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सोमवार, 18 अप्रैल 2022

श्रमदान कर युवा बदल रहे संगम तालाब की तस्वीर

गंदगी तथा जलकुंभी से गंदगी की चपेट में था संगम तालाब


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। प्रसिद्ध तीन तालाबों के क्षेत्र माने जाने वाले राजातालाब क्षेत्र अब पानी की समस्या से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र बन गया है। जल संरक्षण के अभाव में यहां के तालाबों का अस्तित्व धीरे-धीरे नष्ट होने लगा। जिसे देखकर युवाओं का नजरिया बदला नजर आया, जहां सोमवार को आराजी लाईन ब्लाक के ग्राम पंचायत कचनार क्षेत्र में स्थित दम तोड़ती दलदल संगम तालाब में जमा हो चुके गंदगी को युवाओं के द्वारा सामूहिक श्रमदान करते हुए सफाई अभियान की शुरुआत की गई। साफ सफाई के पहले ही दिन तालाब की तस्वीर बदलने लगी है। दर्जनों की संख्या में घरों से बाहर आए युवाओं और ग्राम प्रधान के ओर से लगाए गए दो दर्जन से अधिक मज़दूरों के द्वारा स्वयं श्रमदान से इस तालाब को स्वच्छता तथा पुनर्जीवित करने के लिए यहां स्थित जलकुंभी, गंदगी तथा कचरे के ढेर को साफ किया। जिसकी क्षेत्र में सराहना की जा रही है।

स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि इस तालाब का उपयोग क्षेत्र वासी नहाने के साथ अन्य जरूरी कार्यों में करते हैं। जिसकी साफ सफाई ना होने से तालाब में जलीय पौधों के साथ ही जलकुंभी के कारण उपयोग में परेशानी होती थी। धीरे-धीरे गंदगी से तालाब की तलहटी भरती जा रही थी। अगर इसकी सफाई नहीं की जाती तो कुछ समय बाद यह मात्र गंदगी से भरा तालाब नजर आता। 

श्रमदान में शामिल स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तालाब की साफ-सफाई कराए जाने को लेकर ज़िम्मेदार विभाग और जनप्रतिनीधियों को कई बार कहां गया। जिनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद युवाओं के द्वारा सामूहिक श्रमदान का निर्णय लेते हुए तालाब की सफाई करने का काम किया गया। सोमवार सुबह सभी युवाओं ने एकजुटता दिखाते हुए तालाब की साफ सफाई के कार्य में जुट गए। सुबह से शाम तक तालाब को गंदगी से मुक्त कर दिया गया है। इसके बाद मंगलवार को भी ऐसा ही करते हुए घाट में जमी हुई गंदगी को दूर किया जाएगा। तालाब के सफ़ाई अभियान का जायज़ा लेने पहुँचे आराजीलाईन ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि डा महेंद्र सिंह पटेल ने उक्त तालाब को मूल रूप में वापस लाने को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है।

इस सफाई अभियान में मुख्य भूमिका निभाते हुए राजकुमार गुप्ता ने बताया कि धार्मिक महत्ता के पंचक्रोशी मार्ग और गांव के अंदर आने के मुख्य रास्ते पर ही तालाब है। गंदगी से पटा होने के कारण उससे दुर्गंध आती थी। कई बार ज़िम्मेदार जनप्रतिनीधियों और अन्य अधिकारी, कर्मचारियों से इसकी शिकायत की गई लेकिन कहीं से कोई मदद न होते देख हम युवाओं ने ही खुद श्रमदान करके पूरे तालाब से जलकुंभी को हटाने का प्रयास किया जिसमें ग्राम प्रधान ने भी सहयोग दिया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय पटेल ने भूमि पूजन के पश्चात मिठाई खिलाकर युवाओं को प्रोत्साहित किया। लोगों ने युवाओं के इस नेक कार्य को खूब सराहा।

जल स्रोत धरोहर संभालना जरूरी

श्रमदान के मौके पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय पटेल ने बताया कि अगर हम सभी मिलकर थोड़ा सा प्रयास करें तो जीवनदायीं इन तालाबों का भविष्य जन सहभागिता से संवर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि इन जलस्रोतों की धरोहर को सुरक्षित रखने में अपनी भागीदारी निभाएं। समाजसेवी मनोज पटेल ने बताया कि जिम्मेदारों के जल स्रोतों के रखरखाव व संरक्षण के दावे योजना व कागजों में सिमटे ज्यादा नजर आते हैं अगर इन्हें संभाला जाए तो आने वाली पीढ़ियों को यह बहुमूल्य तालाब स्वच्छ जल देने में सहायक बनेंगे। स्थानीय कृष्णा प्रसाद जायसवाल ने बताया कि प्राचीन मंदिर पंचक्रोशी मार्ग पर तालाब होने से आते जाते क्षेत्रवासी इसकी दुर्दशा देखकर चिंता व रोष तो जाहिर करते हैं लेकिन सख्त कदमों को आगे बढ़ाने में पहल नहीं किए जाने से स्थिति बदतर हुई है।

प्रदूषण युक्त दूषित जल चिंताजनक

वैसे तो इस क्षेत्र में कई प्राचीन जल स्रोत व तालाब है लेकिन सभी दुर्दशा का शिकार है। क्षेत्र के तालाबों की स्थिति दयनीय बनी है वही मानव स्वास्थ्य के लिए घातक प्लास्टिक, रसायन आदि से ओतप्रोत मलबों से लिपटे तथा लगातार कूड़ा करकट के साथ धार्मिक आयोजनों की वस्तुओं को इनमें डाले जाने के बारे में किसी भी प्रकार का ख़ौफ़ या चिंता दिखाई नहीं देती। सरकार के साथ-साथ लोगों की उदासीनता, लापरवाही और जागरूकता का अभाव तालाबों की रौनक को खत्म कर रहा है इसलिए इस को प्राथमिकता से लेना होगा।

तालाब की सफाई व श्रमदान में मुख्य रूप से सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, मनोज पटेल, डा. महेंद्र सिंह पटेल, विजय पटेल, महेंद्र राठौर, मंगरू, प्रमोद सिंह, कृष्णा प्रसाद जायसवाल, पप्पू विश्वकर्मा, संजय सोनकर, रमेश सोनकर, बंटी गुप्ता, रतन शामिल थे।

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