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मंगलवार, 10 दिसंबर 2024

महिला हिंसा, यौन उत्पीड़न के खिलाफ बेटियों ने बुलंद की आवाज

बोले वक्ता समाज में मिलना चाहिए सभी को बराबर का अधिकार 



Mirzapur (dil India live). कन्या भ्रूण हत्या, यौन उत्पीड़न, दहेज और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अहरौरा के अधवार गाँव  स्थित सर्वोदय इंटर कॉलेज की छात्राओं ने आवाज़ बुलंद की। मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम में शामिल छात्राओं ने घरेलू महिला हिंसा बंद करो, भ्रूण हत्या पर रोक लगाओ, बाल विवाह बंद करो, भीख नहीं अधिकार चाहिए, जीने का सम्मान चाहिए, यौन हिंसा पर रोक लगाओ आदि नारे लगाये। हस्ताक्षर करके इसे जड़ से मिटाने का संकल्प लिया है। घरेलू महिला हिंसा विरोधी पखवाड़ा 25 नवंबर से 10 दिसंबर अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस तक के तहत सहयोग लखनऊ और उम्मीद फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान किया गया।

उम्मीद फाउंडेशन के प्रमुख महेंद्र राठौर ने कहा कि आज भी समाज में लड़कियों और महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जबकि संवैधानिक व्यवस्था ने सबको समान अधिकार दिये हैं। सामाजिक व्यवस्था के कारण महिलाओं और लड़कियों को बराबरी का अधिकार नहीं प्राप्त हो पा रहा है। इसलिए समाजिक व्यवस्था में बदलाव लाना जरूरी है। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि भारत में हिंसा कई रूप में होती है। 70 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवन में किसी न किसी रूप में हिंसा का सामना करती हैं। कोरोना महामारी के बाद लैंगिक हिंसा का दर बढ़ कर पहले से अधिक हो गया हैं। सभी लोग एकजुट होकर हिंसा मुक्त जीवन के लिए संघर्ष करें। कालेज के प्रवक्ता आनंद किशोर सिंह ने ग्रामीणों से लड़कियों को ज्यादा से ज्यादा पढा़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की अपील की है।


अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य शैलेन्द्र पाठक और संचालन नंदनी धन्यवाद ज्ञापन सीमा देवी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप महेंद्र राठौर, राजकुमार गुप्ता, नंदनी, सीमा, शैलेंद्र पाठक, आनंद किशोर सिंह कालेज के समस्त स्टाफ़ शामिल थे।

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

Nagar nigam कर रहा बुनकरों का उत्पीड़न

नगर आयुक्त को बुनकरों ने सौंपा ज्ञापन



Varanasi (dil india live). मुत्तहिदा (संयुक्त) बुनकर बिरादराना तंजी़म बनारस का एक प्रतिनिधिमंडल 7 फरवरी 2023 मंगलवार, नगर आयुक्त डॉ प्रणय सिंह से नगर निगम स्थित उनके कार्यालय में मिला और नगर निगम के भवन कर विभाग द्वारा बुनकरों के पावरलूम की संख्या के आधार पर कमर्शियल रेट पर भवन कर मूल्यांकन किए जाने, वर्ष 2014 से कमर्शियल रेट पर भवन शुल्क का असेसमेंट किए जाने, तथा विभाग द्वारा बुनकरों का ज़बरदस्त शोषण एवं उत्पीड़न किए जाने जैसी समस्याओं से अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने यह तथ्य भी रखा कि जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन द्वारा निवेश को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट कैंपेन चला रही है ऐसे में बुनकारी जैसे कुटीर उद्योग जो देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती है, उस परंपरा को आगे बढ़ाने वाले बुनकरों के ऊपर इस तरह का अतिरिक्त आर्थिक बोझ डालना तर्कसंगत एवं न्याय संगत नहीं है। विभाग का यह कदम प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के भी विपरीत है। इसलिए पावरलूम बुनकरों के भवनों को कमर्शियल टैक्स श्रेणी से बाहर किया जाए तथा इस संबंध में विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।

नगर आयुक्त ने प्रतिनिधिमंडल की शिकायतों को गंभीरतापूर्वक सुना एवं यथाशीघ्र समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने संबंधित अफ़सरों को अपने कार्यालय में बुलाकर आवश्यक दिशा निर्देश भी दिया। 

प्रतिनिधिमंडल में सरदार इकरामुद्दीन, सरदार हाजी मक़बूल हसन, सरदार हाजी ज़ियाउल हसन, अब्दुल्लाह अंसारी, इशरत उस्मानी, अख़लाक़ महतो, मौलाना अब्दुल अज़ीज़, जै़नुल हुदा, सरदार मोहम्मद अहमद, तुफै़ल अंसारी पार्षद, सरदार मोहम्मद फा़रुक़, यासीन फ़रीदी, शरफुद्दीन, हाजी हसीन अहमद, सैफुद्दीन उर्फ बाबुल,हाजी इरफ़ान अहमद, सरदार अमीनुद्दीन आदि उपस्थित थे।

मंगलवार, 5 जुलाई 2022

कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने को कार्यालयों में गठित हो आंतरिक शिकायत समिति

 कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न रोकने को कार्यालयों में गठित हो आंतरिक शिकायत समिति

- 10 से अधिक कर्मचारियों वाले संगठनों/कार्यालयों में समिति न गठित होने पर नियोजक पर लग सकता है 50 हजार रुपये का जुर्माना

- 10 से कम कर्मचारियों वाले संगठनों/कार्यालयों की पीड़िता डीएम द्वारा गठित स्थानीय समिति में दर्ज करा सकती हैं शिकायत


Varanasi (dil india live) .शासकीय, अर्धशासकीय कार्यालयों, निजी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, खेलकूद संस्थानों सहित संगठित व असंगठित क्षेत्र के समस्त कार्यालयों आदि में जहाँ भी 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, चाहे वे सभी पुरूष ही क्यों न हों, वहां पर आंतरिक परिवाद समिति (इन्टरनल कम्प्लेंट्स कमेटी) का गठन करना अनिवार्य है क्योंकि ऐसे कार्यालयों में कभी भी किसी काम के लिए महिलाएं भी आ सकती हैं और उनके साथ भी कोई घटना हो सकती है। ऐसे में वह कार्यालय में गठित आंतरिक परिवाद समिति को अपनी शिकायत कर सकती हैं। ऐसा न करने वाले नियोजकों पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया जा सकता है ।

महिला कल्याण विभाग के निदेशक मनोज कुमार राय का कहना है कि कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिशेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 की धारा-4 के अंतर्गत ऐसे सभी संगठन या संस्थान जिनमें 10 से अधिक कर्मचारी हैं, वह आंतरिक शिकायत समिति गठित करने के लिए बाध्य हैं। इसका उद्देश्य महिलाओं को लैंगिक उत्पीड़न सम्बन्धी मामलों में त्वरित और समुचित न्याय दिलाना है। निदेशक द्वारा बताया गया कि पीड़ित महिला कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से सम्बन्धित शिकायत आन्तरिक परिवाद समिति में दर्ज करा सकती है। समिति का गठन कार्यस्थल पर वरिष्ठ स्तर पर नियोजित महिला की अध्यक्षता में होगा, जिसमें दो सदस्य सम्बन्धित कार्यालय से एवं एक सदस्य गैर सरकारी संगठन से नियोजक द्वारा नामित किये जायेंगे। समिति के कुल सदस्यों में से आधी सदस्य महिलाएं होंगी। ऐसे कार्यस्थल जहां कार्मिकों की संख्या 10 से कम है, वहां की पीड़िता द्वारा लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी द्वारा गठित ‘स्थानीय समिति’ (लोकल कमेटी) में दर्ज करायी जा सकती है। यदि कोई नियोजक कार्यस्थल में नियमानुसार आन्तरिक समिति का गठन न किये जाने पर दोष सिद्ध ठहराया जाता है, तो नियोजक पर 50,000 रुपए तक का अर्थदण्ड लगाया जा सकता है। दूसरी बार दोषी पाए जाने पर पहली दोषसिद्धि पर लगाये गये दण्ड से दोगुना दण्ड नियोजक पर लगाया जा सकता है। निदेशक का कहना है कि विभिन्न विभागों और नियोक्ताओं के साथ ही महिला कर्मचारियों को अभी अधिनियम के बारे में भली-भांति जानकारी नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि उन्हें अधिनियम के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वह किसी आपात स्थिति में समिति के सामने अपनी बात रख सकें। महिला कल्याण विभाग भी समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम संचालित करता रहता है किन्तु सभी के सहयोग से ही इसे सही मायने में धरातल पर उतारा जा सकता है।

लैंगिक उत्पीड़न क्या है 

महिला कल्याण विभाग की उप निदेशक अनु सिंह का कहना है कि कार्यस्थल पर महिलाओं को उनकी इच्छा के विरूद्ध छूना या छूने की कोशिश करना जो महिला के सामने असहज स्थिति पैदा करने वाली हो, उसे लैंगिक उत्पीड़न के दायरे में माना जा सकता है। शारीरिक या लैंगिक सम्बन्ध बनाने की मांग करना या उम्मीद करना भी लैंगिक उत्पीड़न है। इसके आलावा किसी महिला से कार्य स्थल पर अश्लील बातें करना, अश्लील तस्वीरें, फ़िल्में या अन्य सामग्री दिखाना भी लैंगिक उत्पीड़न के दायरे में आ सकता है। उन्होंने बताया कि जनपद के समस्त कार्यालयों में नियमानुसार गठित समिति द्वारा प्राप्त प्रकरणों की सूचना जिलाधिकारी कार्यालय को दी जानी चाहिये तथा जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से प्रत्येक जनपद द्वारा वार्षिक रूप में जनपद के विभिन्न कार्यालयों की संक्षिप्त रिपोर्ट का ब्योरा महिला कल्याण निदेशालय को भी भेजा जाना अनिवार्य है। विभाग द्वारा समस्त जनपदों को इस संबंध में निर्देश जारी किये गये हैं।

घटना के 90 दिनों के भीतर की जा सकती है शिकायत 

अधिनियम के तहत लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत घटना के 90 दिनों के भीतर आंतरिक शिकायत समिति या स्थानीय शिकायत समिति में दर्ज करानी चाहिए। शिकायत लिखित रूप में की जानी चाहिए। यदि किसी कारणवश पीड़िता लिखित रूप में शिकायत करने में सक्षम नहीं है तो समिति के सदस्यों को उनकी मदद करनी चाहिए। यदि शिकायत नियोजक के विरूद्ध है तो वह भी स्थानीय समिति में दर्ज कराई जायेगी। अधिनियम के अनुसार पीडित की पहचान गोपनीय रखी जाना अनिवार्य हैl

 कौन कर सकता है शिकायत  

महिला कल्याण विभाग में कार्यरत राज्य सलाहकार नीरज मिश्रा का कहना है कि - कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीडन (निवारण प्रतिशेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के अंतर्गत जिस महिला के साथ कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न हुआ है, वह खुद शिकायत कर सकती है। पीड़िता की शारीरिक या मानसिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह खुद शिकायत कर सके तो रिश्तेदार, मित्र, सह कर्मी, उसके विशेष शिक्षक, मनोचिकित्सक/ मनोवैज्ञानिक, संरक्षक या ऐसा कोई भी व्यक्ति जो उसकी देखभाल कर रहा हो अथवा ऐसा कोई भी व्यक्ति जो घटना के बारे में जानता है और जिसने पीड़िता की सहमति ली है या राष्ट्रीय व राज्य महिला आयोग के अधिकारी शिकायत कर सकते हैं। यदि दुर्भाग्यवश पीड़िता की मृत्यु हो चुकी है तो कोई भी व्यक्ति जिसे घटना के बारे में पूरी तरह जानकारी हो वह पीड़िता के कानूनी उत्तराधिकारी की सहमति से शिकायत दर्ज करा सकता है। कार्य स्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न की ऑनलाइन शिकायत shebox.nic.in के माध्यम से भी की जा सकती है ।

गुरुवार, 16 जून 2022

कांग्रेसी कार्यकर्ता सरकार के उत्पीड़न के आगे झुकने वाले नहीं

Varanasi (dil India live). वाराणसी महानगर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष फसाहत हुसैन बाबू, कांग्रेस कमेटी अल्पसंखयक विभाग के प्रदेश महासचिव हसन मेंहदी कब्बन एवं कांग्रेस विधि विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह एडवोकेट ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भाजपा की तानाशाही सरकार के इशारे पर 24 अकबर रोड नई दिल्ली स्थित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कार्यालय पर पुलिस द्वारा घुसकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं, नेताओं व पत्रकारों के साथ बदसलूकी किया जाना, कार्यालय के पीछे स्टाफ गेट बंद किया जाना, विज्ञान भवन के पीछे का रास्ता बंद किया जाना, 24अकबर रोड को बंद किया जाना, क्रूर तानाशाही का द्योतक है, । इससे भाजपा की ओछी राजनीति दर्शाती है, भाजपा के इशारे पर एआईसीसी कार्यालय के चारों तरफ पुलिस की तगड़ी घेराबंदी कर भारत की मुख्य विपक्षी पार्टी के कार्यालय पर इस तरह का कृत्य किया जाना, लोकतंत्र की हत्या है। 
वक्ताओं ने कहा कि  प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी से नेशनल हेराल्ड अखबार केस में बार-बार पूछताछ के नाम पर परेशान किया जाना, भाजपा के दीवालिएपन को दर्शाता है, जनता के बीच में महंगाई बेरोजगारी भ्रष्टाचार अपराध जैसे मुद्दों पर फेल भाजपा सरकार पूरी तरह हिटलर शाही पर उतर आई है, लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ता  कहीं से भी हतोत्साहित नहीं होने वाले हैं, जब कांग्रेस के नेतृत्व में अंग्रेजों को देश से भगाया गया, उसी तरह अंग्रेजो के दलाल  भाजपा और संघ से देश की सत्ता से मुक्त कराने का कार्य किया जाएगा, नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी जी से पूछताछ के उपरांत जब कुछ नहीं मिला तो भाजपा की हालात खिसियानी बिल्ली की तरह हो गई है, वह जबरदस्ती राहुल गांधी जी को फर्जी मुकदमों में फंसाने का षड़यंत्र रच  रही है, वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं का भाजपा शासित राज्यों के प्रत्येक जिले में उत्पीड़न कर रही है, जिसका मुंह तोड़ जवाब देने के लिए कांग्रेस के कार्यकर्ता तैयार हैं।

Christmas celebrations में पहुंचे वेटिकन राजदूत महाधर्माध्यक्ष लियोपोस्दो जिरोली

बोले, सभी धर्म का उद्देश्य विश्व मानवता का कल्याण एवं आशा का संदेश देना Varanasi (dil India live). आज वैज्ञानिक सुविधाओं से संपन्न मानव धरती...