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सोमवार, 5 सितंबर 2022

Jain dharam : पर्युषण पर्व का छठवा दिन

उत्तम सयमं पाले ज्ञाता, नरभव सफल करे ले साता...

जैन मन्दिरो में सुगन्ध दशमी आस्थापूर्वक मनाई गई



Varanasi (dil india live). श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में सोमवार को जैन मंदिरो में पर्व के छठवे दिन भक्तो ने श्रीफल, चंदन, अक्षत, पुष्प चढाकर तीर्थंकरो का प्रक्षालन किया। सुगन्ध दशमी पर्व पर धूप चढ़ाकर चौबीसी पूजन एवं शान्ति धारा की। 
भगवान पार्श्वनाथ की जन्म स्थली भेलूपुर में चल रहे दस लक्षण महामंडल विधान के छठवें दिन प्रातः भक्ति संगीत के साथ माढ़ने पर श्रीफल अर्पित किया। 

सोमवार को नगर की सभी जैन मन्दिरों में सुगन्ध दशमी पर ये धूप अनल में खेने से, कर्मो को नही जलायेगी।निज मे निज की शक्ति ज्वाला, जो राग- द्वेष नशायेगी। जय जिनेन्द्र भवतु सवव मंगलमय का पाठ किया। पर्युषण पर्व के छठवे दिन सोमवार को सायंकाल ग्वाल दास साहू लेन स्थित जैन मंदिर मे "उत्तम संयम धर्म " पर व्याख्यान देते हुए पंडित सुरेंद्र शास्त्री ने कहा- उत्तम संयम पाले ज्ञाता, नरभव सफल करे ले साता। मन चंचल है, गलत दिशा में जल्द प्रवृत्त होता है। इन्द्रियां यानी स्पर्श न, जीभ, नाक, आंखे और कान अपने मन को गलत विषयो में लगा देते है। मन को सही दिशा में रखने के लिए संयम रूपी ब्रेक रखना जरुरी है। संयम, नियम, मर्यादा, अनुशासन से जीवन महान बनता है और लक्ष्य हासिल होता है। अतः संयम रत्न की भांति संभाल कर रखना चाहिए। उत्तम संयम धर्म हमें आज यही सन्देश देता है। 

खोजवां स्थित जैन मंदिर में डाः मुन्नी पुष्पा जैन ने कहा- संयम के बिना मोक्ष मार्ग पाना कठिन है।  हिंसा आदि पापो से अगर बचना है तो, संयम का सहारा लेना ही पड़गा। बिना संयम के ये जीवन अधूरा है। सम्यक प्रकार के विकृत संस्कारो को मिटा देना मन और संस्कारो को स्वस्थ रखकर इन्द्रियों को शांत रखकर अपनी वाणी पर नियंत्रण रखे। अपने क्रोध का त्याग कर पांचो इन्द्रियो के विषय को जीत कर संयम धर्म अपनाया जा सकता है। 

सायंकाल जैन मन्दिरो में तीर्थस्थलीयो पर प्रतियोगिताए, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिनवाणी पूजन एवं तीर्थंकरों की महाआरती की गई। आयोजन मे प्रमुख रूप से दीपक जैन, राजेश जैन, ललित पोद्दार, आलोक जैन, कमलेश चन्द जैन, आदीश जैन, विनोद जैन आदि उपस्थित थे।

तुलसी विवाह पर भजनों से चहकी शेर वाली कोठी

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