कहा: स्मार्ट जोड़ा वही, जो प्लान करे सही
चिरईगांव पीएचसी के पियरी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर हुआ पहला ‘मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन’
पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मण्डल के वाराणसी जिले से चिरईगांव को चुना गया
परिवार को सीमित व खुशहाल रखने में पुरुषों की सहभागिता व ज़िम्मेदारी बेहद जरूरी: सीएमओ
Varanasi (dil india live). परिवार नियोजन में जितनी ज़िम्मेदारी महिलाओं की है उससे कहीं ज्यादा ज़िम्मेदारी व सहभागिता पुरुषों की भी है। जब परिवार के सभी कार्यों में पुरुष आगे हैं तो फिर परिवार को सीमित रखने व खुशहाल बनाने में पुरुष इतने पीछे क्यों हैं। इसी उद्देश्य को पूरा करने एवं परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता व जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने नई पहल शुरू की है। मंडल के वाराणसी जिले के चिरईगांव ब्लॉक को परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत 'मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन' के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है। बुधवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में चिरईगांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के पियरी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर पहला ‘मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन’ का आयोजन किया गया, जिसमें सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले दिलीप कुमार को ‘मिस्टर स्मार्ट’ चुना गया।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी मंडलों के प्रमुख एक-एक जनपद के एक-एक ब्लॉक को पायलट के रूप में लिया गया है। चिन्हित ब्लॉक से कुछ स्वास्थ्य उपकेंद्रों को चुना गया है जहां मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन का आयोजन कर ‘मिस्टर स्मार्ट’ को चुना जाना है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ अमित सिंह ने बताया कि वाराणसी जनपद से चिरईगांव ब्लॉक को चुना गया है। यहां परिवार नियोजन की स्थाई एवं अस्थाई साधनों की सुविधा एवं उपलब्धता बेहतर स्थिति में है। सरकार की ओर से परिवार नियोजन के लिये विभिन्न साधन निःशुल्क मुहैया कराये जा रहे हैं। उन्होने बताया कि सम्मेलन में करीब 21 जोड़ों के साथ परिवार नियोजन से जुड़ी जनजागरूकता गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसमें सभी गतिविधियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर दिलीप कुमार को मिस्टर स्मार्ट बनाकर प्रथम पुरस्कार दिया गया। इसके साथ ही गुरुदयाल पटेल को द्वितीय व अजय कुमार राय को तृतीय पुरस्कार दिया गया। ग्राम प्रधान की ओर से पुरस्कार वितरण का कार्य किया गया।
इस मौके पर दिलीप कुमार ने कहा कि उनके दो बच्चे हैं। शादी के दो साल बाद पहला बच्चा हुआ और दूसरा बच्चा उसके पाँच साल बाद। अब उन्हें तीसरे बच्चे की चाह नहीं है। उन्होने कहा – हमने पत्नी का पूरा साथ दिया है और आगे भी देते रहेंगे। जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी (डीएचईआईओ) हरिवंश यादव, सिफ़्सा के संजय श्रीवास्तव एवं स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) डॉ मानसी गुप्ता ने स्थाई साधन (महिला व पुरुष नसबंदी) तथा अस्थाई साधन (अंतरा, छाया, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, ईसीपी, कंडोम आदि) यानि बास्केट ऑफ च्वाइस के बारे में लाभार्थियों को विस्तार से जानकारी दी। उन्होने कहा कि स्वस्थ व खुशहाल परिवार के लिए परिवार नियोजन की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है।
सीएमओ ने बताया कि मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन का उद्देश्य पुरुषों में भी परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता पैदा करना, व्यवहार परिवर्तन करना, मिथक एवं भ्रांतियों को दूर करना एवं महिलाओं के निर्णय में अपनी जिम्मेदारी और सहभागिता सुनिश्चित करना है जिससे उनकी सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। सम्मेलन में पूरा जोर परिवार नियोजन की स्थाई और अस्थाई साधन यानी बास्केट ऑफ च्वाइस पर दिया जा रहा है। बुधवार को चिरईगांव के पियरी स्वास्थ्य उपकेंद्र पर सफलतापूर्वक हुए मिस्टर स्मार्ट सम्मेलन के लिए प्रभारी चिकित्साधिकारी, डीएचईआईओ, एचईओ सहित समस्त स्टाफ की सराहना की।
सम्मेलन में एचईओ डॉ मानसी गुप्ता, ग्राम प्रधान गीतांजलि सिंह, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि शत्रुघन सिंह, बीपीएम सरिता, बीसीपीएम अशोक, स्वास्थ्य निरीक्षक (एचआई) अविनाश सिंह, मलेरिया निरीक्षक (एमआई) अनुराग, सीएचओ नम्रता, एएनएम नीरजा, पीएसआई से कृति पाठक व अखिलेश, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मौजूद रहे।