भारत विकास परिषद का 24 को राष्ट्रीय बालिका दिवस
1- संस्कारित बेटियां महकता घर आंगन
2- राष्ट्र के उत्थान में बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ
3- शिक्षित कन्या है वरदान
डा शिप्रा ने बताया कि ये कार्यक्रम हमारे आसपास की जो बस्तियां हैं उनकी बच्चियां या फिर जिन शाखाओं ने बच्चियों या फिर किसी गांव को गोद लिया है उनकी बच्चियों के बीच ही कराया जायेगा, ताकि उनके मन में भी समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना जागृत हो सके। 19/1/2021 को बच्चियों को स्टेशनरी सामग्री, लोहे की कढ़ाई और गुड़ चना, का वितरण होगा। बच्चियों और उनके परिजन को थोड़ा एनीमिया और कुपोषण के बारे में बताया जाएगा। 20/1/2021 को ऊनी वस्त्रों का वितरण किया जायेगा।21/1/2021 को एक संस्कारशाला का आयोजन हैं जिसमें बच्चियों को good touch bad touch, menstrual hygiene health, बच्चियां अपने परिवार को कैसे संगठित और सुव्यवस्थित रख सकती हैं। इस पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
डा शिप्रा ने कहा कि हमारी कोशिश रहेगी कि हमारे उपरोक्त सभी कार्यक्रम में बच्चियों के साथ-साथ उनके परिजन भी आएं ताकि उन्हें भी यह समझ में आए कि भारत विकास परिषद् एक ऐसी संस्था है जो एक स्वस्थ, समर्थ और संस्कारित भारत का निर्माण करने का निरंतर प्रयास कर रही हैं और अपने इन प्रयासों द्वारा हम कुछ एक परिवारों में ,हो सकता है कि दूरगामी कुछ सुधार ला सकें। इस बहाने इतने और परिवारों से हमारा संपर्क बढ़ेगा। हो सकता है हमारे इन छोटे-छोटे प्रयासों से देश में एक क्रांतिकारी परिवर्तन भी आ सके। सभी कार्यक्रमों का कोलाज बनाकर उसे 24 तारीख के कार्यक्रम में दिखाया जाएगा । जो कार्यक्रम परिषद् के अलावा किए गए बच्चों द्वारा होंगे इसे वरीयता दी जाएगी। प्रत्येक शाखा कम से कम दो बच्चियों को गोद लेगी। जिस भी बच्ची को गोद लिया जाएगा उसे तब तक सहायता देनी है जब तक कि वह स्वयं आत्मनिर्भर ना हो जाए।
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