सोमवार, 11 जनवरी 2021

हज मंत्री से मांगा इस्तीफा

सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाइन न मानने का नकवी पर आरोप

विदेश मंत्रालय से पुनः हज यात्रा को जोड़ा जाये- नौशाद आज़मी

केन्द्रीय हज कमेटी के पूर्व सदस्य ने कहा न हज कांफ्रेंस करायी जा रही न हज कमेटी का गठन हुआ

हज कमेटी के संविधान की उड़ायी जा रही हैं धज्जिया

सुन्नी उलेमा को पहले ही हज कमेटी से किया गया गायब

साजिशन काशी से काबा की उड़ान खत्म की गई

वाराणसी(अमन/दिल इंडिया)।विदेश मंत्रालय भारत सरकार के तहत गठित केंद्रीय हज कमेटी के पूर्व सदस्य एवं हज यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए कई हज आंदोलनों के अगुआ रहे हाफिज नौशाद आजमी ने हज के कई मौजू पर मोदी सरकार को न सिर्फ घेरा है बाल्कि हज मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी को पत्र लिख कर भाजपा सरकार की हज को लेकर जो गैर जिम्मेदाराना पालिसी अपनायी जा रही है उसके लिए हज मंत्री से इस्तिफा तक मांगा है। हाफिज़ नौशाद आज़मी ने कहा कि हज साब्सिडी के लिए 2012 में  सुप्रीम कोर्ट ने गाईड लाइन जारी करते हुए इसे धीरे धीरे 2022 तक खत्म करने को कहा था मगर हज मंत्री ने 2017 में ही सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना करते हुए सब्सिडी खत्म कर दी। उन्होने आरोप लगाया कि हज जब से शुरु हुआ तब से इतिहास रहा है कि कभी किसी मंत्री ने हज हाउस पर अपना नाम नहीं लिखवाया था मगर इस सरकार में मुख्तार अब्बास नकवी ने हज हाउस पर अपना नाम लिखवा कर हज परम्परा को तोड़ा है। उन्होने कहा कि यह सब कुछ 2014 में भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्तार अब्बास नकवी के हजमंत्री बनने व हज को विदेश मंत्रालय से निकाल कर अल्पसंख्यक मंत्रालय से जोड़ने के बाद शुरु हुआ। तब से आज तक हज यात्रा और हाजियों की सुविधा के नाम पर हज का बेडा गर्क ही किया जा रहा है। उन्होंने हज मंत्री को पत्र लिख कर मांग किया है कि विदेश मंत्रालय से पुनः हज यात्रा को ज़ोड़ा जाये। केन्द्रीय हज कमेटी के पूर्व सदस्य ने दिल इंडिया से कहा कि नकवी ने न तो हज कांफ्रेंस करायी और न ही हज कमेटी का गठन किया।

नौशाद आज़मी ने हज मंत्री को लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा कि पहले हज कांफ्रेस हुआ करती थी जिसमें हज कमेटी के चेयरमैन व सेकेटरी हज की बेहतरी के लिए चर्चा करते थे और हज यात्रा में सुधार किया जाता था मगर कुछ वर्षों से हज कांफ्रेंस भी नहीं हो रही है। माना इस बार केारोना महामारी का बहाना है मगर इससे पहले क्यों नहीं करायी गई? उन्होंने कहा कि कोविड-19 की आड़ में एक साजिश के तहत काशी से काबा की परवाज़ रोक दी गई। जबाकि तमाम उड़ाने हो रही हैं।  बिना हज कमेटी के ही किस एक्ट के तहत हज का काम किया जा रहा है देश भर के हाजियों को मुख्तार अब्बास नकवी इसका जवाब दें। उन्होंने कहा कि लगातार हज कमेटी के संविधान की धज्जिया उड़ायी जा रही हैं मगर बोलने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि नकवी अपनी ही घोषणाओं पर अमल नहीं कर पा रहे है। इसका सुबूत है कि अब तक हज यात्रा के लिए पानी का जहाज़ नहीं चलाया गया। हज कमेटी में दो सुन्नी उल्लेमा होते थे मगर सुन्नी उलेमा को पहले ही हज कमेटी से गायब कर दिया गया। कोविड की आड़ में साजिशन काशी से काबा की उड़ान खत्म कर दी गई।

20 वर्षों से अधिक समय से हाजियों की सेवा में लगे रहने वाले हाफिज नौशाद आज़मी ने चिंता जताते हुए कहा कि जब से मुख्तार अब्बास नकवी हज मंत्री बने है उन्होंने हज की बेहतरी के बजाय हज और हाजियों का केवल शोषण ही किया है। नकवी ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन को भी नज़र अंदाज़ किया है। हज विदेश मंत्रालय के अधीन आता है इसके बावजूद अल्पसंख्यक मंत्रालय से उसे जोड़कर हज के सारे फैसले हज कमेटी नहीं हज मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी खुद ले रहे हैं। इससे पहले हज की रिहाइश का मुद्दा हो या अन्य मसाइल हज कमेटी ही इस पर फैसला लेती थी तब हज विदेश मंत्रालय के अधीन होता था मगर जब से 2014 में भाजपा सरकार आयी है, हज को अल्पसंरफक मंत्रालय के अधीन कर दिया गया। पहले हज कमेटी का चेयरमैन, सेक्रेटरी सदस्यो के साथ राय मशवरे से हज की बेहतरी के लिए काम करते थे मगर अब हज मंत्री ने हज कमेटी को पंगु बना दिया है। 

पता हो कि 1999 में हाफिज नौशाद ने हज के लिए लखनऊ से उड़ान की मांग करते हुए आंदोलन किया, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2001 में स्वीकार कर लिया। हज विधेयक 1959 में संशोधन एवं 2002 में नया हज विधेयक हाफिज नौशाद की ही देन है। यही नहीं 2007 में काशी से काबा कि उड़ान भी इनके ही प्रयास से शुरू हुई थी। हज कमेटी के हाजियों की दुर्घटना होने पर हाजियों का पांच लाख रुपये का दुर्घटना बीमा भी हाफिज नौशाद के संघर्षों से लागू हुआ। हाफिज नौशाद को कई बार सम्मानित भी  किया जा चुका है।




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