आगमन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
आगमन लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

सोमवार, 6 दिसंबर 2021

यीशु आया ज़मी पे नाचे सारा आसमान....

आगमन के दूसरे संडे को कैरोल सिंगिंग संग सजे चर्च



 

वाराणसी 06 दिसंबर (dil india live)। प्रभु यीशु के आगमन के दूसरे संडे को कैरोल सिंगिंग संग चर्च सज गए। इस दौरान शहर भर के गिरजाघरों में गीत, यीशु आया जमी परे नाचे सारा आसमान-आसमान...। की गूंज फिज़ा में सुनाई देने लगी तो कहीं, अमन के राजकुमार तेरा हो अभिषेक...गाया गया।दरअसल क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस सीजन का आगाज पिछले इतवार को ही हो गया था। इस संडे प्रभु यीशु आगमन का दूसरा संडे था। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत देर रात तक गूंजते रहे। आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।

 आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो आज से 2021 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म के साथ पूरा हुआ था। उसी ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है। महागिरजा घर में फादर विजय शांतिराज, चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान, रामकटोरा चर्च में पादरी आदित्य कुमार, लाल चर्च में पादरी संजय दान, सेंट पाल चर्च में पादरी सैम जोशुआ सिंह, यीभु माता चर्च में फादर राजा, सेंट बेटलफुल गॉस्पल में पास्टर एंड्रू शामस व ईसीआई चर्च में नवीन ज्वाय व दशरथ पवार ने प्रार्थना कराई।

प्रभु यीशु का धन्यवाद

क्रिसमस भले ही 25 को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। यह आगमन का दूसरा इतवार था। पास्टर एसपी सिंह ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें।

 

रविवार, 28 नवंबर 2021

आगमन संग क्रिसमस का हुआ आगाज

गिरजाघरों में हुई अमन के राजकुमार की आराधना




वाराणसी (dil india live)। क्रिसमस का ग्लोबल पर्व भले ही 25 दिसंबर को मनाया जायेगा मगर क्रिसमस सीजन का आगाज इतवार को प्रभु यीशु आगमन काल की शुरुआत के साथ हो गया। इस दौरान गिरजाघरो में यीशु की स्तूति के गीत गूंजे, आराधना और प्रार्थना का दौर अलग अलग चर्चेज में सुबह से शाम तक चलता रहा। इसी के साथ अब क्रिसमस अपने रंग में रंगता चला जायेगा। 25 दिसंबर यानी प्रभु यीशु के जन्म पर क्रिसमस अपने शबाब पर होगा।

 दरअसल आगमन काल प्रभु यीशु के आगमन की आध्यात्मिक तैयारी को कहते है जो आज से 2021 वर्ष पूर्व ईसा मसीह के जन्म के साथ पूरा हुआ था। उसी ईसा मसीह की जयंती के लिए खुद को हृदय से तैयार करने का समय आगमन काल कहलाता है।  चर्च आफ बनारस में पादरी बेन जान ने आराधना कराते हुए कहा कि हम मसीही है इसका हमें गर्व है, हमें अपने सांसारिक जीवन पर चिंतन-मनन कर यह आकलन करना हैं कि मसीही होने के नाते हमने अब तक के जीवन में प्रभु यीशु के आदर्शों पर कितना अमल किया। रामकटोरा चर्च के पादरी आदित्य कुमार ने कहा कि प्रभु यीशु ने हमें जो जिन्दगी दी है उसके सदा हम आभारी है, हमारा फर्ज हैं कि हम भी प्रभु यीशु की सदा स्तूति करें। फादर राजा ने बताया कि क्रिसमस भले ही 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता हो मगर क्रिसमस की तैयारियां क्रिसमस के पूर्व पड़ने वाले उन चार इतवारों में से पहले इतवार से ही शुरू हो जाती है। आज आगमन का पहला इतवार है आज वाराणसी धर्मप्रांत के बिशप यूजीन जोसेफ की अगुवाई में सभी चर्चेज में आराधना व प्रार्थना एक साथ शुरू हुई। सभी ने अमन के राज कुमार की स्तूति की। सेंट मैरीज महागिरजा में पल्ली पुरोहित फादर विजय शांतिराज ने प्रार्थना करायी।  लाल गिरजाघर के सेक्रेटरी विजय दयाल ने बताया कि क्रिसमस के पूर्व आगमन का पहला इतवार आज था। इसके साथ ही 7 दिसंबर, 14 दिसंबर और 21 दिसंबर आगमन का दूसरा, तीसरा और चौथा इतवार होगा। इसके बाद क्रिसमस आयेगा। 

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...