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गुरुवार, 13 जुलाई 2023

Helth dipartment अलर्ट मोड पर, चल रहा डेंगू जागरूकता माह

डेंगू के डंक से है बचना तो जागरूक और सतर्क रहना

  •  ठहरे व साफ पानी में पनपता है डेंगू का मच्छर
  • बारिश के मौसम में संक्रामक बीमारियों से रहें बेहद सावधान



Varanasi (dil India live). बारिश का मौसम आते ही जगह-जगह जलभराव और गंदगी जमा होने से कई संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है। ऐसे में सभी को सतर्क व सावधान रहने की जरूरत है। इसी के मद्देनजर जुलाई माह को डेंगू जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। साथ ही संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, फाइलेरिया आदि संक्रामक बीमारियों के बारे में समुदाय को जागरूक किया जा रहा है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। खास बात यह है कि इस साल अभी तक जनपद में डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला है।  

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने निर्देशित किया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार से ग्रसित लोगों की जांच करें। पॉज़िटिव मरीजों की सूचना जिला मलेरिया इकाई को अनिवार्य रूप से दें। मच्छर पैदा करने वाले स्रोतों का पूर्णतः विनष्टीकरण करें। छिड़काव और फोगिंग के लिए नगरीय क्षेत्र में नगर विकास तथा ग्रामीण क्षेत्र में पंचायती राज विभाग से सहयोग लें। सरकारी चिकित्सालयों और ब्लॉक स्तरीय सीएचसी पीएचसी को आवश्यक बेड आरक्षित करने के लिए निर्देशित किया है। ग्रामीण व नगर के उच्च जोखिम (हॉट स्पॉट) वाले क्षेत्रों पर सक्रिय रूप से छिड़काव और फोगिंग का कार्य कराया जाए।

एसीएमओ व संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डॉ एसएस कनौजिया ने बताया कि डेंगू, मलेरिया, टीबी, फाइलेरिया आदि संचारी रोगों से नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। 17 जुलाई से शुरू होने वाले दस्तक अभियान में घर-घर जाकर बुखार, टीबी व फाइलेरिया के रोगियों को चिन्हित कर उनका उपचार कराया जाएगा। सभी आशा कार्यकर्ताओं को रेपिड टेस्ट किट और वेक्टर सर्विलान्स के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। प्रत्येक सीएचसी पीएचसी पर रेपिड रिस्पोंस टीम का गठन किया जा चुका है।                   

जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि डेंगू एक जानलेवा संक्रामक रोग है जोकि संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। अकेला एक संक्रमित मच्छर ही अनेक लोगों को डेंगू से ग्रसित कर सकता है। बरसात के मौसम में ही डेंगू का खतरा बढ़ने लगता है। डेंगू फैलाने वाले मच्छर दिन में ही काटते हैं। इसके मच्छर ठहरे हुये व साफ पानी में पनपते हैं जैसे - कूलर के पानी, रुंधे हुये नालों में और नालियों में। डेंगू कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों को आसानी से हो सकता है । इसलिए इसके प्रति बेहद सावधान, सतर्क व जागरूक रहने की आवश्यकता है। 

उन्होंने बताया कि जनवरी 2023 से अभी तक जिले में डेंगू के लिए करीब 1500 रेपिड टेस्ट हो चुके हैं जिसमें कोई भी पॉज़िटिव नहीं पाया गया। वहीं मलेरिया के लिए करीब 67564 लोगों की ब्लड स्लाइड से जांच की जिसमें 12 पॉज़िटिव पाये गए। ये सभी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जिले के सभी सरकारी चिकित्सालयों तथा शहरी एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेंगू, मलेरिया आदि के जांच की सुविधा मौजूद है। 

डेंगू के लक्षण 

- तेज सिरदर्द व बुखार का होना

- मांस पेशियों एवं जोड़ों में अधिक दर्द होना

- आँखों के पीछे दर्द होना

- जी मिचलाना, उल्टी, दस्त तथा त्वचा पर लाल रंग के दाने होना

- गंभीर मामलों में नाक, मुंह, मसूड़ों से खून आना। 

- स्थिति गम्भीर होने पर प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से कमी

जिला मलेरिया अधिकारी ने कहा कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर घरों के अंदर व आसपास रूके हुये साफ पानी में पनपता है जैसे कि कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुये बर्तन व टायर इत्यादि।

क्या करें 

- पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों आदि को ढक कर रखें।

- सप्ताह में एक बार कूलर को खाली करके सुखा दें।

- यह मच्छर दिन के समय काटता है। ऐसे कपड़े पहनें जो बदन को पूरी तरह ढकें। डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है।

- डॉक्टर की सलाह पर बुखार उतारने के लिए आवश्यक दवा जरूर लें

- अधिक बुखार होने पर डाक्टर की सलाह लें। डाक्टर की सलाह पर रोगी को अस्पताल में भर्ती अवश्य करा दें।

मंगलवार, 8 नवंबर 2022

Phc-chc में भी भर्ती किये जायें डेंगू के मरीज:डीएम

टेली medicine के लिए बढ़ाये जाएं और चिकित्सक

डीएम की स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों संग डेंगू को लेकर बैठक



Varanasi (dil india live). जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि डेंगू के मरीजों को कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर (सीएचसी) व प्राथमिक हेल्थ सेंटर (पीएचसी) में भी भर्ती किया जाय। यहां तक की डेंगू के संदिग्ध मरीजों को भी भर्ती कर उनका उपचार किया जाये।

 जिलाधिकारी एस राजलिंगम मंगलवार को विकास भवन सभागार में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ डेंगू को लेकर बैठक कर रहे थे। बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने डेंगू मरीजों के उपचार के संदर्भ में अबतक की गयी व्यवस्था की जानकारी जिलाधिकारी को दी। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार बेहतर चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाए, इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता ना होने पाए। अस्पतालों में चिकित्सकों के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति शत-प्रतिशत सुनिश्चित किया जाए। डेंगू का इलाज करा रहे मरीजो एवं उनके तीमारदारों को किसी भी प्रकार की असुविधा न होने पाए। जिलाधिकारी ने कहा कि डेंगू पीड़ितों को अपने घर के समीप ही उपचार मिले इसके लिए जरूरी है कि सभी सीएचसी व पीएचसी में डेंगू पीड़ित मरीजों की भर्ती की जाये। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। यहां तक कि ऐसे मरीज जिन्हें बुखार आ रहा है और उनमें डेंगू के लक्षण है तो उन्हें भी भर्ती कर उपचार किया जाये। साथ ही टेलीमेडिसिन व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाये। जिलाधिकारी ने जनपद में तैनात वेक्टर सर्विलांस टीम की जानकारी ली और निर्देश दिया कि इस टीम को ऐसे इलाके में तत्काल भेजा जाय जहां डेंगू के मरीज मिल रहे है। वहां घर-घर जाकर यह टीम यह पता करे कि वहां कहीं जलजमाव व डेंगू मच्छर के लार्वा तो नहीं है। बैठक में सीडीओ हिमांशू नागपाल, एसीएमओ डा. एसएस कनौजिया, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनपी सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी शरतचन्द्र पाण्डेय   समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

बुधवार, 26 अक्तूबर 2022

Dengue के मरीज बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग एलर्ट

निर्धारित प्रोटोकॉल से ही करें डेंगू का इलाज : सीएमओ

सरकारी व निजी चिकित्सालयों को दिये आवश्यक निर्देश

Varanasi (dil india live)। जनपद में डेंगू प्रभावित मरीजों के इलाज को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी एवं निजी चिकित्सालयों को निर्देश दिया है कि उपरोक्त मरीजों को विभाग की ओर से तय प्रोटोकाल के अनुसार ही उपचार करें। संभावित मरीजों का ब्लड सैंपल माइक्रोबायोलॉजी विभाग बीएचयू और पंडित दीनदायल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में जांच के लिए अवश्य भेजें। वहां से डेंगू रोग की पुष्टि होने के बाद उसकी सूचना जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे को अवश्य दें ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में बुधवार को हुई बैठक में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने कहा कि जिले में डेंगू के मरीजों पर स्वास्थ्य विभाग अपनी नज़र बनाए हुए है।संचारी व मच्छर जनित रोगों डेंगू, मलेरिया, टाइफाइड आदि से प्रभावित क्षेत्रों में रोकथाम व नियंत्रण के लिए कार्रवाई की जा रही है। गंदगी, जलभराव, गंदी नालियां, जगह-जगह बिखरे पड़े कचरे, चोक पड़ी नालियां, पीने के पानी में गंदगी आदि पर के नियमित साफ-सफाई के निर्देश हैं। नगरीय इलाकों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी को उचित कार्रवाई करने के लिए सुनिश्चित किया है । एंटी लार्वल टीमों को निर्देशित किया गया है कि प्रभावित इलाकों में एंटी लार्वल स्प्रे का छिड़काव और फोगिंग किया जाए । इस दौरान स्थानीय लोगों को भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों को डेंगू लक्षण, बचाव आदि के बारे में जानकारी दी जाये । चिकित्सालयों को निर्देशित किया कि संभावित रोगियों का इलाज एक अलग वार्ड या कमरे में किया जाए और मच्छरदानी का उपयोग अनिवार्य रूप से किया जाए। जनपद व ब्लॉक स्तरीय सभी सरकारी चिकित्सालयों में अलग से वार्ड स्थापित करते हुए उपचार की सम्पूर्ण व्यवस्था निःशुल्क है।

जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पांडे ने बताया कि इस वर्ष जनपद में अभी तक 189 डेंगू के मरीज पाये जा चुके हैं जिसमें शहरी इलाकों में 127 और ग्रामीण में 62 मरीज हैं । इसके अलावा मलेरिया के अभी तक 67 मरीज पाये गए । उन्होने बताया कि तेज बुखार, सिरदर्द, पीठदर्द, आँखों को हिलाने में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते, मसूड़ों/नाखूनों में दर्द आदि लक्षण दिखाई देने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें, बिना चिकित्सीय सलाह के कोई भी दवा न लें । डेंगू की पुष्टि हो हो जाने पर घबराएँ नहीं, धैर्य रखें और चिकित्सीय सलाह के अनुसार अपना इलाज कराएं । सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें । सुबह शाम बाहर निकलते समय फुल आस्तीन के कपड़े और मोजे पहनें । सोने से पहले नीम का धुआँ करें । अपने घर के आसपास जलजमाव और गंदगी की स्थिति पैदा न होने दें । मरीज प्रचुर मात्रा पानी और तरल पदार्थ जरूर लें । ओआरएस घोल, नारियल पानी, फलों का रस आदि प्रचुर मात्रा में लें । शरीर का तापमान कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टी रखें ।

बैठक में समस्त एसीएमओ, डिप्टी सीएमओ, वरिष्ठ चिकित्साधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे ।

शनिवार, 22 अक्तूबर 2022

Dengue पीड़ितों की मौत प्लेटलेट की कमी से नहीं : सीएमओ

अनावश्यक प्लेटलेट चढ़ाने से मरीज की तबीयत और हो सकती है खराब

 •निजी चिकित्सकों, नर्सिंगहोम संचालकों के साथ वर्चुवल मीटिंग सम्पन्न

 •डेंगू पीड़ित मरीजों के बेहतर उपचार पर हुई चर्चा

Varanasi (dil india live).प्लेटलेट की कमी डेंगू पीड़ित मरीजों की मौत का कारण नहीं होता। निजी चिकित्सकों नर्सिंग होम संचालकों के साथ शनिवार को हुई वर्चुवल मीटिंग में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने उक्त विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार, जब तक किसी मरीज का प्लेटलेट काउंट दस हजार से कम न हो और  सक्रिय रक्तस्राव न हो रहा हो तब तक उसे प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता नहीं होती है। डेंगू के इलाज में  प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन प्राथमिक इलाज नहीं है। वास्तव में, प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन मरीज को लाभ पहुंचाने की जगह नुकसान ही करता है यदि इसका उपयोग ऐसे रोगी में किया जाता है जिसमे प्लेटलेट्स की गिनती दस हजार से अधिक है।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संदीप चौधरी ने कहा डेंगू से पीड़ित रोगियों में मृत्यु का प्राथमिक कारण केशिका रिसाव है, जो इंट्रावास्कुलर कंपार्टमेंट में रक्त की कमी का कारण बनता है और जिसके फलस्वरूप बहु-अंग ( मल्टी ऑर्गन फेल्योर) विफलता होती है। इंट्रावास्कुलर कंपार्टमेंट से एक्स्ट्रावास्कुलर कंपार्टमेंट में प्लाज्मा रिसाव की स्थिति में, मरीज को प्रति घंटे 20 मिलीलीटर प्रति किलो शरीर के वजन की मात्रा में फ्लूड चढ़ाया  जाना चाहिए। इसे तब तक जारी रखना चाहिए जब तक कि ऊपरी और निचले रक्तचाप के बीच का अंतर 40 mmHg से अधिक न हो जाए, या रोगी को पर्याप्त मात्रा में पेशाब न हो जाए। यह वह सब है जो रोगी के इलाज के लिए आवश्यक है, अनावश्यक प्लेटलेट चढ़ाने से मरीज की तबीयत और खराब हो सकती है। डेंगू रोगियों का इलाज करते समय, चिकित्सकों को '20 का फॉर्मूला' याद रखना चाहिए यानी 20 से अधिक की पल्स रेट में वृद्धि, बीपी का 20 से अधिक गिरना, 20 से कम के निचले और ऊपरी बीपी के बीच का अंतर और 20 से अधिक रक्तस्रावी धब्बे की उपस्थिति टूर्निकेट परीक्षण के बाद हाथ पर दिखें, तो यह स्थिति एक उच्च जोखिम वाली स्थिति का सुझाव देते हैं, और व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता होती है।"

 सीएमओ ने कहा कि डेंगू बुखार एक दर्दनाक मच्छर जनित रोग है। यह चार प्रकार के डेंगू वायरस में से किसी एक के कारण होता है, जो एक संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है।डेंगू के सामान्य लक्षणों में तेज बुखार, नाक बहना, त्वचा पर हल्के लाल चकत्ते, खांसी और आंखों के पीछे और जोड़ों में दर्द शामिल हैं। हालांकि, कुछ लोगों को लाल और सफेद धब्बेदार चकत्ते विकसित हो सकते हैं, जिसके बाद भूख में कमी, मतली, उल्टी आदि हो सकती है। डेंगू से पीड़ित मरीजों को चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए, आराम करना चाहिए और बहुत सारे तरल पदार्थ पीना चाहिए। बुखार को कम करने और जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए पैरासिटामोल लिया जा सकता है। हालांकि, एस्पिरिन या इबुप्रोफेन नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि वे रक्तस्राव के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। 

 जटिलताओं का जोखिम

 डेंगू के 1% से भी कम मामलों में जटिलताओं का जोखिम होता है, यदि जनता को चेतावनी के संकेत ज्ञात हों, तो डेंगू से होने वाली सभी मौतों से बचा जा सकता है। डेंगू  के परीक्षणों में डेंगू NS1-सर्वश्रेष्ठ परीक्षण है। NS1 आदर्श रूप से दिन 1 से 7 तक पॉजिटिव रीडिंग होता है। यह फॉल्स पॉजिटिव रीडिंग नही देता। यदि पहले दिन -ve है, तो इसे अगले दिन दोहराएं। हमेशा एलिसा आधारित NS1 परीक्षण के लिए कहें क्योंकि कार्ड परीक्षण भ्रामक हैं।

आईजीजी और आईजीएम डेंगू का महत्व

 कम प्लेटलेट्स संख्या वाले और बीमारी के तीसरे या चौथे दिन "बीमार" दिखने वाले मरीज में, आईजीएम स्तर में सीमा रेखा वृद्धि और आईजीजी का एक बहुत ही उच्च स्तर सेकेंडरी डेंगू का प्रतीक है। इन मरीजों में जटिलता की संभावनाएं अधिक होती हैं। प्राथमिक डेंगू में आईजीजी 7 दिनों के अंत में + हो जाता है, जबकि आईजीएम दिन 4 के बाद + हो जाता है। अपरिपक्व प्लेटलेट अंश/आईपीएफ, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया वाले मरीज के लिए डेंगू में एक बहुत ही उपयोगी परीक्षण है। यदि ऐसे मरीज में आईपीएफ> 10% है, तो अगर प्लेटलेट काउंट 20,000 भी है तो भी वह खतरे से बाहर है और 24 घंटे में प्लेटलेट्स बढ़ जाएंगे। यदि आईपीएफ 6% है, तो इसे अगले दिन फिर दोहराएं। अब अगर आईपीएफ बढ़कर 8% हो गया है तो उसके प्लेटलेट्स निश्चित रूप से 48 घंटे के भीतर बढ़ जाएंगे। यदि यह 5% से कम है, तो उसका अस्थि मज्जा 3-4 दिनों तक प्रतिक्रिया नहीं करेगा और वह मरीज प्लेटलेट चढ़ाने के लिए संभावित उम्मीदवार हो सकता है। बॉर्डरलाइन कम प्लेटलेट काउंट के साथ भी आईपीएफ परीक्षण करना बेहतर है। लो मीन प्लेटलेट वॉल्यूम या एमपीवी का मतलब है कि प्लेटलेट्स कार्यात्मक रूप से अक्षम हैं और ऐसे मरीज पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

बुधवार, 12 अक्तूबर 2022

Government hospital में लापरवाही का आरोप

लापरवाही के कारण डेंगू मरीजों को हो रही परेशानी 
Varanasi (dil india live). शहरी, देहाती इलाकों में तेज़ी से डेंगू पाव पसार रहा है। सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा काफी दयनीय  होने के कारण मरीजों को इलाज में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

सरकारी मशीनरी पर यह आरोप कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेहंदी कब्बन व विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट ने लगाया है।

एक विज्ञप्ति में तीनों ने कहा की डेंगू, टाईफाइड, मलेरिया, जैसे रोग आम जनमानस को जकड़े हुए हैं, सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा से मरीज काफी परेशान हो रहे हैं, अस्पतालों में बेड कि कमी बताकर मरीजों को वापस कर दिया जा रहा है। जिससे मजबूर होकर मरीज प्राइवेट अस्पतालों की शरण ले रहे हैं, जहां खूब जमकर उनका खून चूसा जा रहा है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग नगर निगम के कान पर जूं नहीं रेंग रही है।

उक्त नेताओं ने मांग की है अविलंब नगर निगम स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रत्येक वार्ड प्रत्येक मोहल्ले प्रत्येक गलियों में दवा का छिड़काव कराते, सफाई व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त कराए, साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में बेड की व्यवस्था की जाए और सही ढंग से मरीजों को दवा वितरण किया जाए।

उक्त नेताओं ने विधायक, नगर प्रमुख व सभासदों से अपने-अपने वार्डों में प्रत्येक गली में दवा का छिड़काव, सफाई व्यवस्था चुस्त एवं मच्छर मारने की दवा फागिंग कराने की मांग की। साथ ही जिला प्रशासन से मांग की इस विषम परिस्थितियों में प्राइवेट अस्पतालों के लूट घसोट पर अंकुश लगाने की मांग दोहराई। ताकि मरीज अपना सुलभ तरीके से इलाज करा सकें।

मंगलवार, 4 अक्तूबर 2022

Dengue से बचाव के लिए रहें सतर्क

बदल रहा मौसम, रखें अपनी सेहत का खास ख्याल

  • वायरल, सर्दी, जुकाम को न लें हल्के में
  • चिकित्सक की परामर्श पर ही लें दवा  


Varanasi (dil india live). मौसम बदला रहा है। दिन और रात के तापमान में काफी अंतर है। ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें। जरा सी भी लापरवाही सेहत पर भारी पड़ सकती है। डेंगू, वायरल आदि बीमारियों से बचाव के लिए भी सावधान रहने की जरूरत है। क्यों कि बदलता मौसम अपने साथ कई तरह की बीमारियां लेकर आता है। 
सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि तापमान में हो रहे उतार-चढ़ाव के कारण शरीर अपने आपको उसके अनुसार ढाल नहीं पाता है। इससे लोग बीमार हो जाते हैं। संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया सहित अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए जिला व मंडलीय चिकित्सालय सहित समस्त सीएचसी/पीएचसी पर निःशुल्क जांच व दवा की सुविधा उपलब्ध है। 

मंडलीय चिकित्सालय के वरिष्ठ परामर्शदाता व फिजीशियन डॉ आरएन सिंह ने बताया कि वर्तमान में सर्दी, खांसी, जुकाम और वायरल आदि मरीजों की काफी संख्या में ओपीडी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह बीमारी लोगों को परेशान कर रही है। बड़ों के साथ बच्चे भी मौसमी बुखार की चपेट में आ रहे हैं। बीमारी से बचने के लिए कपड़ों को साफ रखना चाहिए तथा साफ-सफाई पर पूरा ध्यान देना चाहिए। मौसम के संक्रमण से लोगों को विशेष रूप से कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। खान-पान पर ध्यान देने की जरूरत है। बासी खाने का सेवन बिल्कुल नहीं करें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रोटीन, आयरन और विटामिन युक्त पौष्टिक आहार लें। डेंगू से बचाव के लिए कहीं भी ज्यादा दिनों के लिए पानी एकत्रित न होने दें। हर शनिवार-रविवार मच्छरों के स्रोत का नष्ट करते रहें। मच्छर से बचने के लिए दिन के समय बदन को ढकने वाले कपड़े पहनकर ही निकलना चाहिए। शारीरिक परेशानी होने पर नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लें। चिकित्सक के परामर्श पर ही दवा लें ।

     रखें इस बात का खास ख्याल 

  • मौसमी फलों और सब्जियों का प्रयोग करें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी वाले फल जैसे संतरा, नींबू, आंवला ज्यादा लें।
  • ठंडे पदार्थों का सेवन भी कई बार वायरल बुखार का कारण बन जाता है। गला खराब हो जाता है इसलिये आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक नहीं खाना चाहिए।
  • बाजार की खाने वाली वस्तुएं, पिज्जा, बर्गर,चाट ,तली भुनी चीजें,खुले फल आदि नहीं खाने चाहिए। पर्याप्त पानी पीना चाहिए ,साफ-सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।

मंगलवार, 23 नवंबर 2021

गर्भवती के लिए ज्यादा घातक होता है डेंगू

डेंगू से रहे सावधान, गर्भस्थ शिशु की बचाएं जान

वाराणसी, 23 नवम्बर(dil india live)। पंडित दीन दयाल राजकीय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ व वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर होता है। गर्भवती के लिए खास तौर पर अंतिम तीन महीने काफी महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें वायरस अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में इन तीन महीने उन्हें बेहद सावधानी बरतने की जरूरत होती है। डेंगू का संक्रमण गर्भवती के लिए काफी घातक हो सकता है। डेंगू होने पर गर्भवती में ब्लीडिंग का खतरा रहता है और यह स्थिति उसे अबॉर्शन तक ले जा सकती है। इतना ही नहीं डिलीवरी के दौरान हाई ब्लीडिंग भी हो सकती है और जन्म के बाद बच्चे में भी डेंगू का वायरस ट्रांसमिट हो सकता है। इसलिए गर्भवती को डेंगू से अलर्ट रहना चाहिए।

 क्या होता है डेंगू 

डेंगू एक तरह का वायरस है जो एडीज मच्छर के काटने से लोगों में फैलता है। डेंगू मच्छर दिन में काटता है। इन मच्छरों का प्रकोप बारिश और उसके तुरंत बाद के मौसम में बढ़ता है। ठहरे हुए पानी में मच्छर अंडे देते हैं और इन्हीं दिनों डेंगू का कहर भी बढ़ता है। गड्ढे, नाली, कूलर, पुराने टायर, टूटी बोतलें, डिब्बों जैसी जगहों में रुके हुए पानी में डेंगू के मच्छर पैदा होते हैं। 

 इस तरह बरतें सावधानी-

घर के अंदर और बाहर उन सभी जगहों को साफ रखें जहां भी पानी जमा होने की आशंका हो जैसे- पुराने टायर, टूटी बोतल, डिब्बे, कूलर, नालियां। सोते समय मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। घर के अंदर मच्छर खिड़की और दरवाजों से आते हैं। खिड़की और दरवाजे पर नेट लगाने से डेंगू के कहर से बचा जा सकता है। फुल पैंट और फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहनें। जिससे मच्छर आपको काट न सकें। पार्क या ऐसी जगह न जाएं, जहां मच्छर होने की आशंका हो। 

 डेंगू के लक्षण-

तेज बुखार, खांसी, पेट दर्द व बार-बार उलटी होना, सांस लेने में तकलीफ, मुंह, होंठ और जीभ का सूखना, आंखें लाल होना, कमजोरी और चिड़चिड़ापन, हाथ-पैर का ठंडा होना, कई बार त्वचा का रंग भी बदल जाता है और चकत्ते पड़ जाते हैं ।

 डेंगू की आशंका होने पर क्या करें-

वरिष्ठ चिकित्सक डा. रश्मि सिंह के अनुसार गर्भवती को यदि डेंगू के कोई भी लक्षण दिखे तो बिना समय गंवाए डॉक्टर को दिखाना चाहिए। देरी होने से महिला व उसके बच्चे की जान को भी खतरा हो सकता है।  डाक्टर के सलाह के बिना कोई  भी दवा न लें।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...