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मंगलवार, 24 मई 2022

Aman का पैगाम देती हजरत सैयद याकुब शहीद की दरगाह

बनारस में मनाया जा रहा है हज़रत याकुब शहीद का उर्स


Varanasi (dil India live)। हजरत सैयद याकूब शहीद रहमतुल्लाह अलैह का आज सालाना उर्स मनाया जा रहा है। सोमवार की रात में बाबा का गुसल हुआ। गुसल के बाद उर्स शुरू हो गया। आज बाबा के दर सुबह से ही अकीदतमंदों का हुजूम उमड़ा हुआ है। कुरानख्वानी, फातेहा के साथ ही बाबा को चादरें चढ़ाने व मन्नत मुराद मांगने का दौर समाचार लिखे जाने तक जारी था।

हजरत सैयद याकुब शहीद

नगवां इलाके में मौजूद हजरत सैयद याकुब शहीद रहमतुल्लाह अलैह का आस्ताना हिंदू और मुस्लिम ही नहीं बल्कि सभी मजहब की अकीदत का मरकज़ है। यही वजह है कि यहां सभी हाजिरी लगाते हैं। 

बात 11वीं सदी की है। जब दुनिया के कई मुल्कों से होते हुए आप बनारस तशरीफ लाए, आपके साथ हज़रत अल्वी शहीद भी बनारस आए, आपको यह शहर इतना भाया कि आप यहीं के होकर रह गए। तवारीख देखी जाए तो बादशाह महमूद गजनवी के समय में कई सूफी संत बनारस आए और उन्होंने लोगों को खुदा और एकेश्वरवाद का पैगाम दिया। इसी सिलसिले में हजरत याकूब भी बनारस आए थे। उन्होंने दीन की तहरीर की बनारस के नगवां इलाके में कुटिया बनाकर रहने लगे। मस्जिद याकुब शहीद के इमामे जुमा हाफ़िज़ ताहिर की मानें तो उस दौर में हज़रत के पास लोगों का हुजूम उमड़ता था। उनके करिश्मों की चर्चा दूर तक थी। हज़रत ने जब पर्दा किया तो उनके मुरीदों ने उन्हें वहीं सुपुर्दे खाक किया। जहां हज़रत नमाज अदा किया करते थे वहीं एक शानदार मस्जिद याकुब शहीद भी आबाद है।

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