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शनिवार, 23 अगस्त 2025

UP K Varanasi Main मनाया गया झूलेलाल चोलिया महोत्सव

सिंधी महिलाओं ने निकाली शोभायात्रा, अस्सी घाट पर विसर्जन संग हुआ समापन

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। झूलेलाल चालिया महोत्सव के अवसर पर शनिवार को सोनिया स्थित अशोकनगर झूलेलाल मंदिर से महिलाओं की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। सिर पर बहाराणा और कलश लिए महिलाएं भक्तिमय अंदाज में नाचती-गाती हुई चल रही थीं। यात्रा में जगह-जगह प्रसाद वितरण किया गया, भजन-कीर्तन हुए और श्रद्धालुओं ने झूलेलाल भगवान के जयकारे लगाए।

यात्रा अशोकनगर  से प्रारंभ होकर अमर नगर, सिंधु नगर, मौलवीबाग और शिवाजी नगर होते होकर अस्सी घाट पहुंची। यहां बहराणा (पंचमुखी आटे के दिये), जिसमें मेवा, लौंग और इलायची मिश्रित थे, उसे परम्परागत रूप से विधि-विधान से विसर्जन किया गया।


इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे और माहौल भक्तिमय तथा उल्लासपूर्ण बना रहा। महिलाओं ने भगवान झूलेलाल से समाज में सुख-शांति और समृद्धि की कामना की। जिसमें मुख्य रूप से झूलेलाल चालिया महोत्सव की मुख्य आयोजक बबनी कुकरेजा, पलक, ताराचंद, शुभम, आरती, कनक, प्रिया, कोमल, मंजू, सीमा, कविता, करिश्मा, देवेंद्र दोडवानी, श्रीचंद पंजवानी, मोती सहता आदि उपस्थित थे।

रविवार, 20 जुलाई 2025

UP: Varanasi K बनी-ठनी मेले में दिखी समूचे India की झलक

मेला महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक संरक्षण का प्रतीक-प्रतिमा गुप्ता

Varanasi (dil India live)। मारवाड़ी युवा मंच, वरुणा शाखा द्वारा भेलूपुर स्थित डायमंड होटल में 'बनी-ठनी राजस्थानी मेले' का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि समाजसेवी एवं सनबीम स्कूल की असिस्टेंट डायरेक्टर प्रतिमा गुप्ता, संस्था की अध्यक्ष निधि जसरापुरिया, सचिव पूजा डेरोलिया, कोषाध्यक्ष रितु तुलस्यान सहित अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। 

मुख्य अतिथि प्रतिमा गुप्ता ने कहा, 'आज की महिलाएं पारिवारिक दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में भी आगे बढ़ रही हैं। यह मेला महिला सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और सांस्कृतिक संरक्षण का प्रतीक है। जिन महिलाओं की दुनिया कभी घर की चारदीवारी तक सीमित थी, वे अब अपने हुनर और दृढ़ इच्छाशक्ति से समाज में नया मुकाम बना रही हैं।'


मेले में 50 से अधिक स्टॉल्स लगाए गए, जिनमें कोलकाता की राखियाँ, लखनऊ की चिकनकारी कुर्तियाँ, बनारसी शिफॉन साड़ियाँ, जयपुरी बंधेज, मथुरा के भगवान श्रीकृष्ण के रंग-बिरंगे वस्त्र, आभूषण, हस्तशिल्प उत्पाद, बेकरी आइटम्स, पापड़, मंगोड़ी, अचार और बच्चों के खिलौनों सहित विभिन्न वस्तुएं आकर्षण का केंद्र रहीं। महिलाएं और युवतियां पारंपरिक राजस्थानी वेशभूषा में सज-धजकर मेले में पहुंचीं और उत्साहपूर्वक खरीदारी की। चटपटी चाट और स्वादिष्ट व्यंजनों का भी लोगों ने भरपूर आनंद उठाया। संस्था की अध्यक्ष निधि जसरापुरिया ने बताया कि मेले का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना और पारंपरिक संस्कृति को संरक्षित रखना है। उन्होंने कहा, 'इस प्रकार के आयोजन महिलाओं के हुनर को मंच प्रदान करते हैं और उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करते हैं।' मेले की संयोजिका निधि जसरापुरिया, सचिव पूजा डेरोलिया, कोषाध्यक्ष रितु तुलस्यान, श्वेता सरीन, मंजू तुलस्यान, रचना जिंदल, उषा अग्रवाल, अनीता भालोटिया, अनीता गिनोडिया, शीला जसरापुा- रिया, आशा भुवालका, सुजाता बाजोरिया, आरुषि अग्रवाल, दीपा तुलस्यान, पूजा लीला, राखी तुलस्यान, श्वेता मुरारका, कीर्ति केजरीवाल, रेनू बाजोरिया, शशि बुबना, रश्मि बाजोरिया सहित अनेक महिला सदस्य उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के सफल आयोजन में सुरेश तुलस्यान, पवन कुमार अग्रवाल, कृष्ण कुमार काबरा, इशांक शाह और राजेश पोद्दार का विशेष सहयोग रहा।