शुक्रवार, 8 जनवरी 2021

2 से 12 जनवरी तक 'सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान'

TB eradication: Postage is also in the health department

Postal Department along with delivering the sputum of TB patients, DBT amount being sent to IPPB accounts - Postmaster General KK Yadav

Varanasi (Dil India). Along with the health department, the postal department is also playing an important role in eradication of TB disease. Through the postman, mucus samples of TB patients are rapidly reaching the labs of the Health Department, which has also led to rapid identification and quick treatment of patients. Apart from this, Rs 500 per month is being paid to all the identified and treated TB patients through DBT in their India Post Payments bank accounts. Significantly, 'Active Tuberculosis Search Campaign' (ACF) is going on in Uttar Pradesh from January 2 to January 12, in which health workers are visiting every home in the selected area to search for suspected TB patients.   


Postmaster General of Varanasi Zone Shri Krishna Kumar Yadav said that under the joint initiative of Indian Department of Posts and Medical and Health Department, Uttar Pradesh, to eliminate tuberculosis from root to sputum and other samples of TB patients, the Microscopy Center ( DMC) is packed and transported through postal department to the concerned CBNAT (Cartage Based Nucleic Acid Amplification Test) Lab / Culture and DST (Drug Sensitivity Testing) Lab of the district. Samples are dispatched to the laboratory within 24 to 48 hours from remote community and primary health centers, So that their purity remains. Postmaster General Shri Krishna Kumar Yadav informed that 2458 samples have been collected and sent to the postman testing lab since May in Varanasi zone. Senior Superintendent of Varanasi Division, Post Office, Mr. Sumit Kumar Gaat informed that postmen collect these samples from 31 places in Varanasi district. 

It is worth mentioning that in 4 districts of Uttar Pradesh - Lakhanau, Chandauli, Agra, Badaun and this pilot project started from July 15, 2019, which was later extended to all the districts from May 1, 2020. In a program organized in the Capital Lucknow, the then Director of Postal Headquarters, Postal Services, Shri Krishna Kumar Yadav inaugurated this joint initiative with State TB Officer Dr. Santosh Gupta.

टीबी उन्मूलन: स्वास्थ्य विभाग संग डाक की भी है भूमिका

डाक विभाग टीबी रोगियों के स्पुटम पहुँचाने के साथ-साथ, आईपीपीबी खातों में भेजी जा रही डीबीटी राशि -पोस्टमास्टर जनरल केके यादव

वाराणसी(दिल इंडिया)। टीबी रोग के उन्मूलन में स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ डाक विभाग भी अहम भूमिका निभा रहा है। डाकिया के माध्यम से टीबी मरीजों के बलगम के नमूने तेजी से स्वास्थ्य विभाग के लैब तक पहुंच रहे हैं, जिससे मरीजों के चिन्हीकरण और उनके त्वरित उपचार में भी तेजी आई है। इसके अलावा तमाम चिन्हित एवं उपचारित क्षय रोगियों को 500 रूपये प्रतिमाह का भुगतान भी डीबीटी के माध्यम से उनके इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक खातों में किया जा रहा है।  गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2 जनवरी से 12 जनवरी तक 'सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान'  (एसीएफ) चल रहा है, जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ता चयनित क्षेत्र में प्रत्येक घर जाकर संदिग्ध टीबी मरीजों की खोज कर रहे हैं।   


वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि भारतीय डाक विभाग और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा क्षय रोग को जड़ से समाप्त करने की दिशा में संयुक्त पहल के तहत टी०बी० रोगियों के स्पुटम एवं अन्य सैम्पुल को डिजिगनेटेड माइक्रोस्कोपी सेंटर (डीएमसी) से पैकिंग कर डाक विभाग के माध्यम से जनपद के सम्बंधित सीबीनाट (कार्टेज बेस्ड न्यूक्लिकएसिड एम्प्लिफिकेशन टेस्ट) लैब/ कल्चर एण्ड डीएसटी (ड्रग सेंसिटिविटी  टेस्टिंग) लैब तक पहुँचाया जाता है। दूरदराज़ के सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से नमूनों को प्रयोगशाला तक 24 से 48 घंटे के भीतर डाकिये पहुँचाते हैं, ताकि इनकी शुद्धता बनी रहे। पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि वाराणसी परिक्षेत्र में मई माह से अब तक 2458 नमूनों को एकत्र कर डाकिया टेस्टिंग लैब तक पहुँचा चुके हैं। वाराणसी मंडल के प्रवर अधीक्षक डाकघर श्री सुमीत कुमार गाट ने बताया कि वाराणसी जनपद में 31 जगहों से डाकिया इन नमूनों को एकत्र करते हैं। 


गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के 4 जनपदों -लखनऊ,चंदौली आगरा, बदायूं और में ये पायलट प्रोजेक्ट 15 जुलाई, 2019 से आरम्भ हुआ, जो कि बाद में सभी जनपदों में 1 मई, 2020 से विस्तारित कर दिया गया। राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के तत्कालीन निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने स्टेट टीबी ऑफिसर डॉ. संतोष गुप्ता के साथ इस साझा पहल का शुभारम्भ किया था।

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