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सोमवार, 19 सितंबर 2022

Awards:सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र को राज्यपाल करेंगी सम्मानित

वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य

  • अभी जिले में हैं 17 निक्षय मित्र, पौष्टिक आहार व उपचार में करेंगे मदद
  • सीएमओ और जिला क्षय रोग अधिकारी भी बने निक्षय मित्र


Varanasi (dil india live).यदि आप निक्षय मित्र हैं, अर्थात आपने किसी टीबी मरीज को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है, तो प्रदेश की राज्यपाल आपके इस सराहनीय कार्य के लिए आपको सम्मानित कर सकती हैं। इस संबंध में राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक (क्षय) ने प्रदेश के सभी जिला क्षय अधिकारियों को पत्र लिख कर उत्कृष्ट कार्य करने वाले सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र का विवरण भी मांगा है। दरअसल निक्षय मित्र योजना के तहत कोई भी व्यक्ति टीबी (क्षय) रोग के खिलाफ शुरू की गई राष्ट्रव्यापी जंग में अपना योगदान दे सकता है। ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। 

इस मुहिम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय भी निक्षय मित्र बन गए हैं। इसके साथ ही सीएमओ ने लोगों से निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ जंग को मजबूती देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश ने सम्मलित प्रयासों से पोलियो और कोरोना के खिलाफ जंग जीती है, उसी प्रकार टीबी के खिलाफ जंग को जीतने के लिए सम्मिलित प्रयास किया जाना है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। इसके लिए बीते दिनों में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान लांच किया गया। इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए निक्षय मित्र योजना की भी शुरुआत की गई है। 

क्या है निक्षय मित्र योजना

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि निक्षय मित्र योजना टीबी से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है। इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकेगा, ताकि वह इलाज में उसकी मदद करा सके और उसके लिए हर माह पौष्टिक आहार की व्यवस्था करा सके। इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को कम से कम एक साल के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण आदि जरूरी मदद उपलब्ध करानी होती है। इस अभियान से जुड़ने के लिए आप निक्षय पोर्टल www.nikshay.in पर रजिस्टर किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय स्थित जिला क्षय रोग केंद्र पर संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 17 निक्षय मित्र हैं और संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।   

योजना का उद्देश्य

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के डीपीसी संजय चौधरी व डीपीपीएमसी नमन गुप्ता ने बताया कि इस अभियान को जन-आंदोलन बनाकर आमजन को बताना होगा कि इस बीमारी की रोकथाम संभव है। इसका इलाज आसान और नि:शुल्क है। लोगों को यह भी बताना होगा कि टीबी के कीटाणु हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद होते हैं। लेकिन जब रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो व्यक्ति में यह रोग दिखता है। इलाज से इस बीमारी से जरूर छुटकारा मिल सकता है। ये सभी बातें लोगों तक पहुंचने के बाद ही टीबी से प्रभावित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

शुक्रवार, 20 मई 2022

राज्यपाल बोलीं शिक्षा के आंगन में सर्वाइकल कैंसर पर हो चर्चा

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन आवश्यक : राज्यपाल

  • कहा कि सर्वांगीण विकास के लिए अच्छी शिक्षा व बेहतर स्वास्थ्य की है अहम भूमिका
  • वाराणसी में हुई एचपीवी वैक्सीनेशन की हुई शुरुआत, राज्यपाल ने छात्राओं से लिया हालचाल
  • मंडलायुक्त सभागार में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग
  •  कॉर्नर बनाकर छात्र-छात्राओं को किया जाए जागरूक, अभिभावक भी करें प्रतिभाग




Varanasi (dil India live) "30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर यानि बच्चेदानी के मुंह के कैंसर से बचाने के लिए 9 से 14 साल और 15 से 26 साल की बालिकाओं को ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) इंजेक्शन अनिवार्य रूप से लगवाना चाहिये।" यह कहना है राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का। राज्यपाल शुक्रवार को मंडलायुक्त सभागार में आयोजित सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग व वैक्सीनेशन के शुभारंभ पर जागरूकता एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं।

राज्यपाल ने प्रशासन व विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि सर्वाइकल कैंसर एक चिंता का विषय है। कैंसर से ग्रसित महिलाओं में स्तन व सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित महिलाओं की संख्या क्रमशः सर्वाधिक है। इसकी रोकथाम व नियंत्रण के लिए एचपीवी इंजेक्शन के बारे में जानकारी और जागरूकता भी होनी चाहिए। इसकी जागरूकता के लिए शिक्षा विभाग, स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के माध्यम से गाँव-गाँव तक सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानकारी दें। साथ ही इसके बचाव के लिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में जन जागरूकता व स्क्रीनिंग कैंप समय –समय पर लगाएं। 

राज्यपाल ने मंडलायुक्त सभागार परिसर में जिले में एचपीवी वैक्सीनेशन का शुभारंभ फीता काटकर किया। शुक्रवार को करीब 250 बालिकाओं ने एचपीवी की पहला टीका लगाया गया। इसके पश्चात राज्यपाल ने टीकाकरण करवा चुकीं छात्राओं से बातचीत की। राज्यपाल की उपस्थिती में अर्पिता सोनकर (14), शानवी पाठक (14), जानवी सिंह (14), वैभवी सिंह (14), कशिश आनन (16) और अंकिता सिंह (18) को एचपीवी का टीका लगाया गया। इस दौरान राज्यपाल ने छात्राओं से समय से अगली डोज़ लगवाने के लिए कहा। इसके पश्चात राज्यपाल ने अपने उद्भोदन में कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी जनपद में शुक्रवार से एचपीवी वैक्सीनेशन का शुभारंभ हो चुका है। इससे पहले प्रदेश की राजधानी के राजभवन में सभी अधिकारियों की बच्चियों का एचपीवी वैक्सीनेशन कराया गया था। वाराणसी के पड़ोस के जिलों में भी सर्वाइकल कैंसर से बचाव का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। प्रदेश में इसकी शुरुआत के लिए केंद्र स्तर पर यह विषय उठाया गया था। आईसीएमआर से भी इसके बारे में विस्तार से चर्चा की गई। इसके बाद सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीनशन की शुरुआत की गयी। 

इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि पड़ोस के जिलों में 50 छात्रों को जेल में भ्रमण के लिए ले जाया गया। वहाँ हर एक बंदी के बारे में छात्राओं ने उनसे सम्पूर्ण जानकारी ली। ऐसे में देखा गया कि गलत कार्य और दहेज, बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं के लिए वह सजा काट रहे हैं। इसको दूर करने के लिए बच्चों को इसके बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। जीवन में हर विषय पर जानकारी व जागरूक होना कभी नुकसान नहीं करता बल्कि जीवन के पथ को और सुगम बनाता है। 

राज्यपाल ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर पर जागरूकता के लिए जूनियर व प्राइमरी स्कूलों, माध्यमिक स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों में आधा घंटे तक चर्चा होनी चाहिए। बच्चों और उनके अभिभावकों से भी अपील की है कि 30 साल से ऊपर की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए नियमित जांच करवाएं। स्कूलों, महाविद्यालयों और विश्व विद्यालयों में एक कॉर्नर बनाया जाए, जिसमें लक्षण, कारण, निदान और उपचार के बारे में जानकारी प्रदान की जा सके। इसके लिए विश्व विद्यालयों के कुलपतियों, विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को इस विषय पर ज्यादा से ज्यादा जोर देने की जरूरत है। इन्हीं के माध्यम से घर-घर तक सर्वाइकल कैंसर से बचाव और वैक्सीनेशन पर जागरूक किया जा सकता है। इसके साथ ही एक मुहिम चलाई जाए जिससे जिले में एक दिन में अधिक से अधिक 300 बच्चियों को एचपीवी का टीका लगाया जा सके। अंत में राज्यपाल ने जनमानस से अपील की है कि जागरूक रहिए। कैंसर से बचिए। टीबी (क्षय रोग) से बचिए। गलत कार्य करने से बचिए। सर्वांगीण विकास के लिए अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य होना बेहद आवश्यक है जिस पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। 

इस मौके पर बीएचयू के कुलपति सुधीर जैन ने कहा कि राज्यपाल की इस पहल से जिले में सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग व जागरूकता अभियान शुरू हुआ है। यह अभियान 30 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए बेहद कारगर साबित होगा। इस मुहिम के बीएचयू के समस्त अधिकारी शत-प्रतिशत रूप से अपना सहयोग करेंगे। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलपति आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि राज्यपाल की यह पहल देश के लोगों को स्वस्थ बनाए रखने में दूरगामी सोच को प्रदर्शित करता है। इस मुहिम को सफल बनाने के लिए काशी विद्यापीठ विश्व विद्यालय परिवार इस नेक पहल में पुरजोर कोशिश करेगा। 

इस मौके पर होमी भाभा कैंसर अस्पताल के निदेशक डॉ सत्यजीत प्रधान और लीड मेडिकल ऑफिसर डॉ रुचि पाठक ने प्रोजेक्ट ईशा और कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बताया गया कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल के मार्गदर्शन व दिशा निर्देशन में होमी भाभा कैंसर अस्पताल के माध्यम से जिले भर में कैंसर स्क्रीनिंग और उपचार का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। अगले साल जुलाई तक करीब ढाई लाख लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है। इस क्रम में अब तक एक लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। 

कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने राज्यपाल की इस नेक पहल के शुभारंभ के लिए धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया। कहा कि जन सामान्य के स्वास्थ्य लाभ के लिए वाराणसी सहित प्रदेश के सभी जिलों में राज्यपाल के निर्देशन में सर्वाइकल कैंसर से बचाव की मुहिम चलायी जा रही है। इसके सफलतापूर्वक संचालन के लिए प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, कुलपति, शिक्षक व आम जनमानस हर स्तर पर प्रयासरत है। जिलाधिकारी ने दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का आभार प्रकट करते हुये इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। इसके साथ ही जिन बच्चों ने वैक्सीनेशन करवाया और उनके अभिभावकों, शिक्षकों और प्रधानाचार्य को प्रोत्साहित करते हुये इस मुहिम में जोड़े जाने का आव्हान किया। 

         इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी, स्कूलों के प्रधानाचार्य, शिक्षक व स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन आईसीडीएस विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सिंह ने किया।

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