सोमवार, 11 जनवरी 2021

दिव्यांगोें को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने की ज़रुरत पर ज़ोर

शासन के पास दिव्यांगजनों के सही आंकड़े उपलब्ध नही

वाराणसी(प्रताप बहादुर सिंह/दिल इंडिया)। दिव्यांग होना ही योग्यता नही है, बल्कि उन्हें योग्य बनाने के लिए सबसे पहले उन्हें नौकरियों के आधार पर उन्हें प्रशिक्षित किया जाये। इसके लिए सबसे पहले दिव्यांगजनों से सम्बन्धित नौकरियों को चिन्हांकन करने की जरूरत है। उक्त बातें सोमवार को डीएवी पीजी काॅलेज के दिव्यांग समिति की ओर से ‘दिव्यांगजनों के लिए उच्च शिक्षा एवं रोजगार की चुनौतियाॅ एवं संभावनाए उत्तर कोविड 19 के सन्दर्भ में‘ आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता डाॅ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास वि. वि. लखनऊ के विशिष्ट शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष विजय शंकर पाण्डेय ने कही। पाण्डेय ने कहा कि जब तक हम दिव्यांगजनों को कौशल विकास की दृष्टि से तैयार नही करेंगे तब तक उनके उन्नयन की बात बेमानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अभी शासन के पास दिव्यांगजनों के सही आंकड़े उपलब्ध नही है, जिससे उनसे जुड़ी हुई योजनाओं को धरातल पर उतारने में कठिनाई हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सूचना क्रान्ति दिव्यांगजनों के लिए क्रान्तिकारी कदम साबित हो सकता है।

अध्यक्षता करते हुए दिव्यांग समिति, बिहार सरकार के सलाहकार अजय कुमार राय ने कहा कि सभी शैक्षणिक संस्थानों में कम्प्यूटर में उच्चीकृत साफ्टवेयर लगाने जरूरत है ताकि उसका लाभ दृष्टि बाधित और अन्य दिव्यांगजन उठा सके। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दिव्यांगों के लिए साफ्टवेयर के जरिये तकनीकी विषयों को और सरल किया गया है जिससे उन्हें गणना और अन्य विषयों में किसी प्रकार की कठिनाई ना हो।

विशिष्ट वक्ता उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व सहायक निदेशक, रोजगार विभाग एम.के. श्रीवास्तव ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार दिव्यांगजनों के कौशल विकास के लिए हर जिले में प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किया है, जहाॅ उन्हें सरकारी नौकरियों के साथ साथ अन्य रोजगार के लिए भी तैयार किया जा सके। किरण सोसाइटी के राजेन्द्र नाथ राय ने कहा कि दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार को ज्यादा व्यय करने की आवश्यकता नही है, उन्हें सिर्फ उन योजनाओं से जोड़ने की आवश्यकता है, जो उनके लिए पहले से चल रही है।

इसके पूर्व कार्यशाला में शामिल अतिथियों का स्वागत आयोजन सचिव डाॅ. कमालुद्दीन शेख ने किया। विषय स्थापना आईक्यूएसी की समन्वयक डाॅ. पारूल जैन, संचालन डाॅ. तरू सिंह तथा धन्यवाद ज्ञापन ने डाॅ. बन्दना बालचन्दनानी ने दिया। इस अवसर पर डॉ. सुषमा मिश्रा, डॉ. मुकेश सिंह सहित कई अध्यापक एवं महाविद्यालय के दिव्यांग छात्र शामिल रहे।  

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