हजरत रहीम शाह के दर पर जुटे बाबा के दीवाने
वाराणसी(दिल इंडिया) हजरत रहीम शाह बाबा रहमतुल्लाह अलैह का तीन दिन तक चलने वाला 94 वां उर्स जुमे को फजर की नमाज़ के बाद पूरी अकीदत के साथ शुरू हो गया। बेनियाबाग स्थित बाबा के आस्ताने पर फातिहा पढ़ने और मन्नतों की चादर चढ़ाने के लिए अकीदतमंदों का हुजूम इस दौरान सुबह से ही उमड़ा हुआ था। दूरदराज से आए तमाम श्रद्धालुओं ने बाबा के दर पर हाजिरी लगाई। रात में तकरीर और नात-ए-पाक का नजराना बाबा की शान में पेश किया जायेगा।
इससे पहले हजरत रहीम शाह बाबा के उर्स का आगाज कुरानख्वानी से हुआ। जुमे की नमाज के बाद महफिल-ए-शमा का आयोजन किया गया। शाम को चादरपोशी और मगरिब की नमाज के बाद मीलाद शरीफ होगा। मीलाद शरीफ में बड़ी तादाद में अकीदतमंद शामिल होंगे। सुबह से देर रात तक बाबा के दर पर फातिहा पढ़ने वालों की भीड़ हर साल उमड़ती है। उर्स में आने वालों का सज्जादानशीन मोहम्मद सैफ रहीमी अपनी टीम के साथ इस्तेकबाल करते दिखाई दिये।
दरगाह पर लगा रहा मेला
दरगाह के दोनों ओर आस्थायी दुकाने सजाई गईं थी। मेले में बाहर से भी जायरीन ने खरीदारी की। उधर दरगाह को विद्युतीय झालरों से पहले ही आकर्षण ढ़ंग से सजाया गया है।
निकलेगी चादर होगी कव्वाली
मोहम्मद शाहिद ने बताया कि 22 को फज्र के बाद कुरआन ख्वानी हुई। जुमा बाद महफिले समा, असर बाद चादर पोशी की जायेगी। मगरिब बाद मिलाद शरीफ, ईशा बाद तकरीर व लंगर, उसी तरह दूसरे दिन 23 को फज्र में कुरआन ख्वानी, बाद नमाज असर ग़ुस्ल मजार शरीफ, बाद नमाज मगरिब सरकारी चादर पोशी व मिलाद शरीफ, बाद नमाज ईशा लंगर व महफिले समा होगा। तीसरे रोज़ 24 को फज्र में कुरआन ख्वानी के बाद 10:30 बजे कुल शरीफ व रंग महफ़िल, लंगर फिर बाद नमाज ईशा महफिले समा होगा। उर्स का समापन कुरान की तेलावत व मुल्क की हिफाजत, अमन और मिल्लत के लिए दुआ के साथ होगा।
1 टिप्पणी:
Allah pak apne Waliyo ke sadke sab logo par raham kare
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