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मंगलवार, 12 सितंबर 2023

TB उन्मूलन, संचारी रोग व टीकाकरण के प्रति किया जागरूक

TB Champion ने रोगियों से भेदभाव न करने, उनकी मदद करने का दिया संदेश

रैली में TB उन्मूलन को जनसहभागिता व बच्चों के टीकाकरण के लगे नारे  



Varanasi (dil India live). 12.09.2023. क्षय (TB) उन्मूलन के साथ ही संचारी रोग नियंत्रण एवं बच्चों व गर्भवती के नियमित टीकाकरण के लिए समुदाय को लगातार जागरूक किया जा रहा है. इसी क्रम में मंगलवार को दयानंद एंग्लो वैदिक (डीएवी) इंटर कॉलेज से TB और नियमित टीकाकरण को लेकर जन जागरूकता रैली निकाली गई. इसके साथ ही हरिश्चंद्र चंद्र इंटर कॉलेज में गोष्ठी आयोजित कर छात्र-छात्राओं को सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 और संचारी रोग नियंत्रण अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन में आयोजित इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं, यूनिसेफ से डा. शाहिद एवं TB चैम्पियन ने महत्वपूर्ण योगदान दिया.

            डीएवी इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ विवेक कुमार सिंह ने रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के लिए सरकार की ओर से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. इसके लिए विशेष अभियान चलाये जा रहे हैं। इसके साथ ही बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का समय से टीकाकरण और संचारी रोग जैसे डेंगू, मलेरिया आदि के लिए समुदाय में लोगों को जागरूक किया जा रहा है. विभागीय अधिकारी व कर्मचारी इसकी रोकथाम के लिए जुटे हुये हैं. ऐसे में आम जनमानस की भी ज़िम्मेदारी बनती है कि वह इन बीमारियों से बचाव के लिए सतर्क व जागरूक रहें। रैली में ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’, ‘जन जन को जगाना है टीबी को भागना है’, ‘टीबी से बचाव करें और अपनों का ख्याल करें’ एवं ‘अपने बच्चों को बीमारियों से बचाएंगे, सब काम छोड़ पहले टीकाकरण कराएंगे’ आदि जन जागरूकता के नारे लगाए गए.

TB चैम्पियन ने साझा किया अनुभव

TB चैम्पियन मोहम्मद अहमद ने अपने अनुभवों को साझा करते हुये कहा कि वर्ष 2018 में वह TB की बीमारी से ग्रसित हो गए थे. इसके बाद उन्होंने अपना पूरा इलाज (छह माह) सरकारी अस्पताल से कराया और स्वस्थ हो गए. एक भी दिन दवा खाना नहीं छोड़ा. उसके बाद एसएसपीजी चिकित्सालय स्थित TB यूनिट के मुख्य उपचार पर्यवेक्षक धर्मेन्द्र नाथ सिंह ने वर्ल्ड विज़न इंडिया के डीसीसी सतीश कुमार सिंह से उनकी मुलाकात कराई और उनके द्वारा तीन दिवसीय प्रशिक्षण देकर टीबी चैम्पियन बनाया गया. पिछले करीब दो सालों से वह समाज के हर वर्ग में जाकर TB उन्मूलन के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं. TB रोगियों से भेदभाव न करने व उनकी मदद करने का संदेश दिया. साथ ही जागरूकता कार्यक्रम और एसएसपीजी चिकित्सालय में सपोर्ट हब पर बैठकर टीबी के मरीजों से मिलकर उनके इलाज में हर संभव मदद कर रहे हैं.

            इस मौके पर उप प्रधानाचार्य अखिलेश श्रीवास्तव, एनसीसी कैडेट लेफ्टिनेंट सुलाब सिंह एवं लेफ्टिनेंट मो शहीद, वरिष्ठ अधिकारी नरेन्द्र कुमार, एसटीएस धर्मेंद्र नाथ सिंह, वर्ल्ड विज़न इंडिया से सतीष कुमार सिंह एवं अन्य लोग उपस्थित रहे.

रविवार, 12 जून 2022

टीबी चैंपियन हुए प्रशिक्षित समुदाय को करेंगे जागरूक

प्रचार सामग्री के जरिये क्षय उन्मूलन की जगाएंगे अलख 

वाराणसी, चंदौली व सोनभद्र के 32 चैंपियन की समीक्षा के साथ आईईसी का अनावरण
Varanasi (dil India live)। वर्ष 2025 तक देश को क्षय उन्मूलन की दिशा में स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में अब टीबी चैम्पियन जिले में क्षय रोग के प्रति जागरूकता लाने और भ्रांतियों को दूर करने में विभाग की मदद करेंगे| इसके लिए वह सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्री जैसे पोस्टर, पंपलेट, बैज, टैटू आदि का सहारा लेंगे |

     इस संबंध में *मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी के निर्देशन एवं जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ राहुल सिंह* की अध्यक्षता में वाराणसी (13 टीबी चैंपियन) सहित चंदौली और सोनभद्र जिले के 32 टीबी चैंपियन के समीक्षा कार्यक्रम के दौरान आईईसी मैटेरियल का अनावरण भी किया गया । इस दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन भोजुबीर स्थित एक होटल में वर्ल्ड विजन इंडिया, एफआईएनडी और रीच संस्था द्वारा यूनाइट टू एक्ट प्रोजेक्ट के तहत किया गया।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि सभी टीबी चैंपियन टीबी मरीजों को उपचार और भावनात्मक सहयोग के साथ समुदाय को भी जागरूक करने का काम कर रहे हैं। टीबी मरीजों को संबल प्रदान कर उनकी हर तरह से मदद में जुटे टीबी चैंपियन प्रशिक्षण प्राप्तकर डिस्ट्रिक्ट टीबी सेंटर (डीटीसी), टीबी यूनिट (टीयू) और प्रभावशाली लोगों के बीच इन आईईसी मैटेरियल के सहारे संवेदीकरण करेंगे । समीक्षा बैठक में बताया गया है कि टीबी मरीजों को प्रेरित करें कि वह बीच में दवा न बंद करें। दवा बंद करने से टीबी बिगड़ सकती है यानि एमडीआर का रूप ले लेती है और कई बार एक्सडीआर टीबी भी बन जाती है जिसमें जटिलताएं बढ़ जाती हैं । टीबी की दवा तब तक खानी है जब तक कि चिकित्सक द्वारा बंद करने की सलाह न दी जाए। इसी प्रकार टीबी के प्रत्येक निकटवर्ती व्यक्ति की (जो अत्यंत निकट रहा हो) टीबी जांच आवश्यक है और साथ ही उसके संपर्क में आने वाले लोगों को टीबी प्रिंवेटिव थेरेपी के तहत बचाव के लिए दवा अनिवार्य रूप से खिलानी है। यह सभी संदेश समुदाय तक पहुंचाने के लिए टीबी चैंपियन से कहा गया है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पताल सहित ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर निःशुल्क जांच एवं उपचार की सुविधा मौजूद है। इसके साथ निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को छह माह तक 500 प्रति माह पोषण के लिए धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में दी जाती है। इस कार्यक्रम में डीपीसी संजय चौधरी, डीपीपीएम नमन गुप्ता एवं वर्ड विजन इऺडिया के डीसीसी सतीश सिंह, शशांक श्रीवास्तव, कमलेश एवं अन्य लोग शामिल रहे। 

आईईसी से देंगे ऐसे संदेश

टीबी एक संक्रामक रोग है जो बैक्टीरिया के कारण होता है और इसका पूरी तरह से इलाज संभव है।

बालों और नाखूनों को छोड़ कर टीबी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है।

फेफड़ों की टीबी को पल्मोनरी, जबकि शरीर के अन्य अंगों की टीबी को एक्स्ट्रा पल्मोनरी कहते हैं।

केवल फेफड़े की टीबी ही संक्रामक है।

जब टीबी ग्रसित व्यक्ति असुरक्षित तरीके से खांसता या बोलता है तो हवा के माध्यम से दूसरे को संक्रमण होता है।

लक्षण दिखे तो कराएं जांच

अगर लगातार दो हफ्ते से खांसी आए, बलगम में खून आए, रात में बुखार के साथ पसीना आए, तेजी से वजन घट रहा हो, भूख न लगे तो नजदीकी डीएमसी या टीयू पर टीबी जांच निःशुल्क करवा सकते हैं। अगर जांच में टीबी की पुष्टि हो तो पूरी तरह ठीक होने तक इलाज चलाना है।

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