ईद-मिलादुन्नबी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
ईद-मिलादुन्नबी लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

मंगलवार, 10 सितंबर 2024

Eid miladunnabi 2024: Nabi की पैदाइश की खुशी में होगी सजावट निकलेगा जुलूस

पूरी रात पेश होगा नबी की शान में कलाम, अंजुमनों का रात भर होगा मुकाबला 




Varanasi (dil India live)। दालमण्डी स्थित मुस्लिम मुसाफिर खाने में मरकजी यौमुन्नबी कमेटी के सदर शकील अहमद बबलू एवं सिकेटरी हाजी महमूद खां ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि नबी की पैदाइश की खुशी में मरकज़ी यौमुन्नबी कमेटी इस बार भी खूबसूरत सजावट करेंगी और पूर्व संध्या 15 सितंबर को जुलूस निकालेगी। जुलूस के बाद अंजुमनों का नातिया कलाम का मुकाबला होगा। अंजुमनों के मुकाबले से पूर्व मौलाना जकीउल्लाह असदुल कादरी की तकरीर होगी।
दोनों वक्ताओं ने कहा कि इस साल भी शहर के प्रशासनिक अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों के साथ बैठे सम्पन्न हुई, जिसमें 15 सितम्बर को जश्ने ईद मिलादुन्नबी के यादगार जुलूस के उठने पर चर्चा की गई। मरकज़ के जिम्मेदार साथियों ने गंगा जमुनी तहजीब के शहर में तमाम लोगों से पुरखुलूस गुज़ारिश की है कि इस यादगार जुलूस में शामिल हो कर शुकिया का मौका दें। कमेटी के लोगों ने प्रसाशनिक अधिकारियों से ये गुजारिश की है कि उस दिन ट्रैफिक, सफाई एवं लाइट का मुकम्मल इन्तेजाम रखा जाये। जिससे इस यादगार जश्न को शानदार एवं खूबसूरत बनाया जाये। अन्त में मर्कज़ के जिम्मेदार साथियों ने बनारस के हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई व जिम्मेदार लोगों से तथा शहर के बुज़गों से गुज़ारिश की है कि इस जश्न में शामिल हो कर जुलूस को कामयाब बनायें। हाजी शकील अहमद बबलू अध्यक्ष, हाजी महमूद खान महामंत्री, मो० अबरार खान, मो० इमरान खान, शकील अहमद सिद्दीकी, आगा कमाल, रेयाज़ अहमद नूर, मोदस्सिर अहमद, दिलशाद अहमद, सोहराब आलम, वारिस बब्लू, हाजी समर खान, हाजी राशीद साजिव गुड्डू, राशिद सिद्दीकी, हाजी यासीन गुड्डू, हाजी एकबाल, तौकीर अहमद, फुर्कान खान, अज़हर आलम अज्जू, मारूफ अली आदि मौजूद थे।

गुरुवार, 28 सितंबर 2023

Eid milladunnabi mubarak: शहर भर में निकला जुलूसे मोहम्मदी

आमीना के लाल का जिक्र और झूमता रहा सारा जहां, हर तरफ नबी नबी की धूम




आमीना के लाल का जिक्र और झूमता रहा सारा जहां 

Varanasi (dil India live) . अमन और मिल्लत के साथ  निकले जुलूसे मोहम्मदी की कामयाबी के बाद बनारस की रात जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाते गुजरी. इस मौके पर नई सड़क स्थित कपड़ा मार्किट में मिल्लत कमेटी द्वारा मस्जिद लंगड़े हाफिज के इमाम मौलाना जकीउल्ला असदुल कादरी की सदारत में जलसे का एहतमाम किया गया. इस दौरान नात, नज़्म और हमदो सना का दौर पूरे इलाके में समाचार लिखे जाने तक चलता रहा, साथ ही एसीपी अवधेश पाण्डेय व थानाध्यक्ष ने मौके पर मुस्तैद रहे। कपड़ा व्यापारियों ने क्षेत्रीय पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया. उधर अंजुमन उम्मते रसूले करीम की ओर से मोहम्मद इरफान खान ने मरकजी यौमुननबी कमेटी का कदीमी जुलूस का खैरमकदम व इस्तकबाल किया। इस दौरान जुलूस में बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। उन्हें खजूर, बिस्कुट, मिठाईयां व पानी वगैरह बांटा गया।





अंजुमनों को मिला इनामात


अंजुमन हमीदिया इत्तेहादे मिल्लत दालमंडी के डायस पर हुए नातिया मुकाबले में बेहतरीन स्थान पाने वाली अंजुमनों को इनामात से नवाजा गया. अंजुमन फलाहे दीन शेख सलीम फाटक नई सड़क, अंजुमन तकरिबाते इस्लामी सराय हड़हा, अंजुमन फ़िरदौसे अदब, अंजुमन गुलामाने वारिस, अंजुमन दावते इस्लामी मकबूल आलम रोड, अंजुमन गुलामाने गौसे पाक, अंजुमन गुलशने रसूल, अंजुमन अनवारे रहमत, अंजुमन ओलियाए कराम, अंजुमन फिर‌दौसे अदब बचकानिया, अंजुमन अहलेबैत, अंजुमन रजाए मुस्तफा बचकानिया को इनामात से नवाजा गया.




ईद मिलादुन्नबी पर गूंजता रहा हर ओर

सरकार की आमद-मरहबा, मुख्तार की आमद-मरहबा...













Varanasi (dil india live). जुमेरात को ईद मिलादुन्नबी (पैगंबर हजरत मोहम्मद (स.) के जन्म दिन पर निकले जुलूसे मोहम्मदी में आपसी सद्भाव और देश प्रेम का जज्बा देखने को मिला। शहर में निकले जुलूस में शामिल लोग इस्लामिक झंडे के साथ राष्ट्रध्वज भी लहराते हुए चल रहे थे। इसमें हिंदू भाइयों ने भी बढ़-चढ़ कर सहयोग किया। मुस्लिम इलाकों में पूरी रात नातिया कलाम और हमदो सना की महफ़िले गुलज़ार रही। वहीं इस दौरान वरुणा पार के अर्दली बाजार में अंजुमन फैजाने नूरी की ओर से दो दिवसीय जलसा वह नातियां मुशायरा मिल्लत की नज़ीर पेश करता नजर आया. यहां पर एक ओर खाने काबा का दीदार हुआ वहीं दूसरी हो कई खूबसूरत मॉडल सजाया गया था साथ ही इस्लामी झंडू के साथ शानदार देश की आन बान और शान तिरंगा भी लहराता दिखाई दिया। शायद इसे ही देश की गंगा जमुनी तहजीब का अद्भुत नजारा कहा जाता है। यहां हिंदू मुस्लिम एक साथ कंधे से कंधा मिलाएं खड़े नजर आये। उधर ईद मिलादुन्नबी पर निकलने वाला जुलूसे मोहम्मदी भी अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा. यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा जुलूस है। इसमें वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों के लोग भी शामिल होते है। इसके चलते जुमेरात को लाखों की संख्या में लोग जुलूस में शामिल हुए। हाथों में इस्लामिक और तिरंगा झंडा था तो लबों पर सरकार की आमद मरहबा...और नार-ए-तकबीर और नारे रेसालत के नारे बुलंद हो रहे थे। इससे पूर्व रेवड़ी तालाब मैदान से सुबह 7.30 बजे जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला गया। जुलूस रविंद्रपुरी, शिवाला, मदनपुरा, मैदागिन, कबीरचौरा होते बेनियाबाग पहुंच कर सभा में परिवर्तित हो गया। मरकज़ी दावते इस्लामी जुलूसे मोहम्मदी कमेटी का जुलूस बेनियाबाग मैदान पहुंचा। जहां पर मौलाना अब्दुल हादी खान हबीबी की सदारत में जलसा हुआ जिसका संचालन मौलाना हसीन अहमद हबीबी कर रहे थे। तकरीर और दुआ के साथ जुलूस समाप्त हो गया। तकरीर में पैगंबर साहब के जीवन के बारे में बताया गया और उनके द्वारा बताए गए रास्तों पर चलने की बात कही गई। इसके अलावा देश और दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआ की गई. शुक्रिया अबु ज़फ़र रिजवी ने दिया.

इसके पहले देर रात से रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, दालमंडी, नई सड़क, अर्दली बाजार आदि जगहों पर जगह-जगह लगे स्टेज पर अंजुमनों ने नातिया कलाम पेश किया। नबी की शान में पेश किए गए नातिया कलाम में विजेता अंजुमनों को इनाम भी दिया गया. उधर दावते इस्लामी हिंद की ओर से पूरी रात इजतेमा का आयोजन किया गया. दावते इस्लामी के निगरा और मेम्बर्स ने नबी पर दरूद और सलाम के साथ ही देश दुनिया की तरक्की, दुनिया में अमन और मिल्लत के लिए दुआएं भी मांगी। यह आयोजन फजर की नमाज के बाद संपन्न हुआ।

मिल्लत कमेटी का नातिया मुकाबला

मिल्लत कमेटी कपड़ा मार्केट की ओर से नई सड़क में बुधवार कि रात में नातिया मुकाबला शुरू हुआ जो गुरुवार को नतीजे की घोषणा के बाद नबी पर सलाम भेजने के बाद खुसूसी दुआखवानी के बाद सम्पन्न हुआ। यहां प्रथम पुरस्कार 21 हजार रुपये दिया गया। इस दौरान अध्यक्ष राहत अली, उपाध्यक्ष मोहम्मद आजम, महामंत्री सरफराज खान, मंत्री तनवीर खान, हबीबुल्लाह, फैज अली, फ़ज़ल बनारसी, हाजी अब्दुल हक, साजिद खान, इमदाद अली सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे।


गौरतलब हो कि 12 रबीउल अव्वल को पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद (स.) का जन्म हुआ था। इस दिन को ईद मिलादुन्नबी, यौमुन्नबी या विलादत-ए-नबी के नाम से पुकारा जाता है। इस दिन को जश्न के रूप में मनाते हैं। घरों पर हरी झंडियां लगाई जाती हैं, जुलूस निकलते है और पूरे रबीउल अव्वल माह में जलसों का आयोजन होता है. प्यारे नबी ने जिस दिन दुनिया से पर्दा किया वो तारीख भी 12 रबीउल अव्वल की ही थी. इसलिए इसे 12 वफात भी कहते हैं. सुन्नी उलेमा ईद-मिलादुन्नबी के तौर पर यह दिन सेलीब्रेट करते हैं.


Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...