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शनिवार, 14 दिसंबर 2024

Dalmandi होगा चौड़ा, Nagar Nigam ने तैयार किया खाका

पर्यटकों की सुविधा के लिए हटाएं जाएंगे अतिक्रमण 

Mohd Rizwan 

Varanasi (dil India live)। प्रमुख मुस्लिम मार्केट दालमंडी से चौक जाने वाली सड़क चौड़ी करने की कवायद शुरू हो गई है। अभी दालमंड़ी की सड़क कहीं संकरी तो कहीं चौड़ी है। पर्यटकों को इससे जहां परेशानी होती है वहीं इसकी वजह से आए दिन जाम की समस्या होती है। सड़क की चौड़ाई एक बराबर होने से लोगों को सहूलियत मिलेगी। हालांकि पटरी पर दुकान लगाने वाले विक्की कहते हैं कि सहूलियत तो सभी को होगी मगर किसी ने सोचा पटरी पर दुकानें लगाकर अपने परिवार का पेट पालने वाले लोग कहां जाएंगे इसकी कोई रुपरेखा निगम के पास है क्या? यह दर्द केवल विक्की का नहीं है बल्कि पटरी के तमाम दुकानदारों का है। खैर निगम को इससे क्या?

नगर निगम का कहना है कि उसने इसका प्राथमिक सर्वेक्षण किया है। राजस्व विभाग अब बंदोबस्ती नक्शे से इसका मिलान कर रहा है। इसी आधार पर सड़क को चौड़ा किया जाएगा। इसमें सबसे बड़ी बाधा अतिक्रमण और कुछ अवैध निर्माण हैं। इन्हें चिह्नित किया गया है।

पुलिस प्रशासन टीम की ओर से जल्द ही अवैध निर्माण तोड़ने की कार्रवाई होगी। इसके लिए जिला प्रशासन के साथ नगर निगम अधिकारियों की बैठक में यह तय हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि सड़क चौड़ी होने से बाहर से आने वाले लोगों को नई सड़क से चौक जाने में आसानी होगी। यहां ज्यादातर कारोबारी सड़क को घेरकर अपनी दुकान चला रहे हैं। साथ ही तिरपाल लगाकर उन्होंने परिसर को भी ढ़क रखा है।

दालमंडी में नगर निगम की कई दुकानें हैं। इनका किराया नगर निगम लेता है। इसके अलावा यहां कुछ सरकारी जमीनों को भी कब्जामुक्त कराया जाना हैं।

शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

Duldul k julus में दर्द भरे नौहों की गूंज

मातमी दस्तों संग दालमंडी से निकला अलम, दुलदुल का जुलूस 

इमाम ज़ैनुल अबेदीन की याद मे हुईं मजलिसें





वाराणसी। मातमी दस्तों के साथ २२ मुहर्रम जुमेरात को दालमंडी से अंजुमन हैदरी के ज़ेरे इंतेज़ाम अलम, दुलदुल का कदीमी जुलूस उठाया गया। मातमी दस्ते के नौजवान जहां सें गुज़रते वहां ज़ियारत करने वालों की भीड़ लग जा रही थी। जुलूस में शामिल अजादार दर्द भरे नौहों पर मातम का नजराना पेश करते हुए चल रहे थे। यह जुलूस देर रात दरगाह–ए–फातमान पहुंच कर समाप्त हुआ। 

इमाम ज़ैनुल अबेदीन की शहादत के सिलसिले से दरगाह–ए–फातमान में सैयद फरमान हैदर ने तक़रीर करते हुऐ कहां के इमाम ज़ैनुल आबेदीन ने इबादत और सब्र के ज़रिये सारी दुनिया को ये पैगाम दिया की हमेशा ज़ुल्म का सामना सब्र से करो और अपने रब की इबादत दिल की गहराइयों से किया करो। यहां समर बनारसी, हैदर मौलाई ने कलाम पेश किया। दूसरी ओर जैतपुरा बाक़राबाद में मरहूम अनवर बनारसी के मकान पर मौलाना तौसीफ ने मजलिस को ख़िताब किया। शैख़ सलीम फाटक नयी नई सडक पर शाहिन हुसैन के निवास पर मौलाना अक़ील ने मजलिस को ख़िताब किया। उधर डा. शफ़ीक़ हैदर के निवास पर ख्वातीन की मजलिस का आयोजन किया गया। शफीक हैदर ने बताया की ४ थे इमाम ज़ैनुल अबेदीन की शहादत २५ मुहर्रम ९५ हिजरी को मदीने मे हुईं थी। इसके चलते ही १२ और १३ अगस्त को कई जगह उनकी शहादत पर ताबूत उठाया जायेगा। उन्हें याद किया जाएगा।

रविवार, 30 जुलाई 2023

Moharram 11: चुप का डंका बजाते हुए निकला लूटा हुआ काफिला






सरफराज अहमद
Varanasi (dil India live)। दालमंडी से इतवार को चुप का डंका बजाते हुए लुटा हुआ काफिले का जुलूस निकला। इस मौके पर शिया मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर सलाम और कलाम पेश करते हुए जुलूस में चल रहे थे। 

दालमंडी स्थित मरहूम डॉ.नाजिम जाफरी के अजाखाने से निकले लुटे काफिले के जुलूस में फरमान हैदर ने कलाम पेश किया। अशरे को भी शब्बीर का जो गम नहीं करते, वो पैरवी-ए-सरवरे आलम नहीं करते, हिम्मत हो तो महशर में पयंबर से भी कहना, हम जिंदा-ए-जावेद का मातम नहीं करते...। जुलूस के कदीमी रास्ते में आलिमों ने तकरीर पेश की। तकरीर में जब उन्होंने लुटे हुए काफिले का मंजर बयान किया तो शिया समुदाय के लोग बिलखते देते गए। 

सैकड़ों साल कदीमी इस लुटे काफिले के जुलूस में अलम, दुलदुल व परचम भी शामिल था। जुलूस के आते नई सड़क पर चारों ओर लोगों का मजमा ज़ियारत करने उमड़ा दिखा। जुलूस में परचम के पीछे दो लोग चुप का डंका, बजाते हुए दरगाहे फातमान की ओर बढ़े। आयोजन में अब्बास मुर्तजा शम्सी, समर शिवालवी, सलमान हैदर, सैफ जाफरी, सिराज वगैरह कलाम पढ़ते हुए चल रहे थे। मुज्तबा जाफरी व डा. मुर्तज़ा जाफरी के संयोजन में निकले जुलूस में कर्बला के शहीदों का लुटा हुआ काफिला नई सड़क, फाटक शेख सलीम, पितरकुंडा, लल्लापुरा होकर होकर दरगाहे फातमान पहुंचा। जहां उलेमा ने तकरीर में कहा कि कर्बला में यजीद ने मोर्चा तो जीत लिया मगर जंग वो हार गया, आज पूरी दुनिया में इमाम हुसैन का नाम सबसे ज्यादा रखा जा रहा है मगर यज़ीद का नामलेवा कोई नहीं है। यजीद था और इमाम हुसैन हैं।

अज़ादारी जनाबे जैनब की देन

दालमंडी में ख्वातीन की मजलिस को खिताब करते हुए मोहतरमा नुजहत फातेमा ने कहा कि कर्बला में इमाम हुसैन की शहादत के बाद उनकी बहन जनाबे ज़ैनब व उम्मे कुलसुम, उनके बेटे इमाम ज़ैनुल आबदीन व चार साल की छोटी बहन जनाबे सकीना ने ज़ालिम यज़ीद के जुल्म के सामने घुटने नहीं टेके बल्कि बहादुरी से सामना किया। दर्दनाक जुल्म सहते हुए कर्बला के बाद इमाम हुसैन के मिशन को दुनिया तक कामयाबी से पहुंचाया। यहां डा. नसीम जाफरी ने शुक्रिया अदा किया। दुनिया में अजादारी जनाबे जैनब की देन है।


शुक्रवार, 27 जनवरी 2023

Dalmandi में लहराया tiranga



Varanasi (dil india live). 26 जनवरी 2023 यानी गणतंत्र दिवस देश दुनिया में धूमधाम से मनाया गया। इसी क्रम में वाराणसी के दालमंडी स्थित कटरा मिर्जा अच्छू में गणतंत्र दिवस मुख्य अतिथि प्रभारी निरीक्षक थाना चौक शिवाकांत मिश्रा कि अगुवाई में मनाया गया। उन्होंने झंडा फहराया। इस अवसर पर डर्बीशायर क्लब के अध्यक्ष शकीला अहमद जादूगर  आए हुए  मुख्य अतिथि का स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्तियों को मेडल पहनाकर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से अब्बास मुर्तुजा शमसी, अजय यादव, पवन कुमार, अभिनव श्रीवास्तव, हाजी कलीम, जीशान हैदर, मिर्जा सैफ, सरवर नीर, मसूद अहमद, बचाऊ यादव, कमर उसैन व प्रमोद वर्मा आदि मौजूद थे।

बुधवार, 10 अगस्त 2022

Muharram 11th: चुप का डंका बजाते हुए निकला लुटा हुआ काफिला

सलाम और कलाम पढ़ता फातमान पहुंचा काफिला

Varanasi (dil india live). ग्यारहवीं मोहर्रम पर बुधवार को दालमंडी से लुटे हुए काफिले का जुलूस पूरी अकीदत के साथ चुप का डंका बजाते हुए निकला। यह कदीमी जुलूस हकीम मोहम्मद काजिम के दालमंडी स्थित निवास से निकाला गया। इससे पूर्व उलेमा ने नूरानी तकरीर पेश की। तकरीर में जब उन्होंने लुटे हुए काफिले का मंजर बयान किया तो लोग जारोकतार रो पड़े। जुलूस का संयोजन अंजुमन हैदरी के सदस्य डा. मुज्तबा जाफरी ने किया।

नई सड़क चौराहे पर सैयद फरमान हैदर ने सैकड़ों की भीड़ में कलाम पेश किया ...अशरे को भी शब्बीर का जो गम नहीं करते, वो पैरवी-ए-सरवरे आलम नहीं करते, हिम्मत हो तो महशर में पयंबर से भी कहना, हम जिंदा-ए-जावेद का मातम नहीं करते। जुलूस नई सड़क से आगे बढ़ा। काफिले सलाम और कलाम पढ़ता हुआ दरगाहें फातमान पहुंचा।

दरअसल हज़रत इमाम हुसैन की शहादत के बाद यजीदियों ने काफिले लूट लिए थे। खेमे जला दिए गए थे। यही नहीं जो लोग बच गए थे उन्हें कैदी बना लिया गया था। इसी की याद में ग्यारहवीं मोहर्रम को निकलने वाले जुलूस को लुटे हुए काफिले का जुलूस कहते हैं।

ख्वातीन की हुई मजलिस

दुलदुल और अलम का जुलूस उठने के बाद हकीम मोहम्मद काजिम के इमामबाड़े में ही ख्वातीन की मजलिस हुई। यहां खिताब करते हुए नुजहत फातमा ने कहा कि ये मजलिसें जनाबे जैनब की यादगार हैं, इमाम हुसैन का पैगाम है, करबला के शहीदों की याद है और इंसानियत के लिए बहुत बड़ा तोहफा है। दुनिया की हर ख्वातीन को जनाबे जैनब से सीख लेकर जुल्म का सामना करना चाहिए।

शहीदों का तीजा कल

इमाम हुसैन और उनके 71 साथियों का गुरुवार को तीजा मनाया जाएगा। घरों में और इमाम चौक पर तीजे की फातिहा दिलाई जाएगी और मजलिसें भी होंगी। सभी इमाम चौक से अलम सद्दे का जुलूस उठेगा।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...