इमाम हुसैन के जश्न में जगह जगह महफ़िलें सजी, लोगों को बांटा जा रहा तबर्रुक
Mohd Rizwan
Varanasi (dil India live)। आज देश दुनिया में नबी के नवासे हजरत इमाम हुसैन की यौमे पैदाइश का जश्न मनाया जा रहा है। इसी क्रम में वाराणसी में रविवार को शहीद-ए-कर्बला इमाम हुसैन की १४४२ वी जयंती पूरी अकीदत और एहतेराम संग शुरू हुई। इस सिलसिले से कई जगह महफिलें सजाई गई, शायरों ने कलाम पेश किए, उलेमा ने तकरीर कर इमाम हुसैन की जिंदगी और उनकी शहादत पर रौशनी डाली। शिवपुर में अंजुमन panjetani द्वारा, अर्दली बाजार, जामा मस्जिद मीर गुलाम अब्बास में, दोषीपुरा, रसूलपुरा, बड़ी बाजार, कच्चीबाग, पठानीटोला मस्जिद मुजीब, प्रह्लादघाट, पड़ाव, रामनगर जामा मस्जिद हैदरी, शिवाला, बजरडीहा, भेलूपुर, मदनपुरा, दालमंडी, नई सड़क, कालीमहल, लल्लापुरा आदि क्षेत्रों में महफिलें सजाकर इमाम हुसैन की विलादत का जश्न मनाया गया। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी फरमान हैदर ने बताया कि दरगाहे फातमान में तथा सदर इमामबाड़े में इमाम हुसैन का रौजा सजाया गया। लोगों ने मिठाइयों का तबर्रुक एक दूसरे को बाटा, इस दौरान फल और मेवे भी तकसीम किए गए। कई स्थानों पर हजरत अब्बास की जयंती की पूर्व संध्या पर भी महफिल सजाकर जश्न मनाया गया।
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ऐसे ही रविवार को दिन में 1:00 बजे डर्बीशायर क्लब द्वारा शहीदाने कर्बला हजरत इमाम हुसैन की यौमे पैदाइश (जन्मदिन) बनारस के पितर कुंडा तिराहे पर मनाई गई। इस दौरान उन्होंने लोगों को गुलाब का फूल देकर और मिठाइयां खिलाया गया।
इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर ने कहा कि हजरत इमाम हुसैन का जन्म उर्दू कैलेंडर के हिसाब से तीन शाबान चार हिजरी (11 जनवरी 626 ई) में अरब की सर जमीन मदीने में हुआ था ।शकील ने कहा कि उनके पिता शेरे खुदा हजरत अली थे और उनकी मां फातिमा जेहरा हज़रत मोहम्मद साहब की बेटी थी। हजरत इमाम हुसैन, हज़रत मोहम्मद साहब के नवासे थे।
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इस कार्यक्रम में हाजी असलम हैदर मलाई एडवोकेट, सकलैन हैदर, जावेद हुसैन, अयान हैदर, इरफान पाशा, कौनैन हैदर, फरमान हैदर, शाहिद राजा, हैदर अली, मजहिर हुसैन, गोलू हुसैन, मोहम्मद अख्तर अली, हैदर मोहम्मद अली आदि मौजूद थे। दरअसल इमाम हुसैन का जन्म ३ शाबान सन ४ हिजरी को मदीने में हुआ था और आपकी शहादत १० मुहर्रम सन ६१ हिजरी को कर्बला में हुई थी। सोमवार ३ फरवरी को भी महफिलों का सिलसिला जारी रहेगा।