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मंगलवार, 16 अगस्त 2022

Dawate islami india ने मनाया आजादी का अमृत महोत्सव

लगाया पौधा,लिया पर्यावरण बचाने का संकल्प 






Varanasi (dil india live). दावते इस्लामी इंडिया ने आजादी का अमृत महोत्सव धूमधाम से शहर बनारस में मनाया। इस दौरान जहां पौधे लगाए गए वही लोगों से पर्यावरण बचाने के लिए पौधारोपण करने की गुजारिश भी की गई। इससे पहले दावते इस्लामी इंडिया की ओर से मरकज में झंडारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। झंडारोहण के बाद कौमी तराना, नज़्म वह नात पढ़ी गई।
शाम में आजादी का जश्न बनाने के लिए लोगों का मजमा नाटी इमली में छूटा। इस दौरान दावते इस्लामी इंडिया के कार्यकर्ताओं ने जहां पौधा लगाने का संकल्प लिया वही वक्ताओं ने कहा कि जून, जुलाई का महीना गुजर गया आधा अगस्त भी चला गया मगर क्या वजह है कि इस बार बारिश नहीं हुई? इसकी सबसे बड़ी वजह एक है वो यह कि आधुनिकता कि चकाचौंध में हम दरख़्त काटते जा रहे हैं। इससे हमारा पर्यावरण बेहद बुरे दौर में पहुंच गया है। हमें पर्यावरण बचाने के लिए पौधारोपण करना होगा। फलदार, छायादार पेड़ लगाना होगा। तभी हमारा पर्यावरण बच पायेगा। कार्यक्रम का संचालन डा. साजिद ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसओ जैतपुरा वह पत्रकार अशफाक सिद्दीकी थे। कार्यक्रम में सरताज हुसैन एडवोकेट, अफरोज अख्तर, मोहम्मद शाहिद, मुबारक अततारी, मोहम्मद फहद, हालिम अंसारी, पप्पू, नूर मोहम्मद, शकील अहमद,नसीम, अहमद आदि मौजूद थे।

सोमवार, 18 अप्रैल 2022

श्रमदान कर युवा बदल रहे संगम तालाब की तस्वीर

गंदगी तथा जलकुंभी से गंदगी की चपेट में था संगम तालाब


वाराणसी (दिल इंडिया लाइव)। प्रसिद्ध तीन तालाबों के क्षेत्र माने जाने वाले राजातालाब क्षेत्र अब पानी की समस्या से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र बन गया है। जल संरक्षण के अभाव में यहां के तालाबों का अस्तित्व धीरे-धीरे नष्ट होने लगा। जिसे देखकर युवाओं का नजरिया बदला नजर आया, जहां सोमवार को आराजी लाईन ब्लाक के ग्राम पंचायत कचनार क्षेत्र में स्थित दम तोड़ती दलदल संगम तालाब में जमा हो चुके गंदगी को युवाओं के द्वारा सामूहिक श्रमदान करते हुए सफाई अभियान की शुरुआत की गई। साफ सफाई के पहले ही दिन तालाब की तस्वीर बदलने लगी है। दर्जनों की संख्या में घरों से बाहर आए युवाओं और ग्राम प्रधान के ओर से लगाए गए दो दर्जन से अधिक मज़दूरों के द्वारा स्वयं श्रमदान से इस तालाब को स्वच्छता तथा पुनर्जीवित करने के लिए यहां स्थित जलकुंभी, गंदगी तथा कचरे के ढेर को साफ किया। जिसकी क्षेत्र में सराहना की जा रही है।

स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि इस तालाब का उपयोग क्षेत्र वासी नहाने के साथ अन्य जरूरी कार्यों में करते हैं। जिसकी साफ सफाई ना होने से तालाब में जलीय पौधों के साथ ही जलकुंभी के कारण उपयोग में परेशानी होती थी। धीरे-धीरे गंदगी से तालाब की तलहटी भरती जा रही थी। अगर इसकी सफाई नहीं की जाती तो कुछ समय बाद यह मात्र गंदगी से भरा तालाब नजर आता। 

श्रमदान में शामिल स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तालाब की साफ-सफाई कराए जाने को लेकर ज़िम्मेदार विभाग और जनप्रतिनीधियों को कई बार कहां गया। जिनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसके बाद युवाओं के द्वारा सामूहिक श्रमदान का निर्णय लेते हुए तालाब की सफाई करने का काम किया गया। सोमवार सुबह सभी युवाओं ने एकजुटता दिखाते हुए तालाब की साफ सफाई के कार्य में जुट गए। सुबह से शाम तक तालाब को गंदगी से मुक्त कर दिया गया है। इसके बाद मंगलवार को भी ऐसा ही करते हुए घाट में जमी हुई गंदगी को दूर किया जाएगा। तालाब के सफ़ाई अभियान का जायज़ा लेने पहुँचे आराजीलाईन ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि डा महेंद्र सिंह पटेल ने उक्त तालाब को मूल रूप में वापस लाने को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया है।

इस सफाई अभियान में मुख्य भूमिका निभाते हुए राजकुमार गुप्ता ने बताया कि धार्मिक महत्ता के पंचक्रोशी मार्ग और गांव के अंदर आने के मुख्य रास्ते पर ही तालाब है। गंदगी से पटा होने के कारण उससे दुर्गंध आती थी। कई बार ज़िम्मेदार जनप्रतिनीधियों और अन्य अधिकारी, कर्मचारियों से इसकी शिकायत की गई लेकिन कहीं से कोई मदद न होते देख हम युवाओं ने ही खुद श्रमदान करके पूरे तालाब से जलकुंभी को हटाने का प्रयास किया जिसमें ग्राम प्रधान ने भी सहयोग दिया। ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय पटेल ने भूमि पूजन के पश्चात मिठाई खिलाकर युवाओं को प्रोत्साहित किया। लोगों ने युवाओं के इस नेक कार्य को खूब सराहा।

जल स्रोत धरोहर संभालना जरूरी

श्रमदान के मौके पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विजय पटेल ने बताया कि अगर हम सभी मिलकर थोड़ा सा प्रयास करें तो जीवनदायीं इन तालाबों का भविष्य जन सहभागिता से संवर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि इन जलस्रोतों की धरोहर को सुरक्षित रखने में अपनी भागीदारी निभाएं। समाजसेवी मनोज पटेल ने बताया कि जिम्मेदारों के जल स्रोतों के रखरखाव व संरक्षण के दावे योजना व कागजों में सिमटे ज्यादा नजर आते हैं अगर इन्हें संभाला जाए तो आने वाली पीढ़ियों को यह बहुमूल्य तालाब स्वच्छ जल देने में सहायक बनेंगे। स्थानीय कृष्णा प्रसाद जायसवाल ने बताया कि प्राचीन मंदिर पंचक्रोशी मार्ग पर तालाब होने से आते जाते क्षेत्रवासी इसकी दुर्दशा देखकर चिंता व रोष तो जाहिर करते हैं लेकिन सख्त कदमों को आगे बढ़ाने में पहल नहीं किए जाने से स्थिति बदतर हुई है।

प्रदूषण युक्त दूषित जल चिंताजनक

वैसे तो इस क्षेत्र में कई प्राचीन जल स्रोत व तालाब है लेकिन सभी दुर्दशा का शिकार है। क्षेत्र के तालाबों की स्थिति दयनीय बनी है वही मानव स्वास्थ्य के लिए घातक प्लास्टिक, रसायन आदि से ओतप्रोत मलबों से लिपटे तथा लगातार कूड़ा करकट के साथ धार्मिक आयोजनों की वस्तुओं को इनमें डाले जाने के बारे में किसी भी प्रकार का ख़ौफ़ या चिंता दिखाई नहीं देती। सरकार के साथ-साथ लोगों की उदासीनता, लापरवाही और जागरूकता का अभाव तालाबों की रौनक को खत्म कर रहा है इसलिए इस को प्राथमिकता से लेना होगा।

तालाब की सफाई व श्रमदान में मुख्य रूप से सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता, मनोज पटेल, डा. महेंद्र सिंह पटेल, विजय पटेल, महेंद्र राठौर, मंगरू, प्रमोद सिंह, कृष्णा प्रसाद जायसवाल, पप्पू विश्वकर्मा, संजय सोनकर, रमेश सोनकर, बंटी गुप्ता, रतन शामिल थे।

रविवार, 10 अप्रैल 2022

इस तालाब पर तो किसी की नज़र ही नहीं है

गंदगी, कचरे से भरा है राजातालाब का ऐतिहासिक संगम तालाब

वाराणसी १०अप्रैल (दिल इंडिया लाइव)। आज जहां जल जीवन हरियाली को लेकर लाखों करोड़ों रुपए खर्च कर तालाब का निर्माण, पुराने तालाबों का जीर्णोद्धार और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तालाबों से अतिक्रमण हटाने में पूरा प्रशासनिक अमला जुटा है वहीं राजातालाब तहसील और आराजी लाईन ब्लाक मुख्यालय स्थित कचनार गाँव का ऐतिहासिक संगम तालाब अधिकारियों और जनप्रतिनीधियों की उपेक्षा से गंदे नाले में तब्दील हो गया है। लोगों का कहना है कि एक दशक पहले मनरेगा योजना से नाम मात्र भर इसकी सफाई कराई गई थी लेकिन तालाब के जीर्णोद्धार के लिए कभी कारगर प्रयास नहीं किए गए। अभी स्थिति यह है कि सरकारी अनदेखी के कारण इन दिनों तालाब को जलकुंभी के बढ़ते जंगलों ने पूरी तरह अपने आगोश में ले लिया है। इससे जलस्तर घटने के साथ पानी दुर्गंध युक्त और विषाक्त हो चला है। पूरा तालाब कूड़े-कचरे से पट गया है। इसके आसपास रोज हो रहे अतिक्रमण और बढ़ते प्रदूषण से क्षेत्रवासी बेहद चिंतित हैं। एक समय था जब इस तालाब पर राजातालाब वासी गर्व करते थे और आज इसकी दुर्दशा को देखकर सभी का मन व्यथित है। जानकार बताते हैं कि तीन दशक पहले तक इस तालाब में घंटों नहाना, कपड़े धोना, पशुओं को पानी पिलाना और तालाब के महार पर घूमने जाना लोगों की आदतों में शुमार था। यहां तक कि इस तालाब के पानी का उपयोग प्रमुख मंदिरों में होता था। आज स्थिति ठीक इसके विपरीत है। अब लोग पानी को हाथ में लेना भी पसंद नहीं करते हैं। इस तालाब में बाजार का अधिकांश कूड़ा-कचरा बेरोकटोक फेंका जा रहा है। तालाब के आस पास अतिक्रमित घरों का गंदा पानी इसी में बहाया जा रहा है। तालाब के किनारे शौच करना और गंदगी के ढेर पर सुअरों का जमावड़ा तालाब की दुर्दशा की सच्चाई है। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि उक्त तालाब के जिर्णोद्धार के लिए कई बार ज़िम्मेदार लोगों से बात कई ग गई मगर हुआ कुछ भी नहीं।


मंगलवार, 28 दिसंबर 2021

पहाड़ों पर बर्फबारी, पूर्वांचल में बारिश

गलन बढ़ने की संभावना, हो सकती है बनारस में और बारिश

वाराणसी 28 दिसंबर(dil india live)। पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी से वाराणसी समेत आसपास के जिलों के मौसम का मिजाज बदल गया। मंगलवार की सुबह हल्के कोहरे के बाद धूप निकली। जिसके बाद बादलों की आवाजाही शुरू हो गई। वहीं दोपहर में बरसात से पूर्वांचल के कई जिलों सेमत बिहार और मध्य प्रदेश का भी मौसम बदल गया। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो बनारस में अभी और बारिश और गलन बढ़ने की संभावना है। मंगलवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।।पिछले कुछ दिनों से तापमान में बढ़ोतरी हुई लेकिन मौसम विभाग के अनुसार इस हफ्ते में पारा गिरेगा। जिसकी वजह से ठंड भी बढ़ने वाली है। दूसरी तरफ प्रदूषण के स्तर में भी बहुत सुधार नहीं है और इस हफ्ते भी आज के आसपास ही एक्यूआई रहने का अनुमान है। 

मंगलवार सुबह वाराणसी के ग्रामीण इलाकों में कोहरा नजर आया। इधर, शाम को गलन और ठिठुरन ने लोगों को अलाव जलाने को मजबूर कर दिया है। सोमवार को अधिकतम तापमान 24.6 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि न्यूनतम तापमान करीब 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, आज बादल छाए रहेंगे। साथ ही और बारिश की भी संभावना है।

मंगलवार सुबह वाराणसी शहर से सटे इलाकों में कई जगहों पर कोहरा भी छाया रहा। धूप तो निकली लेकिन पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता की वजह से उसका असर कम रहा। पिछले दो दिनों से तापमान करीब-करीब स्थिर है। लेकिन एक दो दिन में बूंदाबांदी के कारण पारा गोता लगाएगा। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार आने वाले बादलों की आवाजाही जारी रहने और हल्की बूंदाबांदी के भी आसार बन रहे हैं।

गुरुवार, 16 दिसंबर 2021

नुक्कड़ नाटक के जरिये किया गंगा के प्रति जागरूक




वाराणसी 16 दिसंबर (dil india live)। दश्श्वमेध घाट पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, पर्यावरण मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार तथा जी आई जेड इण्डिया के सहयोग से लक्ष्य ए सोसाइटी फार सोशल एण्ड ईनवायरमेटल डवलपमेंट ने गंगा स्वच्छता एवं प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन विषय पर  नुक्कड़ नाटक “जिम्मेदारी किसकी” के माध्यम से माँ गंगा तथा काशी को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक किया गया I

 पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार, पर्यावरण मंत्रालय उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वच्छता तथा प्लास्टिक प्रबन्धन को लेकर जलीय तन्त्र पड़ने वाले दुष्प्रभाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है I इसके अंतर्गत काशी के घाटों पर नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जा रहा है, जिसके क्रम में आज दश्श्वमेध घाट पर नुक्कड़ नाटक दिखाया गया जिसमें प्लास्टिक प्रबन्धन के गैरजिम्मेदाराना रवैया से गंगा एवं जलीय प्रदुषण के बारे में जागरूक किया I नाटक में दिखाया गया की यदि प्लास्टिक का सही प्रकार से विभाजन और निस्तारण नहीं किया जाता हैं तो वह जलीय स्त्रोतों को दूषित करता है और प्लास्टिक नदी और तालाबों के तलहटी में जा कर बैठ जाता है उसके वजह से जलीय जीवों के जीवन पर प्रभाव पड़ता है वही नदियों से होते हुए अन्तःत समुद्र तक भी पहुँच रहे है इसके लिए हमने प्लास्टिक प्रबन्धन तथा स्वच्छता के प्रति जागरूक होने की आवश्कता है I नाटक में दिखाए गए कहानी में बताया गया कि प्लास्टिक को यदि सही प्रकार से वर्गीकरण एवं सही निस्तारण नहीं करते है तो यही प्लास्टिक हमारे गंगा एवं नदियों, तालाबों को दूषित करते है और साथ ही उसमे रहने वाले जलीय जीवों को नुकसान पहुचाते है I इसलिए प्लास्टिक प्रबन्धन एवं पुन: इस्तेमाल कर प्लास्टिक कचरे में कमी लाया जा सकता है तथा  जलीय तंत्र को साफ़ रखा जा सकता हैं I नाटक का शीर्षक था “जिम्मेदारी किसकी” I जिसे घाटों पर उपस्थिति लोगों ने नाटक को गंभीरता से समझा।

कार्य्रकम का मुख्य उद्देश्य काशी के आम जनमानस को जागरूक करना है I साथ ही कलाकरों की टोली नुक्कड़ नाटक के माध्यम से स्वच्छता का सन्देश दे रहे हैI आज नुक्कड़ नाटक के बाद लक्ष्य संस्था अंगद कुमार द्विवेदी ने कहा अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी तथा प्लास्टिक को सही प्रकार से निस्तारण करने की आवश्यकता हैI  नुक्कड़ नाटक में मोईन खांन, दीपक सिंह, विशाल सिंह,रसूल हाशमी, ब्रिजेश एवं अन्य लोग उपस्थित रहें 

शुक्रवार, 10 दिसंबर 2021

प्लास्टिक कचरा प्रबंधन एवं पर्यावरण समस्या पर कार्यशाला





वाराणसी 10 दिसंबर (dil india live)।“प्लास्टिक कचरा प्रबंधन एवं पर्यावरण समस्या " पर एक दिवसीय कार्यशाला आर्य महिला पीजी कॉलेज इतिहास विभाग में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार, जी.आई.जेड (GIZ) इंडिया एवं लक्ष्य के तत्वाधान में "प्लास्टिक कचरा प्रबंधन एवं पर्यावरण समस्या" विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । 

मुख्य अतिथि डॉ. केशरी नंदन शर्मा ( विधि संकाय , काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी ) ने प्लास्टिक के सामानों के उपयोग एवं दुरूपयोग की चर्चा करते हुए पर्यावरण की समस्या से अवगत कराया। प्लास्टिक से बने हुए उत्पाद आज पर्यावरण को बहुत ही नुकसान पहुंचा रहे हैं, वर्तमान में गंभीर बीमारियों के प्रभाव जो दिखाई दे रहा है , वह प्लास्टिक कचरा से उत्पन्न प्रदूषण के कारण से ही हो रहा है, इन्होने आज 10 दिसम्बर विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर हम सभी को भारत सरकार के द्वारा प्लास्टिक कचरा निस्तारण के प्रावधानों और स्वच्छ वातावरण प्रदान किये जाने के साथ इस स्वच्छ वातावरण में जीने के अधिकारों के बारें में भी अवगत कराया । 

इस कार्यशाला के द्वितीय सत्र के वक्ता डा. तारकेश्वर नाथ तिवारी ( पर्यावरण अध्ययन केंद्र, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी ) ने पर्यावरण के विविध आयामों की चर्चा करते हुए वातावरण को नुकसान पहुंचाने वाले हानिकारक तत्वों के बारे में चर्चा करते हुए प्लास्टिक कचरा के निस्तारण के बारे में बताया कि यदि प्लास्टिक बैग , पानी की बोतल एवं प्लास्टिक के अन्य उत्पाद जिसे दुबारा उपयोग में नहीं लाया जा सकता तो उसके स्थान पर पुनः प्रयोग की जाने वाली वस्तु का उपयोग किया जाना चाहिए । कार्यक्रम संयोजक डॉ. नरेश सिंह ने पर्यावरण की गंभीर समस्याओं से अवगत कराते हुए जीवन के लिए अनुकूल वातावरण के बारे में जानकारी प्रदान की । कार्यक्रम का संचालन डॉ. श्वेता सिंह ने किया एवं डॉ. बृजबाला सिंह (कार्यवाहक प्राचार्या ) ने आज की पीढ़ी के लिए आवश्यक जिम्मेदारी सौंपा की वे अपने घर और पड़ोस का कचरा प्रबंधन के प्रति जागरूक करें, डॉ. पूनम ने कहा की जो प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या अभी तक शहरी केन्द्रों की समझी जाती थी वह अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखी जा सकती है अतः प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या को समाधान किया जाना आवश्यक है , डॉ. अनीता सिंह , डॉ. फलीप सम मनोहर लाल , यासमीन , राजेश सरोज , गिरीश गिरी एवं अंगद कुमार द्विवेदी लक्ष्य संस्था के परियोजना अधिकारी एवं  छात्राओं की सहभागिता रही I धन्यवाद ज्ञापन सपना यादव ने दिया।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

Varanasi (dil India live)। प्रबोधिनी एकादशी के पावन अवसर पर ठठेरी बाजार स्थित शेर वाली कोठी में तुलसी विवाह महोत्सव का आयोजन किया गया। श्री ...