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मंगलवार, 16 मई 2023

Kashi से kaba कि उड़ानें रद्द नहीं होगी: सरवर

पीएम मोदी को लिखा पत्र, कहां भाजपा विरोधी फैला रहे अफवाह 

प्रदेश हज कमेटी के सदस्य व वाराणसी प्रभारी हैं सरवर सिद्दीकी 


Varanasi (dil india live). प्रदेश हज कमेटी के सदस्य सरवर सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर मांग किया है। कि वाराणसी हवाई अड्डे से हज यात्रा 2023 जारी रखा जाए। मीडिया में आती खबरों पर उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि हज यात्रा 2023 के संबंध में कि काशी से काबा कि हवाई उड़ान अब लखनऊ से होगी।

सरवर सिद्दीकी ने बताया कि मैं वाराणसी जनपद का प्रभारी भी हूं,। हज कमेटी उत्तर प्रदेश सरकार कोई नया निर्णय लेगी तो मा सदस्यों को जरुर विश्वास में लिया जाएगा और समय पर सूचित भी किया जाता। फिर भी मैंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को इस संबंध में पत्र भी लिखा है और मांग भी किया है कि काबा कि हवाई उड़ान वाराणसी से ही हो। सरवर सिद्दीकी सदस्य हज कमेटी उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कुछ भाजपा विरोधी लोग अधिकारी को गुमराह करके, सरकार को बदनाम करने के उद्देश्य से ऐसा कर रहे हैं। सरवर सिद्दीकी ने यह भी बताया प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी यह भी चाहते हैं कि हज यात्रियों को कोई भी दिक्कत अथवा परेशानी न हो।

मंगलवार, 27 सितंबर 2022

Kashi se kaba की उड़ान शुरू हो: Hafiz noushad azmi

हज कान्फ्रेंस में हज मंत्री उड़ान का करें ऐलान

  • हाफिज नौशाद आजमी ने किया मांग
  • 29 सितंबर को है हज कान्फ्रेंस 




  • Aman 
Varanasi (dil india live). हाफिज नौशाद आजमी ने मांग किया है कि काशी से काबा की उड़ान फिर से शुरू किया जाएं। यह वही नौशाद आजमी हैं जिन्होंने लखनऊ और वाराणसी से हज की उड़ान शुरू कराने के लिए सफल आंदोलन चलाया था। दो दशक से अधिक समय से देश के हज यात्रियों की समस्याओं के समाधान के लिए वो संघर्ष करते आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश राज्य हज कमेटी से दो बार निर्वाचित केंद्रीय हज कमेटी के पूर्व में हाफिज नौशाद अहमद आजमी सदस्य भी थे। 
हाफिज नौशाद आजमी ने अल्पसंख्यक कल्याण व हज की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से मांग किया है कि 29 सितंबर 2022 को आयोजित दिल्ली में ऑल इंडिया हज कॉन्फ्रेंस के अवसर पर 9 इंबारकेशन पॉइंट जहां से हज यात्री जाते थे वाराणसी, गया, रांची, जयपुर, भोपाल, कालीकट, नागपुर औरंगाबाद, चेन्नई के हज यात्रियों की हवाई उड़ान स्थल जो बंद कर दिए गए थे उसे शुरू कराने की घोषणा करें।

जनाब आजमी ने एक पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री स्मॄति ईरानी को भेजा है। उन्होंने लिखा है कि इस संबंध में 10 नवंबर 2021 को हमने मंत्रालय को एक पत्र लिखा था यह उड़ान स्थल बंद नहीं होने चाहिए हज यात्रियों को बहुत असुविधा होगी जिसका जवाब मंत्रालय ने 6 दिसंबर 2021 को दिया कि कोविड-19 से ऐसा किया गया है और अगर हज कोटा बढ़ेगा हम इस पर विचार करेंगे। इस मांग को लेकर 3/9/ 2022 को भी एक पत्र मंत्रालय को भेजा था जिसका जवाब अभी नहीं मिला है । आज़मी ने पत्र में लिखा है कि यह उड़ान सथल किसी भी दशा में बंद नहीं होनी चाहिए क्योंकि अब कोविड नहीं है और हज यात्रियों का कोटा भी 2019 की तुलना में 2023 में बढ़ने की प्रबल संभावना है। उन्होंने लिखा है कि देश के हज यात्रियों की आयु एवरेज जाने वालों की 65 वर्ष से अधिक होती है अगर यह उड़ान स्थल बंद किए गए तो उत्तर प्रदेश के सोनभद्र और बलिया बॉर्डर के लोगों को लखनऊ की 850 किलोमीटर की यात्रा तय करनी पड़ेगी बिहार बॉर्डर से कोलकाता लगभग 13 सौ किलोमीटर है और झारखंड से भी लगभग 12 सौ किलोमीटर कोलकाता की दूरी है। राजस्थान सीमा से दिल्ली की दूरी भी 1200 किलोमीटर लगभग है। मध्य प्रदेश की सीमा शुरू से मुंबई से 1500 किलोमीटर की दूरी पर है। 

ज्ञात रहे कि हज यात्रियों को उड़ान से 2 दिन पहले हज हाउस पहुंचकर जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होती है इस तरह से इन हज यात्रियों को अपने घर से 4 दिन पहले निकलना पड़ेगा जो किसी भी दशा में उचित नहीं है।

उल्लेखनीय है कि 2019 में हज कमेटी द्वारा या ऑप्शन दिया गया था कि अपने करीब के आज उड़ान स्थल मुंबई, लखनऊ, दिल्ली, कोलकाता, जयपुर से लोग जा सकते हैं जहां का किराया इन जगहों से 10 हजार से ₹15000 कम था, लेकिन हज यात्रियों ने सुविधा को वरीयता दी, वाराणसी सहित इन्नोवेशन पॉइंट से हजारों हज यात्रा काबा के लिए रवाना हुए। इस तरह यह तय हो गया कि ज्यादा किराया देकर भी लोग इन जगहों से जाना पसंद करते हैं इसलिए किसी भी दशा में वाराणसी सहित यह 9 उड़ान स्थल बंद करना देश के हज यात्रियों के साथ अन्याय के समान होगा।

गौरतलब है कि हज यात्रियों के लंबे आंदोलन के बाद यह उड़ान स्थल एनडीए की स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई सरकार ने शुरू किया था और कुछ उड़ान यूपीए की डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने शुरू किया। जिसमें तकरीबन डेढ़ दशक से यह सुविधा हज यात्रियों को मिलती चली आ रही है। जनाब आजमी ने कहा की देश में हवाई अड्डा का विस्तार हो रहा है छोटे हवाई अड्डे बड़े हवाई अड्डे बन रहे हैं और ऐसी दशा में इन बूढ़े हज यात्रियों के साथ अन्याय क्यों ? आजमी ने मांग किया है कि 29 सितंबर को ऑल इंडिया हज कॉन्फ्रेंस में देश के हज यात्रियों को उड़ान स्थल वापस करके एक तोहफा दें। 

2007 में शुरू हुई थी काशी से काबा की उड़ान 

काशी से काबा की उड़ान वर्ष 2007 में लंबे संघर्षों के बाद हाफिज नौशाद अहमद की कोशिश से शुरू हुई थी। उस समय हज की उड़ान शुरू करने का श्रेय लेने की सियासी पार्टियों में होड़ मच गई थी, मगर जो लोग हज से जुड़े थे वो सब जानते और समझते हैं। तमाम मीडिया रिपोर्टों ने उड़ान शुरू होने पर हाफिज नौशाद आजमी को मुबारकबाद पेश की थी। इंडिया टुडे ने तो हाफिज नौशाद आदमी का पूरा इंटरव्यू भी विस्तार पूर्वक छापा था। जो इस बात की दलील है की हज की उड़ान के लिए हाफिज नौशाद आदमी और उनके हाजी साथियों ने कितना संघर्ष किया। एक बार फिर उड़ान बंद है मगर उसे पुनः शुरू करने के लिए हाफिज नौशाद आजमी के अलावा सतह पर कहीं कोई संघर्ष करता नहीं दिखाई दे रहा है।


तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...