पूर्व केन्द्रीय मंत्री व बिहार के पूर्व राज्यपाल भी थे सिंह
वाराणसी(दिल इंडिया)। पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा ने आज दिल्ली में अंतिम सांस ली। बूटा सिंह सिख समुदाय के बड़े नेताके अलावा बूटा सिंह बिहार के पूर्व राज्यपाल भी थे। कांग्रेस के साथ ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरा शोक जताया। 86 वर्षीय बूटा सिंह का अंतिम संस्कार आज ही किया जाएगा। बूटा सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। आठ बार सांसद रहे बूटा सिंह का राजनीतिक जीवन भी खासा महत्वपूर्ण था। वर्ष 1934 जालंधर जिले में जन्में बूटा सिंह राष्ट्रीय राजनीति के एक बड़े चेहरे के रूप में विख्यात थे। बूटा सिंह गांधी परिवार के विश्वासपात्र के तौर पर जाने जाते थे। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी। सरदार बूटा सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री, कृषि मंत्री, रेल मंत्री, खेल मंत्री और बिहार के राज्यपाल और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति कमीशन के चेयरमैन के तौर पर राष्ट्रीय राजनीति और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाई थी।
वो राजीव गांधी की सरकार में साल 1986 से 1989 तक केंद्रीय गृह मंत्री रहे। इससे पहले राजीव गांधी की सरकार में ही 1984 से 1986 तक कृषि मंत्री का पदभार संभाला था। इसके अलावा बूटा सिंह 2004 से 2006 तक बिहार के राज्यपाल भी रहे थे। 2007 से 2010 तक मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बूटा सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह एक अनुभवी नेता और कुशल प्रशासक थे। पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने गरीबों और समाज में हाशिये पर चले गए लोगों के लिए आवाज उठाई। पीएम ने कहा कि वे उनके निधन से दुखी हैं और उनकी संवेदना बूटा सिंह के परिवार के साथ है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बूटा सिंह के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि सरदार बूटा सिंह के देहांत से देश ने एक सच्चा जनसेवक और निष्ठावान नेता खो दिया है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा और जनता की भलाई के लिए समर्पित कर दिया, जिसके लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। इस मुश्किल समय में उनके परिवारजनों के मैं साथ खड़ा हूॅ। उनके निधन से देश दुनिया भर में उन्हें मानने वालों में शोक है।
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