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रविवार, 27 अगस्त 2023

rakshaabandh को लेकर खत्म हुई दुविधा

31 को मनाये रक्षाबंधन, 30 को है भद्रा 
 

Mohd Rizwan

Varanasi (dil India live). 27.08.2023. रक्षाबंधन कब मनाएं, 30 अगस्त को या 31 को, इसे लेकर लोगों में दुविधा थी. मगर यह दुविधा अब दूर हो गई रक्षाबंधन इस बार 31 अगस्त को मनाए जाने का फैसला काशी के पुरोहितों ने लिया है. दरअसल हर साल श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया रक्षाबंधन मनाया जाता है. ज्योतिषाचार्य पी. वार्ष्णेय की सलाह है कि इस बार 31 अगस्त को रक्षाबंधन मनाएं.  ज्योतिषाचार्य ने बताया कि 30 अगस्त को सुबह 10:59 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी. इसके बाद पूर्णिमा तिथि है, लेकिन 10:59 बजे से रात 9:02 बजे तक भद्रा काल रहेगा। भद्राकाल में राखी बांधना ठीक नहीं होता है। 31 अगस्त बृहस्पतिवार को उदय तिथि में पूर्णिमा रहेगी। तब सुबह रक्षाबंधन मना सकते हैं। 30 अगस्त को यदि राखी बांधनी भी है तो रात 9:02 बजे के बाद राखी बांधने की सलाह दी गई है.

रक्षाबंधन क्या कहता है वास्तु नियम 

वास्तु के अनुसार घर का मुख्य द्वार वह प्रमुख स्थान है जहां से सकारात्मक ऊर्जा आपके घर के भीतर प्रवेश करती है,जो आपकी और भाई की समृद्धि के लिए मददगार हो सकती है। रक्षाबंधन के दिन मुख्य द्वार पर ताजे फूलों और पत्तियों से बनी बंधनवार लगाएं और रंगोली से घर को सजाएं। पूजा के लिए एक थाली में स्वास्तिक बनाकर उसमें चंदन, रोली, अक्षत, राखी, मिठाई, और कुछ ताज़े फूलों के बीच में एक घी का दीया रखें. दीपक प्रज्वलित कर सर्वप्रथम अपने ईष्टदेव को तिलक लगाकर राखी बांधें और आरती उतारकर मिठाई का भोग लगाएं. फिर भाई को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठाएं. इसके बाद उनके सिर पर रुमाल या कोई वस्त्र रखें.अब भाई के माथे पर रोली-चंदन और अक्षत का तिलक लगाकर उसके हाथ में नारियल दें. 

राखी बांधते समय पढ़ें यह मंत्र 

"येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:" इस मंत्र को बोलते हुए भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें. भाई की आरती उतारकर मिठाई खिलाएं और उनके उत्तम स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य के लिए भगवान से प्रार्थना करें. इसी दिन देवताओं, ऋषियों और पितरों का तर्पण करने से परिवार में सुख शान्ति और समृद्धि बढ़ती है. 

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