बुधवार, 20 जनवरी 2021

लाॅकडाउन में बढ़ी घरेलू हिंसा

शोध में आयी महिलाओं के साथ भेदभाव की बात

वाराणसी (प्रताप बहादुर सिंह/दिल इंडिया) कोविड19 के दौर में महिलाओं पर जितने भी शोध हुए उन सभी में महिलाओं के साथ भेदभाव की बात सामने पायी गयी है। इसके अलावा विभिन्न शोध में यह बात भी सामने आई है कि लाॅकडाउन में महिलाओं पर कामकाज का बोझ बढ़ गया। उक्त बातें बुधवार को दिल्ली के मिरांडा हाउस काॅलेज की प्राचार्य डाॅ. बिजयलक्ष्मी नन्दा ने डीएवी पीजी काॅलेज के आईक्यूएसी सेल के तत्वावधान में स्त्री विमर्श सेल द्वारा ‘महामारी में लैंगिक विभेदः चुनौतियाॅ एवं संभावनाए‘ विषय पर आयोजित एक दिवसीय आनलाइन विशेष कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता कही। डाॅ. नन्दा ने कहा कि महामारी के दौर में लैंगिक आधार पर महिलाएं दोहरी मार की शिकार हुई। उन पर काम का बोझ तो बढ़ा ही साथ ही वें घरेलू हिंसा की भी शिकार हुई, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौर में विभिन्न प्रकार के शोध अध्ययनों में यह भी साफ हुआ कि नारी शक्ति अपनी निर्णायक वादी भूमिका से सहानभूति की ओर अग्रसर हो गयी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि हाल के समय में महिला साक्षरता के मामले में काफी साकारात्मक बढ़ोतरी हुई है।

कार्यशाला की अध्यक्षता महाविद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक डाॅ. शिव बहादुर सिंह ने किया। स्वागत एवं विषय स्थापना संयोजिका डाॅ. स्वाती सुचरिता नन्दा, संचालन डाॅ. कल्पना सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. पारूल जैन ने दिया। इस अवसर पर विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से नारीविद भी कार्यशाला में उपस्थित रही, जिनमें मुख्य रूप से प्रोफेसर रंजना शील, प्रोफेसर मधु कुशवाहा, प्रोफेसर सोनाली सिंह, डाॅ. प्रियंका झा, डाॅ. जाह्नवी सिंह, डाॅ. जी. उमा आदि सहित महाविद्यालय की महिला अध्यापिकाएं एवं छात्राए उपस्थित थी


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