संगीत लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
संगीत लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, 4 सितंबर 2023

Sangeet में रूचि रखने वाली बेटियों को हुनर ए बनारस देगा मंच

फेमस मेलोडी सिंगर रूप केडिया हुनर-ए-बनारस की नई टीम मेंबर


Varanasi (dil India live). 04.09.2023. फेमस मेलोडी सिंगर रूप केडिया हुनर-ए-बनारस की नई टीम मेंबर के रूप में शामिल हुई है, ये ग्रामीण क्षेत्र की संगीत में रूचि रखने वाली बेटियों और महिलाओ को प्रशिक्षित करेगी, क्योंकि वह ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों और महिलाओं के लिए म्यूजिक और संगीत के क्षेत्र में नई संभावनाओं का दरवाजा खोल रही हैं। ग्रामीण क्षेत्र में गाने और संगीत लोगो की एक  धरोहर होती है, लेकिन कई बार वहां की बेटियों और महिलाओं को ऐसे प्लेटफ़ॉर्म नहीं मिलते जो उनके हुनर को सुनिश्चित तरीके से प्रमोट कर सके। रूप केडिया  हुनर-ए-बनारस  के माध्यम से, वे इन महिलाओं को संगीत के क्षेत्र में प्रशिक्षित करके उनके गुण को और निखार सकती हैं, जिससे उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनने का मौका मिल सकता है। इस कदम से ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों और महिलाओं को संगीत के प्रति आत्म-समर्पण और आत्म-संवाद की जरूरत होती है, जो उन्हें अपने सपनों को पूरा करने में मदद कर सकती है। इस प्रोजेक्ट्स से ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव भी आ सकता है, जिससे समाज का सशक्तिकरण और सामाजिक समानता में सुधार हो सकता है।

रूप केडिया जैसी महिलाओं का साहस देखकर, हमें यह याद दिलाता है  कि हर किसी के पास अपनी अपनी दिशा होती है और हमें समाज के हर वर्ग के लोगों को समर्थन देने की आवश्यकता है ताकि हम एक बेहतर और समृद्ध समाज बना सकें।

सोमवार, 7 अगस्त 2023

banaaras gharaane kee पांच दिवसीय कजरी कार्यशाला सम्पन्न

रिमझिम पड़ेला फुहार, राधा रानी...गली सून कइला बलमू



Varanasi (dil India live). सावन के पावन अवसर पर बनारस घराने की विदुषी संगीतज्ञ मीना मिश्रा जो ठुमरी सम्राट पंडित महादेव प्रसाद मिश्र की पुत्री है अपने आवास पर उनके द्वारा पांच दिवसीय कजरी कार्यशाला का आयोजन किया गया. डॉ माधुरी नूतन के द्वारा कजरी कार्यशाला का उद्घाटन हुआ और प्रतिदिन भारी संख्या में बच्चों महिलाओं व अन्य कलाकारों ने कजरी का आनंद लिया. सावन के महीने में विशेष रूप से गाये जाने वाली बनारसी कजरी कि प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया. इस मौके पर मीना मिश्रा द्वारा कजरी के विषय में विशेष व्याख्यान दिया गया, जिसमें बनारसी और मिर्जापुरी कजरी के उद्भव व विशेषताओं के विषय में जानकारी दी गई. तबले की थाप हारमोनियम की मधुर संगीत के साथ काशी वासियों ने कजरी, रिमझिम पड़ेला फुहार ,राधा रानी, गली सून कइला बलमू आदि को गाकर सावन ऋतु का आनंद लिया। प्रतिदिन दो से 3 घंटे अभ्यास के उपरांत कार्यशाला का भव्य समापन हुआ. जिसमें काशी के महान तबला वादक गुरु पण्डित पूरण महाराज व पंडित कामेश्वर नाथ मिश्र, डॉ मनोज मिश्र,, पंडित नन्द किशोर मिश्र सहित कई अन्य कलाकार उपस्थित थे। गुरु मीना मिश्रा के द्वारा आयोजित कजरी कार्यशाला को काशी की संस्कृति को संजोने के लिए किया जाने वाला अति सराहनीय प्रयास बताया गया। तबले पर देव नारायण मिश्र व नारायण दीक्षित, हारमोनियम पर हर्षित पाल द्वारा संगत की गई।

कार्यक्रम के समापन सत्र में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। वैष्णवी अर्णव, सारिका, दीप्ति,  मनसा, अमित, मंजू देवी, अभय, अदिति, प्रेरणा, पूजा, ओम प्रकाश आदि ने, रिमझिम पड़ेला फुहार... एवं सावनवा में ना जयबू ननदी... आदि कजरी गाकर सभी का मन मोह लिया। अंत में मीना मिश्रा ने अपनी कजरी गायन की प्रस्तुति से समापन किया, जिसमे संगत तबला पर पंडित नंदकिशोर मिश्र, एवं हारमोनियम पर पंडित पंकज मिश्र ने किया।

शुक्रवार, 14 जुलाई 2023

Vishal Krishna के कत्थक नृत्य मोर की गत पर झूमें श्रोता

Benaras घराने के शास्त्रीय संगीत से रुबरु हुए विद्यार्थी 

Varanasi (dil India live). बनारस घराने के शास्त्रीय संगीत विधा से विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए सिडबी एवं स्पिक मैके वाराणसी के विभिन्न स्कूल कॉलेजों में कार्यशालाओं के माध्यम से छात्र छात्राओं को प्रशिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। इसी कड़ी में सिडबी और स्पिक मैके के संयुक्त तत्वाधान में संत अतुलानन्द कान्वेंट स्कूल कोइराजपुर में पांच दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन बनारस घराने के कत्थक नृत्य के कलाकार विशाल कृष्ण के एकल शास्त्रीय नृत्य का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्था सचिव राहुल सिंह, निदेशक डॉ वंदना सिंह तथा प्रधानाचार्य डॉ. नीलम सिंह ने शमां रौशन करके किया.

कार्यक्रम का आरम्भ सावन के महीने में तेवरा ताल में निबद्ध डमरू पाणी शूल पाणी हे नटराजन नमो नमः से हुआ. अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विशाल कृष्ण ने तीन ताल की जुगलबंदी में तबले और घुंघरु के साथ जबाब और सवाल किए तथा, गिनतियों की तिहाई के साथ सावन के महीने में मोर की गत पर नृत्य किया, जिससे सभी का मन मयूर नृत्यशील हो उठा ।उन्होंने कजरी बरसन लागी सावन बुदिया राजा तोरे बिना लागे जिया...गीत पर नृत्य कर खूब तालियां बटोरी।

इस कार्यशाला में प्रशिक्षणरत विद्यालय की नृत्य कला वर्ग की छात्राओ ने भी अपनी मनमोहक प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। इस कार्यक्रम में तबले पर श्री उदय शंकर मिश्रा एवं हारमोनियम पर शक्ति मिश्रा ने संगत किया। इस अवसर पर विद्यालय के पूर्व छात्र तथा भरतनाट्यम के ख्यातिप्राप्त कलाकार श्री सौरभ त्रिपाठी ने उपस्थित होकर विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया ।

 संचालन कक्षा 12 कला वर्ग की छात्रा इफरा शाहीन ने एवं धन्यवाद ज्ञापन साक्षी केसरी व प्रमोद विश्वकर्मा नें दिया। उक्त अवसर पर संगीत विभाग की शिक्षिका सुनीता पाण्डेय, माधुरी मिश्रा, विनोद मिश्र व पवन सिंह उपस्थित रहें ।

बुधवार, 5 जुलाई 2023

Sangeet में योग साधना श्रद्धा समर्पण के साथ गुरु के प्रति आस्था समाहित है

बनारस घराने के तबला वादक पं कामेश्वर नाथ मिश्रा ने कहा संगीत जीने की प्रेरणा देता है 



Varanasi (dil India live). सिडबी-स्पिक मैके के संयुक्त तत्वाधान में बुधवार को कोइराजपुर स्थित संत अतुलानंद कान्वेंट स्कूल में पांच दिवसीय तबला वादन कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ। जिसमें बनारस घराने के वरिष्ठ तबला वादक 85 वर्षीय पं कामेश्वर नाथ मिश्रा नें विद्यार्थियों को बताया कि  संगीत संस्कार के साथ जीने की प्रेरणा देता है। संगीत एक ऐसी विधा है जिसमें योग साधना श्रद्धा समर्पण के साथ गुरु के प्रति एक आस्था है जो मनुष्य के जीवन को संस्कार की शिक्षा देता है। गायन वादन और नृत्य की तीनों विधाएं संगीत की शाखा हैं। संगीत का सबसे बड़ा आधार लय है। संगीत में लय जीवन का आधार है। स्वर को जब लय के माध्यम से व्यक्त किया जाता है तो संगीत बन जाता है। तबला मीठी संगत का वाद्य है। बनारस घराने के स्व. पं राम सहाय जी नें तबला वादन को नया स्वरुप प्रदान किया। उन्होंने सर्वप्रथम तबला वादन में पांचो उंगलियों का प्रयोग कर बनारस घराने के तबला वादन को देश विदेश में प्रचलित किया। 

उन्होंने कार्यशाला में विद्यार्थियों को तबले पर तीन ताल में ठेका बजाने के विभिन्न शैलियों को विस्तार पूर्वक बजाकर अभ्यास कराया और कहा कि रियाज के साथ ही वादन की क्षमता बढ़ती है। कार्यशाला में 30 विद्यार्थियों नें अपने खुद के तबले पर 2 घंटे तक अभ्यास किया।

इसके पूर्व कार्यशाला का शुभारम्भ संगीत की देवी माँ सरस्वती को पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। स्वागत प्रधानाचार्य डॉ नीलम सिंह, विषय स्थापना डॉ विभा सिंह संचालन जीतेन्द्र पाण्डेय धन्यवाद ज्ञापन गौरव केशरी नें दिया। सभी के प्रति आभार स्कूल की निदेशक डॉ वंदना सिंह नें व्यक्त किया। उक्त अवसर पर स्पिक मैके के चेयर पर्सन उमेश सेठ, पवन सिंह सहित संगीत के शिक्षक संगीता पाण्डेय, प्रमोद विश्वकर्मा आदि लोग मौजूद रहें।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...