रंगमंच मानवीय व्यक्तित्व के विकास का प्रभावी उपकरण
Varanasi (dil India live). वसंत कन्या महाविद्यालय के कमच्छा स्थित सेमिनार सभागार में हिंदी रंगमंच दिवस के उपलक्ष्य में 05 अप्रैल को महाविद्यालय के थिएटर क्लब 'रंगमंच' का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर क्लब की मानद संरक्षक, महाविद्यालय की प्रबंधक उमा भट्टाचार्य ने छात्राओं की इस अनोखी पहल की खूब सराहना की। इस अवसर पर बोलते हुए महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर रचना श्रीवास्तव ने थिएटर को मानवीय व्यक्तित्व के विकास का प्रभावी उपकरण बताया। उन्होंने क्लब की गतिविधियों को वर्ष-पर्यंत उत्साह पूर्वक संचालित करते रहने के लिए छात्राओं को प्रेरित किया। रंगमंच को महाविद्यालय में सर्वांगीण विकास के लिए एक अति आवश्यक अंग मानते हुए उन्होंने सभी से 'रंगमंच' से जुड़ने का आह्वाहन किया जिससे उच्च शिक्षा के वास्तविक आदर्शो को प्राप्त किया जा सके। नई शिक्षा नीति में प्रायोगिक शिक्षक और प्रशिक्षण पर दिए जा रहे विशेष बल को देखते हुए रंगमंच के योगदान को उन्होंने रेखांकित किया ।
'मां मुझे टैगोर बना दो' का विशेष मंचन
इस अवसर पर प्रख्यात रंगकर्मी लकी गुप्ता के एकल अभिनय से सजे नाटक 'मां मुझे टैगोर बना दो' का विशेष मंचन हुआ। इस प्रभावी नाट्य प्रस्तुति ने पूरे सभागार को कभी रुलाया तो कभी हंसाया। छात्रों से संवाद करते हुए लकी गुप्ता जी ने कहा कि रंगमंच जैसे प्रकोष्ठ शिक्षक और प्रशिक्षण को आसान और असरकारक बना देते हैं। उन्होंने छात्राओं से अध्ययन के प्रति गंभीर रहने और शिक्षकों से छात्राओं के प्रति संवेदनशीलता बरतने का आग्रह किया। इसके पूर्व, कार्यक्रम का प्रारंभ रंगमंच क्लब के सदस्यों द्वारा तैयार सुंदर नाट्य प्रस्तुति से हुआ। इसके बाद क्लब की संकल्पना, उद्देश्यों आदि से परिचित कराया। क्लब की अध्यक्ष छात्र अदिति तिवारी ने सूत्रधार की भूमिका निभाई। कार्यक्रम में छात्र अधिष्ठाता और आइक्यूएसी की समान्वयिकाओं सहित महाविद्यालय के अध्यापक गण और छात्राओं की उपस्थिति उत्साह पूर्ण रही।
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