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सोमवार, 16 जनवरी 2023

Varanasi में उत्साह के साथ मनाया गया ‘‘एकीकृत निक्षय दिवस’’

India को टीबी मुक्त बनाने में सभी के सहयोग की जरूरत: CMO 



Varanasi (dil india live).राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम व टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सोमवार को जिले में ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। इस दौरान कार्यक्रमों का आयोजन कर टीबी मरीजों को पोषण पोटली वितरित की गयी साथ ही मंडलीय चिकित्सालय, जिला राजकीय चिकित्सालय व सर सुंदरलाल चिकित्सालय (बीएचयू) समेत जिले के समस्त हेल्थ वेलनेस सेंटर, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आने वाले व्यक्तियों की टीबी स्क्रीनिंग की गई और संभावित 1लक्षण वाले 10 फीसदी व्यक्तियों का बलगम एकत्र कर जांच के लिए भेजा गया । इसके अलावा कुष्ठ रोग, कालाजार व फाइलेरिया की भी जांच की गयी।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के उद्देश्य से हर माह की 15 तारीख को ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया है लेकिन इस बार 15 तारीख को अवकाश होने के कारण 16 जनवरी को ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ मनाया जा रहा है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य टीबी रोग के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ ही अधिक से अधिक टीबी मरीजों का चिन्हित कर उनका उपचार करना, प्राइवेट नोटिफिकेशन में तेजी लाना, पोषण सामग्री व आर्थिक सहयोग से उन्हें जल्द से जल्द स्वस्थ करना है । उन्होंने कहा कि देश को टीबी मुक्त बनाने में सभी के सहयोग की जरूरत है। लिहाजा इस दिशा में सभी को मिलजुल कर प्रयास करना चाहिए ताकि वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाया जा सके।

‘एकीकृत निक्षय दिवस’ पर श्री शिव प्रसाद गुप्त मण्डलीय चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम में एसआईसी डॉ  घनश्याम मौर्य ने सामाजिक संस्था कुसुम मेमोरियल फाउण्डेशन व आदित्य फाण्डेशन के सहयोग से 16 क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान किया। इस दौरान डीटीसीएमओ डॉ अन्वित श्रीवास्तव, एसटीएस धर्मेन्द्र  सिंह, टीबी एचवी संदीप कौशल,  संजय भारती, रमेश लाल, टीबी चैम्पियन मो. अहमद, के अलावा अरुण सिंह व आलोक सिंह मौजूद थे। पोषण पोटली प्राप्त करने के बाद मैदागिन निवासी संजय (19 वर्ष) ने कहा कि यह उनके लिए काफी लाभदायक होगी। कोयला बाजार की सीफा (15 वर्ष ) ने बताया कि उपचार कराने में उसे सभी सहयोग मिल रहा है। अब पोषण पोटली इसमें और सहायता करेगी।

नगरीय सीएचसी दुर्गाकुंड में ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ पर आयोजित कार्यक्रम में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पीयूष राय ने क्षय रोगियों को पोषण पोटली प्रदान की । इस अवसर पर उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज पूरी तरह से संभव है । टीबी की दवा पूरी अवधि तक लेना है और एक भी दिन दवा छूटनी नहीं चाहिए । शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौकाघाट में भी ‘एकीकृत निक्षय दिवस’ पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। इस अवसर पर डॉ अतुल सिंह ने टीबी के मरीजों को पोषण पोटली प्रदान किया। साथ ही उन्होंने मरीजों को नियमित दवा का सेवन करने, हरी सब्जी के साथ पोषणयुक्त भोजन करने तथा समय-समय पर जांच कराने की सलाह दी।  इस अवसर पर अधीक्षक डा. मनमोहन, टीबी सुपरवाइजर शिव कुमार सोनकर, टीबी लैब सुपरवाइजर सुरेंद्र कुमार यादव, टीवीएचवी पवन पाठक टीबीएचवी  प्रवीण कुमार, एलटी राजीव, टीपीटी सुपरवाइजर विपिन कुमार, टीबी चैंपियन साबरीन बानो फार्मासिस्ट अर्चना समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।

सोमवार, 19 सितंबर 2022

Awards:सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र को राज्यपाल करेंगी सम्मानित

वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य

  • अभी जिले में हैं 17 निक्षय मित्र, पौष्टिक आहार व उपचार में करेंगे मदद
  • सीएमओ और जिला क्षय रोग अधिकारी भी बने निक्षय मित्र


Varanasi (dil india live).यदि आप निक्षय मित्र हैं, अर्थात आपने किसी टीबी मरीज को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है, तो प्रदेश की राज्यपाल आपके इस सराहनीय कार्य के लिए आपको सम्मानित कर सकती हैं। इस संबंध में राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी एवं संयुक्त निदेशक (क्षय) ने प्रदेश के सभी जिला क्षय अधिकारियों को पत्र लिख कर उत्कृष्ट कार्य करने वाले सर्वश्रेष्ठ निक्षय मित्र का विवरण भी मांगा है। दरअसल निक्षय मित्र योजना के तहत कोई भी व्यक्ति टीबी (क्षय) रोग के खिलाफ शुरू की गई राष्ट्रव्यापी जंग में अपना योगदान दे सकता है। ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। 

इस मुहिम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी और जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय भी निक्षय मित्र बन गए हैं। इसके साथ ही सीएमओ ने लोगों से निक्षय मित्र बनकर टीबी के खिलाफ जंग को मजबूती देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश ने सम्मलित प्रयासों से पोलियो और कोरोना के खिलाफ जंग जीती है, उसी प्रकार टीबी के खिलाफ जंग को जीतने के लिए सम्मिलित प्रयास किया जाना है। वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य है। इसके लिए बीते दिनों में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान लांच किया गया। इस अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए निक्षय मित्र योजना की भी शुरुआत की गई है। 

क्या है निक्षय मित्र योजना

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ पीयूष राय ने बताया कि निक्षय मित्र योजना टीबी से पीड़ित लोगों को गोद लेने की योजना है। इस योजना के तहत कोई भी स्वयंसेवी संस्था, औद्योगिक इकाई या संगठन, राजनीतिक दल या कोई भी व्यक्ति टीबी मरीज को गोद ले सकेगा, ताकि वह इलाज में उसकी मदद करा सके और उसके लिए हर माह पौष्टिक आहार की व्यवस्था करा सके। इस अभियान के तहत निक्षय मित्र बनने वाले व्यक्ति या संस्था को कम से कम एक साल के लिए और अधिक से अधिक तीन साल के लिए किसी ब्लॉक, वार्ड या जिले के टीबी रोगियों को गोद लेकर उन्हें भोजन, पोषण आदि जरूरी मदद उपलब्ध करानी होती है। इस अभियान से जुड़ने के लिए आप निक्षय पोर्टल www.nikshay.in पर रजिस्टर किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त एसएसपीजी मंडलीय चिकित्सालय स्थित जिला क्षय रोग केंद्र पर संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिले में 17 निक्षय मित्र हैं और संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।   

योजना का उद्देश्य

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के डीपीसी संजय चौधरी व डीपीपीएमसी नमन गुप्ता ने बताया कि इस अभियान को जन-आंदोलन बनाकर आमजन को बताना होगा कि इस बीमारी की रोकथाम संभव है। इसका इलाज आसान और नि:शुल्क है। लोगों को यह भी बताना होगा कि टीबी के कीटाणु हर व्यक्ति के शरीर में मौजूद होते हैं। लेकिन जब रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो व्यक्ति में यह रोग दिखता है। इलाज से इस बीमारी से जरूर छुटकारा मिल सकता है। ये सभी बातें लोगों तक पहुंचने के बाद ही टीबी से प्रभावित लोग इलाज की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।

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