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गुरुवार, 13 फ़रवरी 2025

shab-e-barat news 2025: लो शुरू हो गई इबादत की रात

रब को राज़ी करने के लिए इबादतगाहों में जुटा हुजूम 

रोशनी से जगमगा उठें मुस्लिम इलाके


 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil india live). रब को राज़ी करने के लिए देश दुनिया में शबे बरात पर लोगों का हुजूम इबादतगाहों में उमड़ा नज़र आया। इस दौरान मुस्लिम बहुल इलाके रोशनी से जगमगा उठें। मगरिब कि नमाज़ के बाद से ही लोग इबादत में जुटे नज़र आएं। अपने शहर बनारस में शबे बरात पर रौशनी के बीच इबादतगाह और कब्रिस्तान जहां जायरीन से गुलजार हो उठें वहीं लोगों का हुजूम फातेहा पढ़ने व दुआएं मगफिरत के लिए बुजुर्गों के दर पर उमड़ा हुआ है। यह सिलसिला पूरी रात चलेगा। चले भी क्यों नहीं इबादत कि शब जो आ गई है। 


इस मौके पर कोई बुजुर्गो के दर पर फातेहा पढ़ता नज़र आ रहा है तो कोई नफिल नमाज की कसरत करता। यह नज़ारा दालमंडी, नयी सड़क, फाटक शेख़ सलीम, मदनपुरा, रेवड़ीतालाब, गौरीगंज, शिवाला, बजरडीहा, ककरमत्ता, मंडुवाडीह, लोहता, कोयला बाजार, चौहट्टा लाल खां, जलालीपुरा, सरैया, नक्खीघाट, बड़ी बाजार, हुकुलगंज, मकबूल आलम रोड, नूरी कालोनी, अर्दली बाजार, नदेसर, लल्लापुरा, पितरकुंडा सहित अन्य मुस्लिम इलाकों में आम था।

दरअसल इस्लाम में शब-ए-बरात की खास अहमियत है। इस्लामिक कैलेंडर के आठवां महीना शाबान का महीना है। इस महीने की 14 तारीख का दिन गुजार कर जो शब आती है उस 15 वीं शब की रात में शब-ए-बरात मनाया जाता है। आज रात गुरुवार को देश भर में शबे बरात मनाई जा रही है। शब-ए-बरात इबादत, फजीलत, रहमत और मगफिरत की रात मानी गई है। इसीलिए तमाम मुस्लिम रात भर इबादत कर रहे हैं और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांग रहे हैं।

गुरुवार की शाम को मगरिब की अजान होने के साथ शब-ए-बरात मनाना शुरू हो गया यह सिलसिला शुक्रवार को फजर की नमाज तक चलेगा। इस दौरान काफी लोग शाबान का नफिल रोजा भी रखते हैं। जो लोग रोज़ा रहेंगे वो जुमे को अल सहर सहरी करके रोज़ा रहेंगे। शाबान का दो रोज़ा नफिल काफी लोग रहते हैं। समाचार लिखे जाने तक इबादत अपने शबाब पर थी। मजारों, मस्जिदों और कब्रिस्तानों के आसपास मेले जैसा माहौल था। वहां लगी अस्थाई दुकानों से इबादतगुजार और तमाम लोग खरीदारी करते हुए दिखाई दिए।

मंगलवार, 11 फ़रवरी 2025

shab-e-barat में केवल इबादत करें, फुजूल कामों से बचेंः मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली

पूरे देश के लिए शबे बरात पर इस्लामिक सेन्टर ने जारी किया एडवाइज़री 


Mohd Rizwan 

Lucknow (dil India live). इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया फरंगी महल के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली (इमाम ईदगाह लखनऊ) की अध्यक्षता में इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया में एक अहम् मीटिंग शबे बरात के सम्बन्ध में आयोजित की गई। इस अवसर पर मौलाना खालिद रशीद ने कहा कि शबे बरात एक नूरानी और बरकत वाली रात है। इस अवसर पर खूब इबादत की जाती हैं, नफली नमाजें पढ़ी जाती हैं, कुरान पाक की तिलावत की जाती है। विर्द और वजीफे पढ़े जाते हैं, अपने लिए और दूसरों के लिए दुआयें मॉगी जाती हैं, स‌दका और खैरात का एहतिमाम होता है। कब्रस्तिानों में जाकर अपने रिश्तेदारों और अन्य मरहूम के लिए मगफिरत की दुआ की जाती हैं और नफली रोजा रखा जाता है। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि शबे बरात बहुत फजीलत वाली रात है। इस रात में बन्दों की उम्र, रोजी, सेहत और जिन्दगी का निर्धारित किया जाता है। इस में खुदा पाक के वह बन्दे जो उससे अपने गुनाहों की मॉफी माँगते हैं, गलत कामों से तौबा करते है, अपने लिए खैर व बरकत, मगफिरत व रहमत की दुआयें मॉगते हैं उनका रहीम व करीम आका व मालिक उनकी दुआओं को कुबूल करता है। मौलाना ने कहा कि पन्द्रहवीं शब को नमाज पढ़ना और दिन को रोजा रखना मसनून है। हदीस में आया है कि खुदा पाक इस शब में आसमान दुनिया पर गुरूबे आफताब से सुबह सादिक तक तजल्ली फरमाता है और इरशाद होता है कि जो शख्स अपने गुनाहों को बखशवाना चाहता हो वह आये में उसके गुनाहों को बख्श दूँगा। जो शख्स रिज्क हासिल करना चाहे मैं उसको रोजी दूँगा जो किसी मुसीबत में हो उसकी मुसीबत को दूर करूँगा। मीटिंग को मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी प्रधानाचार्य दारूल उलूम निजामिया फरंगी महल, ऑल इण्डिया सुन्नी बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना मो० मुश्ताक, मौलाना मो० जफरुद्दीन नदवी और मौलाना मो० सुफयान निजामी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर दारूल उलूम के तमाम अध्यापक शरीक थे। शबे बरात के सिलसिले में इस्लामिक सेन्टर आफ इण्डिया ने निम्नलिखित बिन्दुओं पर आधारित एडवायजरी जारी की है। 1- शबे बरात जो कि इस साल 13 फरवरी 2025 को है इस अवसर पर मुसलमान अपने मरहूम रिश्तेदारों के ईसाले सवाब के लिए कब्रिस्तान जाते हैं, इस लिए इस बात का विशेष ख्याल रखें कि पार्किंग के लिए जो स्थान निर्धारित हैं वहीं पर अपनी गाड़ी पार्किंग करें ताकि लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई न हो। 2- शाबान का पूरा महीना फजीलतों का है। इस लिए सदके और खैरात का अधिक से अधिक एहतिमाम करें। 3- शबे बरात इबादत की रात है इसमें सिर्फ इबादत ही करें और किसी भी प्रकार की आतिशबाजी ने करें। 4- इस मुबारक रात में मोटर साइकिल स्टंट बिलकुल न करें और दूसरे फुजूल कामों से बचें। 5- इस रात में अपने घर वालों के साथ साथ पूरे देश की हिफाजत उन्नति शान्ति अमन व अमान के लिए दुआ करें। 6- इस अवसर पर भी जरूरतमंदों, गरीबों और बीमारों की सहायता करके अपने मरहूमों को सवाब पहुंचायें। रोजे का विशेष एहतिमाम करें।

गुरुवार, 6 फ़रवरी 2025

Shab-e-Barat से रुहानी साल का होता है आगाज़

ये है इबादत और मगफिरत की रात, जो चाहिए मांग लो रब से 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live). शब-ए-बरात मुस्लिमों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। शाबान नबी का महीना है और इसके बाद आने वाला रमजान रब का महीना है। मौलाना साकीबुल कादरी कहते हैं कि शाबान की 14 तारीख का दिन बीतने के बाद जो रात आती है वो शबे बरात की अज़ीम रात कहलाती है। इस शब को मग़फित की रात कहा जाता है। इस रात इबादत करने वालों की गुनाह रब माफ़ कर देता है। हिजरी कैलेंडर के अनुसार, हर साल शाबान महीने की 15 वीं तारीख को शब ए- बरात मनाया जाता है। मौलाना हसीन अहमद हबीबी कहते हैं कि शबे बरात से रुहानी साल का आगाज़ होता है। नामे आमाल लिखे जाते हैं कि पूरे साल किसके साथ क्या होगा। कौन दुनिया में रहेगा, किसकी मौत आएगी वगैरह। यह महीना बहुत ही अज़ीम महीना है।

शब-ए-बरात दो शब्दों से मिलकर बना है रात और बरात यानी बरी होने की रात या गुनाहों से माफी की रात। मुसलमान इस खास रात को नमाज अदा करने के साथ अपने गुनाहों की माफ़ी मांगते हैं। इसके साथ ही पूर्वजों की कब्रों पर जाकर अपने बुजुर्गों के मगफिरत की दुआ करते हैं। बता दें कि इसे एशिया में शबे बरात, रबी में लैलातुल बारात, इंडोनेशिया और मलेशिया में निस्फ़ स्याबान जैसे नामों से भी जाना जाता है। 

इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, शब-ए -बरात शाबान महीने की 14 और 15 वीं तारीख के बीच की रात को मनाया जाता है। ये रात 14 का दिन बीतने के साथ मगरिब की अज़ान के साथ शुरू होती है और 15 शाबान को फजर की अज़ान के साथ समाप्त हो जाती है। इस साल शब-ए-बरात 13 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।

शब-ए-बरात मगफिरत की रात

इस्लाम धर्म में शब-ए-बरात काफी खास मानी जाती है, क्योंकि ये उन रातों में से एक मानी जाती है जब अल्लाह अपने बंदों की हर नेक और जायज़ दुआएं कुबुल करता हैं और उन्हें माफ़ी देता हैं। बता दें कि शब-ए-बारात के अलावा शुक्रवार की रात, ईद-उल-फितर से पहले की रात, ईद-उल-अजहा से पहले की रात,  रज्जब की रात और  शब-ए-कद्र की रात की दुआएं रब कुबुल करता हैं।

कैसे मनाते हैं शब-ए-बरात

मुस्लिम इस दिन रात के समय नफिल नमाज अदा करने के साथ कुरान पढ़ते हैं। इसके साथ ही अल्लाह से अपनी गुनाहों के लिए माफी मांगते हैं। इसके साथ ही शब-ए-बरात परदो नफिल रोज़ा रखा जाता है। इसके अलावा इस रात को लोग कब्रिस्तान जाते हैं और इंतकाल फरमा चुके अपने अजीजों और बुजुर्गो की कब्र पर मगफिरत की दुआएं मांगते हैं।

कांग्रेस ने सफाई की उठाया मांग 

कांग्रेस ने शब-ए बरात और रमज़ान के पूर्व समुचे मुस्लिम बहुल इलाकों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान प्रदेश सचिव फसाहत हुसैन बाबू, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन ने जारी संयुक्त प्रेस रिलीज में कहा कि शब- ए बरात, रमज़ान के पूर्व समूचे नगर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त की जाए। उक्त नेताओं ने कहा कि मुस्लिम समाज का धार्मिक त्योहार शब-ए-बरात 13 फरवरी को है जबकि 28 फरवरी से मुक़द्दस महीना माहे रमज़ान शुरू हो रहा है उसके पहले समूचे नगर के प्रत्येक वार्डों में सफाई व्यवस्था चुस्त दुरुस्त की जाए। धार्मिक स्थलों कब्रिस्तान, इमामबारगाह, मजारों, मस्जिदों के साथ-साथ प्रत्येक इलाकों में प्रतिदिन झाड़ू सफाई चुने का छिड़काव, वैक्सीन का छिड़काव कराया जाए। प्रत्येक धार्मिक स्थलों के इर्द-गिर्द के साथ-साथ समूचे नगर में खराब पड़े स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने के साथ-साथ विद्युत और पेयजल की समुचित व्यवस्था कराई जाए खराब पड़े हैंड पंपों की मरम्मत कराई जाए। आये दिन सीवर ओवर फ्लो समस्या समान्य है, लचर सीवर व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए।

इनरव्हील सृष्टि के सदस्यों ने महिला पुलिसकर्मियों को बेहतर कार्य के लिए किया समम

महिला दिवस पर जुटी महिलाएं, हुए अनेक आयोजन  मोहम्मद रिजवान  Varanasi (dil India live). आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर इनरव्हील क्लब...