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शुक्रवार, 25 अगस्त 2023

Moris Edagar Daan डायोसिस आफ लखनऊ के फिर Bishop

11 साल बाद मिला दान को न्याय

बिशप पद पर मोरिस एडगर दान की बहाली से 'हर्ष' 

•सीएनआई की बैठक में ऐतिहासिक निर्णय, वोटिंग में मिले 15 वोट 



Varanasi (dil India live). 25.08.2023. डायोसिस आफ लखनऊ के बिशप पद पर मोरिस एडगर दान की 11 साल बाद बहाली हो गई है। चर्च आफ नार्थ इंडिया (सीएनआई) की एक्जीक्यूटिव कमेटी की 115 वीं बैठक में यह ऐतिहासिक निर्णय नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में लिया गया। माडरेटर बिशप बीके नायक की अध्यक्षता में हुई इस अतिमहत्वपूर्ण बैठक में नार्थ इंडिया के 27 डायोसिस के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में कोर्ट द्वारा मौरिस एडगर दान को बाइज्जत बरी होने पर चर्चा की गई। इसके बाद वोटिंग कराई गई। वोटिंग में दान को 15 वोट मिले, जिसके बाद उन्हें पद पर बहाल करने का निर्णय लिया सुनाया गया। इस फैसले के बाद लखनऊ डायसिस से जुड़े सभी जिलों में खुशी की लहर दौड़ गई।

2012 में पद से किए गए थे मुक्त

वित्तीय अनियमितता का आरोप लगने पर डायोसिस आफ लखनऊ के बिशप पद से मोरिस एडगर दान को वर्ष 2012 में पद से हटा दिया गया था। इसके बाद 2014 में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तत्कालीन बिशप मोरिस एडगर दान पर लगभग चार करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगा था। उस बाबत सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उसके बाद उन्हें 16 दिसंबर 2014 को जेल जाना पड़ा था। 

बिशप दान को मिला कांटों भरा ताज

लखनऊ डायसिस के बिशप को इस बार झोली में कांटों भरा ताज मिला है। बिशप के सामने चुनौतियों की लम्बी फेहरिस्त पद के साथ मिली है उससे वो कैसे मुकाबला करेंगे यह तो वक्त ही बताएगा। पीटर बलदेव के समय से पादरियों के वेतन, मसीही समुदाय की जमीनों व संपतियों पर लगातार कब्जा व सीएनआई चर्च को उससे अलग करने कि कोशिशों आदि से बिशप को सख्ती से निपटना होगा।


गुरुवार, 20 अप्रैल 2023

Bishop House में सजी इफ्तारी, सौहार्द और मिल्लत कि दिखी तस्वीरें

फिज़ा में बुलंद हुई मुल्क की तरक्की की दुआएं






Varanasi (dil India live)। कैंटोंमेंट स्थित बिशप हाउस परिसर में जैसे ही अज़ान कि सदाएं बुलंद हुई, अल्लाह हू अकबर, अल्लाह...। अजान के बाद काशी के धर्मगुरुओं और रोजेदारों ने एक ही दस्तरखान पर रोजा इफ्तार किया। इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्म के लोग मौजूद रहे। सभी ने काशी की गंगा-जमुनी तहजीब की इस रवायत को देखकर रमजान के मुकद्दस महीने में अल्लाह से मिल्लत व सलामती की दुआएं मांगी।

इससे पहले बिशप हाउस में सजाए गए दस्तरखान पर ईसाई धर्मगुरु ने अपने हाथों से रोजेदारों के लिए थालियां परोसीं। अजान होने के बाद रोजेदारों के साथ सभी ने रोजा इफ्तार किया। रोजेदारों ने खजूर, शर्बत, जूस, खजूर, कटलेट आदि से इफ्तारी की। नमाज मौलाना हसीन अहमद हबीबी ने अदा करायी। उन्होंने मुल्क हिन्दुस्तान में अमन, मिल्लत और सौहार्द की दुआएं मांगी। 

स्वागत बिशप यूजीन जोसेफ ने किया तो शुक्रिया फादर फिलिप डेनिस व फादर थामस ने कहा।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार एके लारी, नुरुल हसन खां, गुरुद्वारा बड़ी संगत नीचीबाग के ग्रंथी भाई धर्मवीर सिंह, डा. अफज़ल मिस्बाही, ज़ुबैर आदिल, हाफिज तहसीन रज़ा, ग़ालिब, मौलाना आखिर नोमानी, सैयद फरमान हैदर, डॉ. मो.आरिफ, फादर गेब्रियल, मुनीजा रफीक, मो. इस्माइल रज़ा, परमजीत सिंह अहलूवालिया, प्रमोद जी, राजेश सिंह समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।

गुरुवार, 22 दिसंबर 2022

Cristmas पर 24 की रात शुरु होगी प्रभु यीशु मसीह की आराधना

सज रही चरनी, सेंट मेरीज़ महा गिरजा में इतराने लगा सेंटा 

  • Cristmas पर उत्सव संग सावधानी कि बिशप कि अपील
  • महा गिरजाघर में इस बार भी नहीं लगेगी दुकानें
Cristmas कि अगुवाई में जुटे मसीही समुदाय के लोग 




Varanasi (dil india live)। चीन में कोरोना महामारी से मचे कोहराम पर भारत भी सतर्क है। यही वजह है कि Cristmas के global पर्व पर भी इस बार एहतियात बरतने का न सिर्फ ऐलान किया गया है बल्कि इस बार भी प्रभु यीशु के जन्म पर लगने वाला क्रिसमस मेला चर्च कम्पाउंड में नहीं लगाये जाने का फैसला लिया गया है। St. Mary's महा गिरजाघर में क्रिसमस के दौरान भीड़ न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन के साथ ही फादर्स व ब्रदर्स भी नजर रखेंगे साथ ही न तो कोई स्टाल लगाए जाएंगे और न ही हुजूम जुटने दिया जाएगा। यही नहीं 24 दिसंबर की मध्यरात्रि को प्रभु यीशु के जन्म का जश्न हर साल वाराणसी के महागिरजा में शुरु होता था मगर इस बार भी संभावित कोरोना संक्रमण के चलते प्रभु यीशु के जन्म का समय बदल कर रात 11.30 के बजाये इस साल भी 10.30 बजे से ही प्रार्थना शुरू करने की तैयारी है। 

यह बातें गुरुवार को वाराणसी धर्मप्रांत के अध्यक्ष bishop यूजीन जोसेफ ने कही। उन्होंने कहा कि क्रिसमस की तैयारी अंतिम चरण में है। महा गिरजाघर, बिशप हाउस सजाया गया है। उन्होंने कहा कि क्रिसमस के उत्सव में पूरी तरह सावधानी बरते। बताया कि चरनी चर्चेज़ सजाने का काम तेज़ हो गया। महागिरजा समेत सभी चर्चेज़ रौशनी से नहा उठे हैं। घर से लेकर चर्च तक मसीही समुदाय क्रिसमस की तैयारियों को अंतिम रुप देने में जुटा हुआ है। शुक्रवार को बिशप हाउस में क्रिसमस मिलन कार्यक्रम भी शाम में होगा। पत्रकारवार्ता में फादर हेनरी, फादर सुसाई राज, फादर फिलीप डेनिस, फादर थामस आदि मौजूद थे।

सोमवार, 5 सितंबर 2022

Bharat Ratna मदर टेरेसा की पुण्यतिथि पर निकाला शांति मार्च


Varanasi (dil india live). भारत रत्न संत मदर टेरेसा की पुण्यतिथि पर छावनी स्थित वाराणसी धर्म प्रान्त के  डॉक्टर बिशप यूजीन जोसफ के नेतृत्व में सेंट मेरीज से पैदल शांति मार्च निकाला गया। यह मार्च लाल गिरजाघर चौराहा पहुंचा। वहां मदर टेरेसा कि प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना सभा हुई। 

इस मौके पर फादर, सिस्टर्स के अलावा मौजूद छात्र छात्राओं ने कैंडल जलाकर उन्हें याद करते हुए नमन किया। प्रार्थना सभा में वरिष्ठ अधिवक्ता महफूज आलम सिद्दीकी एडवोकेट, गांधीवादी डा. मोहम्मद आरिफ, फादर थॉमस, फादर पीटर, फादर जॉन पॉल, फादर बाला स्वामी, सिस्टर एनवीटा, सिस्टर श्रुति, सेंट मेरीज स्कूल की टीचर्स सुजाता, रोमा, निवेदिता आदि ने मदर टेरेसा प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

गुरुवार, 14 अप्रैल 2022

पुण्य वृहस्पतिवार को महागिरजा में हुआ प्रभु भोज्य

निभाई गयी परम्परा, बिशप ने धोएं शिष्यों के चरण
वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। पाम संडे बीतने के बाद आज थर्स डे पर चर्चेज़ और गिरजाघरों में प्रभु भोज्य का जहां लोगों में प्रसाद वितरित हुआ वहीं दूसरी ओर बिशप ने अपने शिष्यों का चरण खुद धोकर सैकड़ों साल पुरानी परम्परा को आगे बढ़ाया। कार्यक्रम का संयोजन फादर। विजय शांति राज ने किया।

दरअसल प्रभु यीशु अपने रोमी सैनिकों के हाथों गिरफ्तार किए जाने से पूर्व अपने शिष्यों के साथ अंतिम बार भोजन करने बैठे थे। इस दौरान यीशु ने एक रोटी के टुकड़े को उठाया और कहा ये मेरा शरीर है, इसके बाद रोटी को तोड़ा और अपने बारह शिष्यों में उसे बांट दिया। वहां पर उन्होंने नम्रता एवं दीनता के साथ लोगों की सेवा करने का संदेश दिया और अपने शिष्यों के पैरों को धोया। इसी रात्रि को कुछ समय के उपरान्त यीशु मसीह के ही चेलों में से एक यहूदा इस्करियोती ने यीशु मसीह को रोमी सैनिकों द्वारा पकड़वाया। यीशु मसीह को रोमी प्रशासन तंत्र एवं उस समय के धर्म गुरुओं ने क्रूस पर चढ़ाने का निर्णय लिया। ये सारी प्रक्रिया सेंट मेरीज़ महागिरजा में पवित्र वृहस्पतिवार के रुप में मनायी गई है। जिसमें यीथु अपने शिष्यों का पैर धोते है और प्रभु भोज्य का प्रसाद बांटते हैं।

गुड फ्राइडे को प्रभु चढ़ाये गए थे क्रूस पर

ये ही वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह को गोल्गथा नामक पहाड़ पर जो की कलवारी नमक स्थान पर स्थित है क्रुस पर चद़ाया गया। इस घटना से पूर्व प्रभु यीशु मसीह को रोमी सैनिकों एवं धर्मगुरुओं द्वारा अत्यंत वेदनाओं एवं दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा और अंत में क्रूस पर प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिए।

क्रूस पर दिए प्रभु ने सात वचन

क्रूस पर से यीशु ने सात दिव्य वचन कहे जिनको गुड फ्राईडे के दिन प्रार्थना सभाओं में स्मरण किया जाता है। यीशु मसीह के मानने वाले इन वचनों को आत्मसाध कर जीवन मैं अपनाने का संकल्प लेते हैं। मसीहियों का ये विश्वास है कि इस दिन को शुभ शुक्रवार इसलिए कहा जाता है क्यूंकि इस दिन प्रभु यीशु ने समस्त मानव जाती को उनके पापों से बचाने के लिए अपने प्राण दिए और सभी को उद्धार का अवसर प्रदान किया।

ईस्टर पर जी उठे थे प्रभु यीशु

मसीहियों के विश्वास के अनुसार ईस्टर वो दिन है जिस दिन प्रभु यीशु मसीह मृतिकों में से जी उठे। यह दिन हर्ष एवं उल्लास का दिन है। इस दिन सभी गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाओं का  आयोजन किया जाता है। कई जगहो पर इस दिन प्रभात फेरी भी निकाली जाती है और समस्त लोगों को पभु यीशु के जी उठने का संदेश दिया जाता है।

रविवार, 19 दिसंबर 2021

क्रिसमस को लेकर बिशप का बड़ा फैसला

इस बार भी नहीं लगेगा क्रिसमस मेला

  • क्रिसमस की तैयारियां हुई तेज़
  • आकार लेने लगी चर्चेज व गिरजाघरों में चरनी

 


वाराणसी 19 दिसंबर (dil india live)। धर्म की नगरी काशी में क्रिसमस के जश्न के लिए शहर को सजाने का काम तेज हो चला है। वाराणसी में क्रिसमस का मुख्य समारोह तो 25 दिसंबर को होगा, मगर काशी ही नहीं बल्कि पूर्वांचलवासियों को इस बार भी निराशा ही हाथ लगेगी यह समाचार पढ़कर कि इस बार भी क्रिसमस मेला नहीं लगेगा। बिशप हाउस के सेक्रेटरी फादर थामस ने बिशप द्वारा लिये गये इस बड़े फैसले की जानकारी प्रशासन को दे दी है। फादर थामस ने दिल इंडिया लाइव को बताया कि कोविड की तीसरी संभावित लहर को देखते हुए बिशप यूज़ीन जोसेफ ने यह फैसला लिया है। सेंट मेरीज़ महागिरजा में आराधना होगी, चरनाी सजायी जा रही है। बाइबिल प्रदर्शनी आने वालों को दिखाई जायेगी। जिसमें, यीशु जन्म की झांकी दिखेगी मगर महागिरजाघर की ओर से इस बार भी किसी को स्टाल लगाने की कैंम्पस में अनुमति नहीं दी गई है। रविवार को आगमन का आखिरी इतवार था। सेंट मेरीज़ महागिरजा में स्टाल के लिए लगातार फादर विजय शांतिराज के पास लोग सम्पर्क करते रहे मगर फादर विजय शांतिराज ने साफ कर दिया कि इस बार मेला नहीं लगेगा।

आगमन पर हुई विशेष आराधना


उधर सेंट मेरीज़ महागिरजा समेत तमाम गिरजाघरों में चरनी यानी झांकी सजने के साथ क्रिसमस की तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके साथ ही प्रमुख आराधना स्थल सेंट थॉमस चर्च, सेंट पाल चर्च, लाल चर्च, तेलियाबाग चर्च, रामकटोरा चर्च, चर्च आॅफ बनारस, सेंट बेथल फुल गाम्स्पल चर्च, सेंट फॉसिसी आफ असीसी चर्च, सेंटा जांस चर्च, ईश माता मंदिर आदि में आगमन के आखिरी इतवार को सुबह विशेष आराधना करायी गयी। इस दौरान चर्च आफ बनारस के पास्टर बेन जॉन ने कहा कि यीशु मसीह दुनिया में शांति का राज स्थापित करने आये थे, उनका हम पर एहसान है कि उन्होंने हमे सही और सच्ची राह दिखाई। वो ऐसे थे जिन्होंने अपने दुश्मनों को भी यह कहते हुए माफ कर दिया कि ऐ प्रभु इन्हे क्षमा करना क्यों कि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।

रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि क्रिसमस हमे जिन्दगी में सच्चाई और उल्लास का रास्ता दिखाता है। क्रिसमस का जश्न हम सब ज़रूर मनाये मगर उन्हें न भूले जो लोग कोरोना काल में असमय इस दुनिया से रुख्सत हो गये। उन घरों और परिवारों में भी लोग जाये जहां कोरोना काल में मौते हुई और वो लोग बेसहारा हो गये। उनकी भी आप लोग सूध लें।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...