पोषण पुनर्वास केंद्र के सुदृढ़ीकरण को डीएम ने उठाया कदम
विकास भवन में हुई जिला पोषण एवं कन्वर्जेंस समिति की बैठक
Varanasi (dil Indialive)। अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में अनिवार्य रूप से भेजें। पोषण पुनर्वास केंद्र के समस्त बेड फुल रहने चाहिए, जो बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) कुपोषित बच्चों को नहीं भेजेंगे उनका वेतन रोक दिया जाएगा। यह बातें जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बुधवार को विकास भवन सभागार में आयोजित जिला पोषण एवं कन्वर्जेंस समिति की बैठक में कहीं।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र के सुदृढ़ीकरण के लिए विभाग सम्पूर्ण प्रयास कर रहा है, ताकि यहां भर्ती कुपोषित बच्चों को बेहतर सेवाएं मिल सकें। जनपद में वर्तमान में लगभग 55000 बच्चे कुपोषित हैं जिनमें से लगभग 3500 बच्चे अति कुपोषित श्रेणी में है और उनमें 1100 बच्चे सैम (सीवियर एक्यूट मालनरिश्ड) के हैं जिन्हें पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जाना चाहिए। पोषण पुनर्वास केंद्र में कुल 10 बेड गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए तैयार किया गया है जिन पर बच्चों को 14 दिन के लिए भर्ती किया जाता है। इस प्रकार प्रत्येक माह कम से कम 20 बच्चे भर्ती किये जा सकते हैं । इस वर्ष अप्रैल में मात्र 14 बच्चे भर्ती किए गए जिस पर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई । जिलाधिकारी ने समस्त बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं आवश्यक प्रबंधन करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि आगामी तीन माह में इन बच्चों के पोषण स्तर में सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएं।
बैठक में जिलाधिकारी द्वारा बच्चों के पोषण स्तर के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण वाटिका रोपण, बाल मैत्रिक शौचालय के निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प इत्यादि की भी समीक्षा की गई । इसके साथ ही पोषण अभियान के अंतर्गत बाल विकास पुष्टाहार विभाग के साथ-साथ कन्वर्जेंस विभाग यथा स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कुपोषण कम करने के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई ।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल, जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेंद्र द्विवेदी, जिला कृषि अधिकारी अश्विनी कुमार सिंह यूनिसेफ के मंडलीय समन्वयक अंजनी कुमार राय, पोषण पुनर्वास केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के साथ समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) उपस्थित रहे ।