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शुक्रवार, 19 सितंबर 2025

Education: VKM Varanasi Main अनुसंधान पद्धति और शोध प्रबंध लेखन पर तीन दिवसीय workshop

शोधार्थियों को सांख्यिकीय विश्लेषण की बुनियादी तकनीकों से कराया परिचित


Varanasi (dil india live). वसंत कन्या महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग तथा ओशन सेल फोरम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के द्वितीय दिन (19 सितंबर) को शोध से संबंधित प्रायोगिक सत्रों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव ने छात्राओं के सक्रिय सहभाग की सराहना करते हुए कहा कि शोध में उनकी ऐसी सहभागिता भविष्य की शैक्षणिक उपलब्धियों का आधार बनेगी। समाजशास्त्र विभाग की प्रमुख डॉ. कल्पना आनंद के स्वागत संबोधन से हुआ। उन्होंने अतिथियों का अभिनंदन करते हुए शोध कार्य में आधुनिक सॉफ्टवेयर उपकरणों की भूमिका पर प्रकाश डाला।
पहले सत्र की मुख्य वक्ता डॉ. शुभ्रा सिन्हा, सहायक प्रोफेसर, मनोविज्ञान विभाग ने SPSS सॉफ्टवेयर के प्रयोग पर विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने डेटा क्लीनिंग, डेटा कोडिंग तथा डेटा एंट्री की व्यावहारिक प्रक्रिया को समझाया और शोधार्थियों को सांख्यिकीय विश्लेषण की बुनियादी तकनीकों से परिचित कराया। दूसरे सत्र की विशेषज्ञ नम्रता गुप्ता (पुस्तकालयाध्यक्ष, वसंत कन्या महाविद्यालय) ने शोध में संदर्भ प्रबंधन हेतु Zotero और Mendeley सॉफ्टवेयर के प्रयोग पर व्यावहारिक प्रस्तुति दी। उन्होंने शोधार्थियों को बताया कि किस प्रकार इन सॉफ्टवेयर्स की सहायता से शोध कार्य में संदर्भ सूची और साइटेशन तैयार करना सरल एवं सटीक बनाया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन जिसुस्मिता कश्यप और रितिका सत्या ने किया। रिपोर्ट का संकलन मास्टर्स फाइनल वर्ष की मृणालजीत द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के शोधार्थियों के साथ-साथ संकाय सदस्य डॉ. अखिलेश कुमार राय, डॉ. अनुराधा बापुली एवं डॉ. सिमरन सेठ की सक्रिय उपस्थिति रही। 
(नीचे जानिए पहले दिन क्या हुआ था।)

शोध कार्य में गंभीरता, अनुशासन और मौलिकता को सदैव प्राथमिकता दें-प्रो. रचना


Varanasi (dil india live). वसंत कन्या महाविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा ओशन सेल फोरम के सहयोग से 18 सितंबर से 20 सितंबर तक अनुसंधान पद्धति और शोध प्रबंध लेखन पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को शोध प्रक्रिया, शोध प्रबंध संरचना, डेटा विश्लेषण और व्याख्या तकनीकों की समग्र समझ प्रदान करना था। 

पहले दिन कार्यशाला का आगाज़ महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. रचना श्रीवास्तव के संबोधन से हुआ। उन्होंने शोध को उच्च शिक्षा का आधार बताते हुए कहा कि यह छात्राओं की आलोचनात्मक सोच और अकादमिक दृष्टि को विकसित करने का महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे शोध कार्य में गंभीरता, अनुशासन और मौलिकता को सदैव प्राथमिकता दें। इसके पश्चात् समाजशास्त्र विभाग की प्रमुख डॉ. कल्पना आनंद ने स्वागत संबोधन प्रस्तुत किया। उन्होंने अथितियों का स्वागत किया और प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए कार्यशाला के उद्देश्य एवं महत्त्व पर प्रकाश डाला। डॉ. अखिलेश कुमार राय, सहायक प्रोफेसर, समाजशास्त्र विभाग ने “अनुसंधान पद्धति” विषय पर थीम प्रेज़ेंटेशन प्रस्तुत किया। 



प्रथम सत्र में डॉ. अंशु शुक्ला, मुख्य अतिथि, एसोसिएट प्रोफेसर, होम साइंस डिपार्टमेंट ने “शोध प्रबंध लेखन की संरचना” पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने शोध प्रबंध के विकास की प्रक्रिया, अध्यायों के संगठन, उचित उद्धरण पद्धतियाँ, शोध प्रश्नों के निर्माण और लेखन में अकादमिक अनुशासन बनाए रखने की रणनीतियों पर विशेष बल दिया। द्वितीय सत्र में डॉ. विजय कुमार, सहायक प्रोफेसर, अर्थशास्त्र विभाग ने “डेटा विश्लेषण और व्याख्या” विषय पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने सांख्यिकीय उपकरणों के उपयोग, विभिन्न डेटा विश्लेषण तकनीकों और शोध से सार्थक निष्कर्ष निकालने हेतु सही व्याख्या की महत्ता को रेखांकित किया। 


प्रथम सत्र का संचालन दीक्षिता फुकन और रिचा ने किया, और द्वितीय सत्र का संचालन अस्मिता और अर्घ्यरूपा साहू जिन्होंने कार्यक्रम को सुचारु रूप से संचालित किया। कार्यशाला की संपूर्ण रिपोर्ट मास्टर्स फाइनल की ह्रदयांशी द्वारा संकलित की गई। कार्यक्रम में संकाय सदस्यों डॉ सपना भूषण, डॉ. अनुराधा बापुली और डॉ. सिमरन सेठ की उपस्थिति ने भी प्रतिभागियों को प्रेरणा और मार्गदर्शन प्रदान किया।

गुरुवार, 17 जुलाई 2025

UP: Varanasi Main Mukhyamantri युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत कार्यशाला

रविन्द्र जायसवाल ने किया युवाओं से स्वरोजगार करने के लिए उद्यमिता की भावना  विकसित करने का आह्वान

Varanasi (dil India live). मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत 17 जुलाई को दो सत्र- पूर्वाह्न 10.00 से 1.00 बजे तथा अपराह्न 2.00 से 5.00 बजे तक  कार्यशाला का सफल आयोजन कमिश्नरी ऑडिटोरियम, वाराणसी में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), स्टांप तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन रविन्द्र जायसवाल थे, व विशिष्ट अतिथि मुख्य विकास अधिकारी वाराणसी तथा संयुक्त आयुक्त उद्योग, वाराणसी मंडल, वाराणसी की गरिमामयी उपस्थित रही। संयुक्त आयुक्त उद्योग, वाराणसी मंडल , वाराणसी द्वारा स्वागत भाषण एवं विषय प्रवर्तन किया गया।मंत्री रविन्द्र जायसवाल द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान में गारंटी मुक्त, ऋण मुक्त 5 लाख तक की परियोजना के लिए ऋण प्राप्त होने की सुविधा का उल्लेख करते हुए युवाओं द्वारा स्वरोजगार करने के लिए उद्यमिता की भावना  विकसित करने का आह्वान किया गया। स्थानीय विशेषता के अनुरूप आधुनिक ढंग से अपने उद्यम/व्यवसाय को प्रारंभ करने तथा इसे विकसित करने की सलाह दी गई। मंत्री रविन्द्र जायसवाल द्वारा समस्त संबंधित विभागों को समन्वित प्रयास कर स्वरोजगार प्रेरणा का अभियान चलाए जाने का भी सुझाव दिया गया।


मुख्य विकास अधिकारी ने अपने संबोधन में युवाओं को स्वयं पर विश्वास करने, अपने प्रोजेक्ट हेतु आवश्यक तैयारी कर लगन से काम करने को कहा गया। इसके अतिरिक्त योजना के प्रचार प्रसार  के लिए आयोजित इस कार्यशाला का पूरा लाभ उठाने तथा अपने अन्य साथियों को भी योजना के बारे में बताने , पंजीकरण कराने को कहा गया। योजना के जनपद में क्रियान्वयन में प्रगति  की प्रशंसा की गई। मंत्री जी एवं अन्य अतिथिगण द्वारा योजनांतर्गत 5 लाभार्थियों को विभिन्न कार्यों के लिए ऋण वितरण किया गया। समाधान समिति के विशेषज्ञों द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया गया। विशेषज्ञों द्वारा इनोवेटिव बिजनेस मॉडल, फ्रेंचाइजी बिजनेस मॉडल, प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने, सीएम युवा हेल्पलाइन पोर्टल, आवेदन प्रक्रिया के संबंध में विशेष प्रस्तुतीकरण किया गया।


कार्यशाला में उपस्थित विद्यार्थियों, लाभार्थियों, बैंकर्स की जिज्ञासाओं का समाधान समिति के विषय विशेषज्ञ, अग्रणी जिला प्रबंधक एवं उद्योग विभाग के अधिकारी गण द्वारा किया गया। मंच संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन सहायक आयुक्त उद्योग द्वारा किया गया। कार्यशाला का आयोजन कार्यालय -उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र, वाराणसी द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में उद्योग विभाग , युवा कल्याण,खाद्य प्रसंस्करण, एन आर एल एम,हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग आदि के अधिकारी/कार्मिक गण, खंड विकास अधिकारी, विभिन्न आई टी आई, महाविद्यालय /विश्वविद्यालय, तकनीकी शिक्षा के शिक्षक गण, अंतिम वर्ष एवं पासआउट विद्यार्थी, संभावित लाभार्थी, सी एस सी संचालक, बैंक अधिकारी,बैंक जनपद समन्वयक आदि उपस्थित रहे।

शुक्रवार, 7 मार्च 2025

VKM Varanasi में "फेमिनिस्ट रिसर्च मेथोडोलॉजी वर्कशॉप" के 5 वें दिन भी नारीवादी शोध दृष्टिकोणों पर हुई चर्चा

नारीवादी अध्ययन में गुणात्मक दृष्टिकोण पर डाला प्रकाश

Varanasi (dil India live). वासंत कन्या महाविद्यालय द्वारा आयोजित "फेमिनिस्ट रिसर्च मेथोडोलॉजी वर्कशॉप" के पाँचवें दिन भी नारीवादी शोध दृष्टिकोणों पर गहन चर्चा जारी रही, जिसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रतिष्ठित विद्वानों ने भाग लिया।

प्रथम सत्र का संचालन डॉ. राजीव दुबे, सह-प्राध्यापक, समाजशास्त्र विभाग, सामाजिक विज्ञान संकाय, बीएचयू द्वारा किया गया। उन्होंने "नारीवादी शोध में गुणात्मक विधियाँ" विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. दुबे ने नारीवादी अध्ययन में गुणात्मक दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि किस प्रकार आख्यान (नैरेटिव), केस स्टडीज़ और नृवंशविज्ञान (ethnography) विधियाँ महिलाओं के जीवन अनुभवों को समझने में सहायक होती हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ये विधियाँ पारंपरिक पुरुष-प्रधान शोध ढाँचों को चुनौती देती हैं और लैंगिक यथार्थ को गहराई से समझने में मदद करती हैं।

द्वितीय सत्र में प्रो. मधु कुशवाहा, शिक्षा संकाय, बीएचयू ने "नारीवादी शोध में अंतःविषयता (intersectionality) की समझ" विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सामाजिक पहचान जैसे लिंग, जाति, वर्ग और जातीयता किस प्रकार परस्पर जुड़ी होती हैं और वे उत्पीड़न एवं विशेषाधिकार के अनुभवों को किस तरह प्रभावित करती हैं। प्रो. कुशवाहा ने नारीवादी शोध में समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि सामाजिक असमानताओं की अधिक व्यापक समझ विकसित की जा सके।

दोनों सत्र अत्यंत विचारोत्तेजक और ज्ञानवर्धक रहे, जिसमें प्रतिभागियों को नारीवादी शोध पद्धतियों के सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया गया। संवादात्मक चर्चाओं ने शोधार्थियों को गुणात्मक एवं अंतःविषय (इंटरसेक्शनल) दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित किया।

कार्यशाला का संचालन वैदेही सिंह (बी.ए., राजनीति विज्ञान विभाग) द्वारा किया गया, तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शशिकेश कुमार गोंड ने प्रस्तुत किया। कार्यशाला में , डॉ. अनुराधा बापुली, डॉ. प्रियंका एवं डॉ. सिमरन सेठ सह-समन्वयक के रूप में उपस्थित रहीं।

बुधवार, 5 मार्च 2025

VKM Varanasi में नारीवादी शोध पद्धति कार्यशाला

दूसरे दिन लैंगिक समावेशिता और नारीवादी दृष्टिकोण पर हुआ विमर्श

कार्यशाला में डीएवी पीजी कॉलेज, वाराणसी के राजनीति विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. स्वाति नंदा ने "लैंगिक रूढ़ियों को चुनौती देना एवं लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देना" विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. नंदा ने सामाजिक मानकों पर प्रश्न उठाने, पूर्वाग्रहों को समाप्त करने और शोध तथा दैनिक जीवन में समावेशी दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर जोर दिया।

 


Varanasi (dil India live). वाराणसी के वसंत कन्या महाविद्यालय द्वारा आयोजित "फेमिनिस्ट रिसर्च मेथोडोलॉजी" कार्यशाला के दूसरे दिन प्रतिभागियों को विचारोत्तेजक चर्चाओं और प्रभावशाली दृश्य प्रस्तुतियों के माध्यम से लैंगिक समावेशिता और नारीवादी दृष्टिकोण पर गहन विमर्श में संलग्न किया गया। कार्यशाला में डीएवी पीजी कॉलेज, वाराणसी के राजनीति विज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर, डॉ. स्वाति नंदा ने "लैंगिक रूढ़ियों को चुनौती देना एवं लैंगिक समावेशिता को बढ़ावा देना" विषय पर व्याख्यान दिया। डॉ. नंदा ने सामाजिक मानकों पर प्रश्न उठाने, पूर्वाग्रहों को समाप्त करने और शोध तथा दैनिक जीवन में समावेशी दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर जोर दिया। चर्चा को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए, डॉ. नंदा ने दो सशक्त लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया: आलिया भट्ट की "गोइंग होम" और ईरानी लघु फिल्म "बीइंग ए वुमन इन ईरान"। इन फिल्मों ने महिलाओं की सुरक्षा, स्वायत्तता और पितृसत्तात्मक संरचनाओं में उनके संघर्षों को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। इसके बाद एक गहन चर्चा सत्र हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने फिल्मों में प्रस्तुत विषयों का नारीवादी शोध के संदर्भ में आलोचनात्मक विश्लेषण किया।

कार्यशाला का संचालन एम.ए. अंतिम वर्ष (राजनीति विज्ञान) की छात्रा, आदिया तिवारी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अनुराधा बापुली और कार्यशाला में सह समन्वयक डॉ सिमरन सेठ उपस्थित रहीं।