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शनिवार, 2 जुलाई 2022

बच्चों को दी स्वर्णप्राशन की निःशुल्क खुराक

भद्रासी आयुष चिकित्सालय में स्वर्णप्राशन शिविर आयोजित

बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अभियान

Varanasi (dil india live) . बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद विभाग अभियान चला रहा है। इसके तहत शनिवार को भद्रासी स्थित एकीकृत आयुर्वेद अस्पताल में स्वर्णप्राशन शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 216 बच्चों को स्वर्णप्राशन की निःशुल्क खुराक दी गयी।

शिविर का उद्घाटन राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय में प्रसूति विभाग की अध्यक्ष डा. शशि सिंह ने एक बच्चे को स्वर्णप्राशन की खुराक देकर किया। क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डा. भावना द्विवेदी ने बताया कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के उद्देश्य से चलाये जा रहे अभियान के तहत हर माह स्वर्णप्राशन शिविर का आयोजन किया जाता है। शिविर में बच्चों को स्वर्णप्राशन की निःशुल्क खुराक दी जाती है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद से जुड़े हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्ष पूर्व वायरस और बैक्टीरिया जनित बीमारियों से लड़ने के लिए एक ऐसा रसायन तैयार किया था जिसे स्वर्णप्राशन कहा जाता है। इसे शुद्ध स्वर्णभस्म के निश्चित अनुपात में गाय के घी व शहद के साथ ड्रॉप के रूप में तैयार किया जाता है। स्वर्णप्रशान बच्चों के लिए बेहद ही लाभदायक होता है। यह उनकी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ उनकी बौद्धिक क्षमता को बढ़ाने में भी मददगार होता है।  इस बात को ध्यान में रखकर ही विभाग की ओर से आज इस शिविर का आयोजन किया गया था ताकि क्षेत्र के अधिक से अधिक बच्चे इसका लाभ उठा सकें।  शिविर में अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. नरेन्द्र कुमार सिंह, डा. जितेन्द्र कुमार पाल, डा. सनातन राय, डा. आनंद कुमार यादव, डा. देवानंद पाण्डेय समेत अन्य चिकित्सक मौजूद थे। शिविर में अपने सात वर्षीय बेटे पंकज का स्वर्णप्रशन कराने आये गोविन्दपुर निवासी संतोष शर्मा ने बताया कि लगातार तीसरे माह उन्होंने बेटे का स्वर्णप्राशन कराया है। इससे उसे काफी लाभ है।

शुक्रवार, 10 जून 2022

शास्त्रीय ज्ञान न होने से संगीत बिखर रहा

शास्त्रीय संगीत को जन जन के लिए सुलभ बनाना है: पं. शिवनाथ मिश्रा

शास्त्रीय संगीत के लिए समर्पित शिवनाथ मिश्र म्यूजिक फाउंडेशन का शुभारंभ
Varanasi (dil India live)। शास्त्रीय संगीत की पहुँच को समाज के हर तबके तक पहुँचाना हमारा मूल उद्देश्य है। शास्त्रीय ज्ञान न होने से के संगीत बिखर रहा है। उसे सहेज कर जन जन के लिए सुलभ करना होगा। उक्त बातें गुरुवार को प्रख्यात सितरविद पद्मश्री अवार्डी पण्डित शिवनाथ मिश्र ने पण्डित शिवनाथ मिश्रा म्यूजिक फाउंडेशन के शुभारंभ के अवसर पर कही। लंका स्थित प्रफुल्ल नगर कालोनी में शुरू हुए म्यूजिक फाउंडेशन के शुभारंभ के मौके पर शिवनाथ मिश्रा ने कहा कि शास्त्रीय संगीत को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैलाई गई है। इसका उत्थान के लिए बुनियादी स्तर पर युवा पीढ़ी को तैयार करना आवश्यक है, जिसमे गरीब अमीर के भेद से दूर संगीत की शिक्षा सबके लिए उपलब्ध कराना ही प्राथमिकता है। इससे पूर्व फाउंडेशन का शुभारंभ पंडित शिवनाथ मिश्रा, अत्रि भारद्वाज, पंडित धर्मनाथ मिश्रा, पंडित देवब्रत मिश्रा द्वारा फीता काटकर किया गया। अंतरराष्ट्रीय सितारवादक पण्डित देवब्रत मिश्रा ने बताया कि इस फाउंडेशन का उद्देश्य शास्त्रीय संगीत की प्रत्येक विधा की शिक्षा देने के लिए है। गायन, वादन, नृत्य की प्रत्येक विधा जैसे तबला, सितार, वायलिन, कथक, गायन में ठुमरी, चैती, होरी आदि संगीत की विभिन्न विधाएं सिखाई जाएंगी। इस अवसर पर काशी के कई कलाकार और प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। मुख्य रूप से रागिनी मिश्रा, कैलाश सिंह विकास, सुरेश पाण्डेय, प्रशांत मिश्रा आदि उपस्थित रहे।

गुरुवार, 9 जून 2022

डिजिटल मार्केटिंग पर हुई यूपी कालेज में कार्यशाला

वेबसाइट बनाने कि बताया गया बारीकियां 

 


Varanasi (dil India live). यूपी कॉलेज के राजर्षि स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, वाराणसी में तीन दिवसीय डिजिटल मार्केटिंग विषय  पर  कार्यशाला का आयोजन  ब्लू रेंजर इन्फो- सेक्युरिटीज़  के सहयोग से आयोजित किया गया। कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रो. अमन गुप्ता ने उद्घाटन सत्र में ब्लू रेंजर इन्फो- सेक्युरिटीज़  के डायरेक्टर  श्री  नदीम अंसारी और क्रिएटिव हेड  श्री अफ़रोज़ अहमद का स्वागत और आभार व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने छात्रों को डिजिटल मार्केटिंग के महत्व के बारे में बताया।  इससे छात्रों को डिजिटल  टेक्नोलॉजी के महत्व  को समझने में मदत मिलेगी।

कार्यक्रम का संचालन डॉ  प्रीति नायर और डॉ. चंद्र प्रकाश सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में छात्रों को आज के परिपेक्ष  में डिजिटल मार्केटिंग की तकनीकियों और वेबसाइट के उपयोगिताओं का परिचित कराया गया। वर्ड प्रेस टूल के द्रारा वेबसाइट बनाने की तकनीकों और इसके माध्यम से ऑनलाइन  आय करने के तरीको का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर प्रो. संजय सिंह, श्री आनंद श्रीवास्तव, श्री अनुराग सिंह, श्री. सुजीत सिंह, श्रीमती रामेश्वरी सोनकर, डॉ. चंद्र प्रकाश सिंह, श्री महेश प्रताप सिंह, डॉ बृजेश यादव, श्री बिमल राय, श्री विनय कुमार, डॉ शैलेंद्र तिवारी, श्री विजय पाण्डेय ,श्री आशुतोष, श्री आनंद मोहन पाण्डेय  डॉ प्रीति सिंह ,और डॉ. नीतू अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

बुधवार, 8 जून 2022

Gnr foundation: ताकि भीषण गर्मी में मिल सके राहत


Varanasi (dil India live). भीषण गर्मी को देखते हुए गरीब नवाज़ रिलीफ़ फाउंडेशन द्वारा वाराणसी में विभिन्न स्थानों पर नि:शुल्क पेयजल वितरण के साथ ही लोगों के लिए जगह जगह ठंडे पानी की मशीन भी लगाती जा रही है। दावते इस्लामी के डा. साजिद ने बताया कि दावते इस्लामी लोगों को भीषण गर्मी में थोड़ी सी राहत देने के लिए देश दुनिया में इस तरह की मुहिम चला रही है। इसी क्रम में बड़ी बाजार में भी यह व्यवस्था की गयी है। ताकि भीषण गर्मी से लोगों को राहत मिल सके। यह अभियान आगे भी चलता रहेगा।

सोमवार, 6 जून 2022

Covid-19:अभियान चलाकर 24 जून तक छूटे लोगों को लगेगी दूसरी डोज़

हर घर दस्तक 2.0 अभियान में फिर तेजी की कवायद 

घर-घर दस्तक देकर खोजे जाएंगे कोविड की दूसरी डोज़ से छूटे व बचे हुये लाभार्थी

स्वास्थ्य विभाग ने की अपील - दूसरी डोज़ नहीं लगी है तो जल्द लगवा लें

घर के नजदीक टीकाकरण केंद्र व स्वास्थ्य केंद्र पर लगवा सकते हैं टीका


Varanasi (dil India live). जनपद में सोमवार से कोविड टीके की दूसरी डोज से छूटे हुए लोगों का शत-प्रतिशत कोविड टीकाकरण किए जाने को लेकर ‘हर घर दस्तक 2.0’ अभियान शुरू हो गया है। यह अभियान 24 जून तक चलेगा । इसको लेकर सोमवार को एनआईसी में हुई राज्य स्तरीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग बैठक में निर्देशित किया गया कि जनपद में जिन लाभार्थियों ने दूसरी डोज़ का टीका नहीं लगवाया है, उन्हें घर-घर खोजकर चिन्हित कर शत-प्रतिशत दूसरी डोज़ का टीका लगाया जाए।

शासन से प्राप्त निर्देशानुसार मंडलीय अपर निदेशक (स्वास्थ्य) डॉ शशिकांत उपाध्याय एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि दूसरी डोज़ का टीकाकरण शत-प्रतिशत करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए। प्रतिदिन का लक्ष्य निर्धारित कर स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा उस लक्ष्य को प्रतिदिन के अनुसार अपडेशन का कार्य पूरा किया जाए। शाम को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी समस्त टीम के साथ मॉनिटरिंग भी करें।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) व एसीएमओ डॉ वीएस राय ने बताया कि अभियान के लिए दूसरी डोज के कम कवरेज वाले लक्षित भौगौलिक क्षेत्र के अनुसार कार्ययोजना बनाई गई है। नियमित टीकाकरण के दिन बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण वाले गांवों में नियमित टीकाकरण के साथ ही कोविड टीकाकरण भी किया जायेगा। दूसरी डोज के कम कवरेज वाले गांवों में घर के नजदीक कोविड वैक्सीनेशन सेंटर (सीवीसी) स्थापित कर दूसरी डोज के शेष पात्र लाभार्थियों का टीकाकरण किया जायेगा। द्वितीय डोज के बचे हुये लाभार्थियों की सूची कोविन पोर्टल पर उपलब्ध है। इसके आधार पर आशा एवं अन्य फ्रंटलाइन वर्कर लाभार्थियों के घर-घर दस्तक देकर मोबलाइज करेंगी।

स्कूल खुलने पर लगेंगे कैंप

उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व डिप्टी सीएमओ डॉ सुरेश सिंह एवं वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (टीकाकरण) डॉ एके पांडे ने बताया कि वैक्सीनेशन टीम जरूरत पड़ने पर कार्यदिवस सुबह नौ से शाम चार बजे के पहले या बाद में भी टीकाकरण करेगी, घर के नजदीक वैक्सीनेशन सेंटर आदि व्यवस्थाओं की योजना बनाकर छूटे एवं बचे हुये लाभार्थियों का शत-प्रतिशत टीकाकरण पूर्ण करेगी। डॉ एके पांडे ने बताया कि गर्मी की छुट्टी के बाद 20 जून से सभी स्कूल खुल रहे हैं। उस समय वैक्सीनेशन टीम स्कूलों में कैम्प लगाकर शेष छूटे हुए 12 से 14 वर्ष तथा 15 से 17 वर्ष आयुवर्ग के किशोर-किशोरियों का कोविड टीकाकरण कराएगी। कॉल सेंटर के जरिये लक्षित लाभार्थियों को फोन कर कोविड टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जायेगा। उनके टीकाकरण की स्थिति के संबंध में सूचना इकट्ठा की जायेगी। जिन लाभार्थियों का टीकाकरण हो चुका है लेकिन कोविन पोर्टल पर नहीं चढ़ा है, उसका सत्यापन कराते हुए डीआईओ पोर्टल पर चढ़वाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग ने की अपील

 अभियान के संबंध में स्थानीय प्लेटफार्मों, स्कूलों के वाट्सएप ग्रुप, स्थानीय शासन, जनप्रतिनिधि, मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार कराया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग ने जनपदवासियों से अपील की है कि जिनको कोविड से बचाव की दूसरी डोज नहीं लगी है, वह जल्द से जल्द नजदीकी टीकाकरण केंद्र या स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अवश्य लगवा लें।

Varanasi में कोविड टीकाकरण की स्थिति

कुल डोज़ – 63,84,943

पहली डोज़ – 34,73,241 (102.6%)

दूसरी डोज़ – 28,25,407 (83.5%)

12 से 15 वर्ष के बच्चों में पहली डोज़ 1,28,944 (82.8%) एवं दूसरी डोज़ 47,902 (30.8%) लग चुकी हैं।

15 से 18 वर्ष के किशोर-किशोरियों में पहली डोज़ 2,34,242 (90.8%) तथा दूसरी डोज़ 1,76,444 (68.4%) लग चुकी है।

18 से 45 वर्ष आयुवर्ग में 20,94,121 (104.2%) लोगों को पहली डोज तथा 16,87,994 (84%) लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है।

45 से 60 वर्ष की आयुवर्ग में 6,09,615 (104.5%) लोगों को पहली डोज तथा 5,34,793 (91.7%) लोगों को दूसरी डोज का टीका लग चुका है।

60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में 3,30,135 (87.3%) लोगों को पहली डोज, 3,01,474 (79.8%) लोगों को दूसरी डोज तथा 34,605 (9.2%) लोगों को एहतियाती डोज लग चुकी है।

रविवार, 5 जून 2022

विश्‍व पर्यावरण दिवस पर बरेका में वृक्षारोपण


Varanasi (dilIndialive)।विश्‍व पर्यावरण दिवस के अवसर पर 05 जून को बरेका में बृहत्‍त रूप से वृक्षारोपण किया गया। महाप्रबंधक अंजली गोयल, प्रमुख मुख्‍य विभागाध्‍यक्षगण एवं अन्‍य अधिकारियों ने बरेका पश्चिमी उपनगर, हेल्‍थ यूनिट के प्रांगण में चित्‍तवन सहित अनेक औषधीय गुण वाले पौधे का वृक्षारोपण किया। इसके अतिरिक्‍त बरेका के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपने-अपने घरों के प्रांगण में बृक्षारोपण किया। बरेका वासियों द्वारा किये गये इस प्रयास से बरेका परिसर को और ज्‍यादा हरित और स्‍वच्‍छ बनाने में सहायता मिलेगी । 

उल्‍लेखनीय है कि इस वर्ष का थीम “केवल एक पृथ्‍वी (Only One Earth)” ध्‍यानाकर्षण “प्रकृति के साथ सद्भाव में स्‍थायी रूप से रहना (Living Sustainable in Harmony With Nature)” इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए बरेका में जन जागरूकता चलाकर सभी बरेका वासियों से अपील की गयी है, कि 05 जून 2022 को विश्‍व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने-अपने घरों के प्रांगण में वृक्षारोपण किया गया। 

बनारस रेल इंजन कारखाना ने अपने स्‍वच्‍छ पर्यावरण से स्‍वस्‍थ जीवन की दिशा में महत्‍वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है । संपूर्ण परिसर को हरा-भरा रखने के लिए प्राय: पौधारोपण कार्यक्रम होता रहता है । इस वर्ष बरेका ने लगभग 10,000 पौधारोपण का लक्ष्य रखा है।बरेका अपनी प्रत्‍येक गतिविधियों की अनुकूलता के लिए निरंतर प्रयत्‍नशील रहते हुए स्‍वच्‍छ, हरित बरेका के लिए अपना योगदान देता है। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संरक्षण के लिए 'जल शक्ति अभियान: कैच द रेन' अभियान की शुरुआत की।

इस अभियान की टैगलाइन है "बारिश को पकड़ो, जहां गिरे, जब गिरे"। इस अभियान की टैगलाइन को समर्पित करते हुए महाप्रबंधक सुश्री अंजलि गोयल के  कंचनपुर कॉलोनी में एक जल संचयन तालाब का कार्य 1 दिसम्बर, 2021 से प्रारंभ किया। इस तालाब का क्षेत्रफल 7517.76 वर्ग मीटर (114.60 मीटर x 65.60 मीटर) होगा और जल संग्रहण क्षमता होगी 311 लाख लीटर हैं। इससे मिट्टी की नमी में सुधार और भूजल स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी। जिसका निर्माण कार्य लगभग पूरा होने को है।

शनिवार, 4 जून 2022

Hajj 2022: काबा के मुसाफिरों को लगा काशी में टीका

मास्टर ट्रेनर ने दी ट्रेनिंग, बताया हज के अरकान 




Varanasi (dilindialive) l सिटी गर्ल्स इंटर कालेज, काज़ी सदुल्लाहपुरा में वर्ष 2022 के हज के मुबारक सफर पर जाने वाले हज यात्रियों का टीकाकरण एवं ट्रेनिंग का कैंप पूर्वांचल हज सेवा समिति के बैनर तले लगाया गया।

इस हज ट्रेनिंग कैंप कि शुरुआत तिलवते क़ुरान पाक़ से मौलाना रियाज़ अहमद क़ादिरी ने की। नात आदिल जियाई ने पेश किया। कैम्प में ऑडियो वीडियो प्रोजेक्टर के ज़रिये मास्टर हज ट्रेनर सलमान खान अदनान ने सभी जाने वाले हाजियों को तमाम अरकान और हज के सफ़र को कैसे आसानी से पूरा किया जाय इसके बारे में दिखाया और बताया और समझाया। उसके बाद सारे लोजिस्टिक इशू को भी क्लीयर किया। कैम्प में  मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा डाक्टर ए. के. पांडेय, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा सभी हाजियों को पोलियो ड्रॉप्स पिलाया गया एवं टिकाकरण किया गया। आज के इस प्रोग्राम के मेहमाने खुसुसी उत्तर प्रदेश के राज्य हज समिति के राज्य कॉर्डिनेटर जनाब मो. अरमान साहब ने कहा कि मैं लखनऊ मे हज कि उड़ानों के दौरान् मौजूद रहूँगा अगर किसी हाजी सहेबांन को कोई भी दिक़्क़त आती हैं तो हम से राबता कायम करें। इस प्रोग्राम में पूर्व सदस्य राज्य हज समिति जनाब अब्दुल रहीम अंसारी भी मौजूद थे।

इस प्रोग्राम कि सदारत पूर्वांचल हज सेवा समिति के सदर हाजी रईस अहमद एवं निज़ामत डॉ. मो. अमीन ने किया। पूर्वांचल हज सेवा समिति के हाजी मो. ज़ुबैर, अहमद अली पप्पू, हाजी अब्दुल अहद, शम्शुल आर्फिन, तारिक हसन खां, हाजी ओकास, अख्तर हुसैन, तलत महमूद, अयाज़, रेयाज़ अहमद राजू, ईसरार  अहमद, हाजी इम्तियाज़, बाबू भाई, आसिफ, फारूक, इकबाल अहमद, हाजी मुन्नू, पप्पू मेडिकल, ओवेस्, सूफियांन, सोहेल्, इबाद, आदि हाजियों कि खिदमत में लगे रहे l

गुरुवार, 2 जून 2022

सुल्तान ने की बुनकरों की समस्याओं पर सरदार से चर्चा

बाईसी के सरदार हाफिज कल्लू से मिला सुल्तान क्लब का प्रतिनिधिमंडल

सरदार मोइनुद्दीन को "खैराबाद की तारीख" पुस्तक की भेंट,दी मुबारकबाद


Varanasi(dil India live)। बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के नव निर्वाचित अध्यक्ष सरदार हाफिज मुईनुद्दीन उर्फ कल्लू हाफिज सरदार से काजीसादुल्लापुरा स्थित आवास पर सामाजिक संस्था "सुल्तान क्लब" का एक प्रतिनिधिमंडल मिलकर बुनकरों की विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की, साथ ही एक पुस्तक "तारीख खैराबाद" भेंट कर बुके देकर मुबारकबाद पेश किया।

         सरदार साहब ने विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी हमलोगों को बेहतर कार्य करना होगा तभी हमारा समाज और देश खुशहाली के रास्ते पर होगा, हमारी हमेशा यह कोशिश रहेगी कि अपने समाज को एक साथ लेकर चलने का पूरा प्रयास रहेगा, जो इतनी बड़ी जिम्मेदारी लोगों ने मेरे ऊपर दी है उसे मैं सभी के सहयोग से निभाने की भरपूर कोशिश करूंगा।

  ज्ञात हो कि पिछले वर्ष बाईसी के सरदार हाजी अबुल कलाम साहब के आकस्मिक निधन के बाद 15 मई 2022 को बुनकर बिरादराना तंजीम बाईसी के अध्यक्ष की जिम्मेदारी हाफिज मुईनुद्दीन उर्फ कल्लू हाफिज साहब को पगड़ी पहनाकर (दस्तारबंदी) की गई।

        प्रतिनिधिमंडल में मुख्यरूप से अध्यक्ष डॉक्टर एहतेशामुल हक,उपाध्यक्ष महबूब आलम,महासचिव एच हसन नन्हें,सचिव मुस्लिम जावेद अख्तर,कोषाध्यक्ष शमीम रियाज़,हाफिज रमजान अली,हाफिज मुनीर इत्यादि थे।

Hazrat waliullah shah: आज मनाया जा रहा बाबा का उर्स

हरदाम शाह बाबा के उर्स में जुटें हैं मन्नती, हो रही दुआएं 


Varanasi (dil India live)। हज़रत सैय्यद वलीउल्लाह शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह (हरदाम शाह बाबा) के सालाना उर्स में अकीदतमंदों का हुजूम आज मगरिब की नमाज़ के बाद उमड़ेगा। बाबा का उर्स पूरी अकीदत के साथ भूवनेश्वर नगर कालोनी स्थित आस्ताने में फजर की नमाज़ के बाद से मनाया जा रहा है। इस दौरान बाबा से अकीदत रखने वाले दोनों मज़हब के जायरीन मन्नतें वह मुराद मांगने जुटें हुए हैं। 
बाबा के खादिम साबिर खान जायरीन का खैरमकदम कर रहे थे। उन्होंने बताया कि बाबा के दर पर गुसल, फातेहा, गुलपोशी, चादरपोशी के साथ ही मुल्क में अमन और मिल्लत व कौम की भलाई के लिए दुआएं भी कुल शरीफ के दौरान मांगी जाएगी।

मंगलवार, 31 मई 2022

मेरे बाबा....और उनकी प्यारी बीड़ी



Lucknow (dilindialive)। यदि याददाश पर जोर देकर यह याद करने की कोशिश ही जाए बचपन में कपड़े की गुड़िया से खेलती मैं हाड़ मांस की अपने बाबा की दुलारी गुड़िया। गुड़िया नाम मेरे बाबा ने रखा था। अक्सर अपनी गोदी पर उठाकर बाहर मिट्टी के चबूतरे में बैठकर शाम को गपशप मारने वाले मेरे बाबा। 6 फुट लंबी कद काठी थी गोरा चिट्टा शरीर, धोती कुर्ता और कंधे में गमछा लिए अपनी छोटी सी दुनिया में अपनों के हीरो मेरे बाबा। निश्चित रूप से गांव में मनोरंजन के साधनों का अभाव होता है आपसी गपशप, छोटी मोटी चौपाले , खड़ंजे,मेड और नाली की लड़ाई में व्यस्त पूरा ग्रामीण समाज कहीं कौड़िया, लकड़ी, तो कहीं ताश के पत्ते फेटते भोले-भाले ग्रामीण।

     अपनी दिनचर्या में कठोर मेहनत करने वाले सुबह जल्दी उठकर और रात को जल्दी सोने वाले मेहनतकश किसान। हल और बैलों की जोड़ी से पूरे खेत का सीना चीर कर सोना उगाने वाले गांव के किसान ,जो अपनी उम्र से कुछ ज्यादा ही दिखाई देते हैं मटमैला कुर्ता , कांछ वाली धोती और कंधे पर एक गमछा।

    इन सब में सबसे बड़ी विशेषता है आपसी मेल मिलाप होने पर बीड़ी की एक कश लगाना, तंबाकू जब बनती तो अकेले नहीं खाई जाती, बैठ कर खुद खाना और अपने साथियों को भी खिलाना ।यदि कुछ बड़ी चौपाल हुई तो हुक्के की गड़गड़ाहट और चिलम की सुगबुगाहट भी महसूस कर आपसी प्रेम और सौहार्द को बढ़ाने की भावना का विकास करती दिखती। हाथ में बनी हुई तंबाकू, जात–पात, बड़े –छोटे का भेदभाव मिटाती भी गांव वालों को एक दूसरे से जोड़ने का बहुत ही आसान साधन हुआ करता था और शायद आज भी हमें गांव की अर्थव्यवस्था में यह देखने को मिल ही जाता है ।

           इन सभी के बीच मेरे बाबा इन सभी गुणों से संपन्न । निश्चित रूप से उनका प्यार और दुलार हम बच्चों में आज भी याद किया जाता है होली और दीपावली में टोकरी भर भर की मिठाई, आम के सीजन में भूसे में पकाए हुए आमों को निकालकर सभी बच्चा पार्टी को बैठा कर खिलाना। यदि इस आयोजन में बड़े लोग शामिल हो जाएं तो फिर क्या कहना आम की खुमारी के साथ तंबाकू के नशे और बीड़ी की धुए में कजरी ,फाग भजनों का आयोजन होना आम बात है।

       अपने कई नाती और पोतो के बीच मुझे अकेली गुड़िया को अपने पास पाकर बाबा काफी खुश होते थे । गांव की मिट्टी में खेलती उनकी गुड़िया यदि गंदी होती तो बड़े प्यार से  अपने गमछे से मुंह हाथ साफ़ करते अन्य को घर से साफ करा आने को कहते। अपने कंधे पर बैठाकर आधे गांव की यात्रा कराना हर शाम का एक प्रिय कार्य हुआ करता था। अपने साथ गांव के वरिष्ठ लोगों के पास ले जाना और एक छोटी सी टोकरी में चना देकर अपने इर्द-गिर्द ही बैठा कर रखने की उनकी अदा।  अक्सर ध्यान देते थे कि उनकी गुड़िया उनकी आंखों से ओझल ना हो जाए,कहीं किसी पड़ोसी के घर खेलने ना चली जाए इसीलिए एक मिट्टी की गाड़ी खरीदी और एक ढपाली भी और उसे अक्सर अपनी छोटी गुड़िया के हाथों में बांध देते हैं ताकि वह जब चलकर दूर जाने लगती तो गाड़ी में लगा हुआ छोटा सा डमरु  बजने लगता और पता चल जाता  था उनको। निश्चित रूप से यह चिंता थी, प्रेम था , स्नेह था....... प्यारी गुड़िया कुछ बड़ी हुई शहर में रहने लगी पर गर्मियों की छुट्टियों में जब बाबा दादी के घर जाते तो उनका प्रेम और स्नेह माथे से लेकर गालों से लेकर हथेलियों को कई बार  चूमना और काफी देर तक अपने प्यार से भरे हुए स्नेह और हृदय से लगा कर रखना वाकई अविस्मरणीय अनुभव था।

        निश्चित रूप से उनके मटमैले से में ले कुर्ते में एक अजीब सी बदबू होती है पर उस प्रेम और स्नेह के आगे सब कुछ बेकार। शहर से आए हुए बच्चों को अपने पास बैठा कर नहा धोकर पूजा करते हुए उनको आने वाले मंत्रों को बच्चों को भी सिखाना भोजन करने से पहले भोजन मंत्र और आचरण करने के तरीके बच्चों को बताना बिना नहाए हुए कुछ ना खाने का गांव के कोने से निकला और अपने नाती पोतों को सिखाया गया उनका नियम।

        समय बीतता गया।गांव की दिनचर्या के बीच सब होता पर साथ बीड़ी की लम्बी कश जरूर... एक बीड़ी से सुलगा हुआ धुआं, एक बंडल बीड़ी और फिर कई बंडल बीड़ी में जाकर अभी रुकने का नाम नहीं ले रहा था। और इसी क्रम में शुरू हुआ  खांसी का छोटे-छोटे टुकड़ों में शुरू खेल, एक लंबी अनवरत खांसी ने ले लिया । गांव के नीम हकीम डॉक्टर अक्सर खांसी की दवा दे देते, बीड़ी के साथ वह दवा भी पी ली जाती और कुछ राहत मिलती समय बीतता गया। 

          जब मैं कक्षा 5 में पढ़ती थी तब एक बार बाबा शहर है उनका इलाज बनारस के एक नामी अस्पताल में कराया गया विभिन्न जांचों से पता चला कि साधारण सी दिखती खांसी टीवी के उच्च स्तर में पहुंच चुके हैं। टीवी क्या होती है तब शायद मुझे नहीं पता था।

    खांसी तेज हो रही थी खांसी के साथ बलगम की मात्रा बढ़ रही थी और शरीर टूट रहा था जो कभी, लंबा सुडौल था अब पतला होता जा रहा था। बीड़ी की तलब परिवार वालों के मना करने के कारण कुछ कम तो होती थी पर शायद तलब ज्यादा हावी थी और बाबा एक बार फिर गांव चले गए।

            बहुत समझाया गया , लड़ाई झगड़ा करके मनाया गया पर वह ना माने फिर वही दवा का क्रम कभी टूटता तो कभी जुड़ता.... टीवी का इलाज बीच में रुक रुक कर चलता। खांसी के कई सीरप पी लिए जाते पर बीड़ी का मोह ना छूटता। दादी ने भी बहुत आग्रह किया.... ठीक है नहीं पीऊगा कहते तो, घर पर नहीं तो बाहर दोस्तों के साथ एक आद कश होने लगी ।जो व्यक्ति 60 साल का अनवरत जीवन जी सकता था वह अपनी आधी उम्र में टीवी की वजह से शरीर में सिर्फ हड्डियों का ढांचा मात्र बचा, कभी कबार उल्टी से भी खून आता।

          और एक दिन सभी औरतें अपने करवा चौथ के व्रत की पूजा की तैयारी कर रही थी तभी गांव से सूचना आई कि बाबा नहीं रहे ....मैं भी गई मैंने भी उन्हें देखा वह जो अपने हाथों से हमेशा अपनी गुड़िया का माथा चुमने के लिए खड़े रहते थे आज जमीन पर लेटे थे। हड्डियों का एक कंकाल जो आपने शायद प्रैक्टिकल लैब में देखा होगा पर साक्षात मैंने तब देखा....रात भर मैं उनके पार्थिव शरीर के पास बैठकर सोचती रही तंबाकू की क्रूरता....।

                 तब पता चला कि शायद तंबाकू रूपी जहर कितना भयानक है, हंसता खेलता है व्यक्ति हमेशा दूसरों की केयर करने वाला व्यक्ति ,तमाखू से जुड़ी हुई लत से, खुद को अलग ना कर सका , बीड़ी के धूंवे में ऐसा उड़ा कि आज सब कुछ होते हुए भी जमीन पर सफेद हड्डियों के ढांचे के रूप में निढाल था। गर्मियों की छुट्टियों के बाद हमारे शहर लौटने पर अपनी नम आंखों से हमें प्यार के साथ विदा करने वाला अब कोई नहीं था। खुशियां, हंसी, खेल, अपनों का प्यार, अपनों का दुलार और अपनों के लिए शायद कभी कम नहीं किया जा सकता है। नशे से दूर रहकर अपनों का प्यार और प्रगाढ़ता को और बढ़ाया जा सकता है। जो प्यार माता-पिता, बाबा दादी, भाई बहन, पति पत्नी, पिता पुत्र अपनों को कर सकते हैं वह शायद दुनिया में कोई नहीं कर सकता। 

        यह एक छोटी सी कहानी रूपी संस्मरण है पर शायद इसके शब्दों में वह प्रेम  आप को दिख रहा होगा जो मुझे फिर कभी नहीं मिला। आज भी 6 फुट की लंबी काया हाथ में लाठी धोती कुर्ता और गमछे के साथ किसी को देखती हूं तो मेरे प्यारे बाबा हमेशा याद आते हैं काश उन्होंने तंबाकू के नशे से दूरी बना ली होती तो आज हम उस दुख के क्षण से ,जानलेवा बीमारी से अपने प्रिय बाबा को ना खोते। संपूर्ण विश्व तंबाकू के नशे से मुक्त हो सके आइए विभिन्न माध्यमों से बच्चों को नशे से दूर रहने की मुहिम से जोड़े, अपने साथियों को बड़े बुजुर्गों को जागरूक करें। सिगरेट और बीड़ियो तंबाकू के पैकेट में बने हुए खतरनाक चित्रों से डरे।

 विश्व तंबाकू उन्मूलन दिवस विरोध से ज्यादा, एक जागरूकता अभियान है।आइए मिलकर दूरी नहीं आपस में जोड़ने का अभियान बनाएं। देश को तमाखू के नशे से दूर भगाएं। टीवी, कैंसर, लिवर सिरोसिस जैसी जानलेवा बीमारियों से अपनो को बचाएं।

रीना त्रिपाठी (लेखक सामाजिक कार्यकत्री हैं)

सोमवार, 30 मई 2022

एडवांस हस्ताक्षर कर गैर हाजिर मिले प्रभारी चिकित्सा अधिकारी

सीएमओ ने एपीएचसी कादीपुर का किया औचक निरीक्षण

वार्ड व्वाय व फार्मासिस्ट के अलावा अन्य कर्मचारी भी रहे गैरहाजिर


Varanasi (dil India live)। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने सोमवार को पीएचसी कादीपुर का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान वहां भारी गड़बड़ियां मिली। निरीक्षण में पता चला कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एक दिन का एडवांस हस्ताक्षर कर गैर हाजिर है। यहीं नहीं एक वार्ड व्वाय व एक फार्मासिस्ट के अलावा अन्य कर्मचारी भी गैरहाजिर मिले।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी सोमवार की सुबह 8ः25 बजे अतिरिक्त प्रा०स्वा०केन्द्र कादीपुर पहुंचे। निरीक्षण के समय राजेन्द्र प्रसाद फार्मासिस्ट तथा धनंजय सिंह वार्डव्वाय को छोड़ अन्य सभी कर्मचारी अनुपस्थित पाये गये। उन्होंने अनुपस्थित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही उनका उक्त दिवस का वेतन अदेय करने का निर्देश दिया। निरीक्षण में पता चला कि प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. अभिमन्यु सिंह उपस्थित पंजिका में एक दिन पूर्व ही हस्ताक्षर किये थे और ड्यूटी पर भी मौजूद नहीं थे। यह देख सीएमओं ने नाराजगी जतायी और कहा कि यह शासकीय नियमो का घोर उल्लधंन एवं अपने कर्तव्यों की प्रति उदासीनता हैं। उन्होंने इस मामले में उनसे जवाब तलब किया है। निरीक्षण के दौरान लेवर रूम का टेबिल टूटा मिला और सभी सामान अव्यवस्थित थें जिससे यह प्रतीत हो रहा था कि वहां पर प्रसव का कार्य सम्पादित नहीं किया जाता। सीएमओं ने निर्देशित किया कि तत्काल लेबर रूम का टेबल का मरम्मत कराये तथा सभी सामान व्यवस्थित कर प्रसव का कार्य सम्पादित करायें। दवा काउन्टर पर फार्मासिस्ट द्वारा सभी दवाये अव्यवस्थित रूप से रखा हुआ था उसे व्यवस्थित रखने हेतु निर्देशित किया गया। लैब में सभी समान पूरी तरह से अव्यवस्थित था और सफाई संतोषजनक नहीं था तथा कोई भी रजिस्टर नहीं बनाया गया था जिससे कि यह देखा जा सके कि कौन सी जाँच कब की गयी हैं और कौन का सैम्पल कब का हैं। इस सम्बंध में एल०ए०को निर्देशित किया जाय कि लैंब को साफ रखें तथा एक रजिस्टर बनाकर उसमे प्रतिदिन क्या-क्या जाँच हुई और किसका सैम्पल लिया गया, उसका सही अंकन करें ।

सोनभद्र में बनेगा विरसा मुंडा केंद्र

नजरिया बदलें तभी आदिवासियों का कल्याण : फादर एक्का



Varanasi (dil India live) । नजरिया बदले बिना आदिवासी समाज का कल्याण असंभव है. आदिवासियों को समझने के लिए आदिवासी नजरिया होना जरूरी है। बिना इसके आदिवासी समाज का निर्माण नहीं हो सकता।

तरना स्थित नवसाधना केन्द्र में 'प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण' कार्यक्रम के अंतिम दिन नई दिल्ली स्थित भारतीय सामाजिक संस्थान के फादर  विनसेंट एक्का ने उक्त बाते कही। उन्होंने कहा कि देश में 705 आदिवासी समुदाय है लेकिन यह इस समाज का दुर्भाग्य है कि उनकी पूरी गिनती तक नहीं है। देश में आदिवासी समाज करीब 20 फीसदी है पर सरकारी गणना में सिर्फ़ 8.02 फीसदी ही बताया जाता है।

उन्होंने कहा कि आज आदिवासियों के स्वशासन का मुद्दा सबसे अहम है। विडम्बना देखिए कि साल 1996 में उनके विकास और उत्थान के लिए बना कानून आज तक लागू नहीं हो सका है। फादर एक्का ने कहा आदिवासियों के बीच डिलिस्टिंग का मुद्दा सबसे अहम होता जा रहा है। देश के कई राज्यों में अपनी पहचान बचाए रखने के लिए आदिवासी समाज आंदोलनरत है।हमेशा से सरकार और आदिवासी समाज में एक दूसरे को समझने को लेकर मतभेद रहा है। सरकार जिसे आवश्यक समझती है वह इस समाज को गैरजरूरी लगता है। ऐसे में आवश्यकता इस बात की है कि हम इस समाज के विकास के लिए अपना नजरिया बदले।

राइज एंड एक्ट और  सेंटर फार हार्मोनी एंड पीस व भारतीय सामाजिक संस्थान की तरफ़ से आयोजित इस शिविर में बदली परिस्थिति में 'सामाजिक कार्यकर्ताओं की क्या भूमिका हो' इस पर समूह चर्चा हुई। चर्चा में आशा ट्रस्ट के वल्लभाचार्य पांडेय ने तकनीक का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय के मुद्दों को उठाने पर बल दिया। प्रतिभागियों में असम के वरिष्ठ पत्रकार सैयद रबिऊल हक, एके लारी, उड़ीसा की पुष्पा, यूपी के अंकेश कुमार, अर्शिया खान, शमा परवीन, हरिश्चन्द्र, राम किशोर और विकास मोदनवाल आदि ने अपने-अपने विषय पर विचार व्यक्त किये।

समारोह में देश के अन्य राज्यों से आये प्रतिभागियों का यूपी चैप्टर की तरफ की तरफ से अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। साथ ही सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और पुस्तकें देकर सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन आयोजक डा.मुहम्मद आरिफ़ ने किया। 'प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण' कार्यक्रम के अंतिम दिन ये तय हुआ कि जनपद सोनभद्र में डेढ़ एकड़ भूमि पर  विरसा मुंडा के नाम पर एक अध्ययन केंद्र बनाया जाएगा। केन्द्र का शिलान्यास 15अगस्त को होगा।

इस बात की जानकारी देते हुए आयोजक डा.मुहम्मद आरिफ़ ने बताया कि सोनभद्र जनपद के नगवा ब्लॉक के ग्राम तेनुडाही के रहने वाले रामजतन खरवार ने विरसा मुंडा के लिए जमीन देने का फैसला किया है. उन्होंने बताया कि केन्द्र का निर्माण वहां रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता रामजनम ,अयोध्या और कमलेश कुमार की देखरेख में किया जाएगा।

उन्होंने बताया सेन्टर फार हारमोनी एंड पीस की तरफ से  संजय सिंह के संपादन में जनपद  कुशीनगर के कसया से साझी विरासत की प्रतिनिधि पत्रिका 'सदभावना सागर' का प्रकाशन जल्द ही शुरू किया जाएगा।

शुक्रवार, 20 मई 2022

राज्यपाल बोलीं शिक्षा के आंगन में सर्वाइकल कैंसर पर हो चर्चा

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन आवश्यक : राज्यपाल

  • कहा कि सर्वांगीण विकास के लिए अच्छी शिक्षा व बेहतर स्वास्थ्य की है अहम भूमिका
  • वाराणसी में हुई एचपीवी वैक्सीनेशन की हुई शुरुआत, राज्यपाल ने छात्राओं से लिया हालचाल
  • मंडलायुक्त सभागार में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग
  •  कॉर्नर बनाकर छात्र-छात्राओं को किया जाए जागरूक, अभिभावक भी करें प्रतिभाग




Varanasi (dil India live) "30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर यानि बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से बचाने के लिए 9 से 14 साल और 15 से 26 साल की बालिकाओं को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) इंजेक्शन अनिवार्य रूप से लगवाना चाहिये।" यह कहना है राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का। राज्यपाल शुक्रवार को मंडलायुक्त सभागार में आयोजित सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग व वैक्सीनेशन के शुभारंभ पर जागरूकता एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं।

राज्यपाल ने प्रशासन व विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि सर्वाइकल कैंसर एक चिंता का विषय है। कैंसर से ग्रसित महिलाओं में स्तन व सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित महिलाओं की संख्या क्रमशः सर्वाधिक है। इसकी रोकथाम व नियंत्रण के लिए एचपीवी इंजेक्शन के बारे में जानकारी और जागरूकता भी होनी चाहिए। इसकी जागरूकता के लिए शिक्षा विभाग, स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के माध्यम से गाँव-गाँव तक सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानकारी दें। साथ ही इसके बचाव के लिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में जन जागरूकता व स्क्रीनिंग कैंप समय –समय पर लगाएं। 

राज्यपाल ने मंडलायुक्त सभागार परिसर में जिले में एचपीवी वैक्सीनेशन का शुभारंभ फीता काटकर किया। शुक्रवार को करीब 250 बालिकाओं ने एचपीवी की पहला टीका लगाया गया। इसके पश्चात राज्यपाल ने टीकाकरण करवा चुकीं छात्राओं से बातचीत की। राज्यपाल की उपस्थिती में अर्पिता सोनकर (14), शानवी पाठक (14), जानवी सिंह (14), वैभवी सिंह (14), कशिश आनन (16) और अंकिता सिंह (18) को एचपीवी का टीका लगाया गया। इस दौरान राज्यपाल ने छात्राओं से समय से अगली डोज़ लगवाने के लिए कहा। इसके पश्चात राज्यपाल ने अपने उद्भोदन में कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी जनपद में शुक्रवार से एचपीवी वैक्सीनेशन का शुभारंभ हो चुका है। इससे पहले प्रदेश की राजधानी के राजभवन में सभी अधिकारियों की बच्चियों का एचपीवी वैक्सीनेशन कराया गया था। वाराणसी के पड़ोस के जिलों में भी सर्वाइकल कैंसर से बचाव का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रदेश में इसकी शुरुआत के लिए केंद्र स्तर पर यह विषय उठाया गया था। आईसीएमआर से भी इसके बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीनशन की शुरुआत की गयी। 

इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि पड़ोस के जिलों में 50 छात्रों को जेल में भ्रमण के लिए ले जाया गया। वहाँ हर एक बंदी के बारे में छात्राओं ने उनसे सम्पूर्ण जानकारी ली। ऐसे में देखा गया कि गलत कार्य और दहेज, बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं के लिए वह सजा काट रहे हैं। इसको दूर करने के लिए बच्चों को इसके बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। जीवन में हर विषय पर जानकारी व जागरूक होना कभी नुकसान नहीं करता बल्कि जीवन के पथ को और सुगम बनाता है। 

राज्यपाल ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर पर जागरूकता के लिए जूनियर व प्राइमरी स्कूलों, माध्यमिक स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों में आधा घंटे तक चर्चा होनी चाहिए। बच्चों और उनके अभिभावकों से भी अपील की है कि 30 साल से ऊपर की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए नियमित जांच करवाएं। स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों में एक कॉर्नर बनाया जाए, जिसमें लक्षण, कारण, निदान और उपचार के बारे में जानकारी प्रदान की जा सके। इसके लिए विश्व विद्यालयों के कुलपतियों, विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को इस विषय पर ज्यादा से ज्यादा जोर देने की जरूरत है। इन्हीं के माध्यम से घर-घर तक सर्वाइकल कैंसर से बचाव और वैक्सीनेशन पर जागरूक किया जा सकता है। इसके साथ ही एक मुहिम चलाई जाए जिससे जिले में एक दिन में अधिक से अधिक 300 बच्चियों को एचपीवी का टीका लगाया जा सके। अंत में राज्यपाल ने जनमानस से अपील की है कि जागरूक रहिए। कैंसर से बचिए। टीबी (क्षय रोग) से बचिए। गलत कार्य करने से बचिए। सर्वांगीण विकास के लिए अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य होना बेहद आवश्यक है जिस पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। 

इस मौके पर बीएचयू के कुलपति सुधीर जैन ने कहा कि राज्यपाल की इस पहल से जिले में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग व जागरूकता अभियान शुरू हुआ है। यह अभियान 30 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए बेहद कारगर साबित होगा। इस मुहिम के बीएचयू के समस्त अधिकारी शत-प्रतिशत रूप से अपना सहयोग करेंगे। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि राज्यपाल की यह पहल देश के लोगों को स्वस्थ बनाए रखने में दूरगामी सोच को प्रदर्शित करता है। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए काशी विद्यापीठ विश्व विद्यालय परिवार इस नेक पहल में पुरजोर कोशिश करेगा। 

इस मौके पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ सत्यजीत प्रधान और लीड मेडिकल ऑफिसर डॉ रुचि पाठक ने प्रोजेक्ट ईशा और कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया गया कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के मार्गदर्शन व दिशा निर्देशन में होमी भाभा कैंसर अस्पताल के माध्यम से जिले भर में कैंसर स्क्रीनिंग और उपचार का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अगले साल जुलाई तक करीब ढाई लाख लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है। इस क्रम में अब तक एक लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। 

कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने राज्यपाल की इस नेक पहल के शुभारंभ के लिए धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। कहा कि जन सामान्य के स्वास्थ्य लाभ के लिए वाराणसी सहित प्रदेश के सभी जिलों में राज्यपाल के निर्देशन में सर्वाइकल कैंसर से बचाव की मुहिम चलायी जा रही है। इसके सफलतापूर्वक संचालन के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, कुलपति, शिक्षक व आम जनमानस हर स्तर पर प्रयासरत है। जिलाधिकारी ने दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का आभार प्रकट करते हुये इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके साथ ही जिन बच्चों ने वैक्सीनेशन करवाया और उनके अभिभावकों, शिक्षकों और प्रधानाचार्य को प्रोत्साहित करते हुये इस मुहिम में जोड़े जाने का आव्हान किया। 

         इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी, स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षक व स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आईसीडीएस विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने किया।

शुक्रवार, 13 मई 2022

Ghazi miya ki shadi: पलंग पीढ़ी बहराइच रवाना

गाज़ी मियां की मेदनी के जुलूस में उमड़ा जनसैलाब




Varanasi (dil India live)। शुक्रवार को बड़ी बाजार, सलारपुरा स्थित प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत सैयद सलार मसूद गाजी‌ रहमतुल्लाह अलैह गाजी मियां की पलंग-पीढ़ी (मेदनी) का जुलूस गाजी मियां के गद्दीनशीन/सेक्रेटरी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी के नेतृत्व में उठाया गया। 
दरअसल गाजी मियां की शादी 22 मई को होना है। शादी के सवा महीने पहले से ही शादी की रस्में शुरू हो जाती है। इसी क्रम में आज मेदनी का जुलूस निकाला गया। जुलूस चौकाघाट तक दरगाह कमेटी के ओहदेदारानो की अगुवाई में निकाला गया। जुलूस में हाजी सिराजुद्दीन अहमद, नियाजुद्दीन हाशमी, डा. अजीजुर्रहमान, नोमान अहमद, अब्दुल अब्दुल्लाह, जीशान अहमद, मो.शमीम के साथ तमाम बनारस जिले से आये जायरीन के हुजूम के साथ सरकार के कोविड नियमों का पालन करते हुए बहराईच दरगाह के लिये रवाना किया गया। 
जुलूस में दरगाह कमेटी के प्रतिनिधिगण निजामुद्दीन (कोड़े बरदार), मो. छोटक (निशान बरदार), मो. आरिफ हाशमी गुड्डू (डंकेबरदार), मुन्ना फुहारा वाले (जमेदार) को अपने कदीमी रास्तों से होते हुए बहराईच दरगाह भेजा गया। जुलूस को इंस्पेक्टर जैतपुरा मथुरा राय ने आगे बढ़ाया। दरगाह कमेटी के सेक्रेटरी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी ने प्रशासन के लोगों का और जायरीन का शुक्रिया अदा किया।

गुरुवार, 12 मई 2022

एएनएम मनोरमा के काम से प्रभावित होकर स्टेट टीम ने किया ट्वीट

मनोरमा की तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल से किया ट्वीट



Himanshu rai
Ghazipur (dil India live)। स्वास्थ्य विभाग में नवजात शिशु से लेकर गर्भवती को समय-समय पर टीकाकरण करने वाली एएनएम जो स्वास्थ्य विभाग की निचली और सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होती है। ऐसी ही एक एएनएम को डॉ मनोज शुक्ला जीएमआरआई लखनऊ ने उसके कार्यों से प्रभावित होकर उसकी तस्वीर अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया है। साथ ही एनएचएम यूपी,डिजिटल इंडिया एवं आयुष्मान डीएचएम को टैग भी किया है। और इस ट्वीट को मिशन निदेशक अपर्णा यू ने रिट्वीट करते हुए लिखा है जब गाजीपुर की एएनएम  कर सकती है तो अन्य क्यों नहीं।

दरअसल जनपद में चल रहे सघन मिशन इंद्रधनुष 4.0 के तीसरे चरण का स्थलीय निरीक्षण करने स्टेट से डॉ मनोज शुक्ला जीएमआरआई लखनऊ और डॉ विजय अग्रवाल यूनिसेफ लखनऊ ने गाजीपुर का दौरा 9 मई को किया। जनपद के कई स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही कोल्ड चैन के रखरखाव की बहुत ही बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान यह टीम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिरनो के भड़सर उपकेंद्र पर पहुंचा जहां पर एएनएम मनोरमा के द्वारा टीकाकरण का कार्य किया जा रहा था। उसके कार्य करने का तरीका देखकर निरीक्षण करने वाली टीम काफी प्रभावित हुई। क्योंकि मनोरमा टीकाकरण करने के साथ ही ऑफलाइन रिकॉर्ड मेंटेन के साथ ही ई कवच पोर्टल पर तत्काल ऑनलाइन भी कर रही थी। जो निरीक्षण करने वाली टीम को पूरे जनपद में यही मिली। जिससे प्रभावित होकर टीम ने एएनएम मनोरमा की फोटो अपने टि्वटर हैंडल से ट्वीट किया।

इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट कोल्ड चैन का भी निरीक्षण किया और वहां के रखरखाव और व्यवस्था से प्रभावित हर।साथ ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहम्मदाबाद पर भी टीम गई। जहां पर कम जगह होने के बाद भी कोल्ड चैन रूम को अच्छे तरीके से रखने का प्रबंध किया गया था। और इनके फील्ड की एएनएम प्रीति गुप्ता का प्रदर्शन ठीक भी रहा। जिसे टीम ने सराहा।

जीवन में आये तूफान से भी नहीं रुके सेवा भाव के कदम

अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस (12 मई) पर विशेष


 • हौसलों के उड़ान की मिसाल हैं   नर्सिंग सेवा में जुटीं यह  महिलाएं

 • मरीजों को परिवार का सदस्य मानकर सेवा करना है इनके जीवन का लक्ष्य





Varanasi (dil India live)। रात के अंधेरे में लालटेन लेकर घायलों की सेवा करने के साथ-साथ महिलाओं को नर्सिंग की ट्रेनिंग देने वाली फ्लोरेंस  नाइटेंगल को भला कौन नहीं जानता। क्रीमिया युद्ध में घायल सैनिकों के उपचार में अहम भूमिका निभाने वाली फ्लोरेंस नाइटेंगल को ‘लेडी विद द लैम्प’ के नाम से भी जाना जाता है। हर वर्ष उनकी याद में 12 मई  को ‘अन्तर्राष्ट्रीय नर्स दिवस’ मनाया जाता है। फ्लोरेंस  नाइटेंगल तो अब इस दुनिया  में नहीं हैं  लेकिन उनके पदचिन्हों पर चलते हुए नर्सिंग सेवा कर रहीं  महिलाओं की संख्या अनगिनत है।  आध्यात्मिक नगरी काशी में भी नर्सिंग सेवा में जुटी ऐसी ही महिलाओं ने अपनी अलग पहचान बना रखी है।

 *फिर भी नहीं रुके कदम-* 

मरीजों की सेवा को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना चुकीं  सुनीता के जीवन में आये तमाम तूफान भी उनके कदमों को रोक न सके। कोविड काल में अपनी जान पर खेल कर मरीजों के लिए किये गये योगदान को जहां एक नजीर के तांैर पर देखा जाता है वहीं किसी भी मरीज की अपने परिवार के सदस्य की तरह सेवा करना सुनीता को औरों से अलग पहचान दिलाता है। मण्डलीय चिकित्सालय में नर्स सुनीता बताती हैं कि बचपन से ही उनके मन में मरीजों की सेवा करने का भाव था। यही कारण था कि उन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई  की ताकि अपने सपनों को वह साकार कर सकें। उनका सपना सच होता भी नजर आया जब उन्हें नर्स की नौकरी मिल गयी। ड्यूटी को वह पूजा मान मरीजों की सेवा में जुट गयीं । शेष समय वह अपने परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने में गुजार देती थी। सबकुछ अच्छा चल रहा था। परिवार में बेटा निशांत और बेटी तृप्ति के साथ वह खुशहाल जीवन गुजार रही थी। तभी उनके जीवन में अचानक तूफान आ गया। वर्ष 2013 में उनके पति आशीष सिंह की हार्ट अटैक से हुई मौत ने उनका सारा  सुख-चैन छीन लिया। इस हादसे से वह काफी दिनों तक सदमें में रहीं। लगा कि सबकुछ छिन गया। लेकिन कुछ ही दिनों बाद उन्होंने हिम्मत जुटाई और जीवन को पटरी पर धीरे-धीरे लाने का प्रयास करने के साथ ही पुनः मरीजों की सेवा में जुट गयी। मरीजों की सेवा वह इस भावना के साथ करती है, जैसे वह उनके परिवार का ही सदस्य हो।

 *मरीजों की सेवा ही जीवन का लक्ष्य-* 

गाजीपुर जिले की रहने वाली पूनम चौरसिया राजकीय महिला जिला चिकित्सालय में स्टाफ  नर्स है। पूनम बताती हैं कि पढ़ार्इ में वह शुरू से ही अव्वल रहीं। उनके सामने अन्य क्षेत्रों में भी कार्य करने के अवसर थे पर बचपन से ही उन्होंने नर्स बनने का सपना देख रखा था। इन्सान की सेवा को ही सबसे बड़ा धर्म मानने वाली पूनम बताती है कि नर्स की नौकरी पाने के बाद यह सपना साकार हो गया। वह जिला महिला चिकित्सालय के सर्जरी वार्ड में ड्यूटी करती हैं। आपरेशन के बाद दर्द से कराहती प्रसूताओं की सेवा करने से उन्हें एक अलग तरह का सुख मिलता है। वह बताती है कि कभी-कभी ऐसी भी प्रसूताएं उनके वार्ड में भर्ती होती है, जिनके परिवार में कोर्इ भी नहीं होता। तब उनकी जिम्मेदारी और भी बढ जाती है। ऐसे मरीजों का उन्हें अलग से ख्याल रखना होता है। मरीज और नर्स के बीच शुरू हुआ ऐसा रिश्ता बाद में ऐसे आत्मीय रिश्ते में बदल जाता है कि अस्पताल से घर जाने के बाद भी मरीज और उसके परिवार के लोग उनके सम्पर्क में रहते हैं।

 परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ समाज सेवा भी 

 सुनीता शादमान राजकीय महिला जिला चिकित्सालय में स्टाफ  नर्स हैं। उनकी डयूटी अधिकांशतः आपरेशन थियेटर में रहती है। वह बताती है कि यही एक ऐसी नौकरी है जिसमें परिवार की जिम्मेदारियों को संभालने के साथ-साथ समाज सेवा का भी भरपूर अवसर मिलता है। सुनीता शादमान कहती है कि यही वजह थी कि उन्होंने नर्सिंग की पढ़ाई की और इस सेवा में जुट गयी। वह बताती है कि आपरेशन थियेटर में घबरा रही महिलाओं को ढांढस देना। वहां उन्हें अपने परिवार के सदस्य जैसा माहौल देकर उसकी पीड़ा को कम करने का प्रयास करती है। उनकी पूरी कोशिश होती है कि मरीज उनके सेवा व समर्पण भाव को याद रखे।

मंगलवार, 10 मई 2022

छह माह तक शिशु को सिर्फ मां का दूध दें, और कुछ नहीं

सीडीओ ने किया ‘पानी नहीं, केवल स्तनपान अभियान’ की शुरुआत 

30 जून तक चलेगा अभियान

सभी कंवर्जेंस विभागों के सहयोग से सफलतापूर्वक संचालित हो अभियान - सीडीओ

कहा - आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता समुदाय को जागरूक करने में निभाएं अहम भूमिका 



Varanasi (dil India live)। आयुक्त सभागार में मंगलवार को 'पानी नहीं, केवल स्तनपान' अभियान का शुभारंभ मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिषेक गोयल ने किया । अभियान के प्रथम दिन जनपद के समस्त विकास खंडों की बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) एवं सुपरवाइजर का अभिमुखीकरण किया गया । इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ एके मौर्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह एवं यूनीसेफ के मंडल समन्वयक अंजनी कुमार राय ने ' छह माह तक शिशु को सिर्फ मां का दूध' के महत्व के बारे में विस्तार से बताया।

      मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि अभियान के दौरान प्रत्येक ग्राम में सुपरवाइजर एवं सीडीपीओ भ्रमण का गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को स्तनपान के संबंध में प्रशिक्षित करें । इस अवसर पर पोस्टर का प्रारूप भी जारी किया गया । उन्होंने कहा कि शासन के निर्देश के क्रम में अभियान के तहत बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग विभिन्न बैठकों में अभियान की कार्य योजना बनाए और व्यापक रूप से प्रचार - प्रसार करे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग संस्थागत प्रसव के प्रत्येक मामले में शिशु जन्म के बाद लाभार्थी परिवार को केवल स्तनपान पर अनिवार्य परामर्श दिया जाए। आशा कार्यकर्ता अधिक से अधिक लाभार्थी परिवारों तक परामर्श देने का प्रयास करें। ग्राम विकास विभाग स्वयं सहायता समूह की मासिक बैठकों में अभियान के संदेशों को प्रचारित करने में मदद करे। पंचायती राज विभाग लक्षित लाभार्थियों के यहां गृह भ्रमण कर अभियान के संदेशों का प्रचार-प्रसार कराए। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग सरकारी एवं अनुदानित विद्यालयों में अध्यापकों द्वारा अभियान के संदेशों को विद्यार्थियों के माध्यम से प्रचारित कराने में सहयोग करे। खाद्य एवं रसद विभाग कोटेदारों के सहयोग से अभियान के संदेशों का प्रचार-प्रसार तथा लक्षित लाभार्थियों को परामर्श दिया जाए। डेवलपमेंट पार्टनर्स चिह्नित कार्य क्षेत्र में आईसीडीएस विभाग को प्रचार-प्रसार में सहयोग करे। सूचना, शिक्षा तथा संचार माध्यमों के प्रयोग से अभियान में सहभागी बनेंगे। 

       एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने कहा कि शिशु की छह माह की आयु तक "केवल स्तनपान" उसके जीवन की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है, लेकिन जागरूकता की कमी से समाज में प्रचलित विभिन्न मान्यताओं व मिथकों के कारण छह माह तक "केवल स्तनपान सुनिश्चित नहीं हो पाता है। परिवार के सदस्यों द्वारा शिशु को घुट्टी, शहद, चीनी का घोल, पानी आदि का सेवन करा दिया जाता है, जिसके कारण शिशुओं में कई प्रकार के संक्रमण हो जाते हैं, जोकि शिशु के स्वस्थ जीवन के लिए घातक सिद्ध होता है। शिशु के प्यासा रहने की आशंका मे उसे पानी देने का प्रचलन गर्मियों में बढ़ जाता है। माँ के दूध में अन्य पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ पानी भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होता है और शिशु की पानी की आवश्यकता केवल स्तनपान से पूरी हो जाती है। अतः शिशु को छः माह तक, ऊपर से पानी देने की बिलकुल आवश्यकता नहीं होती है। ऊपर से पानी देने से शिशुओं में संक्रमण होने की सम्भावना बढ़ जाती है। 

      डीपीओ डीके सिंह ने बताया कि यह अभियान 30 जून तक चलेगा। अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा समुदाय में छह माह तक के शिशुओं में केवल स्तनपान सुनिश्चित करना है। इसके साथ समुदाय में व्याप्त मिथक एवं भ्रांतियों को भी दूर किया जाएगा।

Ghazi miya ki shadi:जुमे को बहराइच जाएगी पलंग पीढ़ी

गाज़ी मियां की शादी: 22 को लगेगा मेला, मनेगा उर्स



Varanasi (dil India live) बड़ी बाजार स्थित हजरत सैयद सलार मसूद गाजी मियां रहमतुल्लाह अलैह की शादी की शादी की रस्म कोविड काल के बाद इस बार धूमधाम से अदा की जाएगी। शादी से पहले पलंग पीढ़ी, मेंहदी वो जोड़ा बनारस से बहराइच रवाना होगा।

गाज़ी मियां की शादी की रस्म के साथ शादी पर उर्स और मेले की तैयारियां भी अब तेज़ हो गई है। दरगाह हजरत गाज़ी मियां के सेक्रेटरी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी ने बताया कि 22 मई को गाज़ी मियां की बारात निकलेगी। इस दौरान तीन दिनों तक मेला लगेगा। बारात के पूर्व 13 मई को पलंग-पीढ़ी और जोड़े का जुलूस दरगाह से निकलेगा जो बहराइच रवाना होगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान कोरोना महामारी से निजात की दुआएं भी मांगी जाएगी। उन्होंने कहा कि गाजी मियां की लग्न सवा महीने पहले ही अदा की जा चुकी है। गाजी मियां की शादी की रस्म की शुरूआत लग्न से ही हो जाती है। दरगाह गाजी मियां के गद्दीनशीन/सेक्रेटरी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी ने कहा कि रगाह कमेटी के सदर हाजी सिराजुद्दीन अहमद, नियाजुद्दीन हाशमी, डा. अजीजुर्रहमान,  अब्दुल अब्दुल्लाह, व नोमान अहमद हाशमी की अगुवाई में फातिहा और चादर पोशी की रस्म उर्स के दौरान अदा की जाएगी।

सोमवार, 9 मई 2022

Choti eid: छोटी ईद की खुशियों में डूबे बनारसी

लगा छोटी ईद का मेला, मस्ती में डूबे बच्चे




Varanasi (dil India live)। पूरी दुनिया में छोटी ईद केवल बनारस में ही मनाई जाती है। ईदुल फित्र के दूसरे दिन से छह नफिल रोज़ा मोमिन रखते हैं। ईद के सातवें दिन छोटी ईद की खुशियां मनाई जाती है। इस दौरान शहर के औरंगाबाद और मंडुवाडीह में छोटी ईद का मेला भी लगता है।

हज़रत शाह तैय्यब बनारसी का उर्स

मंडुवाडीह स्थित कुतुबे बनारस हज़रत शाह तैयब बनारसी रहमतुल्लाह अलैह का सालाना उर्स सोमवार को 'छोटी ईद' के रूप में मनाया गया। उर्स के मौके पर आस्ताना परिसर में दिन भर मेला लगा रहा। मेले में विभिन्न व्यंजनों का लोगों ने जहां लुत्फ लिया वहीं बच्चों ने खूब मस्ती की। छोटी ईद के मौके पर हजरत शाह तैयब बनारसी के आस्ताने पर हाजिरी देने के लिए देश के कोने-कोने से अकीदतमंदों की जुटान हुई। दोपहर में धूप व उमस के कारण जहां मेला क्षेत्र में कम लोग थे, वहीं शाम होते ही पैर रखने की भी जगह नहीं बची। बाबा की मजार पर गुलपोशी व चादरपोशी कर फातेहा पढ़ने वालों का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। इससे पूर्व सुबह फज्र की नमाज के बाद कुरआनख्वानी हुई। कुरान की तेलावत के साथ ही उर्स शुरू हो गया। वहीं इशा की नमाज के बाद कुल शरीफ में अकीदतमंद शामिल हुए। इस मौके पर गद्दीनशीन हजरत शाह अल्हाज मोहम्मद ओबैदुर्रहमान रशीदी ने देश में अमन व खुशहाली के लिए दुआख्वानी की। वर्षो से चले आ रहे दस्तूर के मुताबिक छोटी ईद शानों-शौकत के साथ मनाई गई। मदरसा दारुल उलूम तैयबिया मोइनिया दरगाह शरीफ मंडुवाडह के प्रिंसिपल मोहम्मद अब्दुस्सलाम रशीदी ने बताया कि उर्स ईद के सातवें दिन मनाया जाता है। उर्स में शामिल होने के लिए कलकत्ता के सैयद अमीर अली, मौलाना सज्जाद अहमद रशीदी बलियावी, दिल्ली के मौलाना अबरार रजा आदि अपने मुरीदों के साथ पहुंचे थे। आयोजन को लेकर क्षेत्र में काफी उत्साह था। लोगों ने एक-दूसरे को बधाइयां भी दी। हर कोई खुशी से लबरेज था। 

औरंगाबाद में भी लगा मेला

छोटी ईद पर औरंगाबाद में भी मेला लगा। इस मौके पर हज़रत हवा शाह वह हज़रत शाह का अकीदत के साथ उर्स मनाया गया। उर्स के दौरान लोगों का हुजूम उमड़ता दिखाई दिया। गुसल, फातिमा और चादर पोशी का दौर देर रात तक चलता रहा। 

जब टूट गयी थी आस, आयुष्मान कार्ड ने दिया साथ

कुल्हे का मुफ्त प्रत्यारोपण हुआ ही गृहस्थी भी बर्बाद होने से बची

१ लाखवें लाभार्थी ने कहा: आयुष्मान योजना गरीबों के लिए है वरदान  



Varanasi (dil India live) दोनों कुल्हे के जवाब देने  के साथ ही अचानक आयी मुसीबत से उन्हें अपनी जिंदगी की आस भी खत्म होती नजर आ रही थी। एक तो बुढापा दूसरे बीमारी से शरीर की हालत भी ऐसी हो गयी थी कि बिना सहारा चार कदम भी चलना मुश्किल था। लगता था कि जब तक सांस चलेगी, तब तक इस लाचारी को झेलना ही पड़ेगा। पास में जमा-पूंजी भी इतनी नहीं थी कि वह इतना महंगा उपचार कराकर अपने कुल्हे का प्रत्यारोपण करा सकें। कहीं से आर्थिक मदद की भी उम्मीद नहीं थी। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में साथ दिया ‘आयुष्मान कार्ड’ ने। यह कहना है जिले में आयुष्मान कार्ड योजना के एक लाखवें लाभार्थी बने गौरीशंकर गुप्त का।

आयुष्मान कार्ड के जरिये संकट से उबरने की कहानी बयां करते हुए बुजुर्ग गौरीशंकर गुप्त की आंखों से आंसू छलक उठते है। पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के आयुष्मान वार्ड में भर्ती गौरीशंकर बताते हैं कि एक फर्म में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी करते हुए वह अपनी गृहस्थी की गाड़ी किसी तरह खींच रहे थे। परिवार में आर्थिक तंगी जरूर थी पर सब खुशहाल थे। दो बेटियों सपना व निशा का वह व्याह भी कर चुके है, जबकि एक और बेटी एकता की शादी करनी शेष है। इकलौते बेटे आकाश को वह पढ़ा रहे थे ताकि अपने पैरों पर खड़ा होकर भविष्य में परिवार की जिम्मेदारियों को संभाल सके। सबकुछ ठीकठाक चल रहा था। तभी उनके कुल्हे के खराब होने से उनकी जिंदगी में एक ऐसा तूफान आया जिसने उनके सारे सपने को तोड़ दिया। नौकरी तो छूटी तो परिवार का आर्थिक संकट से उबारना मुश्किल नजर आने लगा। ऐसे में अपना कुल्हा प्रत्यारोपण कराने के मंहगे इलाज के बारे में भला कैसे उम्मीद करते। इस मुसीबत में जब सब तरफ से रास्ते बंद नजर आये तभी उन्हें एक दिन अचानक आयुष्मान कार्ड का ख्याल आया। फिर तो उन्हें लगा कि यह कार्ड उन्हें सभी मुसीबतों से छुटकारा दिला देगा। मुफ्त में उनका उपचार तो होगा ही ठीक होने के बाद वह फिर से अपनी जिंदगी अच्छी तरह से जी सकेंगे और कामधाम कर पुनः गृहस्थी भी चला सकेंगे। गौरीशंकर बताते हैं  उनके दोनों कुल्हों के प्रत्यारोपण के बाद उन्हें अपना सपना सच होता नजर आ रहा है। वह कहते हैं  कि आयुष्मान कार्ड योजना की जितनी भी सराहना की जाए  कम है क्योंकि यह न सिर्फ हम जैसे गरीबों का मुफ्त में उपचार करा रहा है बल्कि उनकी गृहस्थी बर्बाद होने से भी बचा रहा है। अस्पताल से छुट्टी पाकर वह एक बार फिर नये सिरे से जिंदगी शुरू करेंगे। बेटे को पढाएंगे, सबसे छोटी बेटी की शादी  करेंगे और शेष जिंदगी खुशियों के साथ गुजारेंगे।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...