शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025

Sikh धर्म के नौवें पातशाह Guru Teg Bahadur साहिब का 404 वॉ प्रकाशोत्सव

गुरुद्वारे में शबद, कीर्तन व सिख इतिहास से निहाल हुई संगत

गुरुवाणी, कीर्तन दीवान उपरान्त चला गुरू का अटूट लंगर, उमड़ा हुजूम 

Varanasi (dil India live). सिख धर्म के नौवें पातशाह गुरु तेगबहादर साहिब का 404 वॉ प्रकाशोत्सव शुक्रवार को मनाया गया। सिक्खों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी (जिन्हे हिन्द की चादर के नाम से जाना जाता है) की शहादत संसार के इतिहास में अद्वितीय है। सब्र, संतोष, सहनशीलता और अकालपुरख में अटूट विश्वास इनकी शहादत को शिखर तक पहुंचाता है। जालिम और जुल्म का सामना गुरूदेव ने जिस सब्र से किया, निःसन्देह इसकी मिसाल और कहीं नहीं मिलती। इस आधार पर ही सिक्ख शहीदियों ने संसार के इतिहास में महान स्थान प्राप्त किया है। श्री गुरू तेग बहादुर साहिब जी की 404 वॉ प्रकाशोत्सव आज प्रातः ऐतिहसासिक तपस्थान गुरूद्वारा बड़ीसंगत, नीचीबाग वाराणसी में बड़ी ही श्रद्वा-भाव व प्रेम से मनाया गया। ये वह स्थान है जहां मां गंगा आयी और गुरू महाराज का चरण स्पर्श कर चली गयी। आज ये स्थान श्री गुरु तेगबहादर जी महाराज की चरण स्पर्श भूमि है। श्रद्वालु यहाँ आकर अमृत ग्रहण करते हैं और दुखों का निवारण करते है।


पंथ के प्रसिद्ध रागी जत्था भाई तवनीत सिंह चण्डीगढ़ वाले, हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा, गुरूबाग के भाई नरिन्दर सिंह, हजूरी रागी गुरूद्वारा बडी संगत नीचीबाग के भाई रकम सिंह ने गुरूद्वारा बडी संगत नीचीबाग व गुरुद्वारा गुरूबाग में गुरूबाणी कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। गुरूबाग में सांय 07 बजे से रात्रि 9:30 बजे तक गुरुवाणी कीर्तन दीवान उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। इसमें काफी संख्या में पुरूष एवं महिला श्रद्वालुओं ने गुरूघर में उपस्थित होकर मत्था टेका। गुरुद्वारे के मुख्य ग्रन्थी भाई जगतार सिंह जी ने गुरूसाहिब की वाणी-उपदेश के बारे में बताया। गुरुद्वारा नीचीबाग के मुख्य ग्रन्थी भाई जगतार सिंह ने गुरूद्वारे में उपस्थित सभी संगत का शुक्राना अदा किया। भाई जगतार सिंह ने दीवान समाप्ति की अरदास की। प्रसाद वितरण उपरान्त गुरू का अटूट लंगर बरताया गया। गुरुद्वारा गुरूबाग में गुरुद्वारे के ग्रन्थी भाई महंत सिंह ने उपस्थित सभी संगत का शुक्राना अदा किया। 

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