गंगा जमुनी तहज़ीब और मिली जुली संस्कृति का मरकज़ है याकूब शहीद का दर
Mohd Rizwan
Varanasi (dil India live)। हज़रत याकूब शहीद बाबा रहमतुल्लाह अलैह नगवां, (लंका वाराणसी) का दो दिनी उर्स आज अकीदत के साथ मनाया जा रहा है। बाबा के दर पर अकीदतमंद कल से ही हाजिरी दे रहे हैं। इससे पहले उर्स मुबारक 20 अप्रैल (21 शव्वाल) इतवार की रात 10 बजे गुस्ल मज़ार शरीफ के साथ शुरू हो गया था। उसी वक्त हज़रत याकूब शहीद से अकीदत रखने वालों ने हाजिरी लगाईं और फातेहा पढ़ा।
मस्जिद हज़रत याकूब शहीद के इमामे जुमा हाफिज मोहम्मद ताहिर ने बताया कि 22 शव्वाल (21 अप्रैल) को बाद नमाज़ ज़ोहर कुरान ख्वानी के साथ ही अकीदतमंद बाबा के दर पर मन्नतें व मुराद मांगने उमड़ने लगे। बाबा का दर गंगा जमुनी तहज़ीब और मिली जुली संस्कृति का मरकज़ है। यहां दोनों वर्गों के लोग बाबा हज़रत याकूब शहीद में अकीदत और आस्था रखते हैं। उन्होंने कहा कि बाद नमाज़ मगरिब चादर गागर और कुल शरीफ होगा। इसके बाद आखिर में कव्वाली का सुफियाना कलाम मशहूर कव्वाल पेश करेंगे। उर्स देर रात तक जारी रहेगा।
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