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मंगलवार, 8 फ़रवरी 2022

ख्वाजा गरीब नवाब के उर्स में छठी का कुल शरीफ

ख्वाज़ा के उर्स पर काशी में सजी महफिले हुई फातेहा

अकीदत का मरकज़ है हजरत गरीब नवाज का दर 

वाराणसी 08 फरवरी (dil India live)। ख्वाजा मेरे ख्वाजा, दिल में समा जा...व, ऐसा सुनहरा दर है, अजमेर के ख्वाजा का..., जन्नती दरवाज़ा है अजमेर के ख्वाजा का...। कुछ ऐसे ही कलाम से काशी की सड़क से लेकर घर तक आज गूंज रहा है। दरअसल अजमेर में चल रहे दुनिया के मशहूर सूफी संत हिन्दलवली हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती अजमेरी रहमतुल्लाह अलैह, (सरकार गरीब नवाज) के उस पर जो लोग काशी से वहां नहीं जा सके हैं वो लोग बनारस में ही ख्वाजा का उर्स मना रहे हैं। यही वजह है ख्वाजा का उर्स अजमेर में होता है मगर उसकी धमक दुनिा के हर कोने में रहती है। जो लोग अज़मेर नहीं जा पाते हैं वो देश-दुनिया में जहां भी होते हैं वहीं से ख्वाजा को याद करते हैं, उनका कुल शरीफ कराते हैं, गरीबों को खाना खिलाते हैं और खैरात देते हैं। काशी से अजमेर हज़ारों लोग जत्थे के रुप में उर्स में रवाना हुए हैं हर बनारसी उर्स में नहीं सकता हैं, इसलिए बनारस के अर्दली बाज़ार, पुलिस लाइन, दालमंडी, नईसड़क, लल्लापुरा, हबीबपुरा, गौरीगंज, शिवाला, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, रामापुरा, बजरडीहा, कोयला बाजार, जलालीपुरा, पठानी टोला, पीलीकोठी, सरैया, बड़ी बाज़ार आदि इलाकों में ख्वाजा के उर्स पर फातेहा, मिलाद, कुरानख्वानी का जहां एहतमाम किया गया वहीं दूसरी ओर जगह-जगह ख्वाज़ा की याद में राहगीरों को मीठा शर्बत, पानी व अन्य तबर्रक बांटा जा रहा था। अर्दली बाज़ार में ख्वाजा के उर्स में इस्लामी परचम के साथ ही देश की शान तिरंगा भी लहराता नज़र आया। इसकी वजह लोगों ने बताया कि ख्वाजा हिन्दल वली हैं, उन्होंने हमेशा हिन्दुस्तान और इस देश से मोहब्बत का पैग़ाम दिय। इसलिए जो सूफिज्म के हिमायती हैं वो देश से मोहब्बत करते हैं।

बनारस से उर्स में अजमेर गए मो. इम्तेयाज़ ने बताया कि आज ख्वाजा का 810 वां सालाना उर्स अकीदत के साथ मनाया जा रहा है। अकीदतमंदों ने कुल को देखते हुए दरगाह परिसर के बाहर की दीवारों को गुलाब जल, ईत्र और केवड़े से धोकर कुल के छीटें लगाये गये थे। कोरोना नियमों में सरकार की ओर से शीथिलता के बाद दरगाह परिसर चौबीस घंटे से जायरीन से आबाद है और उर्स की रौनक न केवल दरगाह क्षेत्र में बल्कि दरगाह के चारों तरफ फैली हुई है। आज रात को दरगाह दीवान और ख्वाजा साहब के सज्जादानशीन सैयद जैनुअल आबेदीन अली खान की सदारत में दरगाह परिसर के महफिलखाने में उर्स की छठी व अंतिम शाही महफिल हो रही है। जो जायरीन आज नहीं आ पाएंगे वे ग्यारह फरवरी को नवी के कुल की रस्म अदायगी में हिस्सा लेंगे। उसके बाद सरकार गरीब नवाज का 810 वां सालाना उर्स अगले साल तक के लिए संपन्न हो जाएगा। 

रविवार, 6 फ़रवरी 2022

लता मंगेशकर अलविदा...

 बनारस घराने से लता मंगेशकर का था गहरा रिश्ता

  • सुर संगम फिल्म में राजन, साजन मिश्र के साथ किया था पार्श्व गायन
  • सिद्देश्वरी देवी के आवास पर कभी ठहरी थी लता मंगेशकर
  • स्वर कोकिला लता मंगेशकर के निधन से सदमें में है काशी  




अमन

वाराणसी ०६ फरवरी (dil India live)।  28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के घर जन्मी लता मंगेशकर ने आज दुनिया को अलविदा कह दिया। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का दुनिया को अलविदा कहना कला और सांस्कृतिक नगरी काशी के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। लता मंगेशकर का काशी संगीत घराने से गहरा लगाव था। खासकर ठुमरी गायिका सिद्देश्वरी देवी के घर वो कई बार आयी थीं।  ठुमारी सम्राट पं. महादेव प्रसाद मिश्र से उन्होंने ठुमरी की बारीकी सीखी थी। बिस्मिल्लाह खां की वो बहुत बड़ी फैन थीं। यही नहीं फिल्म सुर संगम में राजन मिश्र व साजन मिश्र के साथ लता मंगेशकर ने भी पार्श्व गायन पेश किया था। एक कलाकार के रूप में लता मंगेशकर का बनारस संगीत घराने से गहरा लगाव था।  पं. साजन मिश्र कहते हैं कि लता जी का उनके परिवार से गहरा और नज़दीकी रिश्ता था। 1982 में लता जी ने पं. दीनानाथ जी की स्मृति में कार्यक्रम रखा था तो उसमें बनारस घराने से सितारा देवी का डांस हुआ था और हम दोनों भाईयों का गायन था, वो उनसे पहली मुलाकात थी। उन्होंने इतनी इज्ज़त दी थी कि लग ही नहीं रहा था कि उनसे पहली बार मिले हैं। उसके बाद 1983 में सुर संगम के लिए भी उन्होंने अपनी आवाज़ दी।  इसके बाद तो उनका काशी के संगीत घरानों से उनका गहरा लगाव हो गया था। ऐसी गायिका शायद ही कभी धरती पर आये।

पं. किशन महाराज के शिष्य अमित मिश्रा कहते हैं कि पं. किशन महाराज, राजन-साजन मिश्र जब भी मुम्बई जाते थे तो वो लता मंगेशकर के घर पर ही ठहरते थे। बनारस से गए कलाकारों का वो दिल से स्वागत करती थी। ठुमरी सम्राट महादेव प्रसाद मिश्र कला संस्थान के पं. गणेश मिश्रा की माने तो वो बतौर एक कलाकार बनारस वालों की बहुत कद्र करती थी। बड़े गुलाम अली खां की शिष्या लता मंगेशकर के बारे में कहा गया है कि वो इतना मीठा गायन पेश करती थी कि उनके उस्ताद बड़े गुलाम अली भी कह उठते थे कि ई इतना सुर में गावे ली कि कभी डाटो ना खावेली...जब सब्हे सही हव ता का डाटी...।  पं. किशन महाराज की पुत्री अंजलि मिश्रा कहती है कि उनके घर से उनका गहरा रिश्ता था। यही वजह है कि वो स्वस्थ्य हो इसके लिए पूरे देश के साथ ही बनारस संगीत घराने के लोग भी प्रार्थना कर रहे थे। उन्होंने 30 हजार से भी ज्यादा गाना गाया था। यह किसी कलाकार के लिए बहुत बड़ी बात है। काशी की गलियों से संघर्ष करते हुए बालीवुड में अपनी पहचान बनाने वाली सुरभि सिंह कहती है कि अकसर उनसे मुलाकात होती थी मगर कभी लगा ही नहीं कि वो इतने बड़े कद की मलिका हैं। बेहद साधारण था उनका व्यवहार। गरीबी से लेकर धनी बनने तक कभी उनके व्यवहार में बदलाव नहीं आया।  

दरअसल 28 सितंबर 1929 को इंदौर में मशहूर संगीतकार दीनानाथ मंगेशकर के घर जन्मी लता मंगेशकर ने पांच साल की उम्र में ही गाना शुरू कर दिया था। उनके शुरुआती गुरु उनके पिता ही थे, बाद में बड़े गुलाम अली से उन्होंने गायन की शिक्षा ली। उनका काशी से गहरा लगाव था भले ही वो काशी कम आयी मगर यहां के संगीत घराने की वो बड़ी कद्रदान थीं। बिस्मिल्लाह खां, सिद्देश्वरी देवी, पं. महादेव प्रसाद मिश्र, सितारा देवी, किशन महाराज, राजन-साजन मिश्र से उनका गहरा लगाव था।

गुरुवार, 13 जनवरी 2022

अपर मुख्य सचिव ने जांची जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था

महिला समेत कई अस्पतालों का किया निरीक्षण

कोविड टीकाकरण का जाना हाल, अधिकारियों को दिए निर्देश


वाराणसी 13 जनवरी (dil india live)। उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव व जिले के नोडल अधिकारी दीपक कुमार ने गुरुवार को जिले की चिकित्सकीय व्यवस्थाओं का जायजा लिया। एएसपीजी मण्डलीय चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय, राजकीय आयुर्वेद  अस्पताल व चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उन्होंने औचक निरीक्षण किया। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के साथ ही उन्होंने कोविड के तीसरे लहर से निपटने एवं वैक्सीनेशन की जानकारी ली।

अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार पूर्वाहन लगभग दस बजे अचानक सनबीम वरुणा स्कूल पहुंचे । उनके साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी भी थे। स्कूल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 15 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए लगाये गये कोविड टीकाकरण कैम्प में पहुंच कर उन्होंने वैक्सीनेशन के बारे में जानकारी ली। टीकाकरण केन्द्र में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों  से पूछा कि वे अब तक कितना टीकाकरण कर चुके हैं। यहां से वह चौकाघाट स्थित राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय पहुंचे और वहां हो रहे कोविड टीकाकरण की व्यवस्थाओं के बारे में जाना। टीकाकरण कराने आये लोगों से उन्होंने पूछा कि उन्हें टीकाकरण कराने में कोई असुविधा तो नहीं हो रही। इस दौरान वहां मौजूद आयुर्वेद चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक डा. विनय मिश्र ने वहां हो रहे टीकाकरण और अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी अपर मुख्य सचिव को दी। 

चौकाघाट के बाद अपर मुख्य सचिव कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मण्डलीय चिकित्सालय पहुंचे। मण्डलीय चिकित्सालय व जिला महिला चिकित्सालय का निरीक्षण करने के साथ उन्होंने यहां भी 15 से 18 वर्ष के बच्चों तथा वयस्कों के हो रहे टीकाकरण के बारे में जानकारी ली। टीकाकरण केंद्र  पर जाकर उन्होंने वहां की  सुरक्षा व्यवस्था और टीका लगवाने वाले आ रहे हैं लोगों के बारे में जाना। उन्होंने पूछा कि प्रतिदिन कितने लोग वैक्सीनेशन के लिए आ रहे हैं। उन्होंने टीकाकरण केंद्र पर बैठी नर्स से सुबह से हुए वैक्सीनेशन के बारे में पूछा और यह भी पूछा कि इस डेस्क पर कोविड की कौन सी वैक्सीन लग रही है।  इसके साथ ही उन्होंने मण्डलीय चिकित्सालय में लगे आक्सीजन प्लांट का भी निरीक्षण किया। उन्होंने प्लांट को चलवाकर भी देखा। आपरेटर से उन्होंने प्लांट के संचालन की पूरी प्रक्रिया को समझा। निरीक्षण के दौरान जिला महिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. ए.के. श्रीवास्तव व मण्डलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ चिकित्सक डा. एसपी सिंह ने अपस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्थाओं के बारे में अपर मुख्य सचिव को जानकारी दी।

यहां से अपर मुख्य सचिव चोलापुर पहुंचे उनके साथ मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल भी थे। चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में बने 30 बेड के कोविड केयर सेंटर का उन्होंने निरीक्षण किया। यहां बने 12 बेड के “पीकू वार्ड”  को भी उन्होंने देखा। निरीक्षण के दौरान चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डा. आर.बी. यादव ने अपर मुख्य सचिव को अवगत कराया कि “पीकू वार्ड” आक्सीजन की सुविधा से लैस है और इसके लिए यहां आक्सीजन प्लांट भी लगा है। इस पर अपर मुख्य सचिव ने वहां आक्सीजन प्लांट का भी निरीक्षण किया। यहां निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने वहां मौजूद चोलापुर ग्राम सभा की निगरानी समीतियों के सद्स्यों के बारे में अपर मुख्य सचिव को जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव ने समीति के सदस्यों से उनके कार्यों  के बारे में बातचीत की। निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एके मौर्या, जिला सर्विलांस अधिकारी डा. एसएस कन्नौजिया, वरिष्ठ चिकित्सक डा. एके पाण्डेय,  डा. अतुल सिंह मौजूद थे। इसके पूर्व  बुधवार की रात अपर मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ बैठक कर  कोविड के तीसरी लहर से निपटने के लिये की गयी तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही कोविड वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी लाने का निर्देश दिया। बैठक में जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख आधिकारी मौजूद थे।

रविवार, 28 नवंबर 2021

साहित्यिक संघ ने किया डा.गजाधर शर्मा 'गंगेश' का सम्मान

'गंगेश' 'सेवक साहित्यश्री' अलंकरण से विभूषित


वाराणसी 28 नवंबर (dil india live)। साहित्यिक संघ वाराणसी के 30 वें अधिवेशन के अवसर पर कमलाकर चौबे आदर्श इण्टर कालेज ईश्वरगंगी के सभागार में ख्यातिलब्ध कथाकार प्रो.कमलेश्वर के कर-कमलों से डा.गजाधर शर्मा 'गंगेश' को 'सेवक साहित्यश्री' अलंकरण से विभूषित किया गया। साथ में कथाकार धर्मेन्द्र कुशवाहा भी मौजूद थे। पता हो कि गाजीपुर के नंदगंज निवासी साहित्यकार डॉक्टर गजाधर शर्मा गंगेश मशहूर साहित्यकार हैं। उनकी साहित्यिक सेवा को देखते हुए कमलाकर चौबे आदर्श इंटर कॉलेज ईश्वरगंगी में उन्हें यह सम्मान दिया गया। साहित्यिक संघ वाराणसी के 30 अधिवेशन में उनका सम्मान होने पर गाजीपुर के साहित्यिक जगत में खुशी की लहर दिख रही।