वसंत कन्या महाविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग के इलेक्टोरल लिटरेरी क्लब ने किया लोकार्पण
Varanasi (dil India live). वसंत कन्या महाविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान विभाग के तत्वावधान में कार्यरत इलेक्टोरल लिटरेरी क्लब (ईएलसी) द्वारा विभाग पत्रिका "पॉलिटिकल टुडे" के तीसरे संस्करण का भव्य लोकार्पण किया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में दोपहर 12:00 बजे आयोजित हुआ, जिसमें महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण, राजनीतिक विज्ञान विभाग के शिक्षकगण तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
इस संस्करण का मुख्य विषय "भारत और बदलती विश्व व्यवस्था" था, जिसमें छात्रों द्वारा समसामयिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक परिवर्तनों पर विश्लेषणात्मक लेख प्रस्तुत किए गए हैं। यह पत्रिका छात्र समुदाय के बीच जागरूक संवाद और समालोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा देने का प्रयास है।
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पत्रिका लोकार्पण समारोह |
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर रचना श्रीवास्तव ने की। इस अवसर पर डॉ. अनु सिंह, डॉ. सरोज उपाध्याय, डॉ. गौतम गोस्वामी तथा प्रवीरा सिन्हा ने भी विशेष उद्बोधन दिया। वक्ताओं ने छात्रों की बौद्धिक मेहनत की सराहना करते हुए उन्हें समसामयिक विषयों से जुड़े रहने और सतत अध्ययन के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत ईएलसी के सदस्यों द्वारा औपचारिक स्वागत से हुई, जिसके पश्चात पत्रिका का लोकार्पण किया गया। अतिथियों ने पत्रिका की विषयवस्तु की विविधता और गुणवत्ता की प्रशंसा की। इसमें भारत की विदेश नीति में बदलाव, उभरते वैश्विक गठबंधन, और घरेलू राजनीतिक चुनौतियों पर गहराई से प्रकाश डाला गया है।
पत्रिका के विमोचन के पश्चात प्राचार्या प्रोफेसर रचना श्रीवास्तव ने मंच पर आकर कहा कि "आज की विश्व व्यवस्था में पहले जैसी कोई बड़ी विचारधारा नहीं बची है। शीत युद्ध के समय जैसी दो विचारधाराएं थीं, अब वैसा कुछ नहीं दिखता। अमेरिका अब भी दुनिया में अहम भूमिका निभा रहा है। जैसे पुलवामा अटैक के बाद उसने भारत-पाक मसले में बीच में आकर शांति की बात की। इस बीच भारत की स्थिति भी मजबूत हो रही है। कई देश अब भारत को एक उभरती ताकत के रूप में देख रहे हैं और कुछ को इससे चुनौती भी महसूस हो रही है।" "पॉलिटिकल टुडे" एक पूर्णतः छात्र-निर्देशित प्रयास है, जो छात्रों को लेखन और अकादमिक बहस में भाग लेने का एक प्रभावशाली मंच प्रदान करता है। यह प्रकाशन आलोचनात्मक सोच, अभिव्यक्ति और नागरिक चेतना को प्रोत्साहित करने की शैक्षिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कार्यक्रम का समापन मनस्वी सिंह द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें सभी विशिष्ट अतिथियों, शिक्षकों, छात्र लेखकों तथा आयोजन टीम को इस सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया गया। धन्यवाद ज्ञापन में इस आयोजन और पत्रिका के निर्माण में सभी की सामूहिक सहभागिता और अकादमिक समर्पण को विशेष रूप से रेखांकित किया गया।
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