सहयोग से निभाने की भरपूर कोशिश करूंगा।

  ज्ञात हो कि पिछले वर्ष बाईसी के सरदार हाजी अबुल कलाम साहब के आकस्मिक निधन के बाद 15 मई 2022 को बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी हाफिज मुईनुद्दीन उर्फ कल्लू हाफिज साहब को पगड़ी पहनाकर (दस्तारबंदी) की गई।

        प्रतिनिधिमंडल में मुख्यरूप से अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक,उपाध्यक्ष महबूब आलम,महासचिव एच हसन नन्हें,सचिव मुस्लिम जावेद अख्तर,कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़,हाफिज रमजान अली,हाफिज मुनीर इत्यादि थे।

गुरुवार, 14 अप्रैल 2022

साड़ी कारखाने में आग से चार जिंदा जले

दर्दनाक हादसे से अशफ़ाक नगर बुनकर मुहल्ले में मचा कोहराम




वाराणसी १४ अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। मोहल्ला अशफ़ाक़ नगर में एक साड़ी फिनिशिंग का कार्य करने वाले कमरे में आग लगने से हुए हादसे में पिता,पुत्र समेत चार बुनकर जिंदा जल गए। इस हादसे में चारों की मौत हो गई।

हादसा सुबह लगभग 11:30 बजे का है। आग से कमरे के अंदर कार्य करने वाले 4 लोग घिर गए और बाहर नहीं निकल पाये। मोहल्ले वालों ने संकरी गली में स्थित कमरे में पानी डाल कर आग बुझाई और जबकि वहां रखा गैस सिलेंडर बाहर सुरक्षित निकाल लिया। जिसके चलते हादसा और विकराल रूप धारण नहीं कर सका। संकरी गली में आमने सामने कई घर हैं। आग में घिरे चारों व्यक्तियों की दुःखद मृत्यु अंदर ही कमरे में आग बुझने से पहले ही हो गई। जानकारी होते ही वरिष्ठ अधिकारीगण भी मौके पर पहुंचे पर उनके और फायर ब्रिगेड पहुंचने से पहले मोहल्ले वालों ने तत्परता से आग तो बुझा दी मगर मौत का मंज़र वो नहीं रोक सके। साड़ी फिनिशिंग के 12 फुट × 10 फुट के कमरे में साड़ी, फोम, फिनिशिंग सामग्री रखी थी जो सिंथेटिक थी और जिससे आग कमरे में तेजी से फैल गयी और आग रोकने के प्रयास में चारों लोग निकल ही नहीं पाए। 

पुलिस ने बताया कि आग जहां लगी वो सेराज़ अहमद का मकान B 21/221 अशफ़ाक़ नगर कालोनी में है । मकान मालिक बेंगलूर में रहते है। दुखद हादसे में मृतक एजाज़ 18 साल जिला अररिया बिहार, मुंतसिर 19 वर्ष जिला अररिया बिहार, आरिफ़ ज़माल 45 वर्ष अशफ़ाक़ नगर वाराणसी व शाबान 22 वर्ष अशफ़ाक़ नगर वाराणसी के रहने वाले थे। पुलिस ने चारों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। घटना स्थल पर डीएम कौशलराज शर्मा, डीसीपी भेलूपुर प्रवीण सिंह समेत तमाम आला अधिकारी मौके पर पहुंचे हुए थे।

गुरुवार, 2 दिसंबर 2021

गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल है अगहनी जुमा



किसानों ने की थी पूजा, मुस्लिमों ने अदा की थी तब नमाज़  

 वाराणसी01दिसंबर (dil india live)। अगहनी जुमे की नमाज सिर्फ बनारस में ही अदा की जाती है इसके बारे में  बुनकर बिरादराना तंजीम बावनी के सदर हाजी मुख्तार महतो कहते हैं कि अगहनी जुमे की नमाज की ये परम्परा लगभग 450 साल पुरानी है उस वक़्त देश में सुखा पड़ा था जिसकी वजह से किसान और बुनकर दोनों परेशान थे, बारिश नहीं हो रही थी जिसके कारण किसान खेती नहीं कर पा रहे थे। जबरजस्त मंदी से बुनकरों के बुने हुए कपडे नहीं बिक रहे थे। हर तरफ भूखमरी का आलम था। तब उस वक्त बुनकरों ने अपने अपने कारोबार को बन्द करअगहन के महीने में जुमे के दिन ईदगाह में इकठ्ठा होकर नमाज अदा कर अल्लाह की बारगाह में दुआए मांगी गयी और हिन्दू किसानों ने पूजा की थी। उसके बाद अल्लाह के रहमो करम से बारिश हुयी और देश में खुशहाली आई बुनकरों के कारोबार भी चलने लगा तब से अगहनी जुमे की यह परंपरा आज तक कायम है। अगहनी जुमे को बनारस में मुस्लिम नमाज़ अदा करते हैं तो हिन्दू गन्ने की फसल पूजा के बाद बेचने पहुंचते हैं। नमाज़ अदा करके लौटने वाले गन्ना खरीद कर अपने घरों को लौटते हैं।  

 इस पारंपरिक अगहनी जुमे की नमाज की परंपरा को बनारस में बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के सरदार की सदारत में निभाई जाती है इस मौके पर बाईसी तंजीम के सरदार गुलाम मोहम्मद उर्फ दरोगा ने बताया की अगहनी जुमे की नमाज की इस ऐतिहासिक परम्परा को हम सब की तंजीम बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के देख रेख में पुरानापुल पुल्कोहना ईदगाह में हर साल अदा की  जाती है। जब जब देश के अवाम के ऊपर ऊपर मुसीबते आती है तो बनारस के सारे बुनकर अगहन के महीने में अपने अपने कारोबार को बंद कर ईदगाह में इकठ्ठा होकर अगहनी जुमे की नमाज अदा करने हजारो हजार की तादाद में पहुंचते है और अपने अपने कारोबार में बरक्कत और मुल्क की तरक्की के लिए दुआए मांगते है। इस साल अगहनी जुमे की नमाज पुरानेपुल पुलकोहना ईदगाह में  3 दिसंबर को अदा की जायेगी। जिसमें सभी बुनकर भाइयो से बाईसी तंजीम ने गुजारिश की है कि उस दिन सभी बुनकर अपना अपना करोबार बन्द कर पुरानापुल ईदगाह पहुंच कर अगहनी जुमे की नमाज अदा करे। ऐसे ही चौकाघाट ईदगाह पर भी अगहनी जुमे की नमाज़ अदा की जाती है।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...