पीएम के संसदीय कार्यालय जा रही महिलाओं को पुलिस ने रोका, इंस्पेक्टर ने लिया ज्ञापन
FIR लिखने में देरी का आरोप, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
Mohd Rizwan
Varanasi (dil India live). वाराणसी में 19 वर्षीया युवती से 23 लोगों द्वारा पिछले दिनों किये गए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में भले ही 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई हो लेकिन पूरे मामले में पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए सामाजिक संगठन सवाल उठा रहे हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय ज्ञापन सौपने पहुंची सामाजिक संगठन से जुडी महिलाओं ने कई गंभीर आरोप लगाये। कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के जनसंपर्क कार्यालय को महिलाओं से भी खतरा है तभी तो पुलिस ने वहां पहुंचकर ज्ञापन देने नहीं जाने दिया। बल्कि महिलाओं से इंस्पेक्टर भेलूपुर ने ज्ञापन लिया। दखल संस्था से जुडी इंदु ने बताया कि बनारस के पांडेपुर इलाके में रहने वाली 19 वर्षीय किशोरी के साथ गत 29 मार्च से 3 अप्रैल तक 23 लोगों के द्वारा दुस्साहसिक गैंगरेप की घटना लालपुर पांडेपुर थाने में दर्ज हुई है। दुर्दांत घटना के खिलाफ बनारस के संगठन, दख़ल, एपवा और आइसा के द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय पर ज्ञापन पत्र सौंपकर कार्यवाही की मांग करने जा रहे थे, कि पुलिस ने पहले ही रोककर ज्ञापन ले लिया।
इंदु ने कहा कि सामूहिक बलात्कार की घटना में बहुत हीलाहवाली के बाद पांडेपुर थाने में शिकायत दर्ज की गई है। अभी तक 9 बलात्कारियों की गिरफ्तारी हुई है। अन्य अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। कहा कि एक आरोपी के बारे में मीडिया में खबर है कि वो पहले भी सेक्स रैकेट संचालन का आरोपी है। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में ऐसे महिलाओं के शोषण के काम होना और अपराधियों पर नकेल न कसा जाना शर्मनाक है।
ज्ञापन में यह रही मुख्य मांगे
1.पीड़िता को उच्च मेडिकल सुविधा वाले अस्पताल में ट्रांसफर कर इलाज की व्यवस्था प्रदान की जाय।
2. सभी बलात्कारियों की शीघ्र गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेज कड़ी से कड़ी सजा की गारंटी की जाय।
3. थाने में शिकायत दर्ज कराने में हीलाहवाली करने वाले दोषी पुलिसकर्मियों पर भी कानूनी करवाई की जाए।
इनकी रही खास मौजूदगी
आज के ज्ञापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से इन्दु, कुसुम वर्मा, विभु, अनामिका,स्मिता बागड़े, विभा प्रभाकर, विभा वाही, अनन्या, रूमान, मिहिर, प्रियंका इत्यादि शामिल रहे।
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